उससे मुलाकात मेरी स्पीपा में हुयी थी। हुआ यह कि उसको किसी ने बताया कि मेरा भी हिंदी साहित्य वैकल्पिक सब्जेक्ट है। वही मुझे खोजता हुआ आगे वाली लाइब्रेरी में आया था वो पीछे वाली लाइब्रेरी में बैठता था।
पहली बार में मुझे लगा यह इंसान जमाने से बहुत पीछे चल रहा है। मुझे ऐसे लोग बहुत आकर्षक लगते है। उनमे बहुत सी चीजे खास होती है , सरलता से हद से ज्यादा होती है चिंतक जी की तरह । धीरे धीरे हम काफी अच्छे मित्र बन गए। इसमें एक बड़ा योगदान हम दोनों का ऑफिस पास पास होने का भी था। एक दो बार उसके ऑफिस भी गया। उसके जीवन में बहुत सी बाते थी जो मेरे बड़े काम की थी। मैंने उससे कहा कि तुम पर एक कहानी लिखूंगा , यह बात मैं लगभग हर किसी के कहता हूँ क्योंकि हर किसी में मुझको कुछ न कुछ खास बात दिख ही जाती है यह अलग बात है कि वयस्ततो के चलते बहुत कम लोगो पर लिख पाया हूँ।
अब आज अचानक उस पर लिखने की वजह कल उसका फ़ोन आना है। पता चला कि वो अब शहर छोड़ कर जा रहा है , उसका प्रमोशन हो गया है और वो रायपुर जा रहा है। सुनकर मुझे अच्छा न लगा वजह उसके साथ मुझे बहुत सी चीजे सीखने को मिली थी। उसके होने से मुझे सम्बल मिलता था भले मुलाकात न हो या बात न हो। खैर अब कुछ चीजे आपके साथ भी शेयर कर रहा हूँ जो आपको भी लगेगी वो खास क्यों है.
१. किस्मत से मजदूर बनने से बच गया - उसके गाँव से कुछ लड़के पढ़ाई छोड़ कर गुजरात में कमाने निकल रहे थे। यह उत्तर प्रदेश , बिहार , झारखण्ड में आम बात है , लड़के बम्बई , गुजरात , पंजाब कमाने के लिए निकलते रहते है ( यह देश की बड़ी विडम्बना है विषम विकास ) . वो भी निकलना चाहता था पर ऐन वक्त पर उसके पास पर्याप्त पैसे न इकठे हो पाए और वो वही रह गया। समझ सकते है कि वो किस स्तर पर था।
२. उसकी ईमानदारी - जब उससे मुलाकात हुयी वो सेंट्रल गवर्नमेंट में अच्छी जॉब में था। इससे पहले वो इनकम टैक्स में टैक्स असिस्टेंट की तरह जॉब कर चूका था। उसकी वर्तमान पोस्ट में भी काफी पैसा है।( मैं बहुत सी चीजे अभी लिख नही रहा हूँ पर कभी भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा। मैंने बहुत तरह के लोग देखे जो लंबी , चौड़ी , आदर्शवादी बातें करते थे पर जब वो कमाई वाली सीट पर पहुँचे तो सारी हदे पार कर दी आपको जानकर बहुत हैरानी होगी चिंतक जी , जिनको हमारे बहुत से पाठक आदर्श मानते है जैसे लोग************ खैर जाने दीजिये . ) इस मित्र ने बहुत सी इस विषय में बताई जो वाकई आज समय में दुर्लभ है . बहुत विरले ही हाथ में आये पैसे को वापस लौटा पाते है . फेसबुक पर एक चर्चित युवा ias जिसके लेख आप भी पढ़ते होंगे आपको शायद यह बात सुनाई पड़ी हो उसने 300 करोड़ में शादी की है। 300 करोड़ की बात ठीक से पता नही है पर उनकी एथिक्स वाली बाते बहुत ही प्रभावी है। यही है जिंदगी का दोहरापन ( एक पाठिका ने यह सवाल बहुत बार पूछा था अब समझ गयी न जिंदगी का दोहरापन )
३. प्रॉब्लम आंतरिक होती है न कि बाहरी - पिछले साल हम दोनों ने सिविल की तैयारी के लिए एक लाइब्रेरी ज्वाइन की। मैंने तो कुछ खास पढ़ाई न की पर उसके साथ काफी बातो पर चर्चा होती थी। उसका यह लास्ट एटेम्पट था। उसने पूरी दम लगा दी। उन्ही दिनों एक बात बहुत अच्छी बात बताई कि हमारी प्रॉब्लम आंतरिक होती न कि बाहरी। अगर हम अपने भीतरी भाग पर विजय पा ले तो सारी चीजो पर विजय पा सकते है। पिछले साल , मेरी तैयारी सबसे शिथिल थी वो खैर हमेशा रही है पर मेरा इंटरव्यू काल आ गया। यह मेरे साथ साथ अन्य मित्रो के लिए भी हैरानी भरा था। सच कहूँ तो मैं भी अपने हाथ पैर ढीले कर रखे थे कि मैं सिविल के लायक नही पर यह उसकी संगति का असर था कि मैं आसानी से ही कॉल पा गया। उसकी चीजे , अनुभव मेरे काम आये थे। अफ़सोस , आखरी प्रयास में भी वो सफल न हो सका . वैसे ज्यादा अफोसजनक नही है क्योंकि वो अपनी जॉब में ही काफी ऊपर तक जाने वाला है।
एक सैकड़ा बाते है पर अब मुझे विराम लेना होगा। भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा मुझे चीजे याद रहती है। आशा है आपको इसमें कुछ बाते आपने मतलब की मिल जाएँगी। आपको पढ़ कर अधूरापन लग रहा है , मेरी सबसे बड़ी शिकायत यही है मैं चीजे अधूरी छोड़ देता हूँ , मैं भी जानता हूँ कि हर पोस्ट , बहुत ही जल्दबाजी में लिखता हूँ पर कभी न कभी सब चीजे पूरी करूँगा , तुम पर भी लिखूंगा हाँ हाँ तुम पर भी
कॉपी राईट - आशीष कुमार