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मंगलवार, 9 जून 2020

Sikshk Bhrti

शिक्षक भर्ती

यूँ तो अब सिविल सेवा में आखिरी प्रयास व चयन के बाद से अपना प्रतियोगी परीक्षा से इस जन्म में नाता खत्म हो गया। फिर भी गाहे बगाहे कुछ कुछ मिल ही जाता है लिखने को। 

पिछले कुछ दिनों में या सालों में देख रहा हूँ मैं शिक्षक भर्ती। आपको पता है कि मैं भी इस शिक्षक भर्ती में जाल में फंसा था। 2007/08 में बछरावां से बीएड किया और कुछ समय बाद भर्ती आ गयी। 

भर्ती प्रक्रिया कमाल की थी। मेरिट जिलेवार बनी थी। चक्कर लगाने वाले लोग इस जिले से उस जिले कॉउंसलिंग कराया करते थे। अपनी मेरिट इस कदर निम्न थी कि किसी जिले में नाम आना तो दूर कॉउंसलिंग का भी नंबर न लगा।यहाँ तक कि सीतापुर जैसे जिले में जहाँ रिकॉर्ड संख्या में भर्ती होती रही हैं।

मेरिट के बारे में क्या ही बोलूं ? इसका खामियाजा पिता जी भी भुगते थे। उनके समय बीएड के लिए 6 व 12 अंको वाला सिस्टम चलता था। फर्स्ट वाले को 12, सेकंड को 6।

खैर इस पोस्ट को लिखने के पीछे उन लोगों को मोटिवेट करना है जो मेरिट लिस्ट में न आये इसके बावजूद कि वो प्रतिभाशाली हैं। दरअसल इस तरह की चयन प्रकिया तमाम रूप में सबके लिए सटीक न हो सकती है। आप किस सब्जेक्ट (सँस्कृत/इंग्लिश/मैथ) से ग्रेजुएट हैं, किस यूनिवर्सिटी(कानपुर/इलाहाबाद/लखनऊ) से पढ़े बड़ा मायने रखता है। ऐसे में हताश होने की जरूरत नहीं है।

मुझे रिस्तेदारों/मित्रों/पड़ोसियों के इतने ताने मिले कि मजबूरी में सर के बल वाली मेहनत करनी पड़ी.. उसके बाद तो नौकरियों की लाइन लग गयी।
तैयारी इतनी शानदार कि क्या ssc, बैंक, रेलवे , pcs व UPSC हर जगह के एग्जाम निकलने लगे।

अब मेरे साथ ऐसा हुआ है तो आपके साथ भी हो सकता है आखिर मैं भी शिक्षक भर्ती में असफल व्यक्ति रहा हूँ। आप भी शरू हो जाइए। सुना है कोई BEO  का एग्जाम अगस्त में होना है। तो शिक्षक भर्ती के राग/ कोर्ट कचहरी को छोड़िये सीधे शिक्षकों के बॉस बनने का अवसर आपके सामने हैं, सर के बल पढ़ना शुरू करिये..टाइम पास बहुत हुआ..ज्यादा ही जोश हो तो आईएएस का एग्जाम है अक्टूबर में .. प्री के लिए इससे बढ़िया समय कभी न मिलेगा.. करके दिखाए.. आईएएस बनने के लिए मेरिट की जरूरत नही होती है ..समझ गए न ..


© आशीष कुमार, उन्नाव 
(सिविल सेवा परीक्षा 2017 में सफल,
उपजिलाधिकारी(प्रशिक्षु), नई दिल्ली)
09 जून, 2020।

गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

motivational : Rajesh kumar soni SDM in Haryana

#SDM
कभी 2 कुछ बड़ी सुखद खबरें अचानक मिलती है। कल रात में Rajesh Kumar Soni​​ का मैसेज मिला कि उनका हरियाणा सिविल सेवा में sdm पद पर चयन हो गया है। कुछ दिन पहले जब महिपाल ( UP SDM ) वाली पोस्ट लिखी थी तब इस तरह के विचार आये थे कि अभी एक्साइज एंड कस्टम विभाग के तमाम साथियों का चयन बाकी है, इनमें राजेश का भी ख्याल आया आया आया था। इनसे अहमदाबाद में परिचय हुआ था। वहाँ के सबसे करीबी 2 - 3 मित्रों में एक हैं। उनकी इस सफलता में लगभग हमेशा साथ रहा, बड़ी अफरा तफरी में इस बार और हरियाणा में पहली बार TRY किया था। इससे पहले आईएएस के तीन बार साक्षात्कार दे चुके थे और अब वो लगभग अपनी यात्रा खत्म मान चुके थे। पिछले कुछ टाइम से वो फील्ड पर थे, तैयारी के लिए वक़्त कम मिलता था। UPSC के बजाय अब स्टेट पर फोकस करने लगे थे। हरियाणा , UP में एग्जाम दे रहे थे। 
इंटरव्यू, मुख़्य परीक्षा हर चरण में बात होती रही, हमारे एक बैच मेट दीपक पुंडीर जोकि पहले हरियाणा सिविल सर्विस में थे, उनका सम्पर्क भी करवाया। मुझे जहां तक याद आता है हिंदी के लिए भी बात हुई थी कि व्यख्या आदि कैसे तैयार करूँ ? 

सफलता उनके लिए भी बड़ी सुखद आश्चर्य है , बताया कि मैं तो अपना रोल NO , लिस्ट में नीचे देख रहा था और लगा कि हुआ नहीं। अचानक मुझे अपना रोल NO , SDM वाली लिस्ट में दिखा। जब टाइम आता है तब ऐसा ही होता है। उन पर बात होती रहेगी। योग, अध्यात्म में उनकी भी गहरी रुचि हैं, हम तमाम संडे, अहमदाबाद के बाहर एक केंद में जाया करते थे। तमाम चीजें हैं बताने को। करीबी इतनी कि 31 दिसंबर 2018 को जब मैंने अहमदाबाद हमेशा के लिए छोड़ रहा था, आखिरी डिनर उनके घर ही हुआ था। अब हम दिल्ली, वो हरियाणा , सुबह 2 इतनी बढ़िया सकारात्मक खबर आप सभी से साझा कर बड़ी खुशी हो रही है। राजेश भाई, आपको बहुत 2 बधाई, आपकी सफलता मेरे तमाम पाठकों के लिए बड़ी प्रेरक है। 
- आशीष , उन्नाव । 

बुधवार, 24 दिसंबर 2014

क्या फर्क पड़ता है ?

क्या फर्क पड़ता है ?


कुछ बहुत सामान्य सी घटनाये बहुत आसामान्य बन जाती है कम से कम 10 साल पुरानी घटना होगी पर मन से मिटी नही ।


शहर से गावं बस से जा रहा था काफी भीड़ थी । एक जगह नवविवाहित युवती बस में चढ़ी । भीड़ काफी थी मेरी सीट के सामने ही खड़ी हो गयी । मेरी नजर उसको देखते हुए कुछ सोचने लगी उसने साड़ी इतने अच्छे से पहन रखी थी उसका जरा भी हिस्सा नजर नही आ रहा था । आमतौर पर इस तरह से साड़ी को लपेटना जिसमे जरा भी पेट नजर न आये ग्रामीण क्षेत्र में आश्चर्य की बात थी । मै मन ही मन उसकी इस बात की प्रशंसा कि कितनी अच्छी है जिसे अंग प्रदर्शन कि जरा भी इच्छा नही है । पता नही मै क्या सोचने लगा था कि यह भारतीय संस्क्रति की प्रतीक है आदि आदि । 5 मिनट बाद उसने अपने ब्लाउज से पान मसाला निकाल कर अपने मुहं में डाला उसके रंगे दंत शेष कहानी बयाँ कर गये ।

इस लोक सभा के चुनाव में ड्यूटी करने के लिए SDM के साथ एक मीटिंग थी । जब उनसे मिलने गया तो अपने ही विभाग के एक साथी भी मिल गये । जूनियर थे । विभाग में जल्द ही आये थे । मीटिंग खत्म होने के बाद तय हुआ कि कुछ चाय पानी हो जाय । ये साथी बहुत स्मार्ट लग रहे थे । एकहरा बदन लम्बे बेहद गोरे और जुबान इतनी मीठी जैसे शहद । पास की tea शॉप पर हम दोनों पहुचे । तब तक साथी ने मुझे गोल्ड फ्लैक की डिब्बी मेरी और बढ़ाते हुए सिगरेट ऑफर की । ऐसे पल मेरे लिए बहुत दुविधा भरे होते है ऐसा नही कि मैंने कभी सिगरेट नही पी पर असहज महसूस होता है मना करू तो वो असहज फील करेगा । "पीता नही हूँ पर साथ दे सकता हूँ " ऐसा बोलना ज्यादा सुरक्षित होता है मेरे लिए ।


 इस विषय में विस्तृत व्याख्या फिर कभी आज to the point बात यह कि क्या फर्क पड़ता है आप क्या है और कहाँ है, आप कितना सुंदर दिखते है ? यह शायद मेरी नादानी नासमझी है जो नशेबाजी को रूप या कुरूपता से जोड़ बैठा । पर मुझे अपने स्मार्ट जूनियर को सिगरेट का लती (15-16 per day) देख बहुत दुःख हुआ ।उसने शुरु क्यूँ कि इस प्रकरण पर फिर कभी पर आपकी इस बारे क्या राय है ?

©आशीष कुमार 

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