Scoop : कुलदीप नैयर की एक पुस्तक
प्रकाशक हार्पर कॉलिंस (2006 )
मैं सत्य व्यास की बनारस टाकीज और निखिल सचान की नमक स्वादनुसार किताबें कमिश्नर सर से वापस लेकर निकल रहा था कि कपिल जैन मिल गए और कहने लगे कौन सी किताब दे रहे हो पढ़ने के लिए। मेरे मुँह से निकला - किताब के बदले किताब चाहिए। वो बोले बड़ी खुशी से। तो इस तरह Scoop और ओरिजिनल सिन किताबें मिली। कपिल की खास हिदायत थी कि स्कूप पढ़ कर वापस जरूर कर देना । इसलिए इसे जल्दी पूरा करने का दबाव भी था ।
214 पेज की किताब में विभाजन से आजतक (2000) की महत्वपूर्ण घटनाएं है। स्कूप का मतलब ही रोचक समाचार होता है। मुझे सबसे अच्छी बात इस किताब में यह लगी कि हर टॉपिक 3 या 4 पन्नों में खत्म कर दिया गया। 35 टॉपिक है पहला 30 जनवरी 1948 (गाँधी जी की हत्या ) और आखिरी टॉपिक लाहौर बस यात्रा ( 20 फरवरी 1999 ) है। मुझे सबसे रोचक शास्त्री जी मौत से जुड़ा टॉपिक लगा। इस बारे में लंबे समय से मैटर तलाश रहा था। आपातकाल भी अच्छा लगा। इससे पहले मैंने रामचंद्र गुहा की दोनों किताबें इंडिया आफ्टर गांधी और इंडिया आफ्टर नेहरू पढ़ी थी। गुहा की किताबों में विस्तार अधिक है तो स्कूप में संक्षिप्त और सारगर्भित लेख है।
ज्यादातर घटनाओं में नायर खुद मौजूद रहे है चाहे गांधी की हत्या हो या फिर लौहार बस यात्रा में अटल बिहारी जी के वो साथ रहे। इसलिए स्कूप बहुत सजीव व रोचक बन पड़ी है। गुहा की किताबें शोध पर आधारित है और वो इतिहासकार है इसलिए उनकी लेखन शैली अलग है। अगर कम समय में आपको आजादी के बाद की तमाम कहानी जाननी हो तो इसे जरूर पढियेगा।
- आशीष कुमार
उन्नाव, उत्तर प्रदेश।
( 16 जून 2018 , अहमदाबाद)