BOOKS

आत्म दीपो भव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आत्म दीपो भव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 12 दिसंबर 2018

aatm dipo bhav


आत्म दीपो भव  


गौतम बुद्ध ने आत्म दीपो भव यानि अपना दीपक स्वयं बनो का सूत्र दिया तो उसका आशय क्या था ? अक्सर हमारे सामने बहुत सी मुश्किलें , दुविधाएं होती है और उनके हल के लिए किसी न किसी का  आसरा चाहते है पर क्या वास्तव में कोई अन्य आपकी उलझन  को ज्यादा बेहतर समझ सकता है क्या ? आपके लिए सबसे बेहतर मार्ग क्या है , यह आप से बेहतर कौन जान सकता है। 

सिविल सेवा की तैयारी के दौरान तमाम प्रश्न उठते है , वैकल्पिक विषय क्या ले ? कोचिंग करे या न करे , कहाँ से करे ? कितने घंटे पढ़े ? नोट्स कैसे बनाए ? इनके बड़े सामान्य से उत्तर है पर आप खुद सोचिये कि इनके उत्तर दूसरा भला कैसे दे सकता है। यह बात सही है कि दूसरे के ज्ञान/अनुभव से सीख का समय बच सकता है पर यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। मैंने पहले भी कुछ ऐसे प्रकरण साझा किया है जिसमें दूसरे के कहने पर व्यक्ति ने काफी नुकसान उठाया है। 

दरअसल बात सिविल सेवा तक ही सिमित नहीं है। जीवन , बहुआयामी है। सेवा/जॉब सिर्फ एक आयाम है। जीवन के सभी आयामों में अपना दीपक बनने की कोशिश करनी चाहिए। तुम्हारे भीतर छुपी ऊर्जा / कमजोरी को तुमसे बेहतर भला और कौन जान सकता है। इसलिए आज से इस वक़्त से अपने निर्णयों पर जीने की आदत डाल लो। जो भी करोगे , उसका सुखद /दुखद परिणाम भी आप भोगोगे पर यह संतुष्टि रहेगी कि यह मेरा निर्णय था। 

© आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तर प्रदेश।  

Featured Post

SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...