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गुरुवार, 18 जून 2015

हड़प्पा संस्कृति का उद्भव और विकास

# हड़प्पा संस्कृति का उद्भव और विकास

* इसका नाम हड़प्पा इस लिए पड़ा क्योंकि इसका पता 1921 में पाकिस्तान के हड़प्पा नामक आधुनिक स्थल में चला।

* उत्तर में जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक।
पश्चिम में बलूचिस्तान में मकरान समुद्र से मेरठ तक था।

* हड़प्पा संस्कृति का क्षेत्रीय विस्तार - पंजाब , सिंध , बलूचिस्तान,गुजरात हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक था।

* परिपक्व या उत्तर हड़प्पा कालीन नगर
1. पंजाब (पाकिस्तान) -हड़प्पा
2. सिंध (पाकिस्तान )-मोहनजोदड़ो , चन्हुदडो
3. गुजरात (खंभात की खाड़ी)- लोथल ,धोलावीरा
काठियावाड़ के प्रायद्वीप -रंगपुर,रोजदी
4. राजस्थान-कालीबंगा
5.हरियाणा- बनवली ,राखीगढ़ी
6. सुत्कागेडोर और सुरकोटदा भी दो तटीय नगर थे।

* हड़प्पा कल की तीनो अवस्थाएं धौलावीरा,राखीगढ़ी में मिलती है।

               नगर योजना 

* शासक वर्ग दुर्ग में रहता था तथा सामान्य लोग ईंटो से बने मकानों में रहते थे।
* सड़के एक दूसरे को समकोण पर कटती थी।
* हर छोटे बड़े मकान के प्रांगण में स्नानागार होते थे।
*जल निकासी- घरो का पानी बहकर  सड़को तक आता था जहा सड़को के निचे मोरियां बनी होती थी तथा ये ईंटो या सिल्लियों से ढकी होती थी
इसके अवशेष मुखयतः मोहनजोदड़ो तथा बनावली में मिले है।

                 कृषि

* सिंधु नदी काफी जलोढ़ और उपजाऊ क्षेत्र का निर्माण करती थी।
* कुंड (हल रेखा) कालीबंगा में देख गए ।
* फसल काटने क लिए शायद पत्थर के हँसिये करते थे।
* प्रमुख फसले-गेंहूँ ,जौ,राई, मटर , तिल चावल ,सरसों आदि।
*कपास का उत्पादन सबसे पहले सिंधु क्षेत्र में ही हुआ।

               पशुपालन

* गाय,बैल,भैंस,बकरी,भेड,सूअर,कुत्ता,बिल्ली गधे,ऊंट,हाथी आदि।
*सुरकोटदा से घोड़ो के अवशेष मिले है।
*हड़प्पाई लोगो द्वारा चावल उपजाना तथा हाथी पलना उन्हे उनकी समकालीन सभ्यता मेसोपोटामिया से भिन्न बनाता है।

बुधवार, 10 जून 2015

स्टेम सेल या मूल कोशिका

स्टेम सेल या मूल कोशिका 

# स्टेम कोशिका या मूल कोशिका  ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।               

# वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता ।

# कनाडा केवैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला ।

# भ्रूण विकास के दौरान डिम्ब वह एक कोशिका है, जो पूरे जीव को बनाने की पूर्ण क्षमता रखती है। ये कोशिकाएं कई बार विभाजित होकर ऐसी कोशिकाएं बनातीं हैं, जो पूर्ण सक्षम होतीं हैं ।

# कुछ और विभाजनों के पश्चात ये कोशिकाएं, एक विशेष गोलाकार रचना बनातीं हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं, परंतु इस अवस्था में पृथक की गईं कोशिकाएं, पूर्ण जीव विकसित करने में सक्षम नहीं होती हैं। अतः इन्हें अंशतः सक्षम कोशिका कहा जाता है

# भीतरी कोशिकाएं कई बार विभाजित और विभेदित होकर विशेष कोशिकाएं बनातीं हैं, जो प्रत्येक ऊतक को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखतीं हैं। इन्हें बहु-सक्षम कोशिकाएं कहते हैं ।

# पार्किसन रोग न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट,मधुमेह, डायस्ट्रोफी,एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमरजैरोग कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है।

# अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। 

बुधवार, 13 मई 2015

आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक

टॉपिक ७० :  आईएएस प्री  के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक



अब जब यह निश्चित किया जा चूका है कि द्वितीय पेपर में सिर्फ पासिंग मार्क लाने है तब पहले पेपर पर सारा जोर देना होगा।  कल जो pib पर खबर थी उसके अनुसार , अब दूसरे पेपर में चाहे १९० अंक लाओ या सिर्फ ६७ कोई फर्क नही पड़ेगा। पहले पेपर के आधार पर ही मैन्स देने के लिए मौका दिया जायेगा।  
यह निश्चित है एक महत्वपूर्ण फैसला है। आप सभी ने एक कोचिंग का खूब प्रचार देखा होगा जिसमे वो दावा करते है कि आप दूसरे पेपर में १९० + अंक ला सकते है। पिछले कुछ वर्षो में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की दुर्गति में यही सबसे बड़ा कारक माना जा सकता है।  अब चीजे संतुलित हो गयी है। मुझे कुछ लोगो ने कल ही पहले पेपर के लिए कुछ टिप्स मागे थे। आज मैंने सुबह कुछ होमवर्क किया है शायद आप के कुछ काम आये। 
मैंने पिछले कुछ सालो  पेपर से वो टॉपिक / विषय /बिंदु लिए है जिनसे प्रश्न पूछे गए है। इनके बारे में डिटेल में जानकारी जुटाना आप पर है। एक मित्र मुझसे टॉपिक लेने के रिक्वेस्ट करते रहते है , अगर वो इन पर कुछ नोट्स बना कर भेजते है तो आपको शेयर कर दूंगा। आप में भी अगर कोई उत्साही है जो इन पर नोट्स बना सकता है या कुछ पॉइंट वाइज लिख सकता है तो प्लीज शेयर करिये। आप का काम बहुत से लोगो के काफी फायदे का होगा।  
  1. यूरोपीय आर्थिक समुदाय 
  2. न्यूनतम मजदूरी एक्ट १९४८ 
  3. इ अवशेष 
  4. मुद्रास्फीति 
  5. मिड डे मील योजना १९९५ 
  6. CASA १००० 
  7. क्योटो प्रोटोकाल 
  8. लीड बैंक योजना 
  9. मार्ले -मिंटो सुधार १९०९ 
  10. मांटेंगु चेम्सफोर्ड एक्ट १९१९ 
  11. भारत सरकार एक्ट १९३५ 
  12. भारतीय स्वतंत्रता एक्ट १९४७ 
  13. जैव मंडलीय आरक्षित क्षेत्र 
  14. राष्टीय उद्यान 
  15. आद्र्र भूमि 
  16. वन्य जीव आभरणय 
  17. मिलेनियम इकोसिस्टम अस्सेस्मेंट 
  18. pesa १९९६ 
  19. स्थगन प्रस्ताव 
  20. राष्टीय जैव विविधिता प्राधिकरण 
  21. राष्टीय हरित न्याधिराकरण  
  22. राष्टीय जल मिशन 
  23.  ग्राफीन
  24. स्टेम कोशिका 
  25. क्लोरो फ्लोरो कार्बन 
  26. नागर , बेसर , द्रविण शैली 
  27.  आशा
  28. नेशनल सोशल कांफ्रेंस 
  29. मल्टी डिमेंसिअल पावर्टी इंडेक्स  
  30.  सी बकथॉर्न
  31. जननी सुरक्षा योजना 
  32. परसीमन आयोग 
  33. जिला ग्रामीण विकाश अधिकरण 
  34. रोलेट एक्ट 
  35. क्रिप्स मिशन 
  36. यूरोपीय कोंसिल और यूरोपीय कमीशन 
  37. वायदा बाजार आयोग 
  38. राष्टीय निवेश निधि 
  39. सिमित देयता साझेदारी फर्म 
  40. बैंकिंग लोकपाल 
  41. स्वाधार और स्वंयसिद्धा 
शेष टॉपिक जल्द ही। आईएएस प्री २०१५ के लिए  सभी को शुभकामनाये 

एक रोचक वाकया


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