विश्व शांति सूचकांक
इंस्टिट्यूट ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पीस ने हाल में विश्व शांति सूचकांक जारी किया है। इसमें पहला स्थान आइसलैंड तथा अंतिम स्थान गृहयुद्ध , आतंकवाद से ग्रस्त सीरिया को मिला है। 161 देशों की इस सूची में भारत को 137 स्थान दिया गया है। इससे पता चलता है कि भारत को इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
भारत को आंतरिक चुनौती यथा नक्सलवाद , आरक्षण को लेकर हरियाणा , गुजरात , आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में गंभीर हिंसा का सामना करना पड़ा है। इसके साथ सीमा की रक्षा के लिए हर वर्ष सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा रक्षा उपकरणों पर ख़र्च करना पड़ता है। विश्व शांति सूचकांक के माध्यम से ऊपर वर्णित सस्थान विश्व को यह बतलाता है कि वैश्विक हिंसा के चलते देश अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास नहीं कर पा रहे है। अगर हिंसा पर रोक ला दी जाय तो सैन्य ख़र्च कम होगा जिसका इस्तेमाल खाद्य सुरक्षा , स्वास्थ्य , जलवायु परिवर्तन , गरीबी के उन्मूलन में किया जा सकता है।
आशीष कुमार ,
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।