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बुधवार, 28 नवंबर 2018

letter in AJKAL


'आजकल' का हिंदी की सुप्रसद्धि रचनाकार कृष्णा सोबती जी पर क्रेन्द्रित फरवरी अंक प्राप्त हुआ। कृष्णा सोबती के बारे में इतने अच्छे लेखों को एक साथ पाकर बहुत अच्छा लगा। कृष्णा  सोबती , आजादी के समय से लेकर अब तक  स्त्री स्वातंत्र्य की सबसे प्रबल   रचनाकार  रही है। उनके उपन्यासों , कहानी के पात्र अपनी जीवटता , जीवन के राग-रस के परिपूर्ण , पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ जाते है। 

आशीष कुमार 
उन्नाव , उत्तर प्रदेश। 

letter in outlook



4 जून 2018 का आउटलुक हिंदी का अंक मिला। पत्रिका में तमाम लेखों के बीच बशीर बद्र के बारे में लेख दिल को छू गया। अब वैसे फनकार क्यू नहीं मिलते। आरुषि बेदी का एड्स पर विस्तृत लेख , समकालीन समय में एड्स पीड़ितों की यथास्थिति को बयाँ करता है। देश में एड्स पीड़ितों की मार्मिक हालत जानकर गहरा दुःख हुआ। देश की तमाम प्रगति , चमक के बीच उन मरीजों की ऐसी दशा एक दाग सरीखा है। ऐसे में समाज के बीच से तमाम लोगों को निकल कर आगे आना ही होगा ताकि भारत में एड्स पीड़ितों की हालत में सुधार हो सके।  

आशीष कुमार ,
उन्नाव , उत्तर प्रदेश। 

letter in Kadambini


मंच 
कादम्बिनी का "अपनी अपनी आजादी " पर क्रेन्द्रित अगस्त 2018 अंक पढ़ा। इस पत्रिका का काफी पुराना पाठक हूँ पर पत्र पहली बार लिख रहा हूँ। कादम्बिनी पत्रिका समकालीन समय में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं में कई मायनों में अनूठी है। विषयवस्तु के अनुरूप गंभीर , शोधपरक लेखों के साथ , संवेदनाओं से पूरित साहित्यिक कहानियों तथा रोचक नियमित स्तंभ, इस पत्रिका को सर्वश्रेष्ठ बनाते है। इस अंक में आजादी के सही मायने क्या है और हो सकते है , समग्रता से विमर्श किया गया है। अलविदा कहानी बहुत पसंद आयी।  

आशीष कुमार , 
उन्नाव, उत्तर प्रदेश    

Letter in Sarita



बुद्धिजीवियों के विचारों पर पहरेदारी 

देश की सर्वश्रेष्ठ वैचारिक पत्रिका सरिता के अक्टूबर (प्रथम ) 2018 अंक में भारत भूषण जी के लेख को पढ़ा। समकालीन समय की विसंगति को यह लेख बखूबी दिखलाता है। निश्चित तौर पर अभिव्यक्ति की आजादी, ही किसी देश के लोकत्रांत्रिक मूल्यों का सही मायने में पैमाना होती है। 

देश के संविधान में अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की आजादी को भारतीय नागरिकों को मूल अधिकार के रूप में उपलब्ध कराई गयी है। इसमें कुछ शर्तों का भी उल्लेख है। अक्सर देखा गया है कि इन्हीं शर्तो के आधार पर , समय समय पर नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जाता रहा है। 

ऐसे में लोकत्रंत के तीसरे स्तम्भ व संविधान की सटीक व्याख्या करने का अधिकार रखने वाली  न्यापालिका का दायित्व व जबाबदेही सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह भारत में यहाँ के नागरिकों को सही मायने में अपनी बात रखने का माहौल बनाये रखने में मदद करे। प्रसंगवश मुझे किसी कवि की बड़ी गहरी पंक्तियाँ याद आ रही है - 

बुरे लोग दुनिया का खतरा नहीं , 
शरीफों की चुप्पी खतरनाक है। 

आज जब मीडिया सस्थानों की भूमिका पर अक्सर सवाल खड़े किये जा रहे है , दिल्ली प्रेस समूह की पत्रिकाओं विशेषकर सरिता में ऐसे ज्वलंत लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा। संपादक महोदय व उनकी टीम को हार्दिक धन्यवाद ।  

आशीष कुमार , 



ईमेल - ashunao@gmail.com

इंडिया टुडे : a letter


इंडिया टुडे के  15 अगस्त अंक वाले अंक में मुजफ्फरपुर कांड के बारे में पढ़ का मन बहुत द्रवित हुआ। अगस्त महीने में हम आजादी का जश्न मनाते है पर उन मासूमों का क्या , जो शोषण के कुचक्र का शिकार बनें हैं।

आशीष कुमार , उन्नाव उत्तर प्रदेश। 

बुधवार, 16 मई 2018

Yojna April 2018 issue


लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट तक 


योजना का अप्रैल 2018 अंक पूर्वोत्तर भारत पर रोचक , अनूठे लेखों से भरा है। यह लेख  भारत के पूर्वी भाग की आर्थिक , सामाजिक , सांस्कृतिक समझ विकसित करने में बड़े सहायक है। पहले लेख में दास जी समावेशी विकास और पूर्वी भारत से जुड़े अहम पहलुओं पर प्रकाश डाला है। आजादी के बाद से ही पूर्वी भारत के विकास के प्रयास किये जाते रहे है पर इनमें अहम गति तब देखने को मिली जब माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक्ट ईस्ट का नारा दिया। पिछले वर्ष भारत ने अपना सबसे लम्बा नदी पुल ढोला -सादिया  पूर्वी भारत में बनाया। इस पुल के जरिये पूर्वी भारत में सम्पर्क तेजी से हो सकेगा।  यह पुल सामरिक लिहाज से भी काफी अहम है , इसके जरिये    काफी वजनी टैंकर भी गुजर सकते है। 

पूर्वी भारत के विकास के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने 3 C यानि कॉमर्स , कल्चर और कनेक्टिविटी पर जोर देने की बात कही है। पूर्वोत्तर भारत में खाद्य प्रसंस्करण , पर्यटन , बागवानी , फलों की खेती , बांस से जुड़े लघु उद्योग के अनगिनत अवसर है। भारत सरकार इस विषयों पर विविध योजनाओं पर काम कर रही है। बांस को पेड़ की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इस वर्ष बजट में 1290 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ संशोधित बांस मिशन शुरू किया गया है। पूर्वी भारत में जल विद्युत् उत्पादन की असीम सम्भावनाये है। 

अभी 10 अप्रैल 2018 को नीति आयोग ने पूर्वी भारत पर क्रेंद्रित अपनी पहली बैठक में  'हीरा' पर जोर दिया।   'हीरा' (HIRA ) का आशय हाईवे , इनलैंडवाटरवे , रोडवे और एयरवे से है। पूर्वी भारत की सबसे बुनियादी समस्या यानि सम्पर्क का हल 'हीरा' में छुपा है। 'क्या आप जानते है ' स्तम्भ के तहत अन्तर्राष्टीय सोलर संगठन के बारे गहन जानकारी बहुत अच्छी लगी। 

कृत्रिम मेधा इन दिनों बेहद चर्चा में है। अविक सरकार ने हिंन्दी में इस जटिल विषय के बारे में बेहद रोचक व सरल तरीके से बताया है। समग्रतः योजना का यह अंक सटीकता से  सुसम्पादित व पूर्वी भारत की जानकारी के लिए प्रामाणिक स्रोत बन पड़ा है।  

आशीष कुमार 
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।  

शनिवार, 4 नवंबर 2017

My letter published in Yojna issue October 2017







प्रिय दोस्तों , कैसे है आप सभी। एक लम्बे अंतराल के बाद आप से मुखातिब हो रहा हूँ। पिछले माह ( अक्टूबर ) में मेरा एक पत्र योजना में प्रकाशित हुआ है। आप भी पढ़िए और बताइये कैसा है। पात्र में अंत में दो बहुत सुन्दर लाइन भी है जिनका उपयोग आप किसी भी निबंध /लेख /उत्तर में प्रयोग कर सकते है।


अगर यह पढ़ने में न आ रहा हो तो इसे डाउनलोड करके देख सकते है।  धन्यवाद। 

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