मेरी नजर में तुम
जैसे सौम्य मूरत
तुम्हारी आँखे
मीठा सा शर्बत
तुम्हारी नजर
कतई जहर
तुम्हारे काले बाल
जैसे रेशमी जाल
तुम्हारी मुस्कान
बसती मेरी जान
तुम्हारे लब
लाल गुलाब
तुम्हारी सांसे
दहकती आग
तुम्हारी बातें
शुद्ध शहद
तुम्हारी कमर
नदी का मोड़
तुम्हारे पाव
पीपल की छांव
तुम्हारा बदन
अनमोल रतन
तुम्हारा अहसास
नाजुक खरगोश
तुम्हारा प्यार
असीम ताकत
©आशीष कुमार, उन्नाव
28 अप्रैल 2021