नीम का पेड़
यह नावेल , राही मासूम रजा ने लिखा था। यह भी लघु नावेल और उनकी लिखी अंतिम कृति है। कभी मुझे उनका आधा गावं भी पढ़ने को मिला था पर पढ़ न सका। वजह उस नावेल की भाषा। वैसे भी आधा गांव को हिंदी के कुछ प्रसिद्ध आंचलिक उंपन्यास में गिना जाता है। आधा गांव , में गंगोली गांव की भाषा मेरे लिए काफी अवरोध वाली थी। इसलिए जब नीम का पेड़ पढ़ने बैठा तो लगा यह भी पूरा न पढ़ सकूगा।
धीरे धीरे पढ़ा और 3 बैठक में खत्म हो गया। लघु नावेल ( 100 से भी कम पन्ने ) जरूर है पर कथा काफी विस्तार में है। कहानी नीम का पेड़ कहता है जिसे बुधिया ( दलित ) ने अपने बेटे सुखिया के जन्म पर लगाया था। देखा जाय तो यह नावेल आजादी के बाद की राजनीति को क्रेन्द्र में रखता है। दलित , मुस्लिम के m.p. , mla बनना , दूषित राजनीति के बारे में कथा है। जमींदारी के ढलान , उसका राजनीति में परिवर्तन को दिखाया गया है। देश के टुकड़े होने तथा आजादी के बाद सपने टूटने की कथा है।
राही जी को महाभारत के डायलॉग लेखन के लिए भी जाना जाता है। नीम के पेड़ में मुस्लिम समाज के बारे में लिखा गया है इसलिए भाषा थोड़ी , बहुत कठिन लग सकती है पर ज्यादा अवरोध नहीं है। कथा , सरस , रोचक है। इस नावेल पर टीवी सीरियल भी बना था , जिसमे पंकज कपूर ने बुधई राम का रोल निभाया था।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।