BOOKS

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

letter


योजना का सामाजिक सशक्तिकरण पर क्रेन्द्रित अगस्त 2018 का रोचक अंक मिला। हमारे समाज के समुचित उत्थान के लिए यह सबसे जरूरी है कि समाज की कमजोर कड़ी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाय। देखा जाय तो महिलाएं , बच्चे , दिव्यांग व बुजुर्ग समाज के सबसे भेद्य कड़ी है। वर्तमान सरकार ने इन वर्गों के समावेशी विकास हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाओं यथा प्रधानमंत्री जन धन योजना , सुगम्य भारत अभियान , प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरुआत की है। इनके जरिये हम समावेशी विकास हासिल कर सकेंगे जोकि सामाजिक सशक्तिकरण की नींव माना जाता है। वस्तुतः तेज विकास के तब तक कोई मायने नहीं है जब तक हम विकास के लाभ को समाज के हाशिये पर खड़े लोगों तक न पहुंचा सकें। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद मोदी जी ने भी हमेशा इसी बात पर जोर दिया है कि सबका साथ , सबका विकास। योजना के इस अंक में समाजिक सशक्तिकरण के लिए जरूरी कई पहलुओं पर रोचक , सारगर्भित जानकारी मिली। तमाम शोधपरक लेखों से सुसज्जित यह अंक संग्रहणीय बन पड़ा है।  

आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तर प्रदेश।  

गुरुवार, 30 अगस्त 2018

Questions and answers

सवाल व जबाब

हम कई मसलों में जबाब देने के योग्य होते हैं और कई बार हमें खुद सवालों से घिरे होते है। दोनों ही मसलों में हमें बहुत मितव्ययिता बरतनी चाहिए । सवालों का अंत नही है और हर किसी से अपने सवालों को नहीं साझा करना चाहिए । उत्त्तर देने में भी हमें संयम बरतना चाहिए । जितने अधिक आप उत्तर देने जाओगे , अपने महत्व को कम करते जाओगे। कई बार , चुप रहना भी सबसे बेहतर जबाब होता है।

-आशीष, उन्नाव

सोमवार, 27 अगस्त 2018

Motivational : Three star of Hindi Medium

हिंदी माध्यम इनका हमेशा ऋणी रहेगा
हिंदी माध्यम से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स से मैं कई सालों से जुड़ा हूँ , जो मैंने सीखा , अनुभव पाया। उसे समय समय पर अपने पेज व ब्लॉग पर लिखता रहा हूँ। सैकड़ो अनजाने लोगों से बात हुयी है। इधर मेरे चयन के बाद , फ़ोन कॉल के लिए तादाद कुछ ज्यादा बढ़ गयी है। पिछले दिनों mrunal .org पर मेरी सफलता की कहानी प्रकाशित होने के बाद भी बड़ी मात्रा में मेल मिले।
आज भी एक फ़ोन पर बात करते करते मैंने एक चीज नोटिस की। पिछले कुछ समय से मैं अपनी बातों के साथ साथ हर किसी से यह चीज जरूर कहने लगा हूँ कि अगर हिंदी माध्यम से हो तो तीन नाम नोट करो - श्री निशांत जैन , आईएएस राजस्थान कैडर , श्री गंगा सिंह राजपुरोहित , आईएएस गुजरात कैडर , श्री राहुल धोटे , आईएएस मध्यप्रदेश कैडर और इनसे जुड़े जितने भी u tube वीडियो मिले देख डालो। बहुत गौर से उन्हें सुनना , उन्होंने बहुत ही ईमानदारी से अपनी बातें रखी है , उनका अनुसरण करिये , सफलता जरूर मिलेगी।
अपने उन्हें सुना होगा पर क्या उन्होंने जो बातें कही है उन्हें नोटिस किया। 2016 तक मेरे 8 प्रयास हो चुके थे , इसके बावजूद अगर मैंने अपने आखिरी यानी 9 प्रयास में बगैर निराशा के पूरी मेहनत से अपने आप को झोका तो इसके पीछे एक बड़ी जरूरी बात थी। श्री गंगा सिंह जी ने अपने दृष्टि वाले वीडियो में एक बड़ी जरूरी बात कही थी कि उन्होंने एक दिन में तीन-तीन टेस्ट लिखे हैं और उनकी अंगुलियों में छाले तक पढ़ गए थे। यह बात मेरे मन में बैठ गयी और मैंने भी gs के 22 टेस्ट और वैकल्पिक विषय के 7 टेस्ट और 5 निबंध लिखे , जिसका असर मेरे मैन्स के अंको में देखा जा सकता है। इसी तरह से निशांत जी से भी कई बातें सीखी जा सकती है - " अपनी लकीर बड़ी करो " " अनेकांतवाद वाली बात " और राहुल धोटे जी की " मैन्स के लिए कीप थ्योरी " . अगर अपने उल्लिखित लोगों के वीडियो देखने के बाद भी इन चीजे से परिचित नहीं है तो एक बार फिर से उन्हें सुने।
हिंदी माध्यम के लिए जितनी भी शिकायतें / समस्याएं हैं या हो सकती है , उनके जबाब /समाधान इन लोगों में अपने समय में बखूबी दिए हैं जो आज भी प्रासंगिक है। टॉपर से बात ही हो यह जरूरी नहीं है , कई बार आस्था भी बहुत काम की चीज होती है। मैंने इन लोगों से सम्पर्क करने का खूब प्रयास किया था पर सफल न हुआ। पिछले दिनों , निशांत जी और गंगा जी से काफी लम्बी लम्बी और बड़ी ही आत्मीय बात हुयी , बहुत अच्छा लगा। सच में इन लोगों ने अपने समय पर ऐसे कमाल किये है जो हिंदी माध्यम को लंबे समय तक प्रेरणा देते रहेंगे।
© आशीष कुमार ,उन्नाव उत्तर प्रदेश.

बुधवार, 22 अगस्त 2018

Vo jo ankho se ek pal n ojhal huye


वो जो आँखो से एक पल न ओझल  हुए , लापता हो गए देखते देखते 

कभी कभी ऐसे गाने बनते है जो बहुत ही सुंदर , कर्णप्रिय होते है। आतिफ असलम ने समय समय पर कुछ बहुत ही बेहतरीन गाने गाये है यथा तेरे लिए (प्रिंस ) . उक्त वर्णित गीत भी कमाल का लग रहा है. शब्द , संगीत ,आवाज और भावनाएं चारों ही कसौटिओं पर खरा है. अपने एक बात शायद नोटिस की हो ,  पिछले कुछ समय के  कुछ अति लोकप्रिय  गीतों वो है जो दशकों पहले नुसरत फतेह अली खान ने गाये थे। बात चाहे "  मेरे रश्के कमर " हो या फिर " नित खैर  मंगा " हो। आतिफ असलम को सुने तो नुसरत साहब की बेहतरीन आवाज में भी सुने - सोचता हूँ कि वो कितने मासूम से थे , क्या से क्या हो गए देखते देखते।  

© आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तर प्रदेश।      

रविवार, 19 अगस्त 2018

Success tips for upsc

अगर आप कोचिंग कर पाने में सक्षम नही हैं तो 2 चीजे जरूर ध्यान रखना
1. किताबें जितनी ज्यादा खरीद सको, खरीदते रहना।
2. जितना ज्यादा पढ़ सकते तो पढ़ते रहना

एक मजेदार तरीके में कहूं तो मैंने अपने वजन के 10 गुना ज्यादा किताबें खरीदी होंगी और उनमें कुछ 4 या 5 बार से ज्यादा पढ़ी गयी होंगी।

-आशीष कुमार

गुरुवार, 9 अगस्त 2018

That day


वो दिन 

आज भी घूम फिर कर बात उसी दिन पर आ टिकी थी।  उन दोंनो के शार्ट  रिलेशन में वो दिन बहुत महत्वपूर्ण था। यूँ तो उन्होंने कोई ब्रेकअप की बात न की थी पर वो धीरे धीरे दूर होते गए। चैटिंग से जो रिश्ता शुरू हुआ था उसका चरम वो दिन था। उस दिन के बाद धीरे धीरे मरता हुआ रिश्ता अब फिर चैटिंग पर भी आ कर रुका था। लगभग 5 साल होने को थे उनके रिलेशन को।  

वो एक सफल इंसान था जो अपनी धुन में मस्त था। दूसरी ओर गीत का कॉलेज का आखिरी साल था। गीत उम्र के उस पड़ाव पर थी जहाँ उसे किसी अपने की बेहद जरूरत थी। उसे खुद नहीं पता कि वो क्यू तनहा सा महसूस करने लगी थी। उन्ही दिनों , गीत ने उसे देखा। हाँ , फेसबुक पर ही। चैटिंग शुरू हुयी , बात आगे बढ़ी। कुछ दिनों में वो घंटो बातें करने लगे। दोनों ने कुछ भी न सोचा , बस बातें करते रहे। उन बातों में बहुत रस था। बेकरारी , बेचैनी , मिलने की घोर तड़प सब कुछ था उस खूबसूरत रिश्ते में। दोनों को अपनी दुनिया बहुत सुंदर दिखती थी।  

उनके रिश्ते को महीना होने वाला था जब वो मिले। वो जुलाई का एक सुहाना दिन था। पिछले दिन बारिश हुयी थी। वो बाइक लेकर , उसका वेट कर था। गीत पहली बार अपने घर से झूठ बोलकर निकली थी। उसे घर से निकलने में जरा देर हो गयी थी वजह उसकी नेलपॉलिश बनने की जगह बिगड़ गयी थी। दरअसल उसने गीत से कहा था कि उसे लड़कियों की पतली अंगुलियों में करीने से लगी नेलपॉलिश बहुत अच्छी लगती है। 

जब वो  मिले तब नेल पोलिश की बात न हुयी। बातें कुछ और ही होती रही। एक मिनट , सच कह रहा हूँ उन्होंने केवल बातें की। ऐसा नहीं कि उन्हें एकांत न मिला , वो एक कम व्यस्त जगह मिल रहे थे। कई मौके थे पर उन्होंने सिर्फ बात की। काफी देर तक वो बाइक पर घूमते रहे। उसने एक हाथ से बाइक को साधा और अपने दूसरे हाथ से गीत के बालों सहलाया। गीत , आगे झुक सी गयी। उसने अपने हैंडबैग को जो दोनों के बीच में था , हटा लिया और उसकी पीठ के सहारे आगे झुक आयी। 

उन्होंने एक कॉफीहॉउस में काफी पी। हाथों में हाथ लेकर तमाम बातें की। दोनों बहुत खुश थे। उसने उसी कॉफीहाउस से एक मग खरीद कर गीत को भेंट के तौर पर दिया। शाम को जब गीत ने उससे विदा ली तो दोनों संसार के सबसे खुश इंसान थे। गीत ने पहले ही उसके लिए एक वालेट खरीद कर रख लिया था। गीत ने अपनी एक तस्वीर , उस वालेट में रखी और चलते समय उसे दे दी। 

बस यही दिन और एकलौता यही दिन , दोनों के जीवन का सबसे खूबसूरत दिन है। सवाल तमाम हैं कि आखिर वो साथ क्यूँ न है ? आखिर क्या हुआ जो दोंनो अलग हो गए। जबाब भला मैं क्या जानू , मेरा काम तो कहानी कहना था जो मैंने कह दी। देखिये शायद गीत और वो आपके आस -पास ही होंगे। हो सकता है वो आपके भीतर ही हों। 

© आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तरप्रदेश।   


















सोमवार, 6 अगस्त 2018

Continuity

निरंतरता

जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए निरंतरता सबसे महत्वपूर्ण होती है। सिविल सेवा में चयन के बाद से काफी खालीपन महसूस कर रहा था वजह क्योंकि अब किसी चीज के लिए पढ़ना न था। कोई लक्ष्य नजर न आ रहा था कि अब किया क्या जाय ?

पिछले दिनों कुछ अच्छे दोस्तों की सलाह , सुझाव के चलते अपने लिए कुछ नया काम तलाश लिया है, मजा आ रहा है क्योंकि फिर से पढ़ाई में व्यस्तता बढ़ रही है। देखा जाय तो सीखने के लिए इतनी चीजे है कि आप पूरे जीवन विद्यार्थी बने रह सकते है ।

©आशीष, उन्नाव

Featured Post

SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...