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बुधवार, 12 दिसंबर 2018

aatm dipo bhav


आत्म दीपो भव  


गौतम बुद्ध ने आत्म दीपो भव यानि अपना दीपक स्वयं बनो का सूत्र दिया तो उसका आशय क्या था ? अक्सर हमारे सामने बहुत सी मुश्किलें , दुविधाएं होती है और उनके हल के लिए किसी न किसी का  आसरा चाहते है पर क्या वास्तव में कोई अन्य आपकी उलझन  को ज्यादा बेहतर समझ सकता है क्या ? आपके लिए सबसे बेहतर मार्ग क्या है , यह आप से बेहतर कौन जान सकता है। 

सिविल सेवा की तैयारी के दौरान तमाम प्रश्न उठते है , वैकल्पिक विषय क्या ले ? कोचिंग करे या न करे , कहाँ से करे ? कितने घंटे पढ़े ? नोट्स कैसे बनाए ? इनके बड़े सामान्य से उत्तर है पर आप खुद सोचिये कि इनके उत्तर दूसरा भला कैसे दे सकता है। यह बात सही है कि दूसरे के ज्ञान/अनुभव से सीख का समय बच सकता है पर यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। मैंने पहले भी कुछ ऐसे प्रकरण साझा किया है जिसमें दूसरे के कहने पर व्यक्ति ने काफी नुकसान उठाया है। 

दरअसल बात सिविल सेवा तक ही सिमित नहीं है। जीवन , बहुआयामी है। सेवा/जॉब सिर्फ एक आयाम है। जीवन के सभी आयामों में अपना दीपक बनने की कोशिश करनी चाहिए। तुम्हारे भीतर छुपी ऊर्जा / कमजोरी को तुमसे बेहतर भला और कौन जान सकता है। इसलिए आज से इस वक़्त से अपने निर्णयों पर जीने की आदत डाल लो। जो भी करोगे , उसका सुखद /दुखद परिणाम भी आप भोगोगे पर यह संतुष्टि रहेगी कि यह मेरा निर्णय था। 

© आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तर प्रदेश।  

रविवार, 19 अगस्त 2018

Success tips for upsc

अगर आप कोचिंग कर पाने में सक्षम नही हैं तो 2 चीजे जरूर ध्यान रखना
1. किताबें जितनी ज्यादा खरीद सको, खरीदते रहना।
2. जितना ज्यादा पढ़ सकते तो पढ़ते रहना

एक मजेदार तरीके में कहूं तो मैंने अपने वजन के 10 गुना ज्यादा किताबें खरीदी होंगी और उनमें कुछ 4 या 5 बार से ज्यादा पढ़ी गयी होंगी।

-आशीष कुमार

शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

DO NOT WASTE YOUR TIME



मैंने समय को  नष्ट किया था अब समय मुझे नष्ट कर रहा है . - नेपोलियन 


                   प्रिय दोस्तों , कैसे है आप . आप ने शायद उपर लिखी पंक्ति पहले भी पढ़ चुके है . उक्त बात है बहुत अच्छी पर उसे अमल में ला पाना काफी कठिन है . मैंने भी इसे काफी पहले पढ़ा था पर अब जा कर मुझे इसका अहसास हो रहा है . बहुत बहुत ज्यादा व्यस्त जिन्दगी हो गयी है . 

                  पिछले दिनों अपना फेसबुक अकाउंट फिर से डीएक्टिवेट कर दिया क्युकि लोगों के पास बहुत सी क्वेरी रहती है उनको अवॉयड करना अच्छा नही लगता . पहले भी ऐसा कर चूका हूँ बगैर बताये चले जाना अच्छा नही होता पर यही एक तरीका है जिससे मै दूर हो पाता हूँ . व्हाट एप भी बंद करने का मन होता है पर कुछ ऑफिस के काम उसके बगैर नही हो पाएंगे इसलिए रुका हूँ  यहाँ पर भी लोगों के मेसेज उनदेखा करना पड़ता है . कुछ लोग हर रोज गुड मोर्निंग के मेसेज सेंड करते है . एक रोज तो चिंतक जी ने मुझे टोक ही दिया " क्या यार , गुड मोर्निंग का जबाब भी नही देते " . अब इसका कोई जबाब नही था . 

                 अब जाकर लगता है कि मैंने कितना समय नष्ट किया है . २ साल तक ऑफिस में मेरे पास कोई काम नही था . ३ सेक्शन का काम दिया गया पर मै उनसे निपटता गया . पर अब तो हालत यह है कि ऑफिस कि कुछ फाइल घर पर लाने लगा हूँ . सबसे अजीब बात यह है कि मै अक्सर ३ से ४ घंटे कार में  गुजारता हूँ . इसमें मै कुछ पढने की कोशिश करता हूँ तब वो दिन बहुत याद आते है जब मै फालतू में कई घंटे लैपटॉप में फिल्म देखने में गुजार देता था . 

                      अपने गीतकार नीरज का नाम जरुर सुना होगा . उनका कई साल पहले एकल काव्य पाठ सुना था उन्नाव में . उसमे उनकी कही एक बात याद रह गयी . उन्होंने बताया कि अपनी जवानी में यानी ३० की उम्र में वो किसी के प्यार में बुरी तरह से पागल थे ( वैसे उनकी प्रेमिका कौन है यह बात किसी से छुपी नही , मै भी उनको जानता हूँ आगरा वाली ) . खूब चाहा पर उससे शादी न हो सकी . बाद में नीरज जी अपनी कविताओ से खूब प्रसिद्ध हो गये . उस दिन अपने काव्य पाठ में उनकी सीख थी कि जवानी में अगर वक्त न बर्बाद न किया होता तो साहित्य को और भी बहुत कुछ दे दिया होता . 


                     कहने को बहुत कुछ है पर उस पर फिर कभी , प्रसंगवश यह समय वैलेंटाइन डे का है . एक राज की बात बताता हूँ मैंने काफी पहले एक बहुत सुंदर प्रेम कथा लिखी थी . काफी सालो से सोचता हूँ कि इस बार VALENTINE DAY में उसे पोस्ट कर दूँ पर हर बार यह सोच कर रुक जाता हूँ कि  अभी उसका वक़्त नही आया है। अभी मैंने अपने लिए कुछ विषयो पर यथा प्रेम , राजनीती , धर्म पर लिखने से रोक रखा है पर आने वाले समय में इस पर जरूर लिखूंगा।  

कॉपीराइट - आशीष कुमार 

रविवार, 17 अप्रैल 2016

how to write a good essay ?

FRIENDS , WRITING ESSAY IS ESSENTIAL PART OF EVERY EXAM. HE WHO SCORE GOOD IN ESSAY , HAVE GREAT CHANCE FOR NOT ONLY SELECTION BUT ALSO TO BE IN TOPPER LIST. 

HERE SOME BASIC TIPS FOR YOU . YOU CAN READ MANY OTHER TIPS BY CLICKING LINK IN LAST. 

  1. निबंध लेखन एक कला है जो आप में लम्बे अभ्यास से विकसित होती है।  
  2. इसके लिए आपके पास व्यापक विचार , अच्छी शब्दावली और शानदार शैली होनी चाहिए।  
  3. अच्छे विचार आपके पास दो तरीके  से आ सकते है - आप अच्छी - अच्छी किताबें पढ़े और आपको जो कुछ भी अच्छा लगे उसे अपने पास नोट करते चले।  
  4. अगर आपके पास अच्छे शब्दों का आभाव होगा तो भी आप चाह  कर  अपने विचारों को अभिव्यक्त नहीं पर पाएंगे।  
  5. शैली आपके व्यक्त्वि पर निर्भर करती है अगर आप की समझ अच्छी है और अपनी बातों  तो सही और सुलझे तरीके  से कहना जानते है तो आपकी लेखन शैली भी सहज होगी।  
  6. अक्सर निबंध लिखते समय हम क्रमबद्धता खो बैठते है - इसलिए सबसे पहले अपने सभी विचारों को लिखे। आउटलाइन बना ले कि पहले क्या लिखना है और बाद में क्या लिखना है।  
  7. शुरुआत किसी रोचक वाकये से करिये।  
  8. अगर आप किताबी निबंध लिखते है या यह कहु  कि  आप निबध  की तैयारी  किसी बुक से पढ़ कर  करते है तो बहुत  संभव है आप बहुत  अच्छा स्कोर न कर  पाए।  
  9. निबंध में प्रवाह होना चाहिए।  
  10. रोचकता बनी रहे इसलिए बीच बीच  में दोहे , सूक्ति, बोध वाक्य  आदि डालते रहे।   

सोमवार, 11 अप्रैल 2016

Frontline , ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY , INDIAN EXPRESS

FRONTLINE

frontline को पहली बार इलहाबाद में एक दोस्त के पास देखा था . उस समय मुझे इंग्लिश पढने काफी मुश्किल होती थी . पर दोस्त प्रतिभाशाली था इसलिए मैंने भी बगैर कुछ ज्यादा सोचे विचारे FRONTLINE खरीदने लगा . 
जब मै लखनऊ में आर्मी में जॉब करता था तब इसका चस्का बहुत ज्यादा लग गया . हर १५ में इसको खत्म करके , अगले अंक का इंतजार करता था . धीरे धीरे इसको पढ़ते पढ़ते मै इंग्लिश में सहज होने लगा . मैंने इसे तब लेना शुरु किया था जब इसका दाम २० रूपये हुआ करता है . अब तो इसकी कीमत ६० रूपये हो गयी है . अब भी कभी कभार इसे ले लेता हूँ पर नियमित नही . इसके लेखो से मुझे इतना लगाव है कि मेरे पास ३५ से ४० पुराने अंक होंगे . बहुत बार रूम पार्टनर ने कहा बेच दो अब कभी इनको पढ़ पाने का वक्त नही मिलेगा मुझे भी पता है कि उन्हें शायद ही कभी पढ़ सकू . 

FRONTLINE की खास बात यह है कि बहुत बार आईएएस की मुख्य परीक्षा में इससे सीधे सीधे सवाल आ चुके है . इंग्लिश मध्यम के बहुतायत छात्र इसको पढना पसंद करते है . 

THE INDIAN EXPRESS 


जब मेरी नौकरी अहमदाबाद में शुरु हुई तब मुझे हिंदी पेपर की बहुत दिक्कत हुई . कुछ दिन राजस्थान पत्रिका से काम चलाया पर उसमे विज्ञापन बहुत ही ज्यादा आते है और मतलब की खबर बहुत ही कम . इसी दौरान THE INDIAN EXPRESS से परिचय हुआ . पहले तो पेपर पढ़ पाना , उसे खत्म कर पाना बहुत कठिन लगता था पर अब हालत यह है कि इसके बगैर सुबह कुछ अच्छा नही लगता है . एक बार इंग्लिश पेपर पढना शुरु कर देते है तो आपको पता चलता है कि हिंदी के न्यूज़ पेपर का स्तर कितना न्यून है ..जनसत्ता को छोड़ दे तो किसी पेपर में सम्पादकीय भी काम चलाऊ होता है . आप यह तो पता ही होगा कि जनसत्ता और THE INIDAN EXPRESS एक ही ग्रुप से पेपर है . 

ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY 

अब बात इस magzine की जाय . इसके बारे में सुना तो बहुत पहले से रखा था पर कभी खरीदा या पढ़ा नही . पिछले २ या ३ माह से इसे पढना शुरु किया और अब जा कर पता चला यह magzine सबकी बाप जैसी है . क्या जबरदस्त लेख आते है .. बहुत सरल इग्लिश जो आसानी से सबके समझ में आ जाये . मै तो इसके एक लेख को पढने में बहुत समय लगता हूँ वजह हर लेख इतना सटीक विश्लेष्ण करता है , शोधपरक , गुणवत्तापूर्ण आलेखों में इसका कोई जबाब नही . वैसे यह पत्रिका वैश्विक स्तर पर पढ़ी जाती है और एशिया में टॉप लेवल की रैंकिंग में है . इसमें सब कुछ अच्छा है बस एक ही चीज नकरात्मक है .इसका दाम , हर सप्ताह आती है और एक अंक की कीमत है ८०  रूपये . अब एक स्टूडेंट के लिए हर महीने ३२० रूपये खत्म कर पाना बहुत कठिन है . यह अलग बात है कि अपने दिमाग को बेहतरीन बनाने के लिए आपको magzine और न्यूज़ पेपर में बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहिए . 



आप अपने अनुभव शेयर करना मत भूलना और कोई अच्छी , स्तरीय magzine आपकी नजर में हो तो मेरे ध्यान में लायिएगा . 

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

ATTITUDE IS VERY IMPORTANT THING



बात उन दिनों की  है जब मै इंटरर पास करके , B.SC.  करने के लिए शहर आया।  नया नया  था , जानने की इच्छा बहुत  थी।  मेरे छोटे से शहर में काफी सांस्कृतिक गतिविधियाँ बहुत  होती रहती थी. कवि सम्मेलन , पुस्तक मेला , राजू श्रीवास्तव के प्रोग्राम , अनूप जलोटा , गोपाल दास नीरज , साबरी बंधू  जैसे  सैकड़ो लोगो को रूबरू सुना या देखा था।  
ऐसे ही किसी प्रोग्राम में गया था। मेरे पास ही वो बैठी थी अब ठीक से याद नही कैसे हुआ पर यह हो गया। उसने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा ' फ्रेंड्स ' . मैंने बहुत संकोच करते हुए उससे हाथ मिला लिया।  शायद वो ११ या १२ में पढती थी उसकी संगीत और डांस में रूचि थी।  उस दिन भी उसका डांस कर प्रोग्राम था। ज्यादा विस्तार में न जाते हुए पॉइंट पर आते है। उसके ही मुह से पहली बार सुना था " आप में attitude बहुत ज्यादा है " . सच कहू उस समय मुझे attitude का ठीक से मतलब भी नही पता था।  मुझे उससे  पूछना भी पड़ा क्या मतलब है आपका।  आज वो काफी उपर जा चुकी है टीवी में भी कभी प्रोगाम आ जाते है।  

तो भई उस दिन से आज तक मुझे यह बात दर्जनों  लोगो (बहुतायत फीमेल ) से अलग अलग तरीके से सुननी पड़ी है " आप में attitude बहुत ज्यादा है।  " आप मुझे attitude का ठीक से मतलब भी  पता चला गया है और इस बारे में  लिखने के बारे में बहुत दिनों से सोच भी  रहा था।  चलो आज बात करते है।  

सबसे पहले मै यह बात भी बता दू  अगर दर्जनों के विचार में मुझ में attitude बहुत है तो सैकड़ो या कहू हजारो दोस्तों , पाठकों की नजर में जमीन से जुड़ा , सिंपल , हेल्पफुल हूँ।  

अब बात करते है यह विरोधाभास क्यों।  दरअसल दोनों ही चीजों सत्य है। मै खुद स्वीकार  करता हूँ कि मुझमे में बहुत attitude है और मेरा यह मानना है कि अगर आप में attitude ही नही है तो आप कुछ नही है।  

पहले attitude का मतलब समझने की कोशिस करते है।  attitude का मतलब सीधा सीधा यह है  कि आप को अपनी किसी चीज को लेकर बहुत यकीन है।  attitude का मतलब है कि आप अपने आप को बहुत गहराई से समझते है , अपनी क्षमताओ को लेकर बहुत संजीदा है। आपको पता है कि आप अपनी किस्मत खुद लिख सकते है।  वैसे attitude के मायने सबके लिए अलग अलग हो सकते है मेरे लिए तो attitude यही है।  

कैसे तलाशे अपने में attitude 

सबसे पहले आप अपने बारे में सोचे कि आप में कोई ऐसी बात है जो बहुत हटकर है जो यूनिक है। यह कुछ भी हो सकता है जैसे आप गाते अच्छा है , नाचते अच्छा है , चेस में एक्सपर्ट है , खाना बनाने में एक्सपर्ट है , आप अच्छे रनर है , लिखते अच्छा है  , पेंटिंग अच्छी बनाते है  आदि ।  रूचि होना अलग बात है और एक्सपर्ट होना अलग बात है जब आप एक्सपर्ट होंगे तभी attitude आएगा।  मेरे विचार में अपनी अच्छी चीजो के बारे में attitude होना अच्छा होता है।  बस चीजे अच्छी होनी चाहिए।  

इससे इतर अगर में आप नकारात्मक चीजो में attitude दिखाते है तो वो आपको गर्त में ले जायेगा। जिन्दगी में अच्छी चीजे सीखते रहिये।  गलत चीजो , गलत इंसानों को कभी भी अपने पर हावी न होने दीजिये। अपने पर्सनालिटी को खुद के अनुसार बनाईये। भले लोग आपको ज्यादा attitude वाला कहे पर क्या फर्क पड़ता है अगर आप सही है।  

क्यों होता है attitude का टकराव 

attitude का टकराव आज के दौर में बहुत बढ़ गया है।  दरअसल हर किसी का अपना attitude है पर टकराव क्यों करे। क्यों अपनी बाते , अपने विचार किसी पर थोपे या स्वीकारे ।  क्यों  किसी से ज्यादा उलझे या उसे उलझाये ।  उसको उसके विचारो , उसकी मान्यताओ के साथ छोड़ दे, आगे बढ़े।  इंसान के कर्म तो महत्पूर्ण होते ही है उसमे attitude कितना और किस तरीके का है यह भी बहुत मायने रखता है। 

कभी कभार मुझे नकारात्मक टिप्पड़ी भी मिलती है मै उन पर कोई भी राय देने के बजाय उसे हटा देता हूँ ज्यादा हुआ तो ब्लाक। इसलिए नही कि मुझे आलोचना पसंद नही या वो पाठक गलत है बस इसलिए कि मै बहस करने को प्रमुख नही मानता मेरा वो काम ही नही है।  मेरा काम है लिखना तो  फिर बहस में क्यों उलझु। जो बहस करते है उनका काम ही है बहस करना न कि लिखना। 
सीधा और सुलझा हुआ जीवन , मेरी मान्यताये मेरे विचार 

प्रिय दोस्तों आशा है आप मेरी बात समझ रहे होंगे।  IN CIVIL SERVICE MAINS PAPER 4TH THERE IS A TOPIC ABOUT ATTITUDE . HERE ,IN THIS ARTICLE THERE IS NOTHING DIRECTLY FOR MAINS BUT U CAN LEARN A LOT ABOUT WHAT ATTITUDE NEED CIVIL SERVANT.

फुटनोट :-  हनी सिंह के गाने के हिट क्यों होते है  क्यूकि उनके सारे गानों में बहुत attitude रहता है . उदाहरन के लिए 
- मेरा १६ का डोला , ४६ की छाती ..........
- मुझको तू पहचाने न तेरे घर अख़बार न आता ---
- पास करा दू , फ़ोन घुमा दू , तेरी प्रिंसिपल भी बेबी यो यो कि फैन है --
- तुझे बिठा कर रखा था मैंने रानी पलको पे , 
   तूने मारी ठोकर समझी आ जाऊंगा सडको पर ..( पूरी लाइन सुनकर किसी का भी दिमाग असमान पर जा सकता है . ) 

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

No age limits for sucess

इस बार की प्रतियोगिता दर्पण फरवरी अंक में डॉ गोबर्धन लाल शर्मा का इंटरव्यू पढ़ा तो एक बहुत प्रेरणादायक बात पता चली । उनका चयन ras में 9 रैंक पर हुआ है ।
उनकी जन्मतिथि है 15/07/1970 यानि लगभग 45 की उम्र में यह सफलता पायी है।

इससे काफी कुछ सीख मिलती है । मैंने अक्सर कुछ लोगो को एक उम्र बाद हताश होते हुए देखा है शादी बाद तो लगभग न के बराबर लोग तैयारी करते है । सोचते है कि अब जो बनना था बन चुके है पर विजेता के लिए उम्र कोई मायने नही रखती ।

रविवार, 27 दिसंबर 2015

how to improve your writing ?



दोस्तों , अच्छा लेखन सब को बहुत जल्दी  impress  करता है।  मोती जैसे अच्छर , सधी कलम सबको नसीब नही होती है।  अगर आप ने childhood  में अपनी लेखनी पर ध्यान न दिया तो पुरे जीवन अपनी गन्दी writing  से परेसान रहेंगे।  लोग मजाक में कहते है चींटे  की टांग जैसी राइटिंग है।  
आज कुछ बात आपकी राइटिंग सुधारने  के बारे में करते है। पहले ही बता दू यह काफी कठिन है पर अगर आप में चाह  है को किसी भी दौर में अपनी राइटिंग nice बना सकते है।  

  1. सबसे पहले tips  है आपको हर रोज कम से कम २ घंटे लिखना होगा।  
  2. बचपन में हम बांस की कलम से लिखा करते थे जिससे बहुत अच्छी राइटिंग बनती थी। आप वो दिन तो रहे नही। न ही उसे कोई उसे करता है। पर अगर आपको वाकई अच्छा लिखना है तो पुरानी तकनीक अपनाये।  यानि स्याही वाली कलम से practice  करे।  
  3. मेरे के मित्र जोकि assistant comm dent  है उसने मुझसे यह टिप्स शेयर की थी। आप क ख ग--------- फिर से लिखना शुरू  करे।  
  4. एक और चीज , हो सकता है आपकी कुछ अच्छर  ही अच्छे न बनते हो।  उनको short out  करे और उस पर ज्यादा प्रैक्टिस करे। 
  5. अगर possible  हो तो सस्ती कलम से कभी न लिखे।  
  6. कोई एक ही पेन जिससे आपको भाता हो उससे ही लिखे।  
  7. daily practice से आपकी राइटिंग जरुर अच्छी हो जाएगी।  
  8. पहले बहुत धीरे धीरे लिखे।  
  9. अपनी कलम में तेजी तभी लाये जब आपकी राइटिंग बहुत हद कर सुधर चुकी हो. 
  10. जब आप अच्छा लिखने लगे। आप अपनी speed बहुत तेज करे। 
  11. याद रखे आपका ज्ञान चाहे कितना स्तरीय हो अगर आपको उसको शुद्ध , साफ तरीके के ias / pcs  mains  में व्यक्त ही न कर पाये तो उसका क्या फायदा।  
  12. अगर आपकी गति तेज नही होगी तो आपके काफी प्रश्न छूट जाएंगे। इसलिए इस पर जरूर ध्यान दे।  
आपको यह post  कैसी लगी। कृपया अपनी राय comment के माध्यम से जरूर दे।  आप और किस बारे में पोस्ट चाहते है हमे बताये।  काफी लोग मुझे मेल करके अपनी problem शेयर कर रहे है। इसके बजाय अगर आप यही पर कमेंट करेंगे तो उसका reply भी जल्द दे सकूँगा और उसको काफी लोग भी पढ़ कर फायदा उठा सकेंगे।  


बुधवार, 23 दिसंबर 2015

Experiance is very important thing ...please collect it .


  1. अनभुव बहुत बड़ी और जरूरी चीज है .... कोई भी exam  हो उससे प्राप्त अनुभव बहुत काम के होते है ...जैसे ही एग्जाम देकर घर पहुचे ... अपनी कमजोरी और मजबूती और आगे की रणनीति .. अपनीdiary  में लिखे...
  2. कहा भी गया है - सफलता के बीज  के मौसम में ही बोये जा सकते है।  
  3. बस आपको अपनी असफलता के लाभ लेने की कला आनी चाहिए।  
  4.  अपने अनुभव के साथ दूसरे लोगो के अनुभव से सीखते रहे।  
  5. अच्छी और   motivational books  पढ़े।  
  6. हमेशा  positive  सोचे।  
  7. नोलन समिति के बारे में
  8.  हर वक्त सोचते रहे कि आपकी असफलता की वजह क्या है. 
  9. Always try to learn new things . 
  10.  work hard and do it like worship .
  11. Do not waste your time on unproductive things . 

गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

Magical tips for mains

अक्सर जब हमें exam देना होता है हमें बहुत घबराहट होती है । ऐसा लगता है जैसे सब कुछ भूल गया हो। इस problem से निपटने के लिए इस टिप्स को अपनाये ।

सफलता के अचूक सूत्र
1. आप mains के matter को अनवरत लिखने बैठ जाये ।
2. इससे आपको confidence मिलेगा ।
3. साथ ही आपको लिखने की practice भी हो जायेगी ।
4 . बेहतर होगा आप उसी pen से लिखे जिससे आपको एग्जाम में लिखना है ।
5. speed में  लिखने की प्रैक्टिस करें ।


शनिवार, 28 नवंबर 2015

SOME REASONS FOR UNSUCCESS IN UPSC

टॉपिक : लोग पहले ATTEMPT में सफलता पाने से क्यों चूकते है ?

pre के लिए
  1. MAINS की तैयारी न होना। 
  2. सही SUBJECT का चुनाव न कर पाना। 
  3.  सही  मार्गदर्शन की कमी। 
  4. अपने खुद के  NOTES न बनाना। 
  5. सिर्फ नाम या माता पिता की इच्छा के लिए तैयारी करना। 
  6. अति आत्मविश्वास 
  7. आर्थिक आभाव , अक्सर सामान्य परिवार से आने वाले दूसरे या तीसरे अटेम्प्ट में सफल हो पाते है। 
  8. ENGLISH कमजोर होना , इसके चलते मैन्स से बाहर हो जाते है। 
  9. INTERVIEW में अपने आप को सही तरीके से प्रस्तुत न कर पाना। 
  10. जीवन में IAS को सर्वोच्च प्राथमिकता न देना। 
  11. संविधान हिंदी में  

रविवार, 8 नवंबर 2015

HOW TO MOTIVATE YOURSELF

              हमारे जीवन में बहुत बार , ठहराव आ जाता है। हम चाह कर भी अपना पूरा focus अपने TARGET पर नही कर पाते है। इसकी वजह कुछ भी हो सकती है, पर हार कर बैठ जाना ठीक नही। आज आप को कुछ ऐसे TIPS बताने जा रहा हूँ जो आप को उस समय बहुत काम आयेगे जब आप हताश , मायूस , असफल महसूस करने लगते है। 

  1. एक कागज और कलम ले और किसी ऐसी जगह चले जाय जहाँ आप सकून से बैठ कर अपने बारे में सोच सके। 
  2. अब आप सबसे पहले उस कागज में अपनी PROBLEMS को लिखिए। जो कुछ भी झेल रहे हो उसे कागज पर उतार दे। हर चीज मसलन पिता से अनबन , EXAM में असफलता , रिश्तेदारों के ताने , प्रेम सम्बन्ध ( LOVE RELATIONSHIP)  के तनाव , अपने लक्ष्य , अपनी बुरी आदते ( BAD HABBITS )हर चीज को लिख डाले। 
  3. अब उन चीजों को लिखे जो चीजे आप लिए पॉजिटिव है सोचे कि आप के पास तो फिर अच्छा माहौल है कितने ही लोग चाह कर भी तैयारी नही कर पाते है , समय उन्हें मजबूर कर देता है कि तुम घर की जिम्मेदारी उठाओ। 
  4. इन दोनों टिप्स का अपना महत्व है। पहले से आप तनाव मुक्त होंगे और दूसरे से अपने आप को थोड़ा POSITIVE बनाने की कोशिस करे। 
  5. अपने अंदर एक बदलाव ( CHANGE ) महसूस करे। 
  6. हर वक़्त यह महसूस करे कि अब आप की भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा ( POSITIVE ENERGY) है जो आपको हमेशा उत्साहित करती रहेगी।  (
  7. आप के आस पास कोई ऐसा जरूर होगा जो आपकी , आपकी मेहनत (STRUGGLE) की कद्र करता होगा। उनसे मिलने जाइए। मै जब हताश , मायूस , असफल महसूस करता तब एक अंकल के घर चला जाता था। वो बहुत अच्छी पोस्ट पर जॉब करते थे और हमेशा यही बोलते थे कि मेहनत करते रहे एक न एक दिन जरूर सफलता मिलेगी। 
  8. अगर कोई न मिले तो मेरे blog पर visit करें। आपको कुछ नया करने की प्रेरणा जरूर मिलेगी। कृपया लगातार हमारे touch  में बने रहने के लिए इसे  Email से follow करे।    
  9. कुछ नई अच्छी किताबे ( Motivational Books ) खरीदे। 
  10. अपने आप कुछ अच्छा और सकून देने वाला काम खोजे। हर वक़्त पढ़ना पढ़ना आप को उबा देता है इसलिए थोड़ा time अपने लिए निकाले । 
  11. नए सिरे से टाइम टेबल बनाये उसे Follow करे।  
  12. कुछ hobby  develop करें। कुछ भी जो आप को पसंद हो उसके लिए समय निकले। उसे अपनी ताकत ( Power)बनाये। 
  13. भाग्य साहसी का साथ देता है
  14. छोटे बच्चो के साथ खेले। अजीब टिप्स है पर है बहुत बढ़िया। उनके साथ आप खेल कर आप अपने तनाव को बहुत कम कर सकते है। उन्हें कुछ खुशी दे और वो आपको भैया या दीदी बुला कर आपको तनाव से बहुत दूर ले जायेगे। 
  15. आजकल लोग बहुत हद तक नास्तिक हो गए है।   आप बगैर किसी चाह के अपने धर्मस्थल ( मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा चर्च  आदि ) जाये। कुछ देर वहाँ शांति से , मन को विचारों के प्रवाह के से हटकर खुश  होने की कोशिस करे। 
  16. एकांतवास का महत्व 
  17. तनाव दूर करने ,टहलना ( Walking)  भी बहुत अच्छी चीज है। 
  18. आप अपनी बात हम से मेल ( ashunao@gmail.com)  पर भी share  कर सकते है .समय मिलेने पर आपको अच्छी और नेक सलाह जरुर दे सकुगा . 


गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015

ADOLESCENCE / किशोरावस्था


जब मै B. Ed. कर रहा था मुझे उसके Course एक बात अभी तक याद रह गयी है उसमे  दूसरा पेपर Psychology होता है , उसमे किसी Western Philosopher  ने कहा थाकिशोर अवस्था बहुत ही तनाव, संघर्ष और तुफानो की अवस्था होती है . इस बात को मै बहुत सोचता था , इसको अपने पर भी  apply  करके देखता था और पाता था कि  सच में बात बहुत पते की गयी है .
मित्रो , सच में  adolescence period  यानि १६  से २० -२२ की उम्र बहुत जटिल होती है , हमारे विचारो में instability  होती है , हम अपने  decision पर अडिग नही रह पाते है . हम समझ में नही आता कि करना क्या है , हम अपने Parents  से , friends  से , Relatives  से तो असहमत होते है इसके साथ , हम खुद से भी असहमत होते है . हम जो कदम उठाते है , उस पर हमे यकीन नही हो पाता .
इसको example के तौर पर समझाता हूँ . पहले तो हमे पढाई में समझ नही आता कि आगे क्या पढ़े . Inter तक तो math  से पढ़ लिए था आगे समझ नही आता कि B.Sc. करू या B.A. पिता ने कहा B.Sc.  करो . आज उनके logic को सोचता हूँ तो अजीब लगता है उनका मानना था कि इससे तुम्हे  पढ़ाने के लिए अच्छे tution मिलेगे . पिता जी highly qualified  थे पर बेरोजगार . ऐसे में उनकी आस्था डिग चुकी थी , Government Service  उनके लिए दूर की कौड़ी थी .
बीएससी के तीन साल कैसे गुजरे पता चला . कोई book नही खरीदी . साल के अंत में कुंजी type notes खरीदता और उसे exam दे आता . पुरे साल मै हिंदी के  Novel , History  की Books  पढने में busy रहा करता . सच कहूँ तो हिंदी और इतिहास की गहन पढाई से ही अपनी Personality Development कर रहा था . बीएससी के Subjects , Math , Physics, Computer Application को तो समझ पा रहा था और उनकी utility  भी नही दिख रही थी .
बीएससी का बाद रोजगार के लिए बहुत दबाव पड़ने लगा . ऐसे में बी एड के फॉर्म एक सुभचिन्तक ने भरा दिए . Polytechnic का भी फॉर्म डाला. तीन फॉर्म पड़े थे दो बीएड के , एक  का Polytechnic . तीनो में ही नाम आया पर अतिम तौर पर ...
Polytechnic से कुछ याद आया. जहाँ मै किराये पर रहता था वहां पर एक भइया का भी घर था . भइया B.T.C करके Primary Teacher थे और ias ki preparation  करते थे . उनके पास शाम को कुछ और साथी पढने आते थे . मेरा बड़ा मन होता था कि मै भी उनके पास जाकर  कुछ सीखू पर हिम्मत होती थी .
Competition Success Review नामक   एक पत्रिका आती है. उन दिनों उसमे एक gk quiz  आती थी . उन दिनों  मै हर उस चीज में भाग लेने की कोशिस करता जिसमे कुछ prize  मिलने की आशा होती . भइया के पास कुछ quiz  के सवाल पूछने जाने लगा . खैर उस quiz में कभी मुझे कोई prize नही मिला . हा उस पत्रिका के लिए मेरे दो दर्जन essay  जुरूर  चयनित  हुए .

एक रोज भैया ने पूछा किआगे क्या plan  है ? मैंने कहा मुझे भी ias की   prepration  करनी है , पर अभी  का Polytechnic का  exam  दिया है उसमे नाम आया है . वो बहुत हैरान हुए बोले Polytechnic के चक्कर में क्यू पड़े हो . सीधे आईएस की तैयारी क्यू नही करते . मैंने बोला side carrier  बनना चाहता हूँ ... सच में उन दिनों , समझ में नही आता था कि वास्तव में life  में करना क्या है . बहुत भटकाव की अवस्था थी . 
( जारी.....) 

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