चिन्तक जी के बारे में बहुत से लोगो ने पूछा है पर एक
पाठक को वह कहानी इतनी भायी कि मुझे ३ – ४ मेल लिखे . मैंने उन्हें हमेशा जबाब
दिया कि समय मिलते है पोस्ट करूगां . पास लिखने के लिए बहुत से विचार
होते है पर समय के आभाव में उन्हें लिख नही पाता हूँ . वैसे भी लिखने के लिए फ्री
mind होना चाहिए जो आज के दौर में बहुत कम होता है
.
.
ज्यादातर लोगो को यह जानने कि उत्सुकता रही है कि
चिन्तक जी इन दिनों क्या कर रहे है तो समय आ गया है जब आप को जानकारी दे दू चिन्तक
जी ने दिसम्बर १५ में uppcs lower का इंटरव्यू दिया है . पहली बार इंटरव्यू दिया
है और उम्मीद की जानी चाहिए उनका सिलेक्शन हो जायेगा .
चितंक जी के तेवर अभी भी वैसे है जैसे पुराने
दिनों में हुआ करते थे अब मेरी उनसे बातचीत बहुत कम ही हो पाती है महीने या २
महीने में एक बार पर जब भी बात होती है मुझे ख़ुशी होती है कि अभी भी उनमे बहुत कुछ
बाकि है २००६ में पहली बार में आईएएस का pre निकालने के बाद , काफी कोशिस के बाद
भी उनका कभी pre नही निकला .
२०१५ में जब ias का पैटर्न फिर से बदला उन्होंने
पुरे जोर शोर से , दम लगा कर एग्जाम दिया . एग्जाम के बाद मेरी उनसे फ़ोन पर बात
हुई पता चला उनका स्कोर मात्र ८० अंक है यानि इस बार भी उनका होना नही था .. इस
बार भी वो ias का मैन्स देने से वंचित रह गये ...अच्छा स्कोर ने कर पाने के कारण
भी बताये थे जो मुझे अब याद नही ... वैसे भी आपको पहले की कहानियों से चिन्तक जी
के बारे में एक बात बहुत अच्छे से समझ में आ गयी होगी वह बहुत गंभीरता से सोचते और
समझते है ..
वो ias के एग्जाम से भले दूर रहे हो पर हमेशा
२०१३ में भी मुझसे ias मैन्स के पेपर मागे थे ताकि समझ ले कैसे प्रश्न पूछे जा रहे
है इलाहाबाद में उनके परिचितों में दूर दूर तक कोई मैन्स लिखने वाला नही था ..
मैंने भी समय निकल कर पेपर्स की कॉपी करवा कर पोस्ट कर दी थी हलाकि यह बहुत झंझट
का काम लगा था ..
२०१४ में भी मैन्स के पेपर मागते रहे जब भी बात
होती थी वह यह डिमांड करना नही भूलते थे पूरे साल मै टालता रहा वजह साफ थी मुझे
ऐसा लग रहा था कि जब मैन्स लिखना ही नही है तो मैन्स के पेपर के विश्लेष्ण करके क्या करोगे ... पर उनसे सीधे सीधे कैसे कहूँ कि अब ias का पैटर्न
बिलकुल बदल गया है .. अब इसमें COMPETITION भी बहुत बढ़ गया है .
अभी जनवरी में फिर उनसे बात हुई तो बोले होली जब
घर आना तो २०१४ और २०१५ के मैन्स के पेपर लाना मत भूलना ... मतलब अभी भी वो ias को
छोड़ेगे नही .....मेरे ख्याल से अभी भी उनके २ या ३ चांस बचे है .....देखो क्या
होता है ......( अगर कोई पाठक इलाहाबाद से हो और चिन्तक जी ias मैन्स के पेपर
उपलब्ध करा सके तो प्लीज संपर्क करे क्यूकि चिंतक जी अभी भी सिंपल फ़ोन रखते है और
उनका कोई फेसबुक , जीमेल अकाउंट नही है ..मैंने नेट पर देखने कि सलाह दी थी तो
उनका कहना था कि हार्ड कॉपी में देखना ज्यादा अच्छा होता है .....उनके तर्को को मै
कभी काट नही पाता हूँ ... उनसे जुडी शेष कहनियाँ फिर कभी ........)
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