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रविवार, 24 दिसंबर 2017

Never became part of Crowd

भीड़ का  हिस्सा न बने ।

प्रिय दोस्तों, काफी समय बाद एक आपके लिहाज से एक महत्वपूर्ण पोस्ट करने जा रहा हूँ । वैसे पोस्ट में अपनी ही बात है पर वह आपके भी काफी काम की है ।

टॉपिक से ही पता चल रहा होगा कि मसला क्या है । मैं शुरू से इस बात पर जोर देता रहा कि हमेशा  अपने आप को विशिष्ट माने और इस बात का अपने भीतर attitude भी रखें । लीक से हट कर चले, सोचे और करें बस शर्त यह है कि आप में इतनी समझ होनी चाहिए कि आप कभी भी गलत नही करेंगे ।

आज के समय भेड़ चाल बढ़ती ही जा रही है । आप तमाम लोगों से मिले, बात करे और यहाँ तक कि आप उनसे प्रभावित भी हो जाये पर अनोखापन मिलना काफी दुर्लभ है वजह विचार में नवीनता व अनोखापन तभी आएगा जब आप नई नई किताबों को पढ़ने के साथ साथ चिंतन करने की आदत डाले। चिंतन व मनन की आदत ही आपको भेड़ चाल से रोक सकेगी । जीवन का उद्देश्य सिर्फ स्कूली शिक्षा में दक्षता और एक अदद सरकारी नौकरी नही हो सकता । हो सकता है कि आप हमेशा सफल होते रहे और टॉप करते रहे और आप ने सब हासिल कर लिया पर एक दिन , हाँ एक विशेष दिन आपको यह अहसास हो कि आप में और दूसरों में कोई फर्क नही है ।

बस इतना ही, बाकि टॉपिक असीम है और वक़्त कम । अंत रूसो की महान पंक्ति से करना चाहता हूँ कि व्यक्ति स्वत्रंत पैदा होता है परन्तु सर्वत्र जंजीरों में जकड़ा रहता है । आशय समझ रहे है न __

आशीष , उन्नाव

रविवार, 2 अप्रैल 2017

बहुत सयानी है वो मुझे use करती है



एक आत्मीय जन का कल फ़ोन आया। बातों  ही बातों में कहने लगे उनके साथ एक लड़की काम करती है। बहुत सयानी है। काम निकलवाने के लिए किसी से भी दोस्ती कर लेती है देखना एक दिन pcs भी बन जाएगी।  
मित्रों , इस तरह की बाते इन दिनों बहुत स्वाभाविक है। मेरी नजर में इस तरह का सयानापन होना कोई बुरी बात नही। बस हर किसी को अपनी सीमाएं बहुत अच्छे से पता होनी चाहिए। 

अगर आप को लगता है कि कोई आप को use कर रहा है तो यह आपकी कमजोरी का लक्षण है। आखिर आप इतना कमजोर कैसे हो सकते हो ? चाहे मित्रता हो या प्रेम , भावनाओं से अधिक अपने मस्तिष्क पर जोर देना चाहिए। यह दुनिया दिनों दिन काफी जटिल होती जा रही है। हर कोई आगे आना चाहता है चाहे इसके लिए उसे किसी के ऊपर से चढ़ कर आना पड़े , चाहे किसी को कुचलना ही क्यू न पड़े। आप भगदड़ की कल्पना करे जिसमे आप गिर पड़े है और लोग आप के ऊपर से गुजर रहे है , भले ही आप कौन हो ? ऐसे में आप कहे सब मुझे use कर रहे है तो इमसें लोगो का क्या दोष हर कोई अपनी जान बचाने में पड़ा है। आप गिरते ही क्यू है ? 

जीवन में सफलता का आधार , अपनी भावनाओं पर काबू पाने से होता है। मैंने बहुतायत लोगों को देखा है लंबी & लंबी फ़ोन पर बाते , घंटो चैट। भाई , कमाल लगता है कि लोगों के पास कितना वक़्त है। एक पुरानी पोस्ट में मैंने , आपको अपनी कीमत निकालने को कहा था। मान लीजिये आप जॉब करते है और आपको महीने के ३०००० रूपये मिलते है और रोज ८ घंटे काम करते है। महीने के ४ रविवार निकाल दीजिये। २६ दिन , ८ घंटे यानि कुल २०८ घंटे।  आप आपको पता चलता है कि आपकी हर घंटे कीमत लगभग १४५ रूपये है। 

इसी तरह अगर आप जॉब न भी कर रहे हो तो भी आप अपने घंटे की कीमत निकाल सकते है , कैसे ? बताता हूँ।  example के तौर पर आप सिविल सेवा की तैयारी रहे है तो आप अपने लिए एक आईएएस का वेतन माने। एक मोटे तौर पर अगर सिर्फ सैलरी को ऊपर वाली गणित से निकाले तो यह लगभग ८०० रूपये प्रति घंटे होगा।  

तो आप कितनी देर चैट या फ़ोन पर टाइम waste करते है ? या तो आप वक़्त की कीमत समझ जाईये या फिर बर्बाद होते रहिये और रोते रहिये कि वो बहुत सायानी है हमको use करती रहती है। 

( do not forget to give your feedback . your comments are very valuable for me )

Copy right - Asheesh Kumar


  

बुधवार, 22 मार्च 2017

FACEBOOK AND YOUR STUDY


टॉपिक : फेसबुक और आपकी तैयारी


  1. सबसे पहले यह तय करे आपको जीवन में करना क्या है। 
  2. फेसबुक पर आप किस लिए आये है। 
  3. बहुत से लोग के नाम और timeline को देखने से पता चलता है कि उनके जीवन का उद्देश्य आईएएस की तैयारी न हो कर कुछ और ही है। 
  4. अपने नाम में ias aspirant लिखते है और साथ में दिन में दो चार फूहड़ता वाली , प्रेम मोहब्बत वाली कॉपी पेस्ट कर पोस्ट भी डालते है। समझ न आता उनका मकसद क्या है ?
  5. अरे भाई , आपकी टाइम लाइन आपका फेसबुक अकाउंट ही आपका व्यक्तिव है। 
  6. मुझे विश्वाश है कि कम से कम मेरे पेज/ ब्लॉग  से जुड़े लोग ऐसी मानसिकता के न होंगे। 
  7. एक रोज मैंने आपको बताया भी था कि अगर आप में हुनर है तो एक दिन दुनिया खुद आपको सलाम करेगी। 
  8. बाकि ये दुनिया , खास कर फेसबुक बहुत ही जालिम है , आप कितना ही अपने नाम में , अपने वर्क में आईएएस लिख लो , भाव देने वाली नही। 
  9. कितना भी बता लो कि मैंने दो बार इंटरव्यू दिया या चार मैन्स लिखा है या मेरा खास दोस्त आईएएस है .... लोग फट से बोल देंगे कि  तुम तो नही हो न 
  10. इसलिए जहाँ तक हो सके आदर्शवादी बनिए। 
  11. कमियाँ हर किसी में होती है , मुझ में भी है पर मै पेज पर हमेशा आदर्शवादी बाते करता हूँ तभी यहाँ कभी अपनी वास्तविक  id से पोस्ट नही करता हूँ।  

copyright -asheesh kumar

शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

DO NOT WASTE YOUR TIME



मैंने समय को  नष्ट किया था अब समय मुझे नष्ट कर रहा है . - नेपोलियन 


                   प्रिय दोस्तों , कैसे है आप . आप ने शायद उपर लिखी पंक्ति पहले भी पढ़ चुके है . उक्त बात है बहुत अच्छी पर उसे अमल में ला पाना काफी कठिन है . मैंने भी इसे काफी पहले पढ़ा था पर अब जा कर मुझे इसका अहसास हो रहा है . बहुत बहुत ज्यादा व्यस्त जिन्दगी हो गयी है . 

                  पिछले दिनों अपना फेसबुक अकाउंट फिर से डीएक्टिवेट कर दिया क्युकि लोगों के पास बहुत सी क्वेरी रहती है उनको अवॉयड करना अच्छा नही लगता . पहले भी ऐसा कर चूका हूँ बगैर बताये चले जाना अच्छा नही होता पर यही एक तरीका है जिससे मै दूर हो पाता हूँ . व्हाट एप भी बंद करने का मन होता है पर कुछ ऑफिस के काम उसके बगैर नही हो पाएंगे इसलिए रुका हूँ  यहाँ पर भी लोगों के मेसेज उनदेखा करना पड़ता है . कुछ लोग हर रोज गुड मोर्निंग के मेसेज सेंड करते है . एक रोज तो चिंतक जी ने मुझे टोक ही दिया " क्या यार , गुड मोर्निंग का जबाब भी नही देते " . अब इसका कोई जबाब नही था . 

                 अब जाकर लगता है कि मैंने कितना समय नष्ट किया है . २ साल तक ऑफिस में मेरे पास कोई काम नही था . ३ सेक्शन का काम दिया गया पर मै उनसे निपटता गया . पर अब तो हालत यह है कि ऑफिस कि कुछ फाइल घर पर लाने लगा हूँ . सबसे अजीब बात यह है कि मै अक्सर ३ से ४ घंटे कार में  गुजारता हूँ . इसमें मै कुछ पढने की कोशिश करता हूँ तब वो दिन बहुत याद आते है जब मै फालतू में कई घंटे लैपटॉप में फिल्म देखने में गुजार देता था . 

                      अपने गीतकार नीरज का नाम जरुर सुना होगा . उनका कई साल पहले एकल काव्य पाठ सुना था उन्नाव में . उसमे उनकी कही एक बात याद रह गयी . उन्होंने बताया कि अपनी जवानी में यानी ३० की उम्र में वो किसी के प्यार में बुरी तरह से पागल थे ( वैसे उनकी प्रेमिका कौन है यह बात किसी से छुपी नही , मै भी उनको जानता हूँ आगरा वाली ) . खूब चाहा पर उससे शादी न हो सकी . बाद में नीरज जी अपनी कविताओ से खूब प्रसिद्ध हो गये . उस दिन अपने काव्य पाठ में उनकी सीख थी कि जवानी में अगर वक्त न बर्बाद न किया होता तो साहित्य को और भी बहुत कुछ दे दिया होता . 


                     कहने को बहुत कुछ है पर उस पर फिर कभी , प्रसंगवश यह समय वैलेंटाइन डे का है . एक राज की बात बताता हूँ मैंने काफी पहले एक बहुत सुंदर प्रेम कथा लिखी थी . काफी सालो से सोचता हूँ कि इस बार VALENTINE DAY में उसे पोस्ट कर दूँ पर हर बार यह सोच कर रुक जाता हूँ कि  अभी उसका वक़्त नही आया है। अभी मैंने अपने लिए कुछ विषयो पर यथा प्रेम , राजनीती , धर्म पर लिखने से रोक रखा है पर आने वाले समय में इस पर जरूर लिखूंगा।  

कॉपीराइट - आशीष कुमार 

शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

how to motivate for ias exam




अपनी महत्वकांक्षाये पूरी करने के लिए अपने प्रदर्शन स्तर को ऊँचा उठाये - राल्फ मार्सटन 


  

         प्रिय  दोस्तों , आप सभी कैसे है आशा करता हूँ सभी की पढ़ाई अच्छी चल रही होगी।  पढ़ना भी कई तरीके से होता है।  आप अपना सबसे अच्छा तरीका विकसित करे यानी कम समय में ज्यादा समझे।  

  • हमेशा स्मार्ट तरीके से पढ़े।  
  • हमेशा अपने खुद के बनाये नोट्स पढ़े , टाइम भले लगे पर यह आपकी समझ को विकसित करेगा. 
  • आईएएस के लिए सबसे जरूरी है आप अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट जबरदस्त तरीके से तैयार करके रखे. 
  • कोशिश करे कि हर वीक एक एस्से जरुर लिखे।  
  • एथिक्स के पेपर के लिए भी नोट्स बनाते चले। 


कॉपी राईट - आशीष कुमार।  

मंगलवार, 31 जनवरी 2017

Motivational

असली पढ़ाई तब ही होती है जब आप अपने  लिए पढ़ते है । अभिवावक के लिए तो बस खाना पूर्ति होती है ।

शनिवार, 21 जनवरी 2017

He is really different




उससे मुलाकात मेरी स्पीपा में हुयी थी।  हुआ यह कि  उसको किसी ने बताया कि मेरा भी हिंदी साहित्य वैकल्पिक सब्जेक्ट है। वही मुझे खोजता हुआ आगे वाली लाइब्रेरी में आया था वो पीछे वाली लाइब्रेरी में बैठता था।  
पहली बार में मुझे लगा यह इंसान जमाने से बहुत पीछे चल रहा है।  मुझे ऐसे लोग बहुत आकर्षक लगते है।  उनमे बहुत सी चीजे खास होती है , सरलता से हद से ज्यादा होती है चिंतक जी की तरह । धीरे धीरे हम काफी अच्छे मित्र बन गए।  इसमें एक बड़ा योगदान हम दोनों का ऑफिस पास पास होने का भी था। एक दो बार उसके ऑफिस भी गया। उसके जीवन में बहुत सी बाते थी जो मेरे बड़े काम की थी।  मैंने उससे कहा  कि  तुम पर एक कहानी लिखूंगा , यह बात मैं लगभग हर किसी के कहता हूँ क्योंकि हर किसी में मुझको कुछ न कुछ खास बात दिख ही जाती है यह अलग बात है कि वयस्ततो के चलते बहुत कम लोगो पर लिख पाया हूँ।  

अब आज अचानक उस पर लिखने की वजह कल उसका फ़ोन आना है।  पता चला कि  वो अब शहर छोड़ कर जा रहा है , उसका प्रमोशन हो गया है और वो रायपुर जा रहा है।  सुनकर मुझे अच्छा न लगा वजह उसके साथ मुझे बहुत सी चीजे सीखने  को मिली थी। उसके होने से मुझे सम्बल मिलता था भले मुलाकात न हो या बात न हो।  खैर अब कुछ चीजे आपके साथ भी शेयर कर  रहा हूँ जो आपको भी लगेगी वो खास क्यों है.

 १.  किस्मत से मजदूर बनने से बच गया -  उसके गाँव  से कुछ लड़के पढ़ाई छोड़ कर गुजरात में कमाने निकल रहे थे।  यह उत्तर प्रदेश , बिहार , झारखण्ड में आम बात है , लड़के बम्बई , गुजरात , पंजाब कमाने के लिए निकलते रहते है ( यह देश की बड़ी विडम्बना है विषम विकास ) . वो भी निकलना चाहता था पर ऐन वक्त पर उसके पास पर्याप्त पैसे न इकठे हो पाए और वो वही रह गया।  समझ सकते है कि  वो किस स्तर पर था।  

२. उसकी ईमानदारी - जब उससे मुलाकात हुयी वो सेंट्रल गवर्नमेंट में अच्छी जॉब में था। इससे पहले वो इनकम टैक्स में टैक्स असिस्टेंट की तरह जॉब कर चूका था। उसकी वर्तमान पोस्ट में भी काफी पैसा है।( मैं  बहुत सी चीजे अभी लिख नही रहा हूँ पर कभी भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा। मैंने बहुत तरह के लोग देखे जो लंबी , चौड़ी , आदर्शवादी बातें  करते थे पर जब वो कमाई वाली सीट पर पहुँचे  तो सारी  हदे  पार कर  दी आपको जानकर बहुत हैरानी होगी चिंतक जी , जिनको हमारे बहुत से पाठक आदर्श मानते है जैसे लोग************   खैर जाने दीजिये . ) इस मित्र ने बहुत सी इस विषय में बताई जो वाकई आज समय में दुर्लभ है . बहुत विरले ही हाथ में आये पैसे को वापस लौटा पाते है . फेसबुक पर एक चर्चित युवा ias जिसके लेख आप भी पढ़ते होंगे आपको शायद यह बात सुनाई पड़ी हो उसने 300 करोड़ में शादी की है। 300  करोड़ की बात ठीक से पता नही है पर उनकी एथिक्स वाली बाते बहुत ही प्रभावी है।  यही है जिंदगी का दोहरापन ( एक पाठिका ने यह सवाल बहुत बार पूछा था अब समझ गयी न जिंदगी का दोहरापन )  
३.  प्रॉब्लम आंतरिक होती है न कि बाहरी - पिछले साल हम दोनों ने सिविल की तैयारी के लिए एक लाइब्रेरी ज्वाइन की। मैंने तो कुछ खास पढ़ाई न की पर उसके साथ काफी बातो पर चर्चा होती थी।  उसका यह लास्ट एटेम्पट था। उसने पूरी दम लगा दी। उन्ही दिनों एक बात बहुत अच्छी  बात बताई कि हमारी प्रॉब्लम आंतरिक होती न कि बाहरी।  अगर हम अपने भीतरी भाग पर विजय पा ले तो सारी चीजो पर विजय पा सकते है। पिछले साल , मेरी तैयारी सबसे शिथिल थी वो खैर हमेशा रही है पर मेरा इंटरव्यू काल आ गया। यह मेरे साथ साथ अन्य मित्रो के लिए भी हैरानी भरा था।  सच कहूँ तो मैं भी अपने हाथ पैर ढीले कर रखे थे कि मैं  सिविल के लायक नही पर यह उसकी संगति का असर था कि मैं आसानी से ही कॉल पा  गया। उसकी चीजे , अनुभव मेरे काम आये थे।  अफ़सोस , आखरी प्रयास में भी वो सफल न हो सका  . वैसे  ज्यादा अफोसजनक नही है क्योंकि वो अपनी जॉब में ही काफी ऊपर तक जाने वाला है।  


एक सैकड़ा बाते है पर अब मुझे विराम लेना होगा। भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा मुझे चीजे याद रहती है।  आशा है आपको इसमें कुछ बाते आपने  मतलब की मिल जाएँगी।  आपको पढ़ कर  अधूरापन लग रहा है , मेरी सबसे बड़ी शिकायत यही है मैं चीजे अधूरी छोड़ देता हूँ , मैं भी जानता हूँ कि हर पोस्ट , बहुत ही जल्दबाजी में लिखता हूँ पर कभी न कभी सब चीजे पूरी करूँगा , तुम पर भी लिखूंगा हाँ हाँ तुम पर भी 

कॉपी राईट - आशीष कुमार 

बुधवार, 18 जनवरी 2017

if you read, try to write also


जमकर पढ़े और खूब लिखे 


अभी एक मित्र से बात हो रही थी । उनमे काफी समभावनए भी मुझे दिखती है । संभव है किसी दिन वो सिविल सेवा मे सफल भी हो । वो बता रहे थे कि अभी हाल मे ही the argumentative indian  पढ़ी । यह किताब , अमर्त्य सेन की सबसे  बेहतरीन किताबों मे एक है । मैंने उनसे कहा जो भी अच्छा पढ़ो , उस पर अपने विचार जरूर व्यक्त करो । 

हम मे बहुत से लोग बहुत सी अच्छी २ किताबे पढ़ते रहते है और भी बहुत सी चीज सीखते है पर उनको अपने तक ही बनाकर रखते है।  मेरी समझ से यह आपके ज्ञान के लिए उचित नही है। आप ज्ञान का परिवर्धन तभी कर  सकते है जब अपनी समझ को अभिव्यक्त करते रहे।  

आजकल तो सोशल साइट आपको बढ़िया प्लेटफॉर्म उपलब्ध करती है।  हर किसी को अपने विचार जरूर व्यक्त करने चाहिए। हो सकता है आपको कोई न पढ़े या ध्यान न दे पर उससे फर्क क्या पड़ता है। आपकी बातो में निखार धीरे धीरे ही आएगा और एक दिन आप पाएंगे कि आप तो बहुत अच्छे व्यक्तित्व के मालिक बन चुके है।  

अतीत में तो महान लोगो को अपनी बात रखने के लिए किसी चौराहे , मैदान में भीड़ को जुटाना पड़ता था।  आपको शायद पता ही होगा कि सुकरात , अपने विचार रखने के लिए सड़क पर लोगो को पकड़ लेते थे। मेरी बात आप समझ रहे होंगे। आज के समय अगर आप समाज , देश , विषमता के लिए कुछ अपने विचार नही रखते तो आप जीवित होते होये भी  मृत  है।  

आज से अपनी timeline पर लिखना शुरू करिये। बस यह ध्यान रखना कि आप जो भी लिखे वो मौलिक हो। किसी के विचार , कविता या कॉपी पेस्ट कर अपनी timeline को गन्दा मत करना।  आपकी पहचान तभी बनेगी जब आप खूब पढ़े और  मौलिक लिखे 


Copyright. asheesh kumar . 

सोमवार, 31 अक्तूबर 2016

When u are in job and preparing IAS

जॉब करते हुए ias की तैयारी करना ।
दोस्तों आज बहुत गहरी बात कहने जा रहा हूँ । ias की तैयारी में काफी समय लगता है यह बात जानते ही है । 
आज कुछ बेसिक बाते बताने जा रहा हूँ कि बहुत बार इसमें लगने वाला समय हमारे खुद के कारण होता है । 
अब हर किसी को काफी attempt भी मिलने लगे । इसलिए शुरू के प्रयासों में हमारा मन भी इस बात के लिए तैयार रहता है कि इस बार न सही अगली बार सही । ऐसा करते करते काफी अटेम्प्ट खत्म हो जाते है।  इसलिए इस तरह के ख्याल मन में न पैदा होने दे  । 
Job करने वाले लोग दो तरह से पीछे रह जाते है एक तो वह अपनी जॉब में काफी हद तक संतुष्ट हो जाते है दूसरे leave न मिल पाने का लफड़ा । 
अगर मैं अपनी बात करूँ तो लीव तो हर एटेम्पट में ली पर बहुत कम समय के लिए छूटी पर गया । इसके चलते हुआ यह कि mains और इंटरव्यू तो दिए पर final सिलेक्शन न हो सका । अब लगता है कि मुझे एक बार ही लंबी छुट्टी ले लेनी चाहिए थी । 
दोस्तों , जिंदगी में बड़ी चीज पाने के लिए बड़ा रिस्क भी उठाना पड़ता है । hope मेरी बात समझ गए होंगे । एक ही बार , में काम तमाम करने की सोचे । वरना लोग आपकी असफलता के लिए जीने नही देंगे ।

सोमवार, 26 सितंबर 2016

A boy with 3rd grade : motivational story

लड़का गाँधी डिवीजन वाला

शीर्षक पढ़ कर शायद आपको समझ में न आये कि मैं क्या कहना चाहता हूँ पर आप उसकी कहानी पढ़े यकीनन आप उससे बहुत कुछ सीखेगें ।

मेरी उससे दोस्ती कब हुयी यह ठीक से याद नही पर एक समय उससे मेरी सबसे गहरी पटती थी । हम दोनों को ही सस्ते , घटिया नावेल पढ़ने का शौक था । केसव पण्डित , रीमा भारती, वेद प्रकाश , गुलज़ार, और न जाने कितने ही नावेल हम दोनों आपस में शेयर कर पढ़े । दरअसल यह नावेल आपस में पूरा गाँव ही पढ़ता था पर खरीदता कौन था यह कभी जान न सका । सब आपस में ही लेन देन चलता था । किसी को कुछ नावेल दो उससे बदले में दूसरे ले लो ।

हम दोनों के पिता ही टीचर थे । मेरे प्राइवेट , उसके सरकारी । हमारे पिता जी से उनके पिता जी की खूब पटती थी । पिता जी से ही पता चला कि उसके पिता उससे बहुत परेसान रहते है   । उससे तरह तरह से जलील भी करते है । चूँकि वह 10 और 12 दोनों ही कक्षा में तृतीय डिवीजन से पास हुआ था इसलिए उसे गाँधी डिवीजन से पास है कहकर उसके पिता चिढाया करते थे । गाँधी डिवीजन का मतलब आज समझ में आता है कि गाँधी जी सदा तीसरे क्लास के डिब्बे में चलते थे इसीलिए उस लड़के के पिता उसे गाँधी डिवीजन के नाम से चिढ़ाते  और जलील करते थे ।  वो मुझसे 1 क्लास आगे था ।
उस लड़के ने काफी स्ट्रगल किया । घर में काफी संपत्ति होने के बावजूद , बीच में किसी फैक्ट्री में भी काम करने लगा । मेरा उससे संपर्क काफी पहले टूट गया था । मेरी नौकरी काफी पहले गयी थी और जॉब में आने के बाद मैं काफी रिज़र्व रहने लगा था । रिज़र्व रहने की वजह थी अभी मुझे और आगे तैयारी करने थी । यारी दोस्ती के लिए चाह कर भी समय नही था ।

उसकी खबर मुझे मिलती रही । मुझे ऐसा लगने लगा कि शायद वह भी गाँव की भीड़ में गुम हो जायेगा । पर नही ऐसा नही हुआ।

पिछले दिनों मुझे पता चला कि उसको इक काफी अच्छी सरकारी नौकरी मिल गयी है । एक पल को यकीन न हुआ पर जिसने मुझे खबर दी उसके मुताबिक वह पिछले 2 सालों से शहर में गोपनीय तरीके से तैयारी में लगा था इतना जुनून था कि किसी भी त्यौहार में घर नही आया था।

संपर्क में न होने के बावजूद , मुझे बहुत ख़ुशी हुयी । अभी हाल में घर गया था तो सामने दिख गया पर चाह कर उससे बात न हो पायी वजह भी अजीब थी । दरअसल वो बाइक लिए नल के पास खड़ा था और मैं कार से उधर से निकला था । अगर मैं उसे आवाज देता तो मुझे पता है कि वह जरूर भड़क जाता मैं उसे बहुत अच्छे से जनता हूँ उसमे बहुत ज्यादा ही स्वाभिमान भरा है । शायद किसी दिन हम दोनों किसी रोज अपने आवरण को हटा कर , मिले और सुरेन्द्र मोहन पाठक के नए नावेल पर डिस्कस करे।

दोस्तों, उसने अभी हाल में ही नौकरी पायी है । आज जब हर तरफ 1st डिवीजन का हर तरह बोल बाला है तब भी गाँधी डिवीजन वाले अच्छी नौकरी पा रहे है । इसलिए आप भी बस जुट जाइए । हा , अपनी सफलता की खबर मुझे जरूर देना । सफलता की कहानियां पढ़ने के लिए यहां पर बहुत से पाठक इंतजार करते रहते है ।

Copyright -Asheesh kumar

Dear friends, please give your feedback. मेरा मानना है कि हर किसी की अपनी  कहानी होती है । आप भी अपनी कहानी मुझे मुझे mail करिये ashunao@gmail.com पर । आधी अधूरी ही भेज दीजिये , पूरी मैं कर दूंगा ।

गुरुवार, 15 सितंबर 2016

Experience Matter


पुराने पाठको को शायद मेरी एक लघुकथा याद हो -संत और बेरोजगार । उसमें विजय जी कहानी थी । वास्तव में विजय जी काल्पनिक पात्र न होकर , एक वास्तविक पात्र है । विजय जी , मुझसे एक बात कहा करते थे कि आशीष अनुभव की कोई किताब नही होती है । उनके कहने का मतलब यह था कि हर चीज आप किताबों से पढ़कर नही पा सकते ।
आज अनुभव के बारे में ही बात करते है । अनुभव , सच में ही बहुत काम की चीज है । इसका आपकी उम्र, परिवेश,लिंग से कोई लेना देना नही है । अनुभव सभी को होते है -अच्छे, बुरे ,खट्टे , मीठे , तीखे , कसैले, लिजलिजे ।
बहुत बार , अनुभव हमें खामोश कर जाते है और बहुत बार यह हमें जीने की वजह दे जाते है । experience को लिखते रहना चाहिए । हर चीज से कुछ न कुछ सिखने लायक होता है ।

सोमवार, 22 अगस्त 2016

Do you work yourself



प्रिय दोस्तों , आप कैसे है ? आशा है आप सभी की पढ़ाई अच्छे से चल रही होगी।  लंबे समय से आप लोगो से मैंने कोई संवाद नही किया है। व्यस्त तो पहले से ही रहता था पर अगले २ साल तक , मेरी पोस्टिंग बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण जगह पर रहेगी इसलिए मुझे जरा भी वक़्त नही मिल पाता है। पहले मैं रोज , नियमित ब्लॉग, पेज पर समय दे पाता था , आप लोगो के सवालो का जबाब देना अच्छा लगता था पर अब कई कई दिनों तक मैं , इन्टरनेट से दूर रहता हूँ। आप लोगो के सवाल मिलते है ,पर चाह  कर  मैं  जबाब नही दे पाता। मुझे अच्छा नही लगता किसी को अवॉयड करना पर , मेरे पास कोई विकल्प नही है।  

इसलिए दोस्तों , आप को मैं  आज एक रास्ता बताता हूँ जो आपको आसानी से सफलता की ओर  ले जायेगा - 

१.  सफलता की सुरुआत होती है आप से , आप जितना ज्यादा अपने लक्ष्य के बारे में सोचेगे उतना ही आप को अपनी सफलता आसान लगेगी 
२. दूसरी सबसे जरूरी बात है अपने आप पर यकीन करना , भले कोई भी आप पर यकीन न करे आप कभी भी अपने ऊपर सन्देह न करे।  बहुत बार , आप निराश होंगे पर हिम्मत न हारे। हर सफल इंसान , पहले पहले असफल ही होता है इसलिए असफलता से सीखे।  उससे मिले सबक को नोट करके रखे।  
३.  जो कुछ भी आप जानते है उससे लोगो के साथ शेयर करना सीखे।  कभी अपने सोचा है कि मैं  यह सब क्यू करता हूँ।  मैंने जिंदगी में , बहुत सी ख़ुशी , सफलताये  पायी है छोटी उम्र में ही खूब नाम हो गया था ( इतना ज्यादा भी  नही पर मेरी नजर में काफी -----) . अब मुझे न तो नाम की जरूरत है , न ही पैसे की। न ही यह सब करने से  किसी की हेल्प होगी ,  ऐसा भी नही  मानता  हूँ।  यह सब बस इसलिए कयूकि  मुझे इसमें ख़ुशी मिलती है।  अच्छा लगता  है। आप भी यही भावना रखे। यह दुनिया खूबसूरत है आप कोई अपेक्षा न  रखे अपनी क्षमता भर लोगो की हेल्प करते रहे।  

४. कुछ भी ऐसा न करे जो आपको मानसिक पीड़ा दे। 

५.  आपने आप सब कुछ सीखे , यह मत सोचे कि  कोई आप को पर्सनल गाइड कर  देगा। मेरे पास बहुत बार ऐसे मेसेज आते है , जिनको पढ़ कर  यह लगता है कि  कोई छोटा बच्चा है जो इंतजार कर  रहा है कि कोई उसे चम्मच से पानी पिला दे। यह कभी न होगा। आप ज्यादा से ज्यादा गूगल करे।  हर चीज सीखे। जब कभी मुझे डॉ दवा देते है , मै गूगल कर देखता हूँ कि क्या खाने जा रहा हूँ। यानी कुछ दिनों बाद , मै डॉ बनने वाला हूँ ( जस्ट जोकिंग ). मेरा मतलब है गूगल से बहुत कुछ किया जा सकता है।  


thanks , keep reading .


all rights reserved .Ⓒ asheesh kumar





सोमवार, 20 जून 2016

Your words are so precious





शब्द आपके बहुत  कीमती होते है इन्हे बहुत  सोच कर , सम्भल कर प्रयोग करें।  यह मोती है। इन्हे व्यर्थ में मत खर्च करें।  

गुरुवार, 16 जून 2016

post on facebook page






  1. " जरूरी नही की हर बात का जबाब मुह से ही दिया जाय " 
    शांत रह कर , सही मौके का इंतजार करे । कर्म करते रहे ।

गुरुवार, 9 जून 2016

Race

दौड़




इंटर करते ही जीवन की दौड़ शुरू हो गयी , जूझता रहा, गिरा , चोट भी खाई पर आगे बढ़ता गया ... अभी भी दौड़ खत्म न हुयी है पर अब कभी कभी सकून से सांस लेता हूँ ........ पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो बहुत अच्छा लगता है ............... ज़िंदगी मे हासिल काफी कुछ कर लिया है ........... मन मे अब उतनी छटपटाहट भी नही रहती ........... कुल जमा खुश रहता हूँ ..
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हम सब में कुछ न खास हुनर होता है बस जरूरत होती है उसे पहचानने की उसमें दक्ष होने की । एक बार इस सिद्धान्त को समझ गए तो फिर देखो जिंदगी का आनंद बहुत शानदार है ये जिंदगी

शुक्रवार, 6 मई 2016

Reason for success

सफलता की वजह
मै घूम फिर कर चिन्तक जी पर ही आ जाता हूँ....क्या करू उनके जैसे बहुत कम ही लोग है....उनकी जुबान में जादू है .. बड़े से बड़ा प्रेरक वक्ता भी वह जादू मुझ पर वो असर नही डाल सकता है जो उनकी बात में मुझे मिल जाता था...
एक शाम हॉस्टल में ( भागीदारी भवन ) में उनके पास बैठा था उन्होंने यह बात पूछी की नौकरी क्यों पाना चाहते हो.. मैंने कहा पैसे मिलेंगे ..आराम रहती है..आदि 
वो बोले आज से एक नयी नजर से सोचो ..सोचो अगर तुम सरकारी नौकरी पा जाते हो तो तुम्हारे पिता को कितनी इज्जत मिलेगी... माता पिता ..आपके पैसे कभी नही चाहते है ..वो चाहते है कि आप की वजह से उन्हें सम्मान मिले..

मेरे दिमाग में यह बात बैठ गयी .. पिता जी उच्च शिक्षित थे..पर बेरोजगार..सारा जीवन संघर्ष में कटा था.. ३ बेटे थे पर उम्मीद किसी से नही थी.. बहुत ज्यादा नकारात्मक सोचते थे... 
उस रोज चिंतक जी की बात मुझे हर वक्त याद रही...मुझे अपने पिता को रेस्पेक्ट दिलानी है....गावं में इस बात की बहुत चर्चा रहती है कि अमुक का बेटा क्या करता है...

यकीन मानिये...जैसे मुझे सेंट्रल गवर्नमेंट में जॉब मिली.. पिता जी को गाव में अपने आप महत्व मिलने लगा...जैसे जैसे सफलता बड़ी होती गयी..पिता जी को बहुत खुशी मिलने लगी.. गाव में इस बात की मिसाल दी जाने लगी कि उनको देखो ..बेटो को पढ़ाने में उम्र निकल गयी पर..अब कितना अच्छा return मिला है..पिता जी की असमय ही २०१० में मौत हो गयी..पर उनके आज तीनो ही बेटे जॉब में है ..और बड़ी जॉब के लिए जुटे है...
दोस्तों... आप भी आज से इस तरह से सोचे कि अगर आप सारा टाइम भले पिता - माता की सेवा न कर सके हो पर उन्हें ऐसी सफलता दे कि दुनिया गर्व से कहे .वो आपके माता पिता है... और इस प्रेरणा के लिए चिंतक जी के आभारी जरुर रहियेगा....यह उनका ही कांसेप्ट है.......

गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

success mantra




अच्छा आप लोगो ने कौन कौन कोर्स की किताबो के अलावा किताबे पढने का शौक रखता है . मेरा मतलब नावेल , कहानिया , मैगजीन पढने से है ..
मुझे कभी इन सबका का बहुत शौक हुआ करता था सच कहूँ वो भी क्या life थी . आज बस अचानक यूँ फील हुआ कि अब तो सिर्फ कोर्स की किताबे पढने का ही टाइम मिल पाता है .. न जाने कितना टाइम हो गया होगा कोई मन का नावेल नही पढ़ा ..

पिछले साल अप्रैल में डेल्ही जाना हुआ था .. मेट्रो के एक स्टेशन पर मुझे नेशनल बुक ट्रस्ट का बुक स्टाल दिख गया .फिर क्या था उसमे तुरत घुस गया .. ५ किताबे खरीद डाला .सारी सारी कहानियों बुक थी .. बहुत मन से खरीदा पर तब से अब तक उन्हें पढने की जरा भी इच्छा नही हुई .. कई बार उन्हें उठा कर भी देखा पर न जाने क्यों मन ही तैयार नही हुआ ..

अब शायद वो पहली सी आजादी नही महसूस होती है .यह सच है सरकारी जॉब मिलना , इस दौर में भगवान मिलने सरीखा होता है .. इतनी मारा –मारी है जॉब के लिए .. पर एक बार जॉब में आने के बाद ही पता चलता है कि यह तो वो चीज ही नही थी जो सोची थी .. जॉब में रोज का वही ढर्रा रहता है ..

जब कभी भी मेरी चिंतक जी से मेरी बात होती है वो कहते है कि कितना अच्छा है तुम्हे तो २१ साल में ही नौकरी मिल गयी थी पर मेरा उनसे यह कहना होता है कि तुम भले बेरोजगार हो पर पढने के लिए आजाद हो .. तुमको सारा दिन पढना ही है उससे अच्छी क्या बात हो सकती है .. सच तो यह है एक जॉब कर रहे व्यक्ति जो साथ में तैयारी कर रहा होता है के लिए पढाई के लिए टाइम निकाल पाना कठिन होता है .

इसलिए मै उन सभी पाठको को यह कहना चाहता हूँ कि अगर आप को सिर्फ पढना है तो खूब जम कर पढ़े और सोचे कि आप भाग्यशाली है कि आपको सिर्फ पढना है जरा उनको सोचे जो जिन्दगी में चुनौती उठाते हुए भी पढाई कर रहे है मेरा मतलब उनसे है जिन्हें मजबूरी में जॉब करनी पड़ी जिन्हें  अपने मन मुताबिक तैयारी करने के लिए के लिए विरासत का सहयोग नही मिला .

पिछले दिनों मेरी  गूगल हैंगआउट पर अपने एक  रीडर से बात हुई .. उनके पापा की कैंसर में डेथ हो चुकी है ..वो और उनकी माँ .. अकेली लडकी अपनी माँ को भी सम्भाल रही है .. पैत्रक साइबर कैफे को चलाते हुए तैयारी भी कर रही है ..ज्यादा बात तो नही हुई पर यह कल्पना की जा सकती है कि उसके लिए तैयारी करना कितना जटिल होगा .. इसलिए मै हमेशा इस बात पर जोर देता हु कि अगर आप लगन है और कुछ कर दिखाने का जस्बा है तो सफलता कुछ देर से ही सही पर आपके कदम जरुर चूमेगी . ईमानदारी से प्रयास करते रहिये .   



गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

Working under government


आज अहा जिंदगी का फरवरी का अंक लाया। यह मैगज़ीन  मैंने  इसके शुरआती दिनों में पढ़ी थी तब भी ज्यादा समझ में नही आयी थी और इन दिनों भी कुछ खास समझ में नही आती है। यह अलग बात है कि    Nishant Jain , Ias Topper 2015 ने जब से इसके बारे में बताया है तब से इसे फिर से लेने लगा हु। 
इस बार के अंक में एक जापानी कहानी का अनुवाद ' सुंदरी ' आया है। काफी दिनों बाद कुछ पढ़ कर मन को अच्छा लगा।  अरसा हो गया साहित्य को शौक की तरह पढ़े।  

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self dependent  तो १६/१७ की उम्र से ही हो गया था। जब  regular job  २१ साल में लगी।  २२ की उम्र में  central government  में कार्य करने लगा था ।  आज एक बात मै आप से share  करना चाहता हु। पहले पहल जब जॉब लगी बड़ी खुशी हुई। पहले से सारे दुःख दर्द सब दूर हो गए।  सोचा अब खूब पैसे मिलेंगे तो मन चाहे brand के कपड़े , जुते ,  mobile  आदि रख सकूंगा। कुछ हद तक यह सच भी था पर कुछ दिनों ही बाद मुझे एक चीज बहुत खलने लगी।  
 student life  में , दिन में २ घंटे सोना एक अनिवार्य सा नियम है , मुझे भी दिन में सोना बहुत अच्छा लगता है।  रात में पढ़ते पढ़ते १ या २ बज ही जाते है सो सभी दिन में सोते है।  जॉब में आने के बाद यह आदत सबसे ज्यादा परेशान  की।  उस दिन से आज तक कभी  free mind  होकर सो न सका। तो यह है सरकारी नौकरी के नकारात्मक पहलू। हलाकि  क्रेन्दीय सेवा में २ दिन यानि  Saturday , Sunday  छुट्टी होती है इसके बाद भी यह सच है कि  नौकरी में आकर  पहले सी आजादी कहाँ  .

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

No age limits for sucess

इस बार की प्रतियोगिता दर्पण फरवरी अंक में डॉ गोबर्धन लाल शर्मा का इंटरव्यू पढ़ा तो एक बहुत प्रेरणादायक बात पता चली । उनका चयन ras में 9 रैंक पर हुआ है ।
उनकी जन्मतिथि है 15/07/1970 यानि लगभग 45 की उम्र में यह सफलता पायी है।

इससे काफी कुछ सीख मिलती है । मैंने अक्सर कुछ लोगो को एक उम्र बाद हताश होते हुए देखा है शादी बाद तो लगभग न के बराबर लोग तैयारी करते है । सोचते है कि अब जो बनना था बन चुके है पर विजेता के लिए उम्र कोई मायने नही रखती ।

बुधवार, 23 दिसंबर 2015

Experiance is very important thing ...please collect it .


  1. अनभुव बहुत बड़ी और जरूरी चीज है .... कोई भी exam  हो उससे प्राप्त अनुभव बहुत काम के होते है ...जैसे ही एग्जाम देकर घर पहुचे ... अपनी कमजोरी और मजबूती और आगे की रणनीति .. अपनीdiary  में लिखे...
  2. कहा भी गया है - सफलता के बीज  के मौसम में ही बोये जा सकते है।  
  3. बस आपको अपनी असफलता के लाभ लेने की कला आनी चाहिए।  
  4.  अपने अनुभव के साथ दूसरे लोगो के अनुभव से सीखते रहे।  
  5. अच्छी और   motivational books  पढ़े।  
  6. हमेशा  positive  सोचे।  
  7. नोलन समिति के बारे में
  8.  हर वक्त सोचते रहे कि आपकी असफलता की वजह क्या है. 
  9. Always try to learn new things . 
  10.  work hard and do it like worship .
  11. Do not waste your time on unproductive things . 

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