विश्व शांति की ओर एक कदम
विश्व में पश्चिम एशिया के बाद सबसे संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्र दक्षिण कोरिया से एक अच्छी खबर आयी है। मानव अधिकार कार्यकर्ता , वकील 64 वर्षीय मून जे को राष्टपति चुना गया है। वह अपने चिर प्रतिद्वंदी देश उत्तर कोरिया से अच्छे सम्बन्ध रखने के हिमायती है। मून जे के पिता 1950 में उत्तर कोरिया के साम्यवादी शासन से भाग कर दक्षिण कोरिया आ गए थे।
मून जे , अमेरिका के उत्तर कोरिया ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते रहे है। वह दोनों देशों के साथ बातचीत के द्वारा मुद्दों को सुलझाए जाने के हिमायती रहे है। मून की सनशाइन पालिसी इस बात का अच्छा उदाहरण है। उन्होंने यहाँ तक आशा कि है एक दिन दोनों देश एक हो जायेंगे।
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच प्रारम्भ से ही तनावपूर्ण रिश्ते रहे है। अमेरिका ने हाल में ही टर्मिनल हाई अलटीटूड एरिया डिफेन्स ( थाड ) सिस्टम को दक्षिण कोरिया में तैनात किया था। मून ने इस पर समीक्षा करने के संकेत दिए है दरअसल अमेरिका ने अपने द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा के बदले धन की मांग भी की थी जिसे बाद में वापस ले लिया था। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच 1953 में एक सहयोग संधि की गयी थी जिसके तहत 29000 अमेरिका के सैनिक इस देश में तैनात है।
वस्तुतः मून जे की चुनाव में जीत से अमेरिका को एक झटका लगा है । वैसे भी इन दिनों , बहुध्रुवीय विश्व में , शांति और स्थिरता के लिए सीमा व् अन्य विवाद आपसी बातचीत से सुलझाना ज्यादा बेहतर होगा। अमेरिका को इस तरह के विवादों में न उलझकर उसे अपना ध्यान अन्य गंभीर वैशिवक मुद्दों यथा जलवायु परिवर्तन , अकाल , गरीबी , भुखमरी , रिफ्यूजी समस्या आदि में देना चाहिए।
-आशीष कुमार, उन्नाव , उत्तर प्रदेश
(This article has been published in jansatta editorial as letter on dated 11.05.2017)
-आशीष कुमार, उन्नाव , उत्तर प्रदेश
(This article has been published in jansatta editorial as letter on dated 11.05.2017)