BOOKS

रविवार, 20 सितंबर 2015

सरस्वती पत्रिका

सरस्वती पत्रिका 
  • सन १९०० में नागरी प्रचारणी सभा , काशी की सहायता से प्रकाशन 
  • संपादक - श्याम सुंदर दास , किशोरी लाल गोस्वामी , कार्तिक प्रसाद खत्री 
  • AIM - HINDI भाषा का परिमार्जन 
  • १९०३ से इसका सम्पादन - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी  
  • इस पत्रिका में विविध विषयो यथा जीवन चरित् , प्रकति , यात्रा वर्णन , फोटोग्राफी , विज्ञानं के बारे में भी लेख लिखने को प्रोत्साहन दिया गया।  
  • दिवेदी जी ब्रज भाषा के बजाय खड़ी बोली पर गद्य और पद्य में लिखने पर जोर दिया।  
  • भाषा का परिष्कार तथा मानकता पर जोर दिया। 
  • हिंदी की शब्दावली निर्माण पर जोर दिया। 
  • अरबी , फ़ारसी , उर्दू के प्रचलित शब्दों को HINDI LITERATURE  में शामिल करने से कोई संकोच नही किया।  
  • भारतेंदु युग में जिन नई विधाओ की हिंदी साहित्य में शुरुआत हो चुकी थी उन्हें इस काल  में " सरस्वती " के माध्यम से विकास के नई भूमि मिली।  
  • पण्डिताऊपन तथा गँवारूपन से खड़ी बोली को मुक्त कर इसे MORDERN संवेदना को व्यक्त करने सक्षम बनाया।  
  • बैगर कोचिंग कैसे सफलता पाये ?

मंगलवार, 15 सितंबर 2015

भारतेंदु युग की 'नए चाल की हिंदी'


भारतेंदु युग की 'नए चाल की हिंदी'


भारतेंदु युग को संभवत आधुनिक युग का प्रवेश द्वार भी कह सकते है,यह एक तरह से प्राचीन तथा नवीन का संधि काल था। भारतेंदु ने अपने समय की परिस्थितयों का यथार्थ चित्रण किया है।यहाँ साहित्य की भाषा, शिल्प,प्रवृतियां तथा चिंतन में वृहद बदलाव देखने को मिला।1873 में भारतेंदु जी ने कहा था की 'हिंदी नई चाल से चली है'।


1. हिंदी में खड़ी बोली का प्रयोग- मध्यकालीन युग में साहित्य की भाषा के रूप में अवधी, बृज भाषा तथा मैथिलि का प्रयोग होता था वहीं आधुनिक साहित्य या भारतेंदु युग में खड़ी बोली साहित्य में समाती गई।केवल गद्द में ही नही पद्द में भी खड़ी बोली का विकास प्रारम्भ हो गया।उनके कहने का अर्थ था की हिंदी साहित्य का स्वरूप अब निरंतर परिवर्तन की ओर बढ़ चला है।

2. जहाँ मध्यकालीन साहित्य का विषय प्रकृति, राजा, भगवान या अलौकिक संसार था वही भारतेंदु युग में साहित्य के केंद्र में मानव तथा मानवता रहा बाकि विषय मानो हाशिये पर चले गए थे।
जैसे भारतेंदु मंडल के कवि आयोद्धा सिंह द्वारा 'प्रिय प्रवास' खड़ी बोली का FIRST महाकाव्य माना जाता है। भारतेंदु की पत्रिका कवि वाचन खड़ी बोली में नवीन चेतना के प्रसार का कार्य कर रही थी।

3.NEW विषय राष्ट्रीयता की भावना तथा देशभक्ति साहित्य रचनाओं के CENTER  रहे।

 
4. हिंदी का USE साहित्य में सामाजिक कुरीतयों तथा उपनिवेशिक शासन के विरुद्ध योद्धा के रूप में किया जा रहा था।

5.. हिंदी में अब ज्ञान -विज्ञान का प्रसार बढ़ा था।
 6. साहित्य का समाजीकरण हो रहा था तथा समाज चेतना का विस्तार हो रहा था। जैसे भारतेंदु का नाटक-नील देवी, भारत दुर्दशा 7.नारी उत्थान तथा दलित जीवन आदि भी इस समय साहित्य के केंद्र में थे।
आईएएस के लिए सही कोचिंग का चुनाव कैसे करे ?
 
इस तरह खड़ी बोली तथा परिवर्तित विधाएँ तथा चेतनाएं आधुनिकता के साथ साथ भारतीय साहित्य में में प्रवेश कर गयी।हिंदी में आ रहे इन्ही परिवर्तनों के आधार पर भारतेंदु जी हिंदी के विकास को 'हिंदी की नई चाल' के नाम से उद्घाटित करते हैं।

fort william college/ फोर्ट विलियम कॉलेज

फोर्ट विलियम कॉलेज 

  • १८०० में लार्ड वेलेजली द्वारा स्थापित 
  • अंग्रेजो को INDIAN LANGUAGE  के ज्ञान पाने में सहायता हेतु 
  • प्रशासन , कानून , तथा खड़ी बोली के बारे में शिक्षा दी जाती थी। 
  • कर्मचारियों की नैतिक दशा सुधारना , देश की भाषा , रीति -रिवाज से परिचित करना , उन्हें ADMINISTRATION में कुशल बनाना इसका AIM  था 
  • कंपनी  भाषा नीति जोकि  फ़ारसी पर आधारित थी , अब हिंदी को IMPORTANCE देने लगी थी। 
  • १८२५ में विलियम प्राइस ( हिंदी विभाग के प्रमुख ) ने पहली बार हिंदी भाषा  को हिंदुस्तानी से अलग एक प्रमुख भाषा के तौर पर स्वीकारा।  
  • १८२६ में इससे जुड़े प. गंगा प्रसाद शुक्ल ने हिंदी भाषा का एक शब्दकोष तैयार किया।  
  • १८०७ में बाइबिल का हिंदी अनुवाद प्रकाशित हुआ।  
  • १९५४ में डलहौजी के समय इसे CLOSE कर दिया गया। 
  • उल्लेखनीय है कि हिंदी के प्रारंभिक विकास में , इस कॉलेज ने महती भूमिका निभाई।  
  • एकांतवास का महत्व 

रविवार, 13 सितंबर 2015

some ethical terms

वस्तुनिष्टता : किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से परे जा कर निर्णय / चयन करना ही वस्तुनिष्टता है .
यथा : एक महिला पुलिस अधिकारी , किसी पुरुष अपराधी को अगर मात्र उसके पुरुष होने से ज्यादा कड़ा रुख अपनाती है क्युकि उसे पहले से लगता है कि पुरुष अपराधी स्वभाव के होते है तो यहाँ पर महिला की वस्तुनिष्टता के बजाय आत्म्निष्टिता हावी है जोकि प्रशासन में स्वीकार्य नही है .
सत्यनिष्ठा : किसी भी परिस्थिति में अपने नैतिक निर्णय पर टिके रहना . किसी तरह के दवाब में निर्णय न बदलना .
यथा : अगर आप सत्यनिष्ट व्यक्ति है तो आप उस समय में जब आपको कोई देख नही रहा है तब भी आप किसी तरह के गलत कार्य नही करते है .
शिष्टाचार : वे मूल्य जो हमे अच्छे और बुरे में , सही व गलत में फर्क करना सिखाते है . यह व्यक्ति सापेक्ष होते है .
यथा : ईमानदारी ,
नैतिक दुविधा : एक ऐसी परिस्थिति जिसमे दो विकल्प में एक को अपने बनाये नैतिक आधार पर चुनना हो . किसी को भी चुनने पर दुसरे विकल्प से उत्पन्न दुविधा .
यथा : एक भूखे व्यक्ति द्वारा किसी दुकान से खाने के लिए चोरी करने के अपराध पर निर्णय देना . हमे पता है कि उसने चोरी करके के अपराध किया है पर क्या पता उसकी क्या मजबूरी रही हो . इस तरह के केस में सजा सुनते वक्त कोई भी नैतिक व्यक्ति दुविधा में पड़ जायेगा .
मूल्य : ऐसे गुणों का समुच्य है जिन्हें हम जन्म से , परिवार से , समाज से अर्जित करते है यह एक प्रकार से हमारी मान्यताओ को दिखलाते है . यह सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों तरह के हो सकते है . वास्तव में यह व्यक्ति सापेक्ष होते है .
यथा : नाजी सेना द्वारा यहूदीयों का जनसंहार किया जाना उनके मूल्यों से चलते उन्हें अनैतिक नही लगता था . उस सेना के मूल्य ही ऐसे थे जिसके चलते वह ऐसे कृत्य करते थे .

गुरुवार, 10 सितंबर 2015

Payment Bank


भुगतान बैंक भुगतान बैंक में बैंकिंग प्रणाली की सभी विशेषतायें नही होती।एक अधिकृत भुगतान बैंक केवल जमाये स्वीकार( केवल चालू खाता तथा बचत खाता)करता है तथा पैसे भेजने में मदद करता है। ये कभी भी उधार की सुविधा प्रदान नही करता है।इन बैंको की स्थापना भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए की गई है । इसका प्रमुख लक्ष्य स्थानांतरित श्रमिक तथा असंगठित समूह के कर्मचारियों छोटे व्यापारी तथा निम्न आय वाले लोग हैं। नचिकेत मोर कमेटी की अनुसंशाओं पर भुगतान बैंको की स्थापना का निर्णय लिया गया। नियम- 1.न्यूनतम पूंजी -100 करोड़ रुपए 2.प्रथम 5 वर्षों के लिए प्रवर्तकों का हिस्सा कम से कम 40% हो,10 वर्षो तक 30%तथा 12 वर्षों तक 26%हो 3.निजी बैंको पर लागू विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से सम्बंधित नियम समान रूप से लागू 4.वोट के अधिकार का प्रयोग से सम्बंधित नियम आर बी आई द्वारा नियमित किये जाते है। 5. 5% से अधिक के किसी भी अधिग्रहण में आर बी आई की अनुमति अनिवार्य 6.डायरेक्टर की नियुक्ति आर बी आई के दिशा निर्देश के अनुसार की जायेगी। 7.ये बिल स्वीकार कर सकता है। 8. ये गैर बैंकिंग गतिविधियों के लिए सहायक कंपनी नही रख सकते। 9. भुगतान बैंकक ग्राहक से 1 लाख से अधिक जमा स्वीकार नही कर सकते। 10.इन्हें 'भुगतान बैंक' शब्द का प्रयोग करना अनिवार्य है ताकि ये अन्य बैंको से भिन्न प्रतीत हों। 11. बैंक डेबिट कार्ड जारी कर सकते है लेकिन क्रेडिट कार्ड नही। 12. भुगतान बैंक को सीआरआर तथा एसएलआर को बनाये रखना होता है अन्य सभी बैंको की तरह। 13. भुगतान बैंक किसी व्यापारिक बैंक के सहायक के रूप में हो सकते है

दो शब्द आधी आबादी के नाम

रविवार, 6 सितंबर 2015

My reward : a sweet message from our reader....

 काफी समय पहले , इंटरनेट पर हिंदी से जुडी सामग्री और मार्गदर्शन के आभाव की पूर्ति हेतु मैंने ब्लॉग/पेज  बनाया पर लिखने लगा।  इस दौरान मुझे सैकड़ो मित्रो से बातचीत का अवसर मिला , संवाद हुआ। कभी कभी कुछ अनजान लोग भी , बहुत सुन्दर प्रतिक्रिया देते है तब बहुत अच्छा FEEL होता है।  कल मुझे एक मैसेज मिला। मेरे लघु प्रयास को ऐसे प्रोत्साहन से महती संबल मिलता है। साथ में जुड़ने के लिए सभी को पुनःश्च शुक्रिया।



आदरणीय आशीष सर,

मैं नहीं जानता आप कौन हो ? जब मैनें सर्च इंजिन में 'आईएएस हिंदी' खोजा तो आपका पेज खुल गया ! पेज को स्कीप करने ही वाला था कि मेरी नज़र एक पोस्ट जिसमें इकॉनोमिक्स के 'इम्पोर्टेंट टॉपिक' पर पड़ी ! मैनें उल्लेखित उन सारे अध्यायों की सूची पढ़ी ! पढ़कर खुशी इस बात की हुई की आपका चयन बिल्कुल सटीक है और दु:ख इस बात का कि काश: मैं आपके पेज को पन्द्रह दिन पहले पढ़ लेता तो इस वर्ष की प्रांरभिक परीक्षा का एक प्रश्न जिसके बारे में मैनें कहीं नहीं पढ़ा था "बासल- 3" सही हो जाता (यानी 2.67 अंक का फ़ायदा) !
यहाँ उल्लेखनीय है कि महोदय, मैनें इसी वर्ष स्नातक किया है और महज दो महीने की गभींर तैयारी (स्वाध्याय) से इस साल की सिविल सेवा की प्रांरभिक परीक्षा में प्रविष्ट हुआ और मेरा स्कोर 92 (जीएस पेपर में, कैटेगिरी- ओबीसी) बन रहा है ! मुझे नहीं मालूम प्रा. परीक्षा उतीर्ण कर पाऊँगा कि नहीं पर मेरी यह धारणा पहले से अधिक प्रबल हो गयी है कि "हाँ, मैं कर तो सकता हूँ !"
महोदय, आपका कार्य नि:संदेह बेहतरीन और सराहनीय है ! हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए उपयोगी सामग्री और लक्ष्योन्मुखी मार्गदर्शन का आज भी अभाव है ऐसे समय में आपका कार्य और भी श्रेयस्कर हो जाता है ! जिस तरीके से आप लिखते हो, साहित्यिक पृष्ठभूमि झलक रही है ! हाँ, इतनी गंभीर मानवीय संवेदनाएं, परिपक्व अनुभव, चयनात्मकता और विश्लेषित मार्गदर्शन साहित्य ही दे सकता है ! महोदय, मैं साहित्य से तो नहीं हूँ पर सिविल सेवा के मुख्य परीक्षा के लिए मेरा यही विषय है ! बहुत लगाव है हिंदी रग-रग में बसती है ! सिविल सेवा एकमात्र लक्ष्य है, सामर्थ्य भी है (बोर्ड परीक्षा में राजस्थान टॉपर रह चूका हूँ) और जूनून भी है मगर पारिवारिक और आर्थिक परिस्थितियां बहुत विपरित है ! मेरे माता-पिता नरेगा में दिहाड़ी-मजदूरी कर परिवार चलाते है ऐसे में बहुत बार किताबें खरीद पाना भी मुश्किल हो जाता है !
खैर, सफ़लता कोंचिग फ़ैक्टियों और भारी भरकम स्टडी मैटेरियल की भी मोहताज़ नही होती, सीमित संसाधनों में भी अक्सर अवसर तलाश लिए जाते है ! मौलिक बुद्धि और आंतरिक ऊर्ज़ा का दोहन अत्यावश्यक है ! "जब निकल पड़ा है प्यासा तो ये ज़रूरी नहीं है कि हर जगह शुष़्क जमीं ही आए, दरिया भी ज़रूर आयेगा !" महोदय, आपसे विनम्र प्रार्थना रहेगी कि आप हमारा सतत् मार्गदर्शन करते रहें और जामवंत की भूमिका निभाते रहे ! अाख़िर में आपके नि:स्वार्थ कार्य और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद और एक बड़ा सारा सलाम ! - विकास कुमार लम्बोरिया गाँव- खरसण्डी, त. नोहर, जिला- हनुमानगढ़ (राज.)

गुरु की कहानी

Act East Policy

उत्तरपूर्वी भारत में बढ़ता स्थायित्व या
भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी

पूर्वी क्षेत्र में बॉर्डर समस्याओं का हल करने में पिछले कुछ दिनों में भारतीय सरकार काफी हद तक सफल हुई है ,ये भारत की  ACT EAST POLICY के तहद भी देखा जा सकता है की पूर्वी क्षेत्र अब स्थायित्व की और बढ़ रहा है।

सरकार द्वारा किये गए अहम प्रयास

1. बांग्लादेश- 

वास्तव में सदियों पहले कूचबिहारके राजा और रंगपुर के महाराजा जब शतरंज की बिसातें चलते थे तो दांव पर लगते थे - गांव। दोनों रियासतों के सैकड़ों गांव एक दूसरे की रियासत में मौजूद थे। फिर मुगलकाल में इन गांवों की सीमा को लेकर विवाद बना रहा। ऐसे 1713 विवादित क्षेत्र बने रहे। भारत (और पाकिस्तान) की स्वतंत्रता के बाद बंटवारा तो हुआ पर पूर्वी पाकिस्तान के कई इलाके भारत में और भारत के कई इलाके पूर्वी पाकिस्तान में बने रहे। यहीं से 'छिटमहल' या ENCLAVE  की समस्या शुरू हुई

बांग्लादेश के साथ हुए LAND BOUNDARY AGREEMENT  के प्रभाव-
1. अवैध आवाजाही तथा अवैध व्यापार पर रोक लगेगी
2. इससे शरणार्थियों का मुद्दा हल होगा तथा दोनों देशों के लोगो में आत्मविश्वास बढेगा।
साथ ही भारत का भी अन्य देशो के साथ सीमा संबधित मुद्दों को हल करने में CONFIDENCE  बढेगा तथा ये उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होगा।
3. ये परिवहन की समस्या का भी हल करने में  HELPFUL होगा। इससे उत्तर पूर्वी भारत में RAIL ,समुद्री तथा सड़क यात्रा कम खर्चीली तथा कम समय की होगी
उदाहरण के लिए हल्दिया से चिटगॉन्ग पोर्ट तक की यात्रा चिकन नैक से सड़क यात्रा के बजाए काफी किफायती होगी।
WILL POWER
2. भूटान-बांग्लादेश-भारत-नेपाल कनेक्टिविटी एग्रीमेंट
         जून में हुए बैठक के अनुसार इस क्षेत्र में यात्रियों तथा माल की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क मार्ग को दुरुस्त किया जायेगा जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी तथा सद् भावना का विकास होगा।

3. नागालैंड शांति समझौता

नागालैंड का शांति समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ भारत अपने रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। उधर का रास्ता पूर्वोत्तर से होकर गुजरता है, जो देश का सबसे संवेदनशील इलाका है।
नेशनल सोशल काऊंसिल ऑफ नागालैंड(NSCN- IM) और सरकार के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. माना जाता है कि इस अहम शांति समझौते के बाद नार्थ ईस्ट में हालात को काबू करने में सरकार को काफी हद तक सफलता मिलेगी. एनएससीएन (आईएम) नेता टी. मुइवा ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हम एक दूसरे को समझने, नये संबंध बनाने के लिए नजदीक आये हैं।

4. त्रिपुरा से AFSPA का हटाना

काफी लंबे समय से चले सिविल सोसाइटी तथा सरकार के मध्य इस संघर्ष में सिविल सोसाइटी की विजय हुई तथा इस ACT को हटाने में सफल रहे।

5 भारत से थाईलैंड तक सड़क मार्ग-
ये भी भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पालिसी का ही एक हिस्सा है जिसमे सड़क मार्ग द्वारा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ा जायेगा। जो तीनो ही देशों की ECONOMY के लिए महत्वपूर्ण होगा तथा आपसे सौहार्द भी बढेगा ।

SAVE MONEY EARLIER, ENJOY LIFE IN FUTURE

बुधवार, 2 सितंबर 2015

Interesting story of IRA SINGHAL , IAS TOPPER 2015



पिछले दिनों ERA मैडम अहमदाबाद में एक स्टूडेंट सेमिनार में भाग लेने के लिए आई थी। वहाँ पर बहुत सारे COMPETITIVE STUDENT  के प्रश्नों के जबाब देते हुए एक बहुत ही रोचक बात का पता चला।  वैसे भी मैडम के अपने जितने भी इंटरव्यू सुने , पढ़े या देखे होंगे उससे आपको अंदाजा हो गया होगा। मैडम हमेशा इस बात पर जोर देती रही है कि वह भी एक आम स्टूडेंट की तरह ही तैयारी करती थी। बस इस बार उन्होंने अपनी STRATEGY  में कुछ बदलाव किया और TOPPER बन गयी।  

मैडम ने अपने पिछले एटेम्पट ( २०१४ ) के मुख्य परीक्षा में एक सवाल पर बड़ी रोचक बात बताई। एक पेपर में एक क्वेश्चन IT ACT के बारे में पूछा गया था।  दरअसल IT  का मतलब INFORMATION  TECHNOLOGY  से था।  मैडम ने इस INCOME TAX समझ लिया था और खूब बना बना कर उत्तर लिखती गयी।
HOW TO START PREPARATION, SOME USEFUL TIPS

ऐसा हम लोगो के साथ भी होता है , जब हमे उत्तर पता नही होते हम यूं ही लिखते जाते है अनाप शनाप। और आशा करते है कि हमें कुछ न कुछ अंक तो EXAMINER दे ही देगा। जबकि इस बात का हमेशा ध्यान रखे , आप भारत की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा में भाग ले रहे है।  आप इस तरह से सफल होने की उम्मीद न रखें।  वस्तुतः इस तरह के तुक्के पर आधारित उत्तर , परीक्षक के मन में NEGATIVE IMPACT डालते है।  

अपने सुना या देखा होगा , बहुत बार किसी किसी को किसी किसी पेपर में १० अंक , २० अंक भी मिलते है। उसकी वजह भी ऊपर वाली ही  होती है। आपको कभी भी कोई यह बात स्वीकार करते नही मिलेगा जबकि गलतियाँ सबसे होती है।  

एक और घटना आपको बताता हूँ आप सब ने MRUNAL का नाम जरुर सुना होगा . उनकी वेबसाइट बहुत प्रसिद्ध है . उन्होंने भी अपनी के बड़ी कमी का उल्लेख अपनी एक पोस्ट में किया है . २००९ के मैन्स में उनको  निबंध में २० /२०० अंक मिले . अपनी पोस्ट में उन्होंने इतने कम मार्क्स आने की  वजह भी उन्होंने साफ की . 


आज के लिए इतना ही . आशा है आप सभी की  मैन्स के लिए पढाई अच्छी चल रही होगी . अपनी राय और टिप्पणी से अवगत जरुर करियेगा . 




मंगलवार, 1 सितंबर 2015

ONE RANK ONE PENSION ( POINT WISE NOTES )

एक रैंक एक पेंशन

# अर्थ-
      *   एक रैंक एक पेंशन का मतलब अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के  दो सैनिको को समान पेंशन देना

*  बिना रिटायरमेंट की तिथि पर विचार किये।
फ़िलहाल रिटायर होने वाले को रिटायरमेंट के समय जो नियम है उसी के अनुसार पेंशन मिलती है।
*  मतलब ये हुआ की अगर कोई सैनिक 20-25 साल पहले समान रैंक से रिटायर हुआ है और जो आज रिटायर हुआ है उससे पहले  रिटायर होने वाले की पेंशन काफी कम होगी।

# 1973 के समय तक एक रैंक एक पेंशन के आधार पर ही पेंशन दी जाती थी, जिससे ARMY में पेंशन अन्य सेवाओं से कही अधिक थी।

* इसीलिए आर्मी में कार्यरत लोगो और अन्यसेवाओं में लगे लोगो को  समानता प्रदान करने के लिए 1973 में  इंदिरा गांधी की अध्यक्षता में तीसरे वेतन आयोग ने एक रैंक एक पेंशन की अवधारणा को समाप्त कर दिया।

*1973 के बाद जब भी कोई रिटायर होगा उसे रिटायरमेंट की तिथि को जो नियम कानून होंगे उसके अनुसार ही पेंशन मिलेगी।

* 2009 में फिर से एक रैंक एक पेंशन की अवधारणा को बल मिलने लगा।
* 2010 में 10 सदस्यों वाली संसदीय पैनल का गठन हुआ जिसे कोशियारी समिति ( koshiyari committee )के नाम से भी जानते है। 
* इस समिति ने  19 दिसंबर 2011 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमे एक रैंक एक पेंशन का समर्थन किया।

सैनिको का इसके समर्थन में तर्क है की जहाँ उनको 33 वर्ष की अवधि के बाद रिटायर कर दिया जाता है वही अन्य सेवा में लगे कर्मचारी जैसे सिविल सेवक आदि 55 से 60 साल तक वेतन प्राप्त करते है ।
सैनिको की रिटायरमेंट के बाद की ज़िन्दगी पेंशन के सहारे ही चलानी है।

*ये मुद्दा अभी इसलिए भी अभी बढ़ गया है क्योकि 2014 के लोकसभा चुनावो में इसे लगभग सभी बड़ी पार्टियो ने चुनावी मुद्दे के रूप में प्रयोग किया तक।

* पेंशन का भुगतान की वास्तविक कीमत का पता करना थोडा कठिन है।
सरकार ने जहाँ बजट 2015-16 में पेंशन के लिए 1000 करोड़ का अनुमान रखा है वहीँ इसका वास्तविक अनुमान 9000 करोड़ लगया जा रहा है। इस तरह से ये कहीं न कहीं राजकोषीय प्रबंधन पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा ।

* एक अन्य नकारात्मक प्रभाव यह भी हो सकता है की इस मांग के पूरा होने से अन्य सेवाओं में लगे कर्मचारी भी ऐसी ही मांगे उठाना शुरू कर सकते है।

* सैनिको पर इसका सकारात्मक प्रभाव होगा जो किसी भी देश के सैनिको के लिए बहुत आवश्यक है।

* इससे सैनिको का मनोबल बढेगा ।

 चाणक्य जी ने कहा है-“ जिस देश के सैनिको को अपने अधिकारो के लिए स्वयं लड़ना पड़े इससे बड़ा उस देश का कोई दुर्भाग्य नही हो सकता ।"



UPSC INTERVIEW

ESSAY WRITING TIPS IN HINDI BY IRA SINGHAL , IAS TOPPER 2015

    इरा सिंघल  मैडम ने अपने IRA SINGHL BLOG पर जो टिप्स दिए है उनके आधार पर आपके लिए कुछ पॉइंट मैंने  हिंदी में तैयार किये है।  जैसा कि आप जानते है मैडम ने  ESSAY  में अंक बहुत ही अच्छे (160) रहे है।  उनके टिप्स को आधार बनाकर आपको तैयारी करने पर आपको भी निबंध में  अच्छे अंक मिल सकते है।  


  • टॉपिक के चयन बहुत समझदारी से करे . 
  • टॉपिक वही चुने जिस पर आप कई आयामों में लिख सकते है . 
  • दार्शनिक टाइप के टॉपिक में आपको ज्यादा लिखने के लिए कुछ नही होता है . 
  • इसलिए इस तरह के टॉपिक चुनने से बचे . 
  • निबंध में भाषा का काफी महत्व होता है। 
  • इसलिए किसी तरह के GRAMMER की गलती से बचे।  
  • सरल , सहज , जीवंत , प्रवाहमयी शब्दों के प्रयोग करे।  
  • SUBHEADING का पयोग कर सकते है , जैसा की उन्होंने  GAURAV AGRAWAL BLOG ( २०१४ के टॉपर ) से सीखा था 
  • महत्वपूर्ण बिंदु को अंडरलाइन करे।   
  • जहाँ जरूरत हो चित्र , आरेख बनाये।  

ANSWER WRITING TIPS BY IRA SINGHAL , IAS TOPPER 2015



      इरा सिंघल  मैडम ने अपने IRA SINGHL BLOG पर जो टिप्स दिए है उनके आधार पर आपके लिए कुछ पॉइंट मैंने  हिंदी में तैयार किये है।  जैसा कि आप जानते है मैडम ने मैन्स में अंक बहुत ही अच्छे रहे है।  उनके टिप्स को आधार बनाकर आपको तैयारी करने पर अच्छे अंक मिल सकते है।  



  • अपने उत्तर पॉइंट वाइज लिखे। 
  • अपने वैकल्पिक विषय में भी पॉइंट वाइज लिख सकते है।  
  • महत्वपूर्ण बिंदु को अंडरलाइन करे।  
  • भूमिका और उपसंहार लिखने की जरूरत नही। 
  • रंगीन पेन का उपयोग न करे। 
  • जहाँ जरूरत हो चित्र , आरेख बनाये।  
  • जो उत्तर आप जानते हो वही लिखे।  किसी भी प्रकार के तुक्के से बचे। 
  • गलत उत्तर लिखने से परीक्षक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  
  • शब्द सीमा की चिंता न करे। अगर आप मतलब की बात १०० शब्दों में लिख देते है तो  भी आपको अच्छे अंक मिल सकते है।  

सोमवार, 31 अगस्त 2015

Hindi Literature syllabus for upsc in hindi

हिंदी साहित्य – पहला पेपर – खंड क

टॉपिक १  अपभ्रंश , अवहट्ट और प्रारंभिक हिंदी का व्याकरणिक और अनुप्रयुक्त स्वरूप

टॉपिक २  मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास 

टॉपिक ३  सिद्ध नाथ सहित्य , खुसरो , संत साहित्य , रहीम आदि कवियों और दखनी हिंदी में 
           खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप

टॉपिक ४  १९ शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास

टॉपिक ५  हिंदी भाषा और  नागरी लिपि का मानकीकरण

टॉपिक ६ स्वत्रंता आन्दोलन का दौरान राष्टभाषा के रूप में हिंदी का विकास

टॉपिक ७ भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास

टॉपिक ८. हिंदी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास

टॉपिक ९  हिंदी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबध

टॉपिक १० . नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ  और इसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिंदी का                 स्वरूप 

टॉपिक ११  मानक हिंदी  की व्याकरणिक संरचना

हिंदी साहित्य पहला पेपर खंड ख

टॉपिक १. हिंदी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्व तथा हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की              परम्परा

टॉपिक २ . आदिकाल सिद्ध , नाथ और रासो साहित्य , चंदबरदाई , खुसरो , हेमचंद , विद्यापति

टॉपिक ३  भक्ति काल- संत काव्य धारा , सूफी काव्य धारा , कृष्ण भक्ति धारा , राम भक्ति धारा,             कबीर , जायसी , सुर और तुलसी

टॉपिक ४ . रीतिकाल : रीति काव्य , रीतिबद्ध काव्य , रितियुक्त काव्य , केशव , बिहारी , पद्माकर           और घनानंद

टॉपिक ५ . नवजागरण , गद्य का विकास , भारतेंदु मंडल

५ ब : भारतेंदु , बालकृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र

५ स : आधुनिक हिंदी कविता की मुख्य प्रवत्तियां , छायावाद , प्रगतिवाद , प्रयोगवाद , नई कविता , नवगीत , समकालीन कविता , और जनवादी कविता

५ ड : मैथलीशरण गुप्त , जयशंकर प्रसाद , सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला , महादेवी वर्मा , दिनकर , अज्ञेय , मुक्तिबोध , नागार्जुन

टॉपिक ६ : कथा साहित्य

क – उपन्यास और यथार्थवाद

ख – हिंदी उपन्यासों का उदभव और विकास

ग – प्रमुख उपन्यासकार – प्रेमचंद , जैनेद्र , यशपाल , रेणु और भीष्म साहनी

घ – हिंदी कहानी का उदभव और विकास

च – प्रमुख कहानीकार – प्रेमचंद , प्रसाद , अज्ञेय , मोहन राकेश और कृष्णा सोबती

टॉपिक ७ : नाटक और रंगमच

क – हिंदी नाटक का उदभव और विकास

ख – प्रमुख नाटककार – भारतेंदु , प्रसाद , जगदीश चन्द्र माथुर , राम कुमार वर्मा , मोहन राकेश

ग – हिदी रंगमच का विकास

टॉपिक ८ : आलोचना – उदभव और विकास

          सिधान्तिक , व्यवहारिक , प्रगतिवादी , मनोविश्लेष्णवादी , आलोचना और नई समीक्षा

टॉपिक ८ ख : प्रमुख आलोचक ; रामचंद शुक्ल , हजारी प्रसाद दिवेदी , राम विलास शर्मा , नागेद्र

टॉपिक : ९ हिंदी गद्य की अन्य विधाए – ललित निबंध , रेखाचित्र , संस्मरण , यात्रा व्रतांत

हिंदी साहित्य – दूसरा पेपर – खंड क


टॉपिक ०१ . कबीर – गुरुदेव को अंग , सुमिरन को अंग , विरह को अंग

टॉपिक ०२ : सूरदास – भ्रमर गीत सार सम्पादक रामचंद्र शुक्ल

टॉपिक ०३ : तुलसीदास : रामचरित मानस ( सुन्दर कांड ) , कवितावली ( उत्तरकांड )

टॉपिक ०४:  जायसी : पद्मावत ( सिंघल द्वीप खंड ) नागमती वियोग खंड

टॉपिक ०५ : बिहारी रत्नाकर

टॉपिक ०६ : मैथली शरण गुप्त : भारत भारती ( १९१२ )

टॉपिक ०७ : जयशंकर प्रसाद – कामायनी ( चिंता और श्रधा सर्ग )

टॉपिक ०८ : सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला : राग विराग ( राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुत्ता )

टॉपिक ०९ : दिनकर : कुरुक्षेत्र

टॉपिक १० : अज्ञेय – आंगन के पार द्वार ( असाध्य वीणा)

टॉपिक ११ : मुक्तिबोध – ब्रम्ह राक्षस ( चाँद का मुख टेढ़ा है )

टॉपिक १२ : नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है , अकाल और इसके बाद , हरिजन गाथा


हिंदी साहित्य – दूसरा पेपरखंड ख


1.       भारतेंदु हरिश्चंद – भारत दुर्दशा

2.       मोहन राकेश – अषाढ़ का एक दिन

3.       रामचंद शुक्ल : चिंतामणि ( भाग १ ) , कविता क्या है , श्रधा भक्ति

4.       निबंध निलय – बालकृष्ण भट्ट, प्रेमचंद , गुलाब राय , हजारी प्रसाद दिवेदी , राम 
      विलास शर्मा , अज्ञेय , कुबेर नाथ राय

5.       प्रेमचंद : गोदान , प्रेमचंद की सर्वश्रेद्थ कहानियाँ सम्पादक अम्रत राय

6.       स्कन्दगुप्त – प्रसाद

7.       दिव्या – यशपाल

8.       मैला आंचल – रेणु

9.       एक दुनिया  समानांतर – राजेद्र यादव

10.    महाभोज : मन्नू भंडारी




एक प्रेरणादायक पोस्ट



रविवार, 30 अगस्त 2015

famous stories of premchand in hindi ( FOR UPSC )

मंजूषा : प्रेमचंद की सर्वश्रेस्ठ कहानियाँ ( अम्रतराय द्वारा सम्पादित ) 



  1. कफन 
  2. पूस की रात 
  3. बूढी काकी 
  4. ईदगाह 
  5. गुल्ली डंडा 
  6. बड़े घर की बेटी 
  7. सदगति 
  8. निमंत्रण 
  9. सभ्यता का रहस्य 
  10. अल्गोझ्या 
  11. नया विवाह 
  12. रानी सारंधा 
  13. शतरंज के खिलाडी 
  14. मुफ्त का यश 
  15. दूध का दाम 
  16. गिला  

' कहानी में नाम और सन के सिवा और सब कुछ सत्य है , और इतिहास में नाम और सन   सिवा  कुछ भी सत्य नही  ' 
' हर एक काल्पनिक रचना में मौलिक सत्य मौजूद रहता है। " 

प्रेमचंद ने अपनी कहानीयों  में किसी न किसी मनोवैज्ञानिक रहष्य को खोलने का प्रयास किया।  वह कहानी के माध्यम से सत्य , निस्वार्थ सेवा , न्याय आदि देवत्त्व के जो अंश है वो जगाना चाहते थे।  वह मानते थे कि  सांस्कृतिक विकास  के लिए सरल साहित्य उत्तम कोई साधन नही है। इस लिए उनकी कहानियों में भाषागत सरलता है। सरल शब्द , सरल वाक्य -विन्यास , इसके चलते वह अपने पाठको से सहजता से संवाद कर पाते है। भाषा सरल , सजीव और व्यवहारिक। अंग्रेजी , फ़ारसी तथा उर्दू के प्रचलित शब्दों का प्रयोग। भाषा का सटीक , सार्थक और व्यंजनपूर्ण प्रयोग।

  • अधिकतर कहानियों में निम्न व माध्यम वर्ग का चित्रण
  • विषय और शिल्प की विविधता 
  • किसान , मजदूर , दलित  आदि की समस्याओ का मार्मिक चित्रण 
  • युग प्रवर्तक रचनाकार 
  • पात्र  अक्सर वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर आते है 
  • हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से उठाकर जीवन की अनुभूितियों से जोड़ते है








शनिवार, 29 अगस्त 2015

Most Imporatant books for Hindi Literature ( Optional Subject for ias)

हिंदी साहित्य के जरूरी किताबे
1.       खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरुप – निलेश जैन
2.       आधुनिक साहित्य की pravatiiyn – नामवर सिंह
3.       कबीर –परमानंद श्रीवास्तव
4.       जायसी आकलन के आयाम- सदानंद शाही
5.       निराला रचित राम की शक्तिपूजा भाष्य –डा. सूर्य प्रसाद दीक्षित
6.       जयशंकर प्रसाद – विस्वनाथ प्रसाद तिवारी
7.       हिंदी आलोचना : बीसवी शताब्दी – डा. रेवतीरमण
8.       प्रसाद और श्कंद्गुप्त – डा. रेवतीरमण
9.       त्रिवेणी – आचार्य रामचंद शुक्ल
10.   मोहन राकेश और अषाढ़ का एक दिन – गिरीश रस्तोगी
11.   कबीर के सबद – डा, शुकदेव सिंह
12.   महाभोज मुल्यांकन के परिपेक्ष्य - सदानंद शाही
13.   भ्रमर गीत –सार- आचार्य रामचंद शुक्ल द्वरा सम्पादित
14.    इग्नू के नोट्स
15.    ११ और १२ की NCERT हिंदी साहित्य की किताबे
16.    दृष्टि कोचिंग के नोट्स
17.    क्रोनिकल के साल्व्ड पेपर
18.    आजकल ( मासिक पत्रिका ) 

चार उपन्यास
1.       गोदान – प्रेमचंद
2.       दिव्या – यशपाल
3.       मैला आंचल- रेणु
4.       महाभोज- मन्नू भंडारी

तीन नाटक
1.        भारत दुर्दशा – भारतेंदु हरिश्चंद
2.       स्कंदगुप्त  - जयशंकर प्रसाद
3.       अषाढ़ का एक दिन- मोहन राकेश


  • निबंध निलय- डा. सत्येन्द्र
  • कुरुक्षेत्र – दिनकर
  • भारत भारती – मैथलीशरण गुप्त






गुरुवार, 27 अगस्त 2015

HOW TO PREPARE IAS MAINS

आईएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी  कैसे करे ? 









1.       सबसे पहले माथा पच्ची / दिमाग खपाना  बंद करे . होगा कि नही होगा इस बारे में मत सोचे . अगर मेरी माने तो अगर आपके पहले PAPER में ७० अंक भी आ रहे है तो भी आप तैयारी शुरू करे दे . वैसे लोग १२० अंक तक की मेरिट जाने को कह रहे है . उनकी मत सुनो . आप के जितने भी अंक आ रहे हो बस अब आप MAINS की तैयारी शुरु कर दे .
2.       सभी पेपर का , अपने OPTIONAL SUBJECT का कोर्स देख ले . अच्छा होगा सारे टॉपिक आप नोट कर ले .
3.       इसके बाद आप TOPIC WISE , सामग्री जुटाना शुरू करे .
4.       जब आपको उचित सामगी मिल जाये तब आप उसे गंभीरता से पढ़े , मनन करे .
5.       एक बार जब आप की समझ विकसित हो जाये तब आप लेखन का PRACTICE करे .
6.       आपको अपने OPTINAL PAPER पर बहुत ज्यादा जोर देना चाहिए .
7.     निबंध का काफी बड़ा रोल रहता है अंतिम चयन और अच्छी RANK में . इसलिये इसको IGNORE न करे .
8.       अभी से NOTES बनाना शुरू करे .
9.       अगर सम्भव हो तो अपने SENIOR को अपने ANSWER चेक करवाए .
10.   ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करे .
11.   जब आपकी तैयारी अच्छी लगने लगे तब आप पिछले साल के पेपर के QUESTIONS हल करे .
12.    आप मुझे भी अपने ANSWER मेल या मेसेज कर सकते है .

© आशीष कुमार 

( मै काफी मेहनत कर , अपना कीमती समय निकल कर आप लोगो के लिए , हिंदी माध्यम के लिए पोस्ट लिखता हूँ . कृपया इसे कॉपी पेस्ट कर मेरी मेहनत पर पानी मत फेरे . मुझे काफी लोगो ने बताया है कि मेरी पोस्ट कुछ फेसबुक के ग्रुप , पेज पर अक्सर दुसरे नाम से पोस्ट करते रहते है .  कॉपी पेस्ट करके आप कुछ लोगो को , अपनी झूटी बुधिमत्ता से प्रभावित भले कर ले पर ऐसा करके आप बड़ी संख्या में लोगो को नुकसान कर रहे है . अपने उन सभी सच्चे मित्रो को आभार जो इस पेज पर लगातार लाइक, कमेंट , शेयर के माध्यम से  अपने सुझाव देते रहते है .)

आईएएस मैन्स के लिए कुछ उत्तर

सोमवार, 24 अगस्त 2015

upsc general study paper-2 2015 : some observation

सर्वाधिक तार्किक और युक्तिसंगत
सबसे तर्कसंगत उपनिगमन
सर्वाधिक तार्किक तर्कसंगत  और महत्वपूर्ण सन्देश
सर्वाधिक तार्किक अनुमान
न्यूनतम आवश्यक
सर्वाधिक वैध पूर्वधारणा
निर्णायक अनुमान
सबसे विश्वासप्रद स्पष्टीकरण
सर्वाधिक तार्किक धारणा


आशा है ऊपर के वाक्य पढ़कर आपको याद आ गया होगा। कौन कहता है पेपर २ अब आसान हो गया है। जैसा लग ही रहा था पेपर २ अब भी बहुत से लोगो के लिए चुनौती ही है। सीधी और सरल शब्दों में अगर आपका दिमाग तेज नही है आप सिर्फ मेहनती है तो आपके लिए अब भी pre  बहुत कठिन पड़ेगा। कल के पेपर को देख कर मुझे लगता है अभी भी पेपर २ , बहुत से लोगो के लिए काफी मुश्किल है।










एक दुनिया समानांतर -राजेन्द्र यादव


संपादक - राजेंद्र यादव 

                          एक दुनिया समानांतर,  राजेद्र यादव द्वारा सम्पादित नयी कहनियों का सबसे चर्चित संग्रह है . इसमें एक लम्बी भूमिका लिख कर राजेदं जी ने नयी कहानी के लिए के वैचारिक धरातल दिया .  इसमें आजादी के बाद के नये कलेवर वाले लेखको की कहानियाँ है . हमे सबसे पहले यह जानना होगा कि नयी कहानी से क्या मतलब था . यह कहानिया किन मायने में नयी थी . विषय , भाषा, लेखन शैली , संवाद, संवेदना , यथार्थ, परिवेश , वस्तु शिल्प  के स्तर पर यह कहानी अपने से पूर्व की कहानी से बहुत भिन्न थी . 

आजादी से पूर्व की कहानी विशेष कर प्रेमचंद , प्रसाद , आदि की कहानी में आदर्श वाद , नायक/ नायिका की उपस्थिति होती थी . नयी कहानी में आदर्श को एक तरह रख कर यथार्थवाद को क्रेंद में रख कर कहानी लिखी गयी . आजादी के बाद किस तरह से मध्य वर्ग के सपने टूटते है , रिश्ते मतलब पर आधारित हो जाते है , नयी कहानी के विषय है . 



  1. इस संग्रह की पहली कहानी " जिन्दगी और जोक " अमरकांत के प्रसिद्ध कहानी है . यह कहानी समाज के खोखलेपन का जीवंत दस्तावेज मानी जाती है . समाज के हाशिये पर रहने वाले का किस तरह से शोषण होता है . इस सब के बावजूद रजुवा अपनी  जिन्दगी में जीने के मायने तलाशता रहता है . 
  2. मछलियाँ -उषा प्रियंवदा , कहानी में प्रेम की प्रतिस्पर्धा  दिखाई गयी है . 
  3. मेरा दुश्मन - कृष्ण बलदेव वैद 
  4. बादलों के घेरे -कृष्ण सोबती 
  5. खोई हुई दिशाएं -कमलेश्वर 
  6. गुल की बन्नो - धर्मवीर भारती गुलकी बन्नो में धर्मवीर भारती ने नारी के मन की व्यथा खोलते नजर आते है . पति कितना ही सताये , फिर भी पत्नी के नजर में वो म्ह्त्वपूर्ण बना रहता है .   
  7. परिंदे - निर्मल वर्मा - कई आलोचकों ने इस कहानी से नई कहानी की शुरूआत मानी  है। इस कहानी में नायिका लतिका , अपने अतीत के प्रेम को विस्मृत नही कर पाती है। अतीत की यादों में , अपने वर्तमान को सार्थक समझती है।  
  8. सामान- प्रयाग शुक्ल 
  9. तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफाम -फणीस्वर नाथ रेणु 
  10. चीफ की दावत - भीष्म साहनी 
  11.  यही सच है -  मुन्नू भंडारी यही सच है -( मन्नू भंडारी ) में नायिका अंत तक अपने वास्तविक प्यार को लेकर उलझी रहती है . उसे अपने प्रेमी और अपने मित्र के बीच का भेद समझने में मुश्किल होती है . 
  12. दूध और दवा - मार्कण्डेय 
  13. एक और जिंदगी - मोहन राकेश एक और जिन्दगी -मोहन राकेश  की सबसे महत्वपूर्ण कहानी मानी गयी है . इसका नायक अपनी पहली शादी फिर तलाक , दूसरी शादी में उलज कर रह जाता है . 
  14. विजेता -रघुवीर सहाय 
  15. शबरी - रमेश बक्शी 
  16. टूटना - राजेंद्र यादव टूटना -राजेद्र यादव ने एक पुरुष और स्त्री के अहं के टकराव को दिखाया है . कहानी के अंत में नायक जीत कर भी अपनी हार महसूस करता है . 
  17. सेलर - रामकुमार 
  18. एक नाव  के यात्री - शानी 
  19. नन्हों - शिव प्रसाद सिंह 
  20. बदबू - शेखर जोशी 
  21. प्रेत मुक्ति - शैलेश मटियानी 
  22. भोलाराम का  जीव - हरिशंकर परसाई  
  • स्वत्रंत भारत का मोहभंग तथा निराशा इन कहानी का केद्रीय तत्व है . 
  • भोगा हुआ यथार्थ 
  • कहानी के माध्यम से जीवन , जीवन के माध्यम से कहानी . 


अगर आप हिंदी साहित्य विषय को लेकर upsc की तैयारी कर रहे हैं , तो आप अपने प्रश्न कमेंट में पोस्ट कर सकते हैं , मै उनका जबाब देने की कोशिस करूँगा। 


शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

Part of Indian Constitution in Hindi


भारतीय संविधान के प्रमुख भाग

भाग  1 : संघ और उसका राज्य क्षेत्र
भाग  2 :  नागरिकता
भाग 3: मौलिक अधिकार
भाग 4: नीति निर्देशक तत्व
भाग 5: संघ
भाग 6: राज्य
भाग 7 :  लोप कर दिया गया
भाग 8: संघ राज्य क्षेत्र
भाग 9: पंचायतें
भाग 10: अनुसूचित और जनजाति  क्षेत्र
भाग 11: संघ और राज्य के बीच सम्बन्ध
भाग 12: वित्त , संपत्ति , संविदाएं और वाद
भाग 13: भारत के राज्य के भीतर व्यापार , वाणिज्य और समागम
भाग 14: संघ और राज्य के अधीन सेवाएं
भाग 15: निर्वाचन
भाग 16:  अनु. जाति , जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं आंग्ल भारतीय के सम्बन्ध में विशेष उपबंध
भाग 17: राजभाषा
भाग  18: आपात उपबंध
भाग 19:  प्रकीर्ण
भाग 20: संविधान संशोधन
भाग 21: अस्थायी , सक्रमणशील और विशेष उपबंध
भाग 22: संक्षिप्त नाम , प्रारम्भ , हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन




एक कहानी
















सोमवार, 10 अगस्त 2015

Directive principles of state policy in hindi


                 राज्य के नीति निर्देशक तत्व , किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।  यह संविधान के भाग -४ में ( आर्टिकल ३६-५१ )वर्णित है। आयरलैंड से लिए गए है।


३६ : राज्य की परिभाषा
३७ : इन तत्वों का न्यायालय द्वारा लागू  न होना।
३८  : राज्य लोक कल्याण के लिए नियम बनायेगा जिससे नागरिको को सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक न्याय मिल सकेगा।
३९ : समान न्याय और निशुल्क विधिक सहायता , समान कार्य के लिए समान वेतन
३९ ख : सार्वजानिक धन के स्वामित्व  और नियंत्रण
३९ ग : धन का समान वितरण
४० : ग्राम पंचायतो का गठन
४१ : कुछ दशाओं में काम , शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
४२ : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
४३ : कर्मकारों के मजदूरी तथा कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन
४४ : नागरिकों के लिए एक समान सिविल सहिता
४५ : बालकों  के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
४६ : अनुसूचित जाति , जनजाति और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी  हितों को बढ़ाना
४७ : पोषाहार स्तर , जीवन स्तर को उठाना तथा लोक स्वास्थ का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य।
४८ : कृषि तथा पशुपालन का संगठन
४८ क :  पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन , वन्य जीवों  की रक्षा।
४९ : राष्टीय महत्व के स्मारकों , स्थानों और वस्तुओं  का संरक्षण।
५० : कार्यपालिका और न्यायपालिका का पृथक्करण।
५१ : अंतर्राष्टीय शांति और सुरक्षा को बढ़ाना।    


सी सैट के लिए महत्वपूर्ण पोस्ट


बुधवार, 5 अगस्त 2015

civil service (P) 2015 : what to DO in last 15 days


मित्रो अब जब परीक्षा की घड़ी बहुत ही करीब आ गयी है और आप को लग रहा है कि आप को कुछ भी तैयार नही है।  ऐसा लग रहा होगा कि जो कुछ अपने पढ़ा भूलते जा रहे है। यहाँ पर कुछ आपके लिए टिप्स है जो बहुत ही उपयोगी होंगे।

  1. अब नया कुछ भी न पढ़े। जो कुछ अपने ने अब तक पढ़ा वही Revise  करे।  
  2. पिछले सालो को देखते हुए , आपको करंट ( समसामयिक ) पर ही जोर नही देना चाहिए। 
  3. अब आपको ज्यादातर  पारम्परिक चीजो पर जोर देना चाहिए जैसे  NCERT
  4. अगर आप बहुत देर तक जग कर पढ़ने की आदत डाल  ली है तो उसे बंद करिये वरना अंतिम दिन आपको चाह  कर समय से नींद नही आएगी। 
  5. असफलता के बारे में मत सोचे 
  6. दोहराने के लिए तथा परीक्षा हाल में भरम से बचने के लिए लिख कर याद करना शुरु करिये विशेष कर भूगोल और पॉलिटी में 
  7. अपने खान पान का विशेष ध्यान रखिये वरना बीमार पड़ सकते है।  
  8. अधिक तनाव न ले। Exam में शांत रह कर आप ज्यादा प्रश्न हल कर सकते है। हड़बड़ी से बचे।  
  9. रटने वाली चीजे खासकर Polity  को बार बार पढ़े। 
  10. परीक्षा हाल  में प्रश्न को बहुत ही ध्यान से पढ़े , एक शब्द से प्रश्न के मायने बदल जाते है इसलिए बहुत एकाग्र रहे।  
  11. पेपर २ को भी पढ़े वरना उसमे अटक सकते है।  



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SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...