BOOKS

गुरुवार, 16 जून 2016

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  1. " जरूरी नही की हर बात का जबाब मुह से ही दिया जाय " 
    शांत रह कर , सही मौके का इंतजार करे । कर्म करते रहे ।

गुरुवार, 9 जून 2016

Race

दौड़




इंटर करते ही जीवन की दौड़ शुरू हो गयी , जूझता रहा, गिरा , चोट भी खाई पर आगे बढ़ता गया ... अभी भी दौड़ खत्म न हुयी है पर अब कभी कभी सकून से सांस लेता हूँ ........ पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो बहुत अच्छा लगता है ............... ज़िंदगी मे हासिल काफी कुछ कर लिया है ........... मन मे अब उतनी छटपटाहट भी नही रहती ........... कुल जमा खुश रहता हूँ ..
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हम सब में कुछ न खास हुनर होता है बस जरूरत होती है उसे पहचानने की उसमें दक्ष होने की । एक बार इस सिद्धान्त को समझ गए तो फिर देखो जिंदगी का आनंद बहुत शानदार है ये जिंदगी

मंगलवार, 31 मई 2016

दिनकर की कविता मे राष्ट चेतना


दिनकर की कविता मे राष्ट चेतना 
  1. भावों के आवेग प्रबल
        मचा रहे उर में हलचल    रेणुका 
  2. पूछेगा बूढ़ा विधाता तो मैं कहूँगा
        हाँ तुम्हारी सृष्टि को हमने मिटाया।
  3. रे रोक युद्धिष्ठिर को न यहाँ
        जाने दे उनको स्वर्ग धीर
        पर फिरा हमें गांडीव गदा
        लौटा दे अर्जुन भीम वीर।      
    हिमालय
  4. कितनी मणियाँ लुट गईं! मिटा
        कितना मेरा वैभव अशेष
        तू ध्यानमग्न ही रहा, इधर
        वीरान हुआ प्यारा स्वदेश।
  5. धर्म का दीपक, दया का दीप
        कब जलेगा, कब जलेगा
        विश्व में भगवान।     
    कुरुक्षेत्र
  6. दूध दूध ओ वत्स तुम्हारा दूध खोजने जाता हूँ मैं
        हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने आता हूँ मैं     
    हाहाकार
  7. चढ़ कर विजित श्रृंगों पर झंडा वही उड़ाते हैं।
        अपनी ही उँगली पर जो खंजर की जंग छुड़ाते हैं।
  8. सारी दुनिया उजड़ चुकी है गुजर चुका है मेला;
        ऊपर है बीमार सूर्य नीचे मैं मनुज अकेला।          
    अंतिम मनुष्य-सामधेनी'
  9. आशा के स्वर का भार पवन को लेकिन लेना ही होगा
        जीवित सपनों के लिए मार्ग मुर्दों को देना ही होगा।
  10. कलम आज उनकी जय बोल !
        जला अस्थियाँ बारी बारी
        छिटकाई जिनने चिनगारी
        जो चढ़ गए पुष्प वेदी पर लिए बिना गरदन का मोल              
    'हुंकार

यह पोस्ट भी आईएएस के लिए हिन्दी साहित्य विषय लेकर तैयारी कर रहे मित्रो के लिए है । ऊपर लिखी लाइंस इधर उधर से साभार कॉपी किया है । दिनकर भी इन दिनो यूपीएससी के काफी म्हत्वपूर्ण हो गए है । लाइंस अगर याद रहेगी तो बाकी आप लिख ही लेंगे । 

शुक्रवार, 27 मई 2016

यशपाल का " झूठा सच"


यशपाल का " झूठा सच"



  • भारत विभाजन की मार्मिक अभिव्यक्ति 
  • दो भागो मे -1 वतन और देश 2 देश का भविषय 
  • प्रमुख पात्र - जयदेव पूरी ,उसकी बहन तारा , उसकी प्रेमिका कनक , मास्टर राम लुभाया , इनके बड़े भाई राम ज्वाला , डा. प्राणनाथ ,
  • पहला भाग लाहौर की कथा है तो दूसरे में दिल्ली 
  • सम्प्रदायिक दंगे , उसकी पृवत्ति कथा का सटीक विवरण है।  
  • यशपाल जी  ने  कलम को माध्यम बना कर अपने भोगे यथार्थ को उकेरा है 
  • इस नावेल में तत्कालीन समाज के हर पहलू पर नजर डाली गई है।  
  • स्त्री विमर्श की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण 
  • श्यामा जो की ३३ की होकर भी अविवाहित है उसका सम्बन्ध डे  से  है जोकि विवाहित है 3 बच्चों का पिता भी है।  
  • इस नावेल की भाषा बहुत  सरल और प्रवाहमयी  है  . कथानक बहुत  लम्बा होते हुए भी उबाऊ नहीं है क्योंकि  भाषा जनजीवन की भाषा है।  



  • झूठासच में सच को कल्पना से रंग कर उसी जन समुदाय को सौंप रहा हूँ जो सदा झूठ से ठगा जाकर भी सच के लिये अपनी निष्ठा और उसकी ओर बढ़ने का साहस नहीं छोड़ता। -यशपाल
  • ‘झूठा सच’ देश विभाजन और उसके परिणाम के चित्रण की काफ़ी ईमानदारी से लिखी गई कहानी है। पर यह उपन्यास इसी कहानी तक ही सीमित नहीं है। देश-विभाजन की सिहरन उत्पन्न करने वाली इस कहानी में स्नेह, मानसिक और शारीरिक आकर्षण, महात्वाकांक्षा, घृणा, प्रतिहिंसा आदि की अत्यंत सहज प्रवाह से बढ़ने वाली मानवता पूर्ण कहानी भी आपको मिलेगी। ‘‘...‘झूठा सच’ हिन्दी उपन्यास साहित्य की अत्यंत श्रेष्ठ और प्रथम कोटि की रचना है। - आजकल, अक्टूबर, 1959






    • फुटनोट :- पुराने दिनों में जब नावेल पढ़ने का बहुत  उत्साह था एक दिन उन्नाव के गांधी पुस्तकालय में वहाँ  के संचालक " मास्टर जी " ने मुझे पढ़ने के लिए "झूठा सच " दिया।  घर ले भी गया पर पूरा पढ़ न सका  . कुछ इसी तरह  भीष्म शाहनी कृत " तमस " के साथ भी हुआ था।  
      इन दिनों आईएएस  में कोर्स में यह दोनों न होते हुए भी इससे जुड़े प्रश्न पूछे जा रहे है।  हर बार इन प्रश्नों को हल करना काफी कठिन रहता है। उक्त लेख इधर उधर से सामग्री ले कर जुटाया गया है कुछ और जरूरी लेखो को आगे लिखने की कोशिश करुगा। अगर आप कुछ इसमें जोड़ सके तो कमेंट में लिखिए।  थैंक्स।  




















      Difference between law and morality



      विधि और नैतिकता में विभेद



      विधि और नैतिकता समाज के लगभग सभी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। विधि और नैतिकता अक्सर एक साथ मिलकर नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और जनता के कल्याण की रक्षा करने के लिए किये गए प्रयासों में समन्वय सुनिश्चित करने का काम करते हैं। कई अलग-अलग संस्थाएँ नैतिकता के नियमों के उल्लंघनों के लिए उपचारात्मक कार्रवाइ करती है जैसे खाप पंचायत आदि। कुछ उदाहरणों में, विधि नैतिकता, सिद्धांतों या नैतिकता के आधार पर स्थापित की जाती है। विधि की स्थापना के लिए भी एक न्यूनतम स्तर का नैतिक व्यवहार अपेक्षित होता है।

      1.नैतिकता आचरण के नियम हैं। 
      विधि सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को सुरक्षा और समाज में संतुलन प्रदान करने के लिए विकसित किये गए नियम हैं। 
      2. नैतिकता लोगो में क्या सही और क्या गलत है की जागरूकता से आती है। विधि अपने लोगों के लिए सरकारों द्वारा लागू किया जाता हैं। 3.नैतिकता के उल्लंघन पर कोई सजा नहीं है।
      विधि के उल्लंघन पर सजा हो सकती है। 
      4.नैतिकता एक व्यक्ति की नैतिक मूल्यों से आती है।
      विधि नैतिकता के साथ एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में लागू किया जाता हैं।

      गुरुवार, 26 मई 2016

      Social Values vs. Economic Values


      प्रश्न । सामाजिक मूल्य, आर्थिक मूल्यों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है राष्ट्र की समावेशी संवृद्धि के सन्दर्भ में इस कथन की चर्चा करें।

      उत्तर -


      1. सामाजिक मूल्यों से तात्पर्य ऐसे मूल्यों से है जो मनुष्य के सामाजिक जीवन से जुड़े हो जैसे- ईमानदारी, तटस्थता, समानुभूति, उत्तरदायित्व,निष्पक्षता, सहनशीलता, दया, देशभक्ति, न्याय आदि।
      आर्थिक मूल्यों का अर्थ उन मूल्यों या सिंद्धान्तो से है जो किसी भी अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों के लिए आवश्यक है, जैसे- उद्यमिता, व्यवसाय नीतिशास्त्र, कमाई, लागत-लाभ विश्लेषण आदि।
      2. समावेशी विकास के लिए आवश्यक तत्व
      क. असमानता की समाप्ति
      ख. पर्याप्त स्वतंत्रता
      ग. राज्य के नागरिकों के लिए जीवन तथा स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा अन्य बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना।
      3.सामाजिक मूल्यों से सभी में निष्पक्षता तथा उत्तरदायित्व की भावना रहेगी जो आर्थिक वृद्धि को बढ़ाएगी, क्योकि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्य का पालन निष्पक्षता से करेगा। जब सभी को ये पता होगा की उनके परिश्रम का परिणाम उन्हें अवश्य मिलेगा तो मनुष्य देश के विकास में भागीदार अवश्य बनेगा।
      4. सभी व्यवसायी, बड़े उद्योग घराने आदि सामाजिक मूल्यों के आधार पर ही अपने समाज के प्रति उत्तरदायित्वों का वहन करते हुए स्कूल, हॉस्पिटल, अन्य गैर लाभ संस्थाओं का संचालन करते हैं।
      5.देशभक्ति, प्रेम, समानुभूति के कारण क्षेत्रों, राज्यों के बीच असमानता को समाप्त किया जा सकता है तथा किसी भी विवाद या दंगे को प्रेम, सहनशीलता जैसे सामाजिक मूल्यों द्वारा बड़ी सरलता से सुलझाया जा सकता है।
      अतः यह कहना उचित होगा की समावेशी संवृद्धि के लिए सामाजिक मूल्य भी उतने ही आवश्यक है जितने की आर्थिक मूल्य

      बुधवार, 25 मई 2016

      Environmental Ethics


      पर्यावरणीय नैतिकता
      1. पर्यावरणीय नैतिकता , नैतिकता का ही एक अंग है जो मनुष्य तथा पर्यावरण के मध्य सम्बन्ध को प्रदर्शित करती है। इसके अनुसार मनुष्य एक ऐसे समाज का हिस्सा है जिसमे मानव जाति के साथ सभी प्राणी , जीव जन्तु तथा पेड़ पौधे भी शामिल है। यह मानवीय मूल्यों तथा नैतिक सिद्धान्तों के आधार पर इनमे सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास है तथा मानव को इसके पर्यावरण के प्रति उसकी जवाबदेही को दर्शाया जाता है।
      2. पर्यावरणीय नैतिकता का अध्यनन आवश्यक है क्योकि पेड़- पौधे पर्यावरण के महत्वपूर्ण भाग है, साथ ही ये मनुष्य के जीवन का भी अहम हिस्सा है। अतः मनुष्य की यह जिम्मेदारी की उनका संरक्षण करे।
      मनुष्य को कोशिश करना चाहिए उसके कार्यों से पर्यावरण, जीव- जन्तु, पेड़-पौधे किसी भी प्रकार से खतरे में न आये। मनुष्य अगर उनका उपयोग करता है तो उनकी सुरक्षा उसकी नैतिक जिम्मेदारी भी है।
      3. इसके अध्यनन से मनुष्य द्वारा पर्यावरणीय संसाधनों के विवेकतापूर्ण प्रयोग को सुनिश्चित किया जा सके।मनुष्यों में उनकी भंडार क्षमता तथा उनकी उपयोगिता के बारे में भी जागरूक किया जा सके।
      4. पर्यावरणीय नैतिकता से सम्बंधित कुछ मुद्दे- जल प्रदूषण के कारण पौधों में प्रकाश संश्लेषण की दर में कमी आती है तथा कुछ पौधों की प्रजातियां तक समाप्ति की कगार तक पहुंच जाती है।
      वायु प्रदूषण के कारण अम्लवर्षा होती है जो पेड़ो को नष्ट कर देती साथ ही झीलों और तालाबों के जल को दूषित कर यहाँ की जीव-जंतुओं को भी प्रभावित करती है।वहां की इमारतों को भी क्षति पहुंचाती है।
      ओज़ोन परत में छेद जो मानवीय कारकों की ही देन है जिससे न केवल पौधे और प्राणी प्रभावित होते है साथ ही इसका प्रभाव मनुष्य पर भी होता है।

      मंगलवार, 24 मई 2016

      Tax to GDP ratio

      टैक्स टू जीडीपी अनुपात
      1. किसी भी सरकार द्वारा संगृहीत किये गए कर को उसी वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद से विभाजित करने से प्राप्त अनुपात ।
      2. भारत का टेक्स टू जीडीपी अनुपात बहुत ही असंतोजनक रहा है 1950-51 में 6% था और 2013-14 में ये बढ़कर केवल 16.6% रहा। भारत जी-20 देशों में सबसे कम टैक्स टू जीडीपी वाले देशों में शामिल है।
      3. जिस तरह से आय बढ़ी है उस तरह से करदाताओं की संख्या में वृद्धि नही हुई है। भारत में मत देने वाले नागरिकों का लगभग केवल 4% ही करदाता है, जिस कारण सरकार को अप्रत्यक्ष कर पर ही निर्भर रहना पड़ता है जो की गरीबों पर भी असर डालता है।
      4.सरकार द्वारा बड़ी कंपनियों को दी जाने वाली छूट तथा कंपनियों द्वारा कर तंत्र की कमियों के लाभ उठाने से , सरकार कॉरपोरेट टैक्स का एक बड़ा हिस्सा गवा देती है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर टैक्स दर निजी क्षेत्र से अधिक होती है। जिस कारण कंपनी प्रभावी टैक्स दर को भी कम या प्रभावित भी कर सकते है।
      5. प्रभावी टैक्स दर - एक निगम के लिए प्रभावी कर दर वह औसत दर है जिस पर उसका पूर्व मुनाफा कर योग्य हो । किसी व्यक्ति की प्रभावी कर की दर की गणना कुल कर व्यय को कर योग्य आय द्वारा विभाजित करके की जाती है।

      रविवार, 15 मई 2016

      Common civil code


      समान नागरिक संहिता को अभिनियमित करने से रोकने वाले कारक-


      1.कट्टर धार्मिकता तथा रूढ़िवादिता- नागरिकों में शिक्षा तथा जागरूकता
      अभाव, जिस कारण वे समान नागरिक संहिता का विरोध करते है।
      2. राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी- राजनेता अपना वोट बैंक बनाये रखने के
      लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने से हिचकिचाते है।
      3. समान नागरिक सहिंता भारत के नीति निर्देशक तत्वों में वर्णित है अतः
      इसे किसी कोर्ट द्वारा लागू नही किया जा सकता, इसे लागू करने के लिए आदेश
      संसद द्वारा ही जारी किया जा सकता है।
      4. भारतीय संविधान के भाग 3 में वर्णित मौलिक अधिकारों में धर्म की
      स्वतंत्रता प्रदान की गई है अगर नागरिक स्वयं से लागू नही करना चाहते तो
      इसे उनके मौलिक अधिकारों के हनन के रूप में भी प्रतिबिंबित किया जा सकता
      है।
      वहीं समान नागरिक संहिता द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए भी समान कानून लागू
      किये जायेगे जो की सविंधान में मौलिक अधिकारो में अल्पसंख्यकों को दिए
      अधिकारो का हनन होगा। राज्य अल्पसंख्यकों के निजी मामलों में तभी
      हस्तक्षेप कर सकता है जब स्वयं अल्पसंख्यक इसमें बदलाव चाहते हो।
      5.धर्मनिरपेक्षता भारत के सविंधान की मूल संरचना है और राज्य से ये
      अपेक्षा की जाती है की वह धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करे।
      6. निष्कर्षत भारत में समान नागरिक सहिंता लागू करने के लिए पहले नागरिको
      को शिक्षित , जागरूक करना, उनमे सामजिक भेदभाव को कम करना, उनकी आर्थिक
      स्थिति में समानता लाना, विभिन्न सामजिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनमत
      तैयार करना , अल्पसंख्यकों के मन से डर को समाप्त कर उन्हें सुरक्षित
      महसूस करना होगा ताकि उन्हें ये न लगे की उनके अधिकारों का हनन किया जा
      रहा है ।एक स्वच्छ राजनीतिक पहल की भी आवश्यकता है।
      किसी पर भी समान नागरिक सहिंता थोपी नही जा सकती अतः माहौल ऐसा बनाया
      जाये की सभी नागरिक स्वतः ही इसे स्वीकार करें।

      शुक्रवार, 6 मई 2016

      Reason for success

      सफलता की वजह
      मै घूम फिर कर चिन्तक जी पर ही आ जाता हूँ....क्या करू उनके जैसे बहुत कम ही लोग है....उनकी जुबान में जादू है .. बड़े से बड़ा प्रेरक वक्ता भी वह जादू मुझ पर वो असर नही डाल सकता है जो उनकी बात में मुझे मिल जाता था...
      एक शाम हॉस्टल में ( भागीदारी भवन ) में उनके पास बैठा था उन्होंने यह बात पूछी की नौकरी क्यों पाना चाहते हो.. मैंने कहा पैसे मिलेंगे ..आराम रहती है..आदि 
      वो बोले आज से एक नयी नजर से सोचो ..सोचो अगर तुम सरकारी नौकरी पा जाते हो तो तुम्हारे पिता को कितनी इज्जत मिलेगी... माता पिता ..आपके पैसे कभी नही चाहते है ..वो चाहते है कि आप की वजह से उन्हें सम्मान मिले..

      मेरे दिमाग में यह बात बैठ गयी .. पिता जी उच्च शिक्षित थे..पर बेरोजगार..सारा जीवन संघर्ष में कटा था.. ३ बेटे थे पर उम्मीद किसी से नही थी.. बहुत ज्यादा नकारात्मक सोचते थे... 
      उस रोज चिंतक जी की बात मुझे हर वक्त याद रही...मुझे अपने पिता को रेस्पेक्ट दिलानी है....गावं में इस बात की बहुत चर्चा रहती है कि अमुक का बेटा क्या करता है...

      यकीन मानिये...जैसे मुझे सेंट्रल गवर्नमेंट में जॉब मिली.. पिता जी को गाव में अपने आप महत्व मिलने लगा...जैसे जैसे सफलता बड़ी होती गयी..पिता जी को बहुत खुशी मिलने लगी.. गाव में इस बात की मिसाल दी जाने लगी कि उनको देखो ..बेटो को पढ़ाने में उम्र निकल गयी पर..अब कितना अच्छा return मिला है..पिता जी की असमय ही २०१० में मौत हो गयी..पर उनके आज तीनो ही बेटे जॉब में है ..और बड़ी जॉब के लिए जुटे है...
      दोस्तों... आप भी आज से इस तरह से सोचे कि अगर आप सारा टाइम भले पिता - माता की सेवा न कर सके हो पर उन्हें ऐसी सफलता दे कि दुनिया गर्व से कहे .वो आपके माता पिता है... और इस प्रेरणा के लिए चिंतक जी के आभारी जरुर रहियेगा....यह उनका ही कांसेप्ट है.......

      मंगलवार, 3 मई 2016

      Funny Hindi Story : Shodhk Ji





      वैसे आप शोधक जी के बारे में पहले भी पढ़ चुके है पर उस समय उनका नाम मैंने नही बताया था . पुराने पाठकों को याद होगा एक बार मै इलहाबाद गया था तो एक दोस्त के पास ठहरा था . वह दोस्त सारी रात महेश वर्णवाल वाली भूगोल की किताब पढ़ते रहे थे . याद आया ...

      तो वही  मित्र है शोधक जी . इनसे भी अपनी मुलाकात भागीदारी भवन में हुयी थी . जब पहली बार इनसे मिला तो कुछ खास नही दिखा मुझे . शोधक जी कुछ ज्यादा ही सावले थे और हमारी सामान्य सी फितरत होती है कि अक्सर हम गौर वर्ण को स्मार्ट और चतुर समझते है . मेरी एक आदत है जो शायद बुरी है पर मै उसे बहुत अच्छी मानता हूँ वो है चीजो को हलके में लेना .
      Funny  Hindi  Story  by  ias ki preparation hindi me
      शोधक जी को भी हल्के में ले लिया फिर क्या था शोधक जी अपने विराट व्यक्तित्व से मुझ जैसे मूढ़ बालक से परिचय करवाया . वो इतिहास विषय में इलहाबाद विश्विद्यालय के topper थे . फिर उन्होंने मुझसे कुछ प्रश्न इतिहास के पूछे - जैसे गाँधी जी को जिस रिवाल्वर से मारा गया उसका कोड क्या था ? गाँधी जी किस जहाज से गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने गये थे ? गाधी जी ने कब से लंगोटी पहनना शुरु किया ( आशय यह कि कब से एक कपड़े पर रहने लगे ) .

      जिस दिन मुझसे यह प्रश्न पूछे गये उसी दिन मै समझ गया कि यह गुरु जी भी अपने काम के आदमी है . आपको पता ही है 16 - 17 की आयु से मेरी कुछ चीजे प्रकाशित होने लगी थी . सोचा और गुरु जी मजाक मजाक में कह भी दिया एक दिन आप पर मै कहानी लिखुगा और सारी दुनिया आपको पढ़ेगी .

      इतिहास में बहुत से वाद चलते है यथा - मार्क्सवाद , राष्टवाद ,साम्राज्यवाद . इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने गुरु जी से कहा आप ने एक नये दृष्टिकोण से इतिहास को पढ़ा है इसलिए आपको लंगोटीवाद का प्रणेता घोषित करता हूँ . और जब तक मै भागीदारी भवन में रहा गुरु जी को लंगोटीवाद के नाम पर परेशान करता रहा . 

      अगर आप को कभी लंगोटीवाद के बारे में पूछा जाये तो आप भी समझ लीजिए और समझा दीजियेगा . लंगोतिवाद वाद का सरल शब्दों में आशय यह है कि इतिहास को बहुत बारीकी से पढना खासतौर पर तथ्यों पर बहुत ज्यादा जोर देना . इसे शोधक जी ने विकसित किया है . 



      ( Dear readers hope u like this post .  Keep reading . In future you will read more post on Shodhk ji . ) 


      गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

      upsc 2016 notice


      • हर साल मुझे बहुत  लोग मेल करते है कि  आईएएस  का एग्जाम कब होगा , उसकी नोटिस कब आएगी। 
      • इस साल के लिए नोटिस आ गई है।  इस लिंक पर जाकर आप देख सकते है। 
      •  http://www.upsc.gov.in/
      • 27  मई 2016  तक आप फॉर्म भर सकते है।  
      • 7  अगस्त 2016 को  pre  एग्जाम होगा।  
      • पिछले साल जैसा ही सब कुछ है कोई बदलाव नहीं हुआ है।  
      • बाकि चीजे आप upsc की साइट पर जाकर देख सकते है। 

      मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

      quotes in hindi for essay writings


      निबंध में अच्छे अंक लाने के लिए जरूरी है कि उसमे रोचकता और सरसता का मिश्रण हो.........आज से कुछ लाइन्स या दोहे देने की कोशिश करता हूँ.......उनकी यथासंभव व्याख्या भी कुरूगा ....अपने नोट्स में इन्हें कॉपी करते चले.....
      आज शुरुआत अदम गोंडवी जी के सुपरिचित दोहे/ शेर से........
      ‪#‎निबंध‬ के लिए -1
      " तुम्हारी फाइलो में गाँव का मौसम गुलाबी है .
                                    मगर ये दावा झूठा और ये आकंडे किताबी है....."  अदम गोंडवी 

      इसका मतलब बहुत साफ है.....इसमें नौकरशाही , सरकार की निष्क्रियता पर व्यंग्य किया है... 
      जब भी निबंध में ऐसा कुछ लगे आप अपनी भावनायो को इन लाइन्स से व्यक्त करिये.........



      ‪#‎निबंध‬ के लिए -२
      " क्या क्या बनाने आये थे क्या क्या बना बैठे 
      कही मंदिर तो कही मस्जिद बना बैठे 
      अरे हमसे अच्छे तो ये परिंदे है 
      जो कभी मंदिर पर जा बैठे .. कभी मस्जिद पर जा बैठे " 
      ( अज्ञात )

      बहुत अच्छी लाइन्स है जिनका मैंने बहुत बार प्रयोग किया है पर यह निश्चित नही है कि इसके किसने लिखा . अगर कोई जानता हो तो कृपया बताने का कष्ट करे.....
      साम्प्रदायिकता पर जुड़े निबंध में इसे सही जगह फिट करिये..और अच्छे अंक पाईये........


      ‪#‎निबंध‬ के लिए -3
      " झील पर पानी  बरसता है हमारे देश में 
                                 खेत पानी को तरसता है हमारे देश में "   बल्ली सिंह  चीमा 

      उक्त पंक्तियां बहुत  ही उपयोगी है और इनका लगभग हर तरह के निबंध में प्रयोग किया जा सकता है।  इन लाइन्स में यह कहने की कोसिश  की जा रही है कि  जहां जरूरत नहीं है वहां पर सेवा उपलब्ध है पर जहां सबसे ज्यादा जरूरत है वहां पर कोई सेवा उपलब्ध नहीं है।  जैसे आईपीएल मैच के लिए ६० लाख लीटर पानी  खर्च किया जा सकता है पर प्यास से मर रहे लोगो के लिए किसी को कोई सहानुभूति नहीं।  

                                                                      ‪#‎निबंध‬ के लिए -4 
                                           " गिरिजन , हरिजन भूखो मरते , हम डोले वन वन में 
                                                 तुम रेशम की साड़ी पहने उड़ती फिरो गगन में " 
                                                                                            ( जनकवि नागार्जुन ) 

      यह लाइन्स इंदिरा गांधी पर व्यंग्य की गई थी।  जब बाढ़  पीड़ित लोगो को देखने नेता लोग हवाई दौरे करते है उस समय यह लाइन्स बहुत  याद आती है।  जैसे अभी हॉल  में महाराष्ट में एक महिला नेत्री ने सूखा पीड़ित दौरे पर अपने सेल्फी खींचते पाई गई थी। कुछ इस तरह की भूमिका में उक्त लाइन्स आपके व्यंग्य को धार  देंगी 


            ‪#‎निबंध‬ के लिए -5 
                                                       काजू भुने प्लेट पर , व्हिस्की गिलास में 
                                                       देखो उतरा राम राज विधायक निवास में  
                                                                                                          अदम गोंडवी                                      इन लाइन्स का मतलब भी बहुत  साफ है। जन प्रतिनिधो की समाज के प्रति असंवेदनशीलता , दोहरे चरित्र को दिखलाती इन लाइन्स में बहुत  गहरा वयंग्य किया गया है।  

      एक बात और जब आपको इस तरह लाइन डालनी हो आप लिखये " प्रसंगवश यह पंक्तियाँ याद आती है.........."


      ( मेरे पास इस तरह की 200  से अधिक लाइन्स का कलेक्शन है जिसे मै समय मिलने पर पोस्ट करता रहूंगा।  पाठक भी कमेंट में इस तरह की लाइन्स लिख कर सहयोग करे.......आप लाइन्स दीजिये ...व्यख्या मै कर दूंगा........thanks )

      गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

      HOW TO SCORE GOOD IN YOUR OPTINAL SUBJECT



      दोस्तों , आज एक मित्र ने सुबह मुझे message किया कि कुछ वैकल्पिक विषय के लिए टिप्स दू . वो uppcs का मैन्स लिखा था . मुझे जहाँ तक सुनने में आया है कि uppcs में इस बार बहुत कम नंबर मिले है . इस पोस्ट को लिखने से पहले ही बता दू uppcs या और कोई स्टेट का एग्जाम हो उसकी मार्किंग पैटर्न का कोई भरोसा नही है . 

      1.  optional subject में अच्छा स्कोर आये इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप उस विषय में पूरी दक्षता रखते हो . 
      2. आपके पास कुछ न कुछ नया होना चाहिए . आप यह भी कह सकते है कि कुछ सब्जेक्ट का कोर्स तो हमेशा एक रहता है तो नया क्या लिखा जाय. मेरा कहने का मतलब है आपकी प्रस्तुति , अन्य लोगो से अलग होनी चाहिए . 
      3. इसके लिए आपको  BASIC BOOKS  पर ध्यान देना चाहिए . अक्सर लोग इस जगह मात खा जाते है .  HOW TO SCORE GOOD  IN YOUR  OPTIONAL  SUBJECT  BY  IAS KI PREPARATION HINDI ME
      4.  COACHING  के  NOTES भले कितने ही अच्छे और शार्ट क्यू न हो उनको पढ़ कर आप ज्यादा उम्मीद न करे क्यू कि सभी वही पढ़ते है और एक जैसा ही लिखते है . 
      5. विषय में मास्टर बनने की कोशिस करे . हर पहलू पर विचार करे . 
      6. हर रोज उस पर लिखने का अभ्यास करे . 
      7. सभी टॉपिक कवर करे . सिलेक्टेड पढने से भी आप कमजोर रह जाते है . 
      8.  मेरे विचार में विषय कोई भी आपको उसको टॉपिक वाइज  कम से कम ५ दफे पढना ही चाहिए . 
      9.  मैंने यह भी सुना है uppcs में कुछ सब्जेक्ट काफी अच्छा स्कोर देते है . यह एक फालतू की बकवास सी है . आप देखा देखी अगर अपने सब्जेक्ट बदल देते है तो समझ लीजिये आप गर्त में गये . 
      10. जो भी चुने उसको हमेशा के लिए चुने . तभी आप मास्टर बन पायेगे . कुछ वक्त भले लगे पर जब आपकी सब्जेक्ट पर कमांड होगी आपका स्कोर भी लाजबाब होगा . 
      11.  Try to write answer everyday based on old year papers. 
      12.  Be a master in language . No matter you are from Hindi medium or English medium , just become expert. 
      13. If you have opportunity , try to check you answer by your seniors , mentor , teacher. ( you can send me on my email- ashunao@gmail.com or your can post your answer in comment. ) 
      14. Try to get IGNOU material on your subject. In my view , those are best notes. 
      15. When you write your answer in exam hall , be specific , to the point. 
      16. Do not write waste things , due to this sometimes examiner become irritated.  

      सोमवार, 18 अप्रैल 2016

      THAT OLD LADY'S BLESSINGS



      हर किसी के जीवन में वो दौर जरूर आता है जब वो बहुत ज्यादा परेशान होता है। हर तरफ निराशा ही निराशा ही नजर आती है। मेरा भी वही दौर चल रहा था परीक्षा पर परीक्षा दिए जा रहा था पर सफलता दूर दूर तक नही नजर आ रही थी।
      ऐसे ही मै किसी परीक्षा को देकर लखनऊ से वापस उन्नाव आ LKM से वापस आ रहा था।  सामने की सीट पर एक छोटा सा बच्चा अपनी दादी के साथ बैठा था।  बहुत चंचल था वो।  थोड़ी देर में मुझसे हिल मिल गया।  उसकी दादी से बात होने लगी और बातो बातो में पता चला कि वो एक मुश्किल से गुजर रही है।  दरअसल वो जल्दबाजी में लखनऊ से चलते वक्त अपनी पर्स , बाथरूम ( जिस घर वो गयी थी )  में छोड़ आई थी और इस समय उनके पास १ रुपया भी नही था।  उन्होंने ने बताया कि ट्रेन की टिकट  भी नहीं ली है। उनकी मुश्किल यह थी कि  वह कानपुर सेंट्रल में उतरने के बाद आगे कैसे जाएगी। हालांकि वह कह रही थी कि कोई ऑटो कर लेंगी जो उन्हें उनके घर तक छोड़ आएंगे और घर पहुंच कर पैसे दे देगी।

                                           THAT  OLD KIND LADY  BY  IAS KI PREPARATION HINDI ME


      महिला सभ्रांत घर की लग रही थी। मुझसे बात करते वक़्त कुछ परेशान सी लग रही थी। मेरा स्टेशन उन्नाव आने वाला था। मेरे पास उस वक़्त २० या ३० रूपये से अधिक नहीं रहे होंगे पर मेरे दिल ने कहा  इनकी कुछ हेल्प करनी चाहिए। मैंने उनसे पूछा कानपुर से आपके घर तक टेम्पो से जाने में कितने रूपये लगेंगे उन्होंने कहा १० रूपये।  मैंने उन्हें १० रूपये देते हुए कहा  यह रख लीजिए। उन्होंने बहुत मना किया पर मैंने उनके पोते को यह कहते हुए पकड़ा दिए कि आप इसको बिस्कुट दिला देना।

      यह कोई बड़ी बात नहीं थी पर असल बात उसके बाद शुरू  होती है। ठीक उसी रात , एक साथी ने अलाहाबाद से फ़ोन किया कि  मेरा DATA ENTRY OPERATOR ( SSC ) में AIR 108 के साथ सिलेक्शन हो गया है . यह सफलता में पहली  सुचना थी उसके बाद एक के बाद एक बहुत सारी सफलताये मिली . अब आप भी समझ रहे होंगे कि उपर की घटना क्यू महत्वपूर्ण थी .

      मै कभी भी किसी भिखारी को भीख नही देता . कितना भी दयनीय क्यू न हो अगर वो रूपये मांग रहा है तो मुझसे एक रुपया भी नही पा सकता है ( यह अलग बात है कि मेरा दिल जब करता है तो किसी को भी स्वेच्छा से हेल्प कर देता हूँ . )

      जैसा कि आप जानते है कि मै गावं से हूँ . मै 9 और १० अपने घर से 8 KM  दूर स्कूल से किया है . मेरी उम्र थी 13 - 14 साल . रोज साइकिल चला कर आता जाता था . एक रोज मुझे रास्ते में एक उम्रदराज आदमी मिला था . गर्मी में पैदल चला जा रहा था . मैंने उसको अपनी साइकिल में  बैठाकर अपने गाव की बैंक तक छोड़ा था . मन को बहुत खुशी मिली थी .

      आज भी मैंने कुछ ऐसा ही काम किया है जिससे मन को बहुत संतोष मिला है और दिल कहता है कि उसका आशीर्वाद कुछ नया लेकर आएगा . उसकी कहानी फिर कभी जब उसका फल मिलेगा तब . पर सभी पाठकों से यह जुरूर कहना चाहूँगा कि भले मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा मत जाईये  पर आपके जीवन में अगर कभी कुछ अच्छा काम करने का मौका मिले तो उसे छोड़ना मत. अगर आपके जीवन में कुछ ऐसा हुआ है तो जरुर शेयर करिये . याद रखिये यह ऐसे काम है जिनसे दुनिया खुबसूरत बनी हुयी है बाकि तो मोह माया है .





      रविवार, 17 अप्रैल 2016

      how to write a good essay ?

      FRIENDS , WRITING ESSAY IS ESSENTIAL PART OF EVERY EXAM. HE WHO SCORE GOOD IN ESSAY , HAVE GREAT CHANCE FOR NOT ONLY SELECTION BUT ALSO TO BE IN TOPPER LIST. 

      HERE SOME BASIC TIPS FOR YOU . YOU CAN READ MANY OTHER TIPS BY CLICKING LINK IN LAST. 

      1. निबंध लेखन एक कला है जो आप में लम्बे अभ्यास से विकसित होती है।  
      2. इसके लिए आपके पास व्यापक विचार , अच्छी शब्दावली और शानदार शैली होनी चाहिए।  
      3. अच्छे विचार आपके पास दो तरीके  से आ सकते है - आप अच्छी - अच्छी किताबें पढ़े और आपको जो कुछ भी अच्छा लगे उसे अपने पास नोट करते चले।  
      4. अगर आपके पास अच्छे शब्दों का आभाव होगा तो भी आप चाह  कर  अपने विचारों को अभिव्यक्त नहीं पर पाएंगे।  
      5. शैली आपके व्यक्त्वि पर निर्भर करती है अगर आप की समझ अच्छी है और अपनी बातों  तो सही और सुलझे तरीके  से कहना जानते है तो आपकी लेखन शैली भी सहज होगी।  
      6. अक्सर निबंध लिखते समय हम क्रमबद्धता खो बैठते है - इसलिए सबसे पहले अपने सभी विचारों को लिखे। आउटलाइन बना ले कि पहले क्या लिखना है और बाद में क्या लिखना है।  
      7. शुरुआत किसी रोचक वाकये से करिये।  
      8. अगर आप किताबी निबंध लिखते है या यह कहु  कि  आप निबध  की तैयारी  किसी बुक से पढ़ कर  करते है तो बहुत  संभव है आप बहुत  अच्छा स्कोर न कर  पाए।  
      9. निबंध में प्रवाह होना चाहिए।  
      10. रोचकता बनी रहे इसलिए बीच बीच  में दोहे , सूक्ति, बोध वाक्य  आदि डालते रहे।   

      सोमवार, 11 अप्रैल 2016

      Frontline , ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY , INDIAN EXPRESS

      FRONTLINE

      frontline को पहली बार इलहाबाद में एक दोस्त के पास देखा था . उस समय मुझे इंग्लिश पढने काफी मुश्किल होती थी . पर दोस्त प्रतिभाशाली था इसलिए मैंने भी बगैर कुछ ज्यादा सोचे विचारे FRONTLINE खरीदने लगा . 
      जब मै लखनऊ में आर्मी में जॉब करता था तब इसका चस्का बहुत ज्यादा लग गया . हर १५ में इसको खत्म करके , अगले अंक का इंतजार करता था . धीरे धीरे इसको पढ़ते पढ़ते मै इंग्लिश में सहज होने लगा . मैंने इसे तब लेना शुरु किया था जब इसका दाम २० रूपये हुआ करता है . अब तो इसकी कीमत ६० रूपये हो गयी है . अब भी कभी कभार इसे ले लेता हूँ पर नियमित नही . इसके लेखो से मुझे इतना लगाव है कि मेरे पास ३५ से ४० पुराने अंक होंगे . बहुत बार रूम पार्टनर ने कहा बेच दो अब कभी इनको पढ़ पाने का वक्त नही मिलेगा मुझे भी पता है कि उन्हें शायद ही कभी पढ़ सकू . 

      FRONTLINE की खास बात यह है कि बहुत बार आईएएस की मुख्य परीक्षा में इससे सीधे सीधे सवाल आ चुके है . इंग्लिश मध्यम के बहुतायत छात्र इसको पढना पसंद करते है . 

      THE INDIAN EXPRESS 


      जब मेरी नौकरी अहमदाबाद में शुरु हुई तब मुझे हिंदी पेपर की बहुत दिक्कत हुई . कुछ दिन राजस्थान पत्रिका से काम चलाया पर उसमे विज्ञापन बहुत ही ज्यादा आते है और मतलब की खबर बहुत ही कम . इसी दौरान THE INDIAN EXPRESS से परिचय हुआ . पहले तो पेपर पढ़ पाना , उसे खत्म कर पाना बहुत कठिन लगता था पर अब हालत यह है कि इसके बगैर सुबह कुछ अच्छा नही लगता है . एक बार इंग्लिश पेपर पढना शुरु कर देते है तो आपको पता चलता है कि हिंदी के न्यूज़ पेपर का स्तर कितना न्यून है ..जनसत्ता को छोड़ दे तो किसी पेपर में सम्पादकीय भी काम चलाऊ होता है . आप यह तो पता ही होगा कि जनसत्ता और THE INIDAN EXPRESS एक ही ग्रुप से पेपर है . 

      ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY 

      अब बात इस magzine की जाय . इसके बारे में सुना तो बहुत पहले से रखा था पर कभी खरीदा या पढ़ा नही . पिछले २ या ३ माह से इसे पढना शुरु किया और अब जा कर पता चला यह magzine सबकी बाप जैसी है . क्या जबरदस्त लेख आते है .. बहुत सरल इग्लिश जो आसानी से सबके समझ में आ जाये . मै तो इसके एक लेख को पढने में बहुत समय लगता हूँ वजह हर लेख इतना सटीक विश्लेष्ण करता है , शोधपरक , गुणवत्तापूर्ण आलेखों में इसका कोई जबाब नही . वैसे यह पत्रिका वैश्विक स्तर पर पढ़ी जाती है और एशिया में टॉप लेवल की रैंकिंग में है . इसमें सब कुछ अच्छा है बस एक ही चीज नकरात्मक है .इसका दाम , हर सप्ताह आती है और एक अंक की कीमत है ८०  रूपये . अब एक स्टूडेंट के लिए हर महीने ३२० रूपये खत्म कर पाना बहुत कठिन है . यह अलग बात है कि अपने दिमाग को बेहतरीन बनाने के लिए आपको magzine और न्यूज़ पेपर में बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहिए . 



      आप अपने अनुभव शेयर करना मत भूलना और कोई अच्छी , स्तरीय magzine आपकी नजर में हो तो मेरे ध्यान में लायिएगा . 

      STRANGE BUT IT IS TRUE

      है न यह विचित्र बात 

      जैसा कि आपको पता है कि मै अपने मूल जिले से काफी दिनों से दूर रहता आ रहा हूँ . अक्सर जब कही परिचय देना होता है तो मै बताता हूँ कि मेरा जिला कलम व तलवार दोनों का धनी है . उन्नाव  से  सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी , प्रसिद्ध आलोचक राम विलास शर्मा जी , चित्रलेखा जैसे कालजयी नावेल के लेखक भगवती चरण वर्मा जी जैसे लोग जुड़े रहे है . यह चन्द्रशेखर आजाद की भी धरती है . ऐसा बहुत कुछ गर्व से बतलाता हु पर बहुत कम लोग इससे मेरे जिले को पहचान पाते है . मेरे पाठक भी शायद इस unnao  नाम से अनजान हो पर आज आपको ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो निश्चित ही आप ने सुना होगा . 

      आपको याद है २०१३ में एक जगह पर एक साधू ने सपने में देखा था कि जमीन में १००० टन सोना दबा है . इस खबर की चर्चा सारे भारत के साथ वैश्विक स्तर पर हुई थी  . सोना तो नही मिला पर मुझे बड़ी आराम हो गयी है . अब लोगो से इतना ही कहना होता है कि उसी जिले से हूँ जहाँ पर सोना खोदा जा रहा था . 

      है न यह विचित्र बात जानना किस चीज से चाहिए पर जानते किस चीज से है . 

      शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

      ATTITUDE IS VERY IMPORTANT THING



      बात उन दिनों की  है जब मै इंटरर पास करके , B.SC.  करने के लिए शहर आया।  नया नया  था , जानने की इच्छा बहुत  थी।  मेरे छोटे से शहर में काफी सांस्कृतिक गतिविधियाँ बहुत  होती रहती थी. कवि सम्मेलन , पुस्तक मेला , राजू श्रीवास्तव के प्रोग्राम , अनूप जलोटा , गोपाल दास नीरज , साबरी बंधू  जैसे  सैकड़ो लोगो को रूबरू सुना या देखा था।  
      ऐसे ही किसी प्रोग्राम में गया था। मेरे पास ही वो बैठी थी अब ठीक से याद नही कैसे हुआ पर यह हो गया। उसने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा ' फ्रेंड्स ' . मैंने बहुत संकोच करते हुए उससे हाथ मिला लिया।  शायद वो ११ या १२ में पढती थी उसकी संगीत और डांस में रूचि थी।  उस दिन भी उसका डांस कर प्रोग्राम था। ज्यादा विस्तार में न जाते हुए पॉइंट पर आते है। उसके ही मुह से पहली बार सुना था " आप में attitude बहुत ज्यादा है " . सच कहू उस समय मुझे attitude का ठीक से मतलब भी नही पता था।  मुझे उससे  पूछना भी पड़ा क्या मतलब है आपका।  आज वो काफी उपर जा चुकी है टीवी में भी कभी प्रोगाम आ जाते है।  

      तो भई उस दिन से आज तक मुझे यह बात दर्जनों  लोगो (बहुतायत फीमेल ) से अलग अलग तरीके से सुननी पड़ी है " आप में attitude बहुत ज्यादा है।  " आप मुझे attitude का ठीक से मतलब भी  पता चला गया है और इस बारे में  लिखने के बारे में बहुत दिनों से सोच भी  रहा था।  चलो आज बात करते है।  

      सबसे पहले मै यह बात भी बता दू  अगर दर्जनों के विचार में मुझ में attitude बहुत है तो सैकड़ो या कहू हजारो दोस्तों , पाठकों की नजर में जमीन से जुड़ा , सिंपल , हेल्पफुल हूँ।  

      अब बात करते है यह विरोधाभास क्यों।  दरअसल दोनों ही चीजों सत्य है। मै खुद स्वीकार  करता हूँ कि मुझमे में बहुत attitude है और मेरा यह मानना है कि अगर आप में attitude ही नही है तो आप कुछ नही है।  

      पहले attitude का मतलब समझने की कोशिस करते है।  attitude का मतलब सीधा सीधा यह है  कि आप को अपनी किसी चीज को लेकर बहुत यकीन है।  attitude का मतलब है कि आप अपने आप को बहुत गहराई से समझते है , अपनी क्षमताओ को लेकर बहुत संजीदा है। आपको पता है कि आप अपनी किस्मत खुद लिख सकते है।  वैसे attitude के मायने सबके लिए अलग अलग हो सकते है मेरे लिए तो attitude यही है।  

      कैसे तलाशे अपने में attitude 

      सबसे पहले आप अपने बारे में सोचे कि आप में कोई ऐसी बात है जो बहुत हटकर है जो यूनिक है। यह कुछ भी हो सकता है जैसे आप गाते अच्छा है , नाचते अच्छा है , चेस में एक्सपर्ट है , खाना बनाने में एक्सपर्ट है , आप अच्छे रनर है , लिखते अच्छा है  , पेंटिंग अच्छी बनाते है  आदि ।  रूचि होना अलग बात है और एक्सपर्ट होना अलग बात है जब आप एक्सपर्ट होंगे तभी attitude आएगा।  मेरे विचार में अपनी अच्छी चीजो के बारे में attitude होना अच्छा होता है।  बस चीजे अच्छी होनी चाहिए।  

      इससे इतर अगर में आप नकारात्मक चीजो में attitude दिखाते है तो वो आपको गर्त में ले जायेगा। जिन्दगी में अच्छी चीजे सीखते रहिये।  गलत चीजो , गलत इंसानों को कभी भी अपने पर हावी न होने दीजिये। अपने पर्सनालिटी को खुद के अनुसार बनाईये। भले लोग आपको ज्यादा attitude वाला कहे पर क्या फर्क पड़ता है अगर आप सही है।  

      क्यों होता है attitude का टकराव 

      attitude का टकराव आज के दौर में बहुत बढ़ गया है।  दरअसल हर किसी का अपना attitude है पर टकराव क्यों करे। क्यों अपनी बाते , अपने विचार किसी पर थोपे या स्वीकारे ।  क्यों  किसी से ज्यादा उलझे या उसे उलझाये ।  उसको उसके विचारो , उसकी मान्यताओ के साथ छोड़ दे, आगे बढ़े।  इंसान के कर्म तो महत्पूर्ण होते ही है उसमे attitude कितना और किस तरीके का है यह भी बहुत मायने रखता है। 

      कभी कभार मुझे नकारात्मक टिप्पड़ी भी मिलती है मै उन पर कोई भी राय देने के बजाय उसे हटा देता हूँ ज्यादा हुआ तो ब्लाक। इसलिए नही कि मुझे आलोचना पसंद नही या वो पाठक गलत है बस इसलिए कि मै बहस करने को प्रमुख नही मानता मेरा वो काम ही नही है।  मेरा काम है लिखना तो  फिर बहस में क्यों उलझु। जो बहस करते है उनका काम ही है बहस करना न कि लिखना। 
      सीधा और सुलझा हुआ जीवन , मेरी मान्यताये मेरे विचार 

      प्रिय दोस्तों आशा है आप मेरी बात समझ रहे होंगे।  IN CIVIL SERVICE MAINS PAPER 4TH THERE IS A TOPIC ABOUT ATTITUDE . HERE ,IN THIS ARTICLE THERE IS NOTHING DIRECTLY FOR MAINS BUT U CAN LEARN A LOT ABOUT WHAT ATTITUDE NEED CIVIL SERVANT.

      फुटनोट :-  हनी सिंह के गाने के हिट क्यों होते है  क्यूकि उनके सारे गानों में बहुत attitude रहता है . उदाहरन के लिए 
      - मेरा १६ का डोला , ४६ की छाती ..........
      - मुझको तू पहचाने न तेरे घर अख़बार न आता ---
      - पास करा दू , फ़ोन घुमा दू , तेरी प्रिंसिपल भी बेबी यो यो कि फैन है --
      - तुझे बिठा कर रखा था मैंने रानी पलको पे , 
         तूने मारी ठोकर समझी आ जाऊंगा सडको पर ..( पूरी लाइन सुनकर किसी का भी दिमाग असमान पर जा सकता है . ) 

      गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

      success mantra




      अच्छा आप लोगो ने कौन कौन कोर्स की किताबो के अलावा किताबे पढने का शौक रखता है . मेरा मतलब नावेल , कहानिया , मैगजीन पढने से है ..
      मुझे कभी इन सबका का बहुत शौक हुआ करता था सच कहूँ वो भी क्या life थी . आज बस अचानक यूँ फील हुआ कि अब तो सिर्फ कोर्स की किताबे पढने का ही टाइम मिल पाता है .. न जाने कितना टाइम हो गया होगा कोई मन का नावेल नही पढ़ा ..

      पिछले साल अप्रैल में डेल्ही जाना हुआ था .. मेट्रो के एक स्टेशन पर मुझे नेशनल बुक ट्रस्ट का बुक स्टाल दिख गया .फिर क्या था उसमे तुरत घुस गया .. ५ किताबे खरीद डाला .सारी सारी कहानियों बुक थी .. बहुत मन से खरीदा पर तब से अब तक उन्हें पढने की जरा भी इच्छा नही हुई .. कई बार उन्हें उठा कर भी देखा पर न जाने क्यों मन ही तैयार नही हुआ ..

      अब शायद वो पहली सी आजादी नही महसूस होती है .यह सच है सरकारी जॉब मिलना , इस दौर में भगवान मिलने सरीखा होता है .. इतनी मारा –मारी है जॉब के लिए .. पर एक बार जॉब में आने के बाद ही पता चलता है कि यह तो वो चीज ही नही थी जो सोची थी .. जॉब में रोज का वही ढर्रा रहता है ..

      जब कभी भी मेरी चिंतक जी से मेरी बात होती है वो कहते है कि कितना अच्छा है तुम्हे तो २१ साल में ही नौकरी मिल गयी थी पर मेरा उनसे यह कहना होता है कि तुम भले बेरोजगार हो पर पढने के लिए आजाद हो .. तुमको सारा दिन पढना ही है उससे अच्छी क्या बात हो सकती है .. सच तो यह है एक जॉब कर रहे व्यक्ति जो साथ में तैयारी कर रहा होता है के लिए पढाई के लिए टाइम निकाल पाना कठिन होता है .

      इसलिए मै उन सभी पाठको को यह कहना चाहता हूँ कि अगर आप को सिर्फ पढना है तो खूब जम कर पढ़े और सोचे कि आप भाग्यशाली है कि आपको सिर्फ पढना है जरा उनको सोचे जो जिन्दगी में चुनौती उठाते हुए भी पढाई कर रहे है मेरा मतलब उनसे है जिन्हें मजबूरी में जॉब करनी पड़ी जिन्हें  अपने मन मुताबिक तैयारी करने के लिए के लिए विरासत का सहयोग नही मिला .

      पिछले दिनों मेरी  गूगल हैंगआउट पर अपने एक  रीडर से बात हुई .. उनके पापा की कैंसर में डेथ हो चुकी है ..वो और उनकी माँ .. अकेली लडकी अपनी माँ को भी सम्भाल रही है .. पैत्रक साइबर कैफे को चलाते हुए तैयारी भी कर रही है ..ज्यादा बात तो नही हुई पर यह कल्पना की जा सकती है कि उसके लिए तैयारी करना कितना जटिल होगा .. इसलिए मै हमेशा इस बात पर जोर देता हु कि अगर आप लगन है और कुछ कर दिखाने का जस्बा है तो सफलता कुछ देर से ही सही पर आपके कदम जरुर चूमेगी . ईमानदारी से प्रयास करते रहिये .   



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      SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

      मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...