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सोमवार, 15 जून 2015

ग्राफीन

ग्राफीन

ग्राफीन (Graphene) sp2-बंधित कार्बन परमाणुओं की एक-परमाणु के बराबर पतली झिल्ली (शीट) होती है। इसमें कार्बन परमाणु हनीकंब क्रिस्टल लैटिस में अत्यन्त सघन रूप में पैक होते हैं।

इसका नाम 'ग्रेफाइट' के 'ग्रेफ' में 'ईन' जोड़कर बना है ।

# ये द्वि आयामी है।

# ग्राफीन को 2004 में खोजा गया ।

# कार्बन के एक परमाणु में 6 इलेक्ट्रान होते है , 2 आंतरिक शैल में तथा 4 बाहरी शैल में होते है।

#बाहरी शैल का हर एक इलेक्ट्रान किसी भी रासायनिक  अनुबंध (bond)के लिए उपलब्ध होते है ,
परंतु ग्राफीन के 3 परमाणु  अन्य कार्बन परमाणु से जुड़ जाते है और द्वि स्तरीय आयाम बनाते है तथा एक परमाणु को त्रि स्तरीय आयाम बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ देते है।

# इसका प्रयोग मशीन के निर्माण , गाड़ी, हवाई जहाज के निर्माण,अंतरिक्ष यानो के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।

# ये ग्रेफाइट ,सिलिकॉन तथा जर्मेनियम का स्थान ले सकता है ।

# सोलर शैल बनाने में सहायक।

#इसकी कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओ के कारण ये भविष्य में  
चिकित्सा क्षेत्र
नैनो तकनीक क्षेत्र
मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र 
में काफी कारगर सिद्ध होगा ।

#इसमे आने वाली लागत को कम करना 
. इसके प्रयोग को आसान बनाना 
. इसको उपयोग योग्य बनाना 
.  सरल तकनीक विकसित करना आदि मुख्य चुनौतियाँ है।

सी बैकथोर्न

सी बैकथोर्न

सैंडथोर्न या सल्लोथोर्न या सीबैरी के नाम से जाने नाम से भी जाना जाता है

# ये एक तरह की पर्णपाती समुद्री झाडी है जो एलएअग्नसए(elaeagnaceae) परिवार के पौधे है

# हिप्पोफए रहमनोइडेस( hippophae rhamnoides) सी बैकथोर्न की प्रमुख प्रजाति है

# सी बैकथोर्न का प्राकृतिक निवास स्थान चीन,रूस ,मंगोलिया, उतरी यूरोप, कनाडा में है ,परंतु ये एशिया के कुछ भागो में भी पाया जाता है।

# ये नदी के किनारे ,पर्वत क्षेत्रो में भी पाये जाते है इनके लिए तेज धूप बहुत आवश्यक है इसलिए ये ऐसे स्थानो पर विरले ही मिलते है जहाँ पर बड़े छायादार पेड़ हो ।

# इसका प्रयोग किसान अपने खेतो की बाढ़ बनाने के लिए भी करती है ।
इसका उपयोग नदी के किनारो पर भी होता है ताकि नदी के बहाव को नियंत्रित किया जा सके।

# इसका प्रयोग खाने में तथा दवाइयो में भी होता है ।
ये विटामिन ए,बी1,बी2,बी6 तथा विटामिन सी के स्त्रोत होते है

#प्रत्येक क्षेत्र के अपने संगठन है इसपर रिसर्च करने के लिए।
2005 में EAN seabuck. नामक संगठन बनाया गया इसमे शामिल देश है चीन, रूस तथा यूरोप। इनका उदेश्य उपभोक्ता उत्पाद तथा  संपोषणीय फसल का विकास करना है।
चीन तथा मोंगोलिया में भी अपने क्षेत्रीय संगठन है।

शुक्रवार, 12 जून 2015

इको टोन

इको टोन

# इको टोन दो पारिस्थितिक तंत्रो का संक्रमण क्षेत्र है । जैसे मैंग्रोव ये सागरीय पारितंत्र तथा भूमि पारितंत्र के बीच के इको टोन  को प्रदर्शित करता है।

#इको टोन के  उदहारण- घास का मैदान,  एश्चुरि , नदी के किनारे इको टोन

# इको टोन संकरा भी हो सकता है और चौड़ा भी हो सकता है।

# इको टोन क्षेत्रीय भी हो सकता है ( घास के मैदान तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र) तथा ये स्थानीय भी हो सकता है ( किसी खेत तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र)

# इको टोन कोई जलीय पट्टी हो सकती है , कोई पर्वत हो सकती है या कोई भू भाग भी हो सकता है ।

# एक सुविकसित इको टोन में ऐसे प्रजातीयाँ होती है जो निकटवर्ती अन्य समुदायो से पूर्ण रूप से भिन्न होती है ।

#  ये रेखीय होता है इसमें  निकटवर्ती समुदाय से आने वाले समुदाय के प्रजाति संगठन  में   क्रमिक बढ़ोतरि तथा निकटवर्ती समुदाय में जाने  वाले समुदाय की  प्रजाति में समकालिक ह्रास को  दर्शाता है।

#कभी कभी इसमे किसी प्रजाति की संख्या तथा जनसंख्या घनत्व  अन्य समुदायो से अधिक हो जाता है इससे कोर प्रभाव (edge effect) तथा जिस प्रजाति की संख्या बढ़ती है उससे कोर प्रजाति कहते है।

# आस पास के समुदायो से पौधो की प्रजाति में भिन्नता
पौधो के रंग या आकर में भिन्नता 
पौधो के भौतिक स्वरूप में भिन्नता
जीवो की प्रजाति में भिन्नता किसी इको टोन को प्रदर्शित करती है।

गुरुवार, 11 जून 2015

IAS EXAM 2015

IAS EXAM 2015
23.08.2015
·      अपना समय व्यर्थ में ,  मत खराब करे। 
·      हर मिनट पढाई के लिए प्रयोग करे। 
·      आलस्य , आराम ये सब आपके परिणाम को खराब करेगे। 
·      समयबद्ध , नियमित , पढाई आपमे आत्म विश्वास जगाएगी। 
·      लगातार मेहनत करते रहे। 
·      अपनी सेहत का ख्याल रखे। 
·      चुनौतियों को स्वीकारे। 
·      मन में निराशा को जगह न दे। 


 © अगर संभव हो तो इसे प्रिंट करे / या कागज पर लिख कर अपनी स्टडी टेबल / रूम में चिपका ले  जहाँ पर आपकी नजर हमेशा पडती रहती हो .     सफलता के लिए शुभकामनाये .


बुधवार, 10 जून 2015

स्टेम सेल या मूल कोशिका

स्टेम सेल या मूल कोशिका 

# स्टेम कोशिका या मूल कोशिका  ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।               

# वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता ।

# कनाडा केवैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला ।

# भ्रूण विकास के दौरान डिम्ब वह एक कोशिका है, जो पूरे जीव को बनाने की पूर्ण क्षमता रखती है। ये कोशिकाएं कई बार विभाजित होकर ऐसी कोशिकाएं बनातीं हैं, जो पूर्ण सक्षम होतीं हैं ।

# कुछ और विभाजनों के पश्चात ये कोशिकाएं, एक विशेष गोलाकार रचना बनातीं हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं, परंतु इस अवस्था में पृथक की गईं कोशिकाएं, पूर्ण जीव विकसित करने में सक्षम नहीं होती हैं। अतः इन्हें अंशतः सक्षम कोशिका कहा जाता है

# भीतरी कोशिकाएं कई बार विभाजित और विभेदित होकर विशेष कोशिकाएं बनातीं हैं, जो प्रत्येक ऊतक को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखतीं हैं। इन्हें बहु-सक्षम कोशिकाएं कहते हैं ।

# पार्किसन रोग न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट,मधुमेह, डायस्ट्रोफी,एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमरजैरोग कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है।

# अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। 

मंगलवार, 9 जून 2015

वो भूरी आखो वाला लड़का

वो भूरी आखो वाला लड़का

HIGH SCHOOL  में मेरे सबसे कम अंक ENGLISH  में आये थे और इंटर में सबसे ज्यादा अंग्रेजी में तो इसकी वजह मेरे अंग्रेजी के सर थे जिनके पास मैंने अंग्रेजी की कोचिंग की थी। ये वो दौर था जब मुश्किल  से लोग प्रथम पास होते थे। सारा साल मै कहता रहा कि अंग्रेजी में कोई ५० अंक से ज्यादा लाये  तो वो RECORD तोड़ देगा।
लघु कथाः गिरगिट
जब रिजल्ट आया तो मै सेकंड डिवीज़न पास हुआ पर मेरे अंग्रेजी में ६८ मार्क्स थे और ये सारी क्लास में सबसे ज्यादा था। सच कहु जैसा कि सर ने बताया इतने अंक पिछले कई सालो में नही आये थे। मै इसे अपने सर का आशीर्वाद ,मानता हूँ। मेरे वो आइडियल थे मुझे साहित्य में रूचि  उनसे ही पैदा हुई थी। मौरावां की LIBRARY  में कितनी ही शाम नावेल   गुजरी थी।
अगले साल सर ने  अपनी कोचिंग में इसके लिए मुझे PRIZE  दिया गया। यह के कांच के बॉक्स में  क्रत्रिम फूल थे।  उन दिनों यही GIFT चलते थे। जब मैने गिफ्ट ले कर वापस बेंच में आकर बैठा तभी किसी ने बोला “ बेटा , तुमने बस एक अंक से   मुझे पिछाड़ दिया , वरना ये प्राइज मेरा था। “ ये वो लड़का था जो सारा साल TEST में TOP   करता रहा पर असली एग्जाम में सिर्फ १ अंक से हार गया था। उसकी आँखे भूरी थी। गोरा था। उसकी WRITING बहुत अच्छी थी। हमेशा अपने आप को अच्छा दिखाने की कोसिश करता था। शायद जब वो ११ कक्षा में था   तभी से टूशन पढ़कर खर्च निकला करता था। उन दिनों सब गरीब थे चाहे हम हो  या वो।

इंटर करने के बाद मै दूसरी जगह चला आया और सारे दोस्त खो गए। बस कभी कभार किसी से कुछ पता चल जाता तो अच्छा लगता। मै उसे अक्सर मिस करता वजह शायद उसकी पतिद्वन्दिता थी। ये जानने का मन होता कि वो कहा होगा और क्या करता होगा।
FOR UNSUCCESSFUL PERSON
आप ने मेरी एक पुरानी पोस्ट पढ़ी होगी “आप एक्सेल के बारे में क्या  जानते है” जिसमे मै डेल्ही में एक पुराने दोस्त में मिलता हूँ काफी सालो के बाद। वहीं मुझे कुछ पता चला उस भूरी आँखो वाले साथी के बारे में। जिस दोस्त के पास रुका था वो उस लड़के का बहुत करीबी था उसने मुझे यूँ पूछा कि  तुम्हे वो याद है ? मै बहुत बेकरारी से बताया मै उसे बहुत याद करता हूँ। सच कहु मुझे उसकी बातें बहुत याद आती थी।पर उसके आगे की कहानी जानकर मुझे बहुत गहरा झटका लगा। दिमाग शून्य पड़ गया।

आगे की कहानी जैसा मेरे दोस्त में मुझे बताया

इंटर करने के बाद भूरी आँखो लड़का , KANPUR अपने भाई के पास चला गया। जहाँ वो दोनों भाई टूशन पढ़ा पढ़ा कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए जूझ रहे थे। मेरा सहपाठी पहले से ही बहुत खूबसूरत था पर कानपुर आकर वो और भी ज्यादा निखर गया। कसे मसल , भूरी आँखे , घुंघराले बाल और बहुत बहुत गोरा रंग। मतलब कि उस पर कोई भी लड़की फ़िदा हो सकती थी। जैसा कि दोस्त ने बताया वो अब बदल चूका था अब वो बहुत स्मार्ट लगता था और उन चीजो में पड़ गया जिनमे नही पड़ना चाहिए।

एक रोज DELHI वाले दोस्त , के पास ये भूरी आँखो वाला , एक विवाहित महिला ( उससे करीब १५ साल बड़ी ) को लेकर पहुंच जाता है , इस गुजारिश के साथ कि उससे कुछ रोज रुकने दे। ये क्या हुआ , कैसे हुआ और क्यों हुआ इसके जबाब कभी नही खोजे जा सकते है। बस प्रेम हो जाता है वरना जिस लड़के के पीछे खूबसूरत से खूबसूरत लड़कियां पीछे पड़ी हो वो अपने से उम्रदराज , शायद २ या ३ बच्चो के माँ के साथ प्रेम क्यों करेगा। उसने फसा लिया , फस गया , भगा लाया , भाग आया कुछ भी समझो बस दोस्त दरवाजे पर खड़ा था और मदद करनी ही थी। इस तरह के केस में पोलिस में केस भी दर्ज होता है। उधर उसका पति , उस महिला के बच्चे परेशान रहे होगे। मै बहुत हैरान था यह सब जानकर मुझे यकीन नही हो रहा था। हम दोनों ने कुछ अनुमान भी लगाये।
इलाहाबाद : पूर्व का आक्सफोर्ड वाला शहर
मसलन उस औरत का पति  पत्नी को TIME नही देता रहा होगा। ये शायद उसके बच्चो को पढ़ाता था। जहाँ तक उनके घर पर ही किराये पर रहता था। दुःख दर्द बाटते बाटते करीब आ गयी होगी। LOVE IS BLIND मुझे उसकी कहानी सुनकर महसूस हो रहा था। कोई सामाजिक नियम की परवाह नही , समझ नही आता था कि उन दोनों ने अपने पीछे छोड़े गए संसार की CARE क्यों न की।
जैसा कि अंदेशा था एक रोज पोलिस आयी उन दोनों को वापस कानपुर  ले गयी। वो भूरी आँखो लड़का बहुत जिद्दी और क्रोधी था। शायद किसी ने उसको कोई ताना मारा होगा। उसने फिनायल पी ली। जब उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे HOSPITAL में भर्ती कराया गया। वो डेल्ही वाला लड़का , ENGLISH वाले सर सब लोग उसको अस्पताल  मिले और खूब समझाया। लड़का ठीक हो कर घर आ गया। पर कुछ रोज बाद  फिर उसने फिनॉल पी और इस बार बच न सका।
घटनाओ में कुछ इधर उधर  हो सकता है क्युंकि किसी तीसरे से सुनी है। यह SUICIDE की तीसरी घटना है जिसको मैंने शेयर किया और पहले भी लिखा था कि आत्महत्या करने वालों के साथ उनके राज चले जाते है बाकि सिर्फ अनुमान और कयास लगाये जाते है। मै स्तब्ध इसके बारे में सुनता रहा जब मैंने FEEL किया कि अब वो भूरी आँखो लड़का से कभी मुलाकात न हो पायेगी मुझे बहुत दुःख हुआ।  


एक प्रेरणादायक विचार

© आशीष कुमार    

रविवार, 24 मई 2015

आईएएस २०१५ की नोटिस

आईएएस से जुड़े सभी सवालों के जबाब के लिए उसकी नोटिस से अच्छा कुछ नही।  इस बार की नोटिस नीचे दिए लिंक से पा सकते है। बहुत बार लोग पूछते है कि कब फॉर्म आता है , क्या कोर्स है , एग्जाम कब है, सब्जेक्ट क्या क्या होते है , ये सारे जबाब नीचे दिए गये लिंक पर मिल जायेगे



आईएएस २०१५ की नोटिस

गुरुवार, 21 मई 2015

जयपुर में एक दोपहर

गर्मी के  सीजन में अगर आप का टिकट कन्फर्म है तो बहुत सकून की बात है पर आपकी यात्रा के एक सप्ताह पहले आपका प्लान बदल कर कुछ दिन पहले जाना पड़ जाय तो .....
जाना २९ अप्रैल को था . ट्रेन में वातानुकूलित टिकट कन्फर्म थी पर कुछ वजह ऐसी बनी कि २५ अप्रैल को ही निकलना पडा . लम्बे समय बाद घर जाना हो तो समान भी काफी होता है . प्लेन के टिकट वैसे तो काफी सस्ते हो गये पर उसमे में अंतिम समय में टिकट लेने का मतलब अच्छा खासा खर्च .
इधर गुजरात , राजस्थान , देल्ही में स्लीपर  बसो  का खूब चलन है . रेड बस से टिकट बुक करायी और रात में १० बजे जयपुर जाने वाली एक बस में बैठ गया . सुबह ११ बजे जयपुर में था . यहाँ से शाम 7 बजे बस थी  कानपुर के लिए . इसलिए जयपुर में मेरे पास काफी समय था घूमने के लिए . फेसबुक से काफी मित्र जुड़े है जयपुर के , बहुत लोगो ने जयपुर आने के लिए  बोला भी था पर जब वक्त आया तो मेरे पास किसी का नंबर मौजूद नही . कुछ दिनों से जयपुर के एक  मित्र से बात भी हो रही थी पर मेरी लापरवाही , उनका नंबर सेव नही किया . काफी खोजा पर .......
गर्मी बहुत थी सामान भी काफी था . मै वहां उतरा था जहाँ पोलो विक्ट्री है . पास में एक शाकाहारी भोजनालय था . उस दोपहर मै बहुत स्वादिस्ट खाना खाया . १५० रूपये में अच्छा खासा खाना था . काफी दिनों बाद दाल मखानी  खायी बहुत लजीज थी .
अब कहाँ जाऊ , हवामहल के लिए बस जा रही थी पर गर्मी में हिम्मत न हुई . पास में पता किया कोई सिनेमाघर हो तो फिल्म ही देख लू . किसी ने राज मंदिर का नाम लिया तो मुझे कुछ याद आ गया , मैंने बचपन में इसके बारे में कुछ पढ़ा था शायद यह भारत का सबसे खुबसुरत सिनेमाघर है .
वहां भी नही गया क्युकि पता चला कि पोलो विक्ट्री , जहाँ मै था वो खुद एक सिनेमाघर था . सिंगल स्क्रीन में बहुत दिन बाद पिक्चर देखने जा रहा था . इस सप्ताह  बहुत बकवास फिल्म रिलीज हुई  थी . फिल्म लगी थी इश्क के परिंदे   . उसका पोस्टर देख लगा राजस्थानी फिल्म है  .
फिल्म की टिकट २. ३० बजे मिलनी  थी पर अभी १ ही बजा था . उपर कोई भी नही था . इतना सन्नाटा ..... एक चेयर खाली पड़ी थी . थिएटर शायद उपर था . मै नीचे ही हाल में अकेला बैठा था . रोमिंग में होने की वजह से किसी से फ़ोन पर बात करके भी  टाइम  नही काटा जा सकता था . व्हाट एप तो चल रहा था पर वहा भी कोई नही था ..जब मै किसी को वक्त नही देता तो भला मेरी बोरियत को कौन मिटाए . पर मुझे चरित्र मिल ही जाते है . कुछ लोग धीरे धीरे आने लगे थे . तभी मैंने कुछ सुना साला आज १५ , २० साल बाद फिल्म देखने आया हूँ .”  मै समझ गया आ गया कोई आस पास है जो अपने मतलब का है . पास में ही दो लोग खड़े थे . एक कसे बदन का ३५ – ३६ साल का इन्सान था . मैंने भी बात करने की गरज से पूछा “ऐसा क्या हुआ जो अपने  इतने सालो से पिक्चर नही देखी . बस उस बातूनी आदमी को छेड़ने ने की जरूरत थी वो शुरू हो गया और तब तक शुरू रहा जब तक हम सिनेमाघर के अंदर नही गये .
वो पहले CISF में जॉब करता था . फिर जॉब छोड़ थी . अब कोई कोचिंग चला रहा था और ठेकेदारी शुरु करने वाला था .  आज मुझे माफ़ करना वजह उस इन्सान के व्यक्तित्व को दिखाने के लिए मुझे कुछ सीमाये तोडनी पड़ेगी .
सिनेमाघर में शा  4 -5   जोड़े भी फिल्म देखने आये थे . उसमे हैरानी की बात बस इतनी थी कि महिलाये शादीशुदा थी और उनके साथ जो लड़के थे वो बहुत कम उमर के  थे . यह दूर से ही समझा जा सकता था कि वो सब पति पत्नी नही थे .  बातूनी आदमी इस बात को बहुत नोटिस कर रहा था . वो सारा ज्ञान दिखाने लगा . उसने बताया कि अमुक शहर में इससे ज्यादा ऐसा चलन है ... फिर उसने कुछ और ज्ञान बताया जैसे केरल की महिलाये का चेहरा अच्छा होता है पर रंग काला और जम्मू – कश्मीर की तरफ  रंग साफ होता है पर चेहरा लोटे की तरह होता है पूर्व में तो परी जैसी लड़कियाँ  रहती है ..बस कयामत ..मुझे उसके सारे शब्द नही याद आ रहे थे पर उसका ये ज्ञान मुझे बहुत मजेदार लग रहा था . वो इस जगहों पर जॉब कर चूका था . उसने बोला उधर असम में जहाँ परी जैसी लडकियाँ रहती है वहां कोई चक्कर नही शुरु कर सकते वरना तुमको उनसे जबरदस्ती शादी करनी पड़ेगी और यह मत सोचना कि शादी के बाद उनको  तुम अपने घर ले आओगे . मैंने पूछा की अपने यहाँ का भी कुछ बता दीजिये तो बातूनी आदमी में तुरंत बोला अपने यहाँ सब मिक्स है . बातूनी आदमी अपने पुरे रंग में था . इतना रोचक बाते कि मेरे आस पास करीब ५ -६ लोग घेरा बना कर खड़े बात सुनने लगे .  अब सारी  बाते बताने लायक नही है .
जब टाइम हो गया तो हम सभी सीढियों पर चढ़ कर उपर गये . उपर जो गैलरी थे वो बहुत ही भव्य थी . अपने जवानी के  दिनों में यह सिनेमाघर भी क्या लगता रहा होगा . न जाने कितनी ही प्रेम कथाये इसमें पनपी होंगी . चोरी चोरी कितने ही इश्क के परिंदे इस खुबसूरत सिनेमाघर में प्रेम के दाने चुगे होंगे .
 उपर भी बातूनी आदमी शुरु था . जहाँ वो कपल थे उनके पास जाता और जोर जोर से कुछ सुनाता . ऐसा लग रहा था कि वो जो चोरी से फिल्म देखने आये थे उनको और नर्वस करना उसको बड़ा आनंद दे रहा था। मुझे अक्षय कुमार पर फिल्माया वो गाना  याद आ गया “ लड़की देखी मुँह से सिटी बजी हाथ से ताली
Ladki dekhi munh se seeti baje haath se taali - 2

Saala aila usma aiga pori aali aali.......

Chaahe Ghadwaal ki ho, ya Nainitaal ki ho

Chaahe Punjab ki ho ya phir Bangaal ki ho

Lovely haseen koi bheed se dhoondenge - 2
Not permanent, temporary dhoondenge re “


. अन्दर जा कर मुझे कुछ और भी पता चला . अंदर जो बातूनी टाइप, सिटी बजाने वाले आदमी थे उनको हाल के एक तरह बैठाया गया और जो कपल थे उनको दूसरी तरफ  सबसे पीछे . शायद हाल वाले कपल की भावनाए समझते थे .
पोस्ट काफी लम्बी हो चुकी है इसलिए इसे यही से खत्म समझ सकते है बाकि मेरी स्टाइल तो पता ही है ....मेरी कहानियाँ कभी पूरी नही होती .....

© आशीष कुमार ( पिछले दिनों मेरी पोस्ट चुरा कर किसी ने अपनी बता कर पोस्ट की है ...कृपया ऐसा न करे . आप जैसे कुछ लोगो की वजह से लिखने का मन नही होता है ....काफी दिनों बाद कुछ लिखा है .....आशा है पसंद आयेगा  )


1935


बुधवार, 13 मई 2015

आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक

टॉपिक ७० :  आईएएस प्री  के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक



अब जब यह निश्चित किया जा चूका है कि द्वितीय पेपर में सिर्फ पासिंग मार्क लाने है तब पहले पेपर पर सारा जोर देना होगा।  कल जो pib पर खबर थी उसके अनुसार , अब दूसरे पेपर में चाहे १९० अंक लाओ या सिर्फ ६७ कोई फर्क नही पड़ेगा। पहले पेपर के आधार पर ही मैन्स देने के लिए मौका दिया जायेगा।  
यह निश्चित है एक महत्वपूर्ण फैसला है। आप सभी ने एक कोचिंग का खूब प्रचार देखा होगा जिसमे वो दावा करते है कि आप दूसरे पेपर में १९० + अंक ला सकते है। पिछले कुछ वर्षो में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की दुर्गति में यही सबसे बड़ा कारक माना जा सकता है।  अब चीजे संतुलित हो गयी है। मुझे कुछ लोगो ने कल ही पहले पेपर के लिए कुछ टिप्स मागे थे। आज मैंने सुबह कुछ होमवर्क किया है शायद आप के कुछ काम आये। 
मैंने पिछले कुछ सालो  पेपर से वो टॉपिक / विषय /बिंदु लिए है जिनसे प्रश्न पूछे गए है। इनके बारे में डिटेल में जानकारी जुटाना आप पर है। एक मित्र मुझसे टॉपिक लेने के रिक्वेस्ट करते रहते है , अगर वो इन पर कुछ नोट्स बना कर भेजते है तो आपको शेयर कर दूंगा। आप में भी अगर कोई उत्साही है जो इन पर नोट्स बना सकता है या कुछ पॉइंट वाइज लिख सकता है तो प्लीज शेयर करिये। आप का काम बहुत से लोगो के काफी फायदे का होगा।  
  1. यूरोपीय आर्थिक समुदाय 
  2. न्यूनतम मजदूरी एक्ट १९४८ 
  3. इ अवशेष 
  4. मुद्रास्फीति 
  5. मिड डे मील योजना १९९५ 
  6. CASA १००० 
  7. क्योटो प्रोटोकाल 
  8. लीड बैंक योजना 
  9. मार्ले -मिंटो सुधार १९०९ 
  10. मांटेंगु चेम्सफोर्ड एक्ट १९१९ 
  11. भारत सरकार एक्ट १९३५ 
  12. भारतीय स्वतंत्रता एक्ट १९४७ 
  13. जैव मंडलीय आरक्षित क्षेत्र 
  14. राष्टीय उद्यान 
  15. आद्र्र भूमि 
  16. वन्य जीव आभरणय 
  17. मिलेनियम इकोसिस्टम अस्सेस्मेंट 
  18. pesa १९९६ 
  19. स्थगन प्रस्ताव 
  20. राष्टीय जैव विविधिता प्राधिकरण 
  21. राष्टीय हरित न्याधिराकरण  
  22. राष्टीय जल मिशन 
  23.  ग्राफीन
  24. स्टेम कोशिका 
  25. क्लोरो फ्लोरो कार्बन 
  26. नागर , बेसर , द्रविण शैली 
  27.  आशा
  28. नेशनल सोशल कांफ्रेंस 
  29. मल्टी डिमेंसिअल पावर्टी इंडेक्स  
  30.  सी बकथॉर्न
  31. जननी सुरक्षा योजना 
  32. परसीमन आयोग 
  33. जिला ग्रामीण विकाश अधिकरण 
  34. रोलेट एक्ट 
  35. क्रिप्स मिशन 
  36. यूरोपीय कोंसिल और यूरोपीय कमीशन 
  37. वायदा बाजार आयोग 
  38. राष्टीय निवेश निधि 
  39. सिमित देयता साझेदारी फर्म 
  40. बैंकिंग लोकपाल 
  41. स्वाधार और स्वंयसिद्धा 
शेष टॉपिक जल्द ही। आईएएस प्री २०१५ के लिए  सभी को शुभकामनाये 

एक रोचक वाकया


शुक्रवार, 8 मई 2015

IF YOU ARE GOING TO APPEAR IN CIVIL SERVICE EXAM (PRE) 2015

टॉपिक : ६९

यदि आप इस बार  आईएएस के प्रीएग्जाम में बैठने जा रहे है तो आपके लिए कुछ जरूरी सलाह 

१. सबसे पहले पुराने /पिछले सालो के पेपर देखे।  उनसे समझे किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है।  
२.  बहुत से लोगो को लगता है कि  किसी एक पेपर में अच्छा स्कोर करके वह एग्जाम क्लियर कर लेंगे। वास्तव में यह एक भ्रम है।  आपको दोनों ही पेपर में अच्छा स्कोर करना होगा 
३. दूसरे पेपर में कम प्रश्न है और अंक ज्यादा। इसमें आप को बहुत सतर्कता से बढ़ना होगा। कोई भी प्रश्न अगर गलत हुआ तो आपका नुकसान भी ज्यादा होगा। 
४. दूसरे पेपर के लिए अपने स्तर पर , अपनी कमजोरियों को ध्यान में रख कर रणनीति बनाये 
५. पहले पेपर में हर साल विविधता होती है।  पिछले साल बहुत ही रटने वाले प्रश्न आ गए थे। इस पेपर के लिए बहुत ठोस तैयारी करे। बहुत सारी  किताबो के साथ लुसेंट भी रटने के प्रयास  करे ( नेशनल हाईवे वाला प्रश्न याद है न पिछले साल जो पूछा गया था ? ) 
६. परीक्षा हाल  में बहुत सारी  समस्याओं में एक है भरम होना। लोग अक्सर जल्दबाजी में गलत विकल्प चुन लेते है और कुछ लोग जल्दी में गलत गोला भी रंग देते है। इनसे बचने के लिए जरूरी है बहुत सारा अभ्यास और ढेर सारी मेहनत। 
७. जितनी ज्यादा तैयारी , उतना ज्यादा आत्मविश्वास। 
८. भले अभी काफी समय लग रहा हो पर अगस्त के लिए ज्यादा समय नही बचा नही है।  इसलिए अब एक एक पल प्री  के लिए समर्पित हो। ( खास तौर पर वो लोग जो मैन्स की तैयारी कर के बैठे है पर दुर्भाग्य से प्री नही निकल पाता है। ) 
९.  सीसैट में मैथ को लेकर बहुत से लोग परेसान रहते है। आप उससे डरे नही। मुश्किल से ५० टाइप के प्रश्न मैथ के पूछे गए होंगे। आप पिछले सालो के प्रश्न हल कर डाले। उनमे स्पीड पा  ले। आप का काफी काम हो जायेगा।  
१०. अंतिम और सबसे जरूरी सलाह :- अति आत्मविश्वास से बहुत बचे।  न जाने कितने ही स्मार्ट लोग जो पहली ही बार में सिलेक्शन लेने का दावा कर रहे थे प्री में बाहर हो गए। इसलिए कभी भी अपनी तैयारी  पूरी न माने। ज्यादा दावे करने से बचे। शांत रहे। चुपचाप लगे रहे और दुनिया को दिखा दे। 


हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा





















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