भावनात्मक समझ ( Emotional Intelligence )
- अपनी भावनाओं , संवेगों को समझना उनका उचित तरह से प्रबंधन ( manage ) करना ही भावनात्मक समझ है।
- इसमें व्यक्ति अपनी ' भावनात्मक समझ ' का उपयोग कर सामने वाले व्यक्ति से ज्यादा अच्छी तरह से संवाद कर सकता है , ज्यादा बेहतर परिणाम पा सकता है।
- डेनियल गोलमैन ( Daniel Goleman) की पुस्तक भवनात्मक समझ को सारे विश्व में प्रचलित कर दिया।
- इससे पहले बुद्धि लब्धि को ही सब कुछ माना जाता था।
- एक अच्छी बुद्धि लब्धि वाला व्यक्ति अच्छी सफलता पा सकता है पर TOP पहुचने के लिए भावनात्मक समझ का होना भी जरूरी है।
- अच्छी भावनात्मक समझ रखने वाला व्यक्ति कभी भी क्रोध और खुशी के अतिरेक में आ कर अनुचित कदम नही उठाता है।
- एक अच्छा ADMINISTRATOR होने के लिए सिर्फ अच्छी बुद्धि होना ही काफी नही , भावनात्मक समझ के आभाव में प्रशासक लकीर का फकीर बन रह जायेगा।
- PUBLIC SERVICE में भावनात्मक समझ का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है , इसके चलते सिविल सेवक सकारात्मक सोच के साथ , टीम भावना के साथ नीतियों का लागु कर पाता है।
- इसके चलते सिविल सेवक आम जनता से ज्यादा बेहतर संवाद कर पाता है।
- सिविल सेवक अपने मतों , पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर लोक हित में कार्य कर पाता है।
- इसके चलते व्यक्ति में अहं भाव का विकास न होकर सदैव विनम्रता , दयालुता , परोपकार , सत्यनिष्टा , ईमानदारी जैसे गुणों का विकास होता है।