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शनिवार, 14 नवंबर 2015

Problems of Rural India

 ग्रामीण भारत की समस्याए  Problems  
·              
·        रोजगार  Employment के अवसर की कमी
·        संस्थागत स्वास्थ्य सुविधाओ की कमी
·        संस्थागत financial Service वित्त सेवाओ का आभाव
·        समान्य जागरूकता का आभाव जिसके चलते वह Government द्वारा चलाई जा रही Schemes का लाभ नही ले पाता है .  
·        Agriculture , अब लाभ का जरिया होकर मजबूरी
·        Technology  व् प्रयोगों से दूर वह आज भी परम्परागत ज्ञान और तकनीक के आधार पर जीविका चला रहा है .


 इन को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किये गये उपाय

·        शिक्षा का अधिकार ( २००९ ) , जिसके चलते सभी को प्राथमिक शिक्षा निशुल्क उपलब्ध
·        काम का अधिकार यानि मनरेगा , इस योजना की तारीफ विश्व बैंक ने  भी की है , इससे गावो से नगरो की ओर पलायन कम हुआ है .
·        जन धन योजनाजिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है , लगभग १७ करोड़ लोगो के खाते खोले गये है . अब ग्रामीण अपनी बचत घर में रखने के बजाय बैंक में रख सकेगे . इस संदर्भ में पेमेंट बैंक , मुद्रा बैंक भी बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे .

·        प्रधानमंत्री सिचाई योजना , इसमें सिचाई के साधनों का विकास किया जायेगा . गौरतलब है , भारत में बहुत से भागो में सिचाई के साधन अभी पयार्प्त नही है .





सोमवार, 21 सितंबर 2015

CALL TO ACTION

कॉल टू एक्शन सम्मेलन(27-28 अगस्त 2015) यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली के दौरान आयोजित होने वाली यूनाइटेड नेशन समिट टू अडॉप्ट दी पोस्ट 2015 डेवलपमेंट एजेंडा-2015 का प्रारम्भिक सम्मेलन था। इसका आयोजन दिल्ली में किया गया। भागीदार- 1.स्वास्थ्य एवम् परिवार कल्याण मंत्रालय( भारत सरकार) 2. स्वास्थ्य मंत्रालय(इथियोपिया सरकार) 3.यूनिसेफ 4.बिल और मेलिंडा गेट फाउंडेशन 5.टाटा ट्रस्ट 6.यूएसएआईडी इसका मुख्य उद्देश्य मातृत्व तथा शिशु मृत्यु दर को कम करना था। इसके लिए सभी राष्ट्रों के साथ भागीदारी को बढ़ाना, तकनीकों तथा प्रौधोगिकी का परस्पर एक दूसरे के साथ मिलकर प्रयोग करना। इसमें भारत ने सभी राष्ट्रों को सहयोग करने के लिए कहा है भारत इससे पहले अपनी टेक्नोलॉजी को सार्क राष्ट्रों के साथ भी साझा कर चुका है। सहस्र विकास से सतत विकास की तरफ एक बढ़ता कदम है। इस सम्बन्ध में भारत द्वारा चलाये गए कार्यक्रम- 1.मिशन इंद्रधनुष 2.कायाकल्प योजना 3.विशेष नवजात देखभाल यूनिट (special newborn care unit) 4.मातृत्व तथा शिशु स्वास्थ्य ट्रैकिंग सिस्टम 5. स्वच्छ भारत मिशन 6.जननी सुरक्षा योजना 7.राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन सम्मेलन में प्रमुख समझौते- 1.कॉर्पोरेट भागेदारी 2.स्वास्थ्य वित पोषण 3.नवाचार 4. समाजिक दायित्व 5.पोषण 6.सफाई के क्षेत्र में विस्तृत चर्चा की गई।
PART: 2 हरी सिगरेट वाला आदमी

गुरुवार, 10 सितंबर 2015

Payment Bank


भुगतान बैंक भुगतान बैंक में बैंकिंग प्रणाली की सभी विशेषतायें नही होती।एक अधिकृत भुगतान बैंक केवल जमाये स्वीकार( केवल चालू खाता तथा बचत खाता)करता है तथा पैसे भेजने में मदद करता है। ये कभी भी उधार की सुविधा प्रदान नही करता है।इन बैंको की स्थापना भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए की गई है । इसका प्रमुख लक्ष्य स्थानांतरित श्रमिक तथा असंगठित समूह के कर्मचारियों छोटे व्यापारी तथा निम्न आय वाले लोग हैं। नचिकेत मोर कमेटी की अनुसंशाओं पर भुगतान बैंको की स्थापना का निर्णय लिया गया। नियम- 1.न्यूनतम पूंजी -100 करोड़ रुपए 2.प्रथम 5 वर्षों के लिए प्रवर्तकों का हिस्सा कम से कम 40% हो,10 वर्षो तक 30%तथा 12 वर्षों तक 26%हो 3.निजी बैंको पर लागू विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से सम्बंधित नियम समान रूप से लागू 4.वोट के अधिकार का प्रयोग से सम्बंधित नियम आर बी आई द्वारा नियमित किये जाते है। 5. 5% से अधिक के किसी भी अधिग्रहण में आर बी आई की अनुमति अनिवार्य 6.डायरेक्टर की नियुक्ति आर बी आई के दिशा निर्देश के अनुसार की जायेगी। 7.ये बिल स्वीकार कर सकता है। 8. ये गैर बैंकिंग गतिविधियों के लिए सहायक कंपनी नही रख सकते। 9. भुगतान बैंकक ग्राहक से 1 लाख से अधिक जमा स्वीकार नही कर सकते। 10.इन्हें 'भुगतान बैंक' शब्द का प्रयोग करना अनिवार्य है ताकि ये अन्य बैंको से भिन्न प्रतीत हों। 11. बैंक डेबिट कार्ड जारी कर सकते है लेकिन क्रेडिट कार्ड नही। 12. भुगतान बैंक को सीआरआर तथा एसएलआर को बनाये रखना होता है अन्य सभी बैंको की तरह। 13. भुगतान बैंक किसी व्यापारिक बैंक के सहायक के रूप में हो सकते है

दो शब्द आधी आबादी के नाम

रविवार, 6 सितंबर 2015

Act East Policy

उत्तरपूर्वी भारत में बढ़ता स्थायित्व या
भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी

पूर्वी क्षेत्र में बॉर्डर समस्याओं का हल करने में पिछले कुछ दिनों में भारतीय सरकार काफी हद तक सफल हुई है ,ये भारत की  ACT EAST POLICY के तहद भी देखा जा सकता है की पूर्वी क्षेत्र अब स्थायित्व की और बढ़ रहा है।

सरकार द्वारा किये गए अहम प्रयास

1. बांग्लादेश- 

वास्तव में सदियों पहले कूचबिहारके राजा और रंगपुर के महाराजा जब शतरंज की बिसातें चलते थे तो दांव पर लगते थे - गांव। दोनों रियासतों के सैकड़ों गांव एक दूसरे की रियासत में मौजूद थे। फिर मुगलकाल में इन गांवों की सीमा को लेकर विवाद बना रहा। ऐसे 1713 विवादित क्षेत्र बने रहे। भारत (और पाकिस्तान) की स्वतंत्रता के बाद बंटवारा तो हुआ पर पूर्वी पाकिस्तान के कई इलाके भारत में और भारत के कई इलाके पूर्वी पाकिस्तान में बने रहे। यहीं से 'छिटमहल' या ENCLAVE  की समस्या शुरू हुई

बांग्लादेश के साथ हुए LAND BOUNDARY AGREEMENT  के प्रभाव-
1. अवैध आवाजाही तथा अवैध व्यापार पर रोक लगेगी
2. इससे शरणार्थियों का मुद्दा हल होगा तथा दोनों देशों के लोगो में आत्मविश्वास बढेगा।
साथ ही भारत का भी अन्य देशो के साथ सीमा संबधित मुद्दों को हल करने में CONFIDENCE  बढेगा तथा ये उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होगा।
3. ये परिवहन की समस्या का भी हल करने में  HELPFUL होगा। इससे उत्तर पूर्वी भारत में RAIL ,समुद्री तथा सड़क यात्रा कम खर्चीली तथा कम समय की होगी
उदाहरण के लिए हल्दिया से चिटगॉन्ग पोर्ट तक की यात्रा चिकन नैक से सड़क यात्रा के बजाए काफी किफायती होगी।
WILL POWER
2. भूटान-बांग्लादेश-भारत-नेपाल कनेक्टिविटी एग्रीमेंट
         जून में हुए बैठक के अनुसार इस क्षेत्र में यात्रियों तथा माल की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क मार्ग को दुरुस्त किया जायेगा जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी तथा सद् भावना का विकास होगा।

3. नागालैंड शांति समझौता

नागालैंड का शांति समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ भारत अपने रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। उधर का रास्ता पूर्वोत्तर से होकर गुजरता है, जो देश का सबसे संवेदनशील इलाका है।
नेशनल सोशल काऊंसिल ऑफ नागालैंड(NSCN- IM) और सरकार के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. माना जाता है कि इस अहम शांति समझौते के बाद नार्थ ईस्ट में हालात को काबू करने में सरकार को काफी हद तक सफलता मिलेगी. एनएससीएन (आईएम) नेता टी. मुइवा ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हम एक दूसरे को समझने, नये संबंध बनाने के लिए नजदीक आये हैं।

4. त्रिपुरा से AFSPA का हटाना

काफी लंबे समय से चले सिविल सोसाइटी तथा सरकार के मध्य इस संघर्ष में सिविल सोसाइटी की विजय हुई तथा इस ACT को हटाने में सफल रहे।

5 भारत से थाईलैंड तक सड़क मार्ग-
ये भी भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पालिसी का ही एक हिस्सा है जिसमे सड़क मार्ग द्वारा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ा जायेगा। जो तीनो ही देशों की ECONOMY के लिए महत्वपूर्ण होगा तथा आपसे सौहार्द भी बढेगा ।

SAVE MONEY EARLIER, ENJOY LIFE IN FUTURE

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