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रविवार, 22 मार्च 2015

आधार कार्ड और इससे जुडी आशंका

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आधार कार्ड को आवश्यक सेवाओ के लिए अनिवार्य करने से मना कर दिया है .





बहस क्यों ? 

१. आधार कार्ड के लिए कोई नियामक या कानून अभी तक नही बनाया गया है .
२. आधार कार्ड में जो जानकारी ली जा रही है उसके उदेश्य सिविल है . अगर इस तरह की जानकारी किसी जाँच एजेंसी से शेयर की गयी तो यह एक प्रकार से नागरिक के मूल अधिकार का उलंघन होगा ( आर्टिकल २१ ) 
३. आधार कार्ड के दुरूपयोग , अपने राजनैतिक विरोधी के लिए किया जा सकता है . 

क्या किया जाये ?

१. क्रेंद्र और राज्य स्तर पर गोपिनियता आयुक्त की नियुक्ति की जाये 
२. इन पर जबाबदेही तय की जाये .

बुधवार, 21 जनवरी 2015

OLD PAPERS OF UPSC IAS MAINS OF EACH SUBJECTS

आईएएस में सफलता के आपके पास पुराने प्रश्न पत्र होना बहुत जरूरी है।  बात चाहे GENERAL STUDY  की हो या फिर OPTIONAL  पेपर की।  यहाँ पर मै आपको जो लिंक दे रहा हूँ वहाँ से आपको हर SUBJECT के पेपर मिल जायेगे।

मंगलवार, 20 जनवरी 2015

WRITING SKILL

टॉपिक : 54

जरूरी है उत्तर लेखन अभ्यास 

ज्यादा तो नही फिर भी कुछ एक लोगो ने उत्तर लेखन अभ्यास शुरु किया है . 

अगर आप मिल कर एक दुसरे का REVIEW  करेगे तो मुफ्त ही आप वो सब सीख सकते है जिसे COACHING में हजारो रूपये खर्च करके भी शायद आप न सीख पाए . जब MAINS ( IAS OR PCS)  लिखना होता है तब आप टेस्ट सिरीज ज्वाइन करते है . और एक दो टेस्ट लिख कर बोर हो जाते है वजह उस टाइम आपको लिखने से ज्यादा पढने के मन होता है . मेरे कई दोस्तों ने DELHI  की एक नामचीन कोचिंग में टेस्ट सिरीज ज्वाइन और एक दो टेस्ट लिख कर छोड़ दिया .
यह अच्छा समय है मैन्स एग्जाम के लिए उत्तर लिख कर अभ्यास करने के लिए . अगर आपको लगता है कि आप की अभी उतनी तैयारी नही है कि मैन्स के उत्तर लिख सके तो मै बस इतना ही कहुगा कि यही हालत सबकी होती है हर किसी को जो कई बार पहले मैन्स लिख चुके होते है उनको भी ........
इसलिए जैसी भी आपकी तैयारी हो चाहे कही से देख कर ही लिखे पर लिखे जरुर .......... अगर आप वाकई गंभीर है तो इस साल हुए मैन्स सरल सरल प्रश्नों से शुरुआत करे . किसी से चेक कराए . बगैर हिचक यहाँ पर अपलोड करे .....और दुसरे के answer पर अपने कमेंट भी दे वरना आप पर भी कमेंट नही देगा ...किसी की आलोचना ही न करे उसको प्रोत्साहन भी दे . 

ब्यस्त तो हर कोई है और मै कुछ ज्यादा ही ब्यस्त रहता हूँ इसलिए प्लीज सॉरी सारी उम्मीदे , मुझसे मत रखे ....रास्ता दिखा सकता हूँ बाकि चलना तो आपको ही है न ........इसलिए लिखे और आप डायरेक्टली UPLOAD करिये ....हो सकता है आप को शुरुआत में कोई कमेंट न मिले पर धीरे धीरे आपके answer अच्छे होते जायेगे और लोग आपके answer को पसंद करेगे . 

एक और जरूरी बात ..... अगर आप को हिचक लग रही है तो कोई fake id बना कर answer अपलोड कर सकते है ..
आपके अच्छे भविष्य की हार्दिक शुभकामनाये ......

बुधवार, 16 अप्रैल 2014

न्यू डील कार्यक्रम


न्यू डील कार्यक्रम : 1929की मंदी से निपटने के लिएअमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट ने1933 से इसकी शुरूआत की । इसमें रिलीफ, रिकवरी रिफोर्म परजोर दिया गया । इसे 3 आर केनाम से भी जाना जाता है ।रिलीफ यानी राहत गरीबी भुखमरी बेरोजगारी से दी गई ।रिकवरी का संबंध अर्थव्यवस्था से था । रिफोर्म यानी सुधार वित्तीय संस्थानों मेंकिया गया ।

विश्व आर्थिक मंदी

विश्व आर्थिक मंदी : 1929 में अमेरिका के शेयर बाजार में गिरावट के साथ इसकी शुरूआत मानी जाती है । पहले विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में वस्तुओं के उत्पादन में बहुत तेजी आई । उत्पादन में इस तेजी के अनुकूल बाजार में खरीदने की शक्ति का विकास न हुआ था । यूरोप के देश जो अमरीका के लिए बजार थे पहले विश्व युद्ध की मार से पीड़ित थे। इस प्रकार इस संकट का कारण वस्तुओं की कमी न हो कर उनका अति उत्पादन था । बड़े स्तर पर बेरोजगारी, उत्पादन में कमी, गरीबी और भुखमरी इस मंदी के परिणाम थे. 1933 में रूजवेल्ट अमेरिका के राष्ट्रपति बने जिन्होंने ने " न्यूडील " कार्यक्रम लागू किया । इसमें मजदूरों की दशा सुधारने और रोजगार पैदा करने के लिए सरकारी कदम उठाये गए

रविवार, 13 अप्रैल 2014

संगम साहित्य

संगम साहित्य :  दक्षिण भारत के प्राचीन समय के  इतिहास के बारे में संगम साहित्य की उपयोगिता अनन्य है . इस साहित्य में उस समय के तीन राजवंसो के बारे में जिक्र है  चोल , चेर , पाण्ड्य . संगम तमिल कवियों का संघ था . यह पाण्ड्य शासको के संरक्षण में हुए थे . कुल तीन संगम का जिक्र हुआ है . प्रथम संगम मदुरा में अगस्त्य ऋषि के अध्यक्षता में हुआ था . तोल्क्पियम , सिल्प्दिकाराम , मणिमेखले कुछ महत्वपूर्ण संगम महाकाव्य है . जैसा कि प्राचीन भारतीय इतिहास ग्रंथो में अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णनों की भरमार मिलती है संगम साहित्य भी इसका अपवाद नही है . इसलिए इन ग्रंथो को आधार मानकर इतिहास लिखना उचित नही माना गया है फिर भी   दक्षिण भारत के प्राचीन समय के  इतिहास की रुपरेखा जानने में यह बहुत सहायक है .

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