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रविवार, 10 जून 2018

Be alert

आप सतर्क रहना

एक बात है जो मुझे काफी घुटन दे रही है। दरअसल पिछले दिनों एक कोचिंग से फोन आया, मेरे हिंदी साहित्य के नंबर पूछे और फ़ोन रख दिया। बताने की जरूरत नही कौन कोचिंग हो सकती है। यह सच है कि मैंने वहां  mains की टेस्ट सीरीज जॉइन की थी , पर मुझे लगता नही कि उनको मेरे नंबर का क्रेडिट लेना चाहिए और उसके नाम पर अन्य लोगों को अपनी टेस्ट सीरीज जॉइन करवाने का व्यापार करना चाहिए।
7 टेस्ट की सभी उत्तर में सिर्फ very good, और good के अलावा कोई रिमार्क नहीं । बहुत ज्यादा असंवेदनशील है वो। fee का कोई reciept भी न दी। मुझे बस देखना था कि क्या वो सर्विस टैक्स चार्ज कर रहे है और क्या वो उस पर टैक्स भी भर रहे है। बातें तमाम है क्या क्या कहूँ। हिंदी साहित्य में दूसरा विकल्प भी बहुत दुखी करने वाला है, वो कॉपी खुद चेक करते है पर मॉडल उत्तर नही उपलब्ध कराते । जहां मैंने जॉइन की थी वो किसी नए लड़के से ही कॉपी चेक कराते है और उसे fee भी शायद बहुत कम देते है।
ये अनुभव इसलिए हुए क्योंकि मैंने gs के लिए विज़न की टेस्ट सीरीज जॉइन की थी। fee reciept तुरंत मेल कर दी। कॉपी में खूब रिमार्क देते थे। पता चला कि वो एक कॉपी चेक करने के 800 रुपए देते है। स्टूडेंट से 1000 से 1200 per टेस्ट फी लेते है और बड़ा हिस्सा कॉपी चेक करने वाले को दे देते है।

हिंदी माध्यम में प्रचार प्रसार में पैसा फूक देंगे पर क्वालिटी के नाम पर कुछ न करेंगे। यही बड़ा कारण है कि हिंदी माध्यम की कोचिंग तो अमीर होती जा रही है पर रिजल्ट गिरता जा रहा है।

अपने हिंदी के अंकों का बड़ा श्रेय इग्नू के नोट्स, कुछ अच्छी किताबों के साथ गहरी रुचि, हिंदी लेखन की आदत को ही दूंगा। आप व्यापार करने वाली जगहों में फंस मत जाना। उनके असंवेदनशील व्यवहार को आप हमेशा कोसते रहोगे। मुझे इस बात की हमेशा खुशी रहती है कि मैंने कभी उनके भीड़ वाले class room प्रोग्राम का हिस्सा न था।

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