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गुरुवार, 17 जनवरी 2013

HOW TO CONTINUE YOUR PREPARATION IN HINDI WORKING IN NON HINDI STATE



              अगर आप गैर हिन्दी भाषी राज्य में JOB कर रहे हो तो हिन्दी की सामग्री  (HINDI MATERIAL)मुश्किल से मिल पाती है। अगर सौभाग्य से आप के शहर में कोई कोई ऐसा विक्रेता है भी तो आप नियमित तौर पर वहा जा नही सकते। योजना(YOJANA),कुरूक्षेत्र जैसी मूलभूत पत्रिकायें आपको शायद की मिल सकें। इस लेख में उक्त समस्याओं से निपटने के लिये कुछ सुझाव प्रस्तुत है। यह लेख उन मित्रों के लिये भी समान रूप से सहायक होगा जो दूर दराज के परिवेश में रह है। जहाॅ तैयारी का न तो महौल है न ही सहायक सामग्री की उपलब्धता।


1. सर्वप्रथम आप योजना , कुरूक्षेत्र का कोई अंक खरीदे। उसमे सदस्यता फार्म (SUBSCRIPTION FORM )  मिल जायेगा। आप ने निश्चित ही इसे देखा होगा पर शायद ही आपने विचार किया हो यह आप की एक बडी समस्या का हल है। क्योंकि इसे भरना बहुत उलझन भरा लगता है साथ भी यह डर लगता है पता नही समय से डाक से पत्रिका मिल भी सकेगी। दोस्तों , इसको आप भर कर पास के डाकघर(POST OFFICE) चले जाइये। 100 रू का पोस्टल आर्डर लीजिये। वछित जानकारी भर कर भेज दीजिये। दूसरे या तीसरे माह से आप के ये पत्रिकायें घर पर प्राप्त होने लगेगीं। 


2. अगर आप की साहित्य में अभिरूचि है तो आप इस सूची में आजकल पत्रिका को भी शामिल कर लीजिये। प्रकिया पूर्व जैसी ही है। तीनों पत्रिकायें  भारत सरकार के प्रकाशन विभाग (PUBLICATION DIVISION) से निकलती है । इनका मूल्य सामग्री की तुलना में नगण्य है। तीनों ही पत्रिकाओं का घर पर पाने का स्वानुभव है। बहुत ही अच्छा महसूस होता है नयी पत्रिका को पाकर। 


3. विज्ञान प्रगति को भी ऐसे मगा सकते है  इनको मगाॅना इस मायने में आसान है क्योकि ये पोस्टल आर्डर (POST ORDER) को स्वीकार करती है जिसको बनवाने में सिर्फ 5 मिनट लगते है।

4. इसको साथ ही आप इण्टरनेट से भी बहुत सा मैटर डाउनलोड कर सकते है। बहुत जल्द आपको मैं इसके बारे में बताउॅगा। मेरी एक सलाह है आप डाउनलोड की हुई सामग्री को हार्ड कापी में ही  पढे। 

5. आप कही भी जाॅब कर रहे हो समय निकाल कर दिल्ली के मुखर्जी नगर का चक्कर लगाते रहे। इलाहाबाद में भी आप को न्यूनतम दामों में सिविल सेवा की हिन्दी में प्रमाणिक सामग्री मिल जायेगी। दिल्ली में आप को कुछ नामचीन कोचिग संस्थानों के नोटस की कापी आसानी से मिल जायेगी।


6. आज के दौर में इण्टरनेट के माध्यम से भी आप हिन्दी में नामचीन पुस्तके मगाॅ सकते है। यह सब बहुत आसान है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप को भुगतान HOME DELIVERY    के बाद करना है। 

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