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गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

ADOLESCENCE / किशोरावस्था


जब मै B. Ed. कर रहा था मुझे उसके Course एक बात अभी तक याद रह गयी है उसमे  दूसरा पेपर Psychology होता है , उसमे किसी Western Philosopher  ने कहा थाकिशोर अवस्था बहुत ही तनाव, संघर्ष और तुफानो की अवस्था होती है . इस बात को मै बहुत सोचता था , इसको अपने पर भी  apply  करके देखता था और पाता था कि  सच में बात बहुत पते की गयी है .
मित्रो , सच में  adolescence period  यानि १६  से २० -२२ की उम्र बहुत जटिल होती है , हमारे विचारो में instability  होती है , हम अपने  decision पर अडिग नही रह पाते है . हम समझ में नही आता कि करना क्या है , हम अपने Parents  से , friends  से , Relatives  से तो असहमत होते है इसके साथ , हम खुद से भी असहमत होते है . हम जो कदम उठाते है , उस पर हमे यकीन नही हो पाता .
इसको example के तौर पर समझाता हूँ . पहले तो हमे पढाई में समझ नही आता कि आगे क्या पढ़े . Inter तक तो math  से पढ़ लिए था आगे समझ नही आता कि B.Sc. करू या B.A. पिता ने कहा B.Sc.  करो . आज उनके logic को सोचता हूँ तो अजीब लगता है उनका मानना था कि इससे तुम्हे  पढ़ाने के लिए अच्छे tution मिलेगे . पिता जी highly qualified  थे पर बेरोजगार . ऐसे में उनकी आस्था डिग चुकी थी , Government Service  उनके लिए दूर की कौड़ी थी .
बीएससी के तीन साल कैसे गुजरे पता चला . कोई book नही खरीदी . साल के अंत में कुंजी type notes खरीदता और उसे exam दे आता . पुरे साल मै हिंदी के  Novel , History  की Books  पढने में busy रहा करता . सच कहूँ तो हिंदी और इतिहास की गहन पढाई से ही अपनी Personality Development कर रहा था . बीएससी के Subjects , Math , Physics, Computer Application को तो समझ पा रहा था और उनकी utility  भी नही दिख रही थी .
बीएससी का बाद रोजगार के लिए बहुत दबाव पड़ने लगा . ऐसे में बी एड के फॉर्म एक सुभचिन्तक ने भरा दिए . Polytechnic का भी फॉर्म डाला. तीन फॉर्म पड़े थे दो बीएड के , एक  का Polytechnic . तीनो में ही नाम आया पर अतिम तौर पर ...
Polytechnic से कुछ याद आया. जहाँ मै किराये पर रहता था वहां पर एक भइया का भी घर था . भइया B.T.C करके Primary Teacher थे और ias ki preparation  करते थे . उनके पास शाम को कुछ और साथी पढने आते थे . मेरा बड़ा मन होता था कि मै भी उनके पास जाकर  कुछ सीखू पर हिम्मत होती थी .
Competition Success Review नामक   एक पत्रिका आती है. उन दिनों उसमे एक gk quiz  आती थी . उन दिनों  मै हर उस चीज में भाग लेने की कोशिस करता जिसमे कुछ prize  मिलने की आशा होती . भइया के पास कुछ quiz  के सवाल पूछने जाने लगा . खैर उस quiz में कभी मुझे कोई prize नही मिला . हा उस पत्रिका के लिए मेरे दो दर्जन essay  जुरूर  चयनित  हुए .

एक रोज भैया ने पूछा किआगे क्या plan  है ? मैंने कहा मुझे भी ias की   prepration  करनी है , पर अभी  का Polytechnic का  exam  दिया है उसमे नाम आया है . वो बहुत हैरान हुए बोले Polytechnic के चक्कर में क्यू पड़े हो . सीधे आईएस की तैयारी क्यू नही करते . मैंने बोला side carrier  बनना चाहता हूँ ... सच में उन दिनों , समझ में नही आता था कि वास्तव में life  में करना क्या है . बहुत भटकाव की अवस्था थी . 
( जारी.....) 

रविवार, 12 जुलाई 2015

How to revise your notes during ias prepration ?

TOPIC: 73 

आईएएस की तैयारी  के दौरान अपने नोट्स कैसे दोहराये ?

मित्रो , किसी exam की तैयारी  में revision करना सबसे अहम होता है। आप कितना ही पढ़ ले , कितनी ही तरह की बुक , Notes , पत्रिका जुटा ले। सफलता के लिए सबसे जरूरी है समय समय पर revision। अक्सर अपने लोगो से सुना होगा कि  यार पढ़ा सब था बस  रिवीजन नही कर पाया। आज के लेख में कुछ points इस बारे ...  
  1. जब भी पढ़े साथ में नोट्स बनाते चले। 
  2.  सबसे अच्छा होता है बुक में ही पेंसिल से अपने पॉइंट उपर के space में लिख देना।  
  3.  कोई भी बुक पढ़े उसमे date और time जरूर डालते रहे। मेरा मतलब जहां से पढ़े और जहां तक पढ़े वहाँ तक।  
  4.  इससे आपको पता चलता रहेगा कि आप की पढ़ने की speed कितनी है। आप चाहे तो १ घंटे में कितने पेज पढ़ते है इसका आकलन कर सकते है।  
  5.  कोई भी बुक , नोट्स , पत्रिका पहली बार बहुत धीरे धीरे पढ़े।  
  6.  पहली बार में जब तक उसका सार , भाव ग्रहण न करे ले आगे न बढ़े।  
  7. जब  भी कोई बुक पढ़ कर खत्म करे  उसको  २ या ३ दिनों में फिर से पढ़े।  माना  जाता है अगर हम कोई चीज २४ घंटे में दोहरा लेते है तो लम्बे समय तक वह हमारे  mind में बसी रहती है।  
  8. अपने mind की सक्रियता को बनाये रखे। 
  9. कई बार हम घंटो किताब खोले रहते है और दिमाग में कुछ दूसरी बाते चल रही होती है , इनसे बचे। 
  10. अगर आपको रिवीजन से ऊब , बोरियत होती है तो उसे अपने अनुसार कुछ रोचक बनाये। 

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© IAS KI PREPRATION HINDI ME 





बुधवार, 1 जुलाई 2015

How to make a good time table for ias prepration

टॉपिक : 72   आईएएस की तैयारी  के लिए अच्छा टाइम टेबल कैसे बनाये ?


मित्रो , किसी भी लक्ष्य के लिए जरूरी होता है सही रणनीति का चुनाव। अगर बात आईएएस जैसे कठिन लक्ष्य की हो तो यह बेहद जरूरी हो जाता है। आप की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप इसके लिए कितने व्यवस्थित तरीके से तैयारी करते है।  आज एक सामान्य तरीके से , जोकि सब पर फिट बैठ सके एक टाइम टेबल की रूप रेखा देते है। इससे आप को कुछ idea मिल जायेगा। इसमें अपने अनुरूप संसोधन करके अपनाये।


  • सबसे पहले आप अपने लिए उपलब्ध समय का आकलन करे।  
  • अपने लिए समय का आकलन ईमानदारी से करे। ऐसा न हो कि  जोश में आकर 15  घंटे पढ़ाई करने लिए निकाल ले। एक दो दिन पढ़े भी फिर वही पुराने रूप में आ जाये।  
  • अगर मोटा मोटा आकलन करे तो आपको general Study और optinal पढ़ना है। मेरे ख़्याल से दोनों को ही बराबर समय देना होगा।  
  • अगर आपके पास ८ घंटे समय है तो आपको ३ घंटे सामान्य अध्ययन , ३ घंटे वैकल्पिक विषय , १ घंटे न्यूज़ पेपर तथा १ घंटे रिवीजन के लिए रखे।  
  • जितना जरूरी पढ़ाई है उतना ही जरूरी अपने mental Power बनाये रखने के लिए मनोरंजन के लिए समय निकलना 
  • आपको कम से कम १ घंटे Physical activity  करनी होगी। ज्यादा कुछ न करे तो टहलने की आदत डाले 
  •   टाइम टेबल ऐसा बनाये जिसमे आपको बोरियत न हो।  
  • अच्छा होगा अपने नोट्स खुद बनाते चले। इससे आपको लेखन का भी अभ्यास बना रहेगा।  
आशा है आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी . अगर आप पढ़ते समय ध्यान भटक जाता हो तो नीचे वाले टॉपिक के टिप्स आपके लिए बेहद उपयोगी होंगे . कृपया उनको पढना न भूले . 


शुक्रवार, 8 मई 2015

IF YOU ARE GOING TO APPEAR IN CIVIL SERVICE EXAM (PRE) 2015

टॉपिक : ६९

यदि आप इस बार  आईएएस के प्रीएग्जाम में बैठने जा रहे है तो आपके लिए कुछ जरूरी सलाह 

१. सबसे पहले पुराने /पिछले सालो के पेपर देखे।  उनसे समझे किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है।  
२.  बहुत से लोगो को लगता है कि  किसी एक पेपर में अच्छा स्कोर करके वह एग्जाम क्लियर कर लेंगे। वास्तव में यह एक भ्रम है।  आपको दोनों ही पेपर में अच्छा स्कोर करना होगा 
३. दूसरे पेपर में कम प्रश्न है और अंक ज्यादा। इसमें आप को बहुत सतर्कता से बढ़ना होगा। कोई भी प्रश्न अगर गलत हुआ तो आपका नुकसान भी ज्यादा होगा। 
४. दूसरे पेपर के लिए अपने स्तर पर , अपनी कमजोरियों को ध्यान में रख कर रणनीति बनाये 
५. पहले पेपर में हर साल विविधता होती है।  पिछले साल बहुत ही रटने वाले प्रश्न आ गए थे। इस पेपर के लिए बहुत ठोस तैयारी करे। बहुत सारी  किताबो के साथ लुसेंट भी रटने के प्रयास  करे ( नेशनल हाईवे वाला प्रश्न याद है न पिछले साल जो पूछा गया था ? ) 
६. परीक्षा हाल  में बहुत सारी  समस्याओं में एक है भरम होना। लोग अक्सर जल्दबाजी में गलत विकल्प चुन लेते है और कुछ लोग जल्दी में गलत गोला भी रंग देते है। इनसे बचने के लिए जरूरी है बहुत सारा अभ्यास और ढेर सारी मेहनत। 
७. जितनी ज्यादा तैयारी , उतना ज्यादा आत्मविश्वास। 
८. भले अभी काफी समय लग रहा हो पर अगस्त के लिए ज्यादा समय नही बचा नही है।  इसलिए अब एक एक पल प्री  के लिए समर्पित हो। ( खास तौर पर वो लोग जो मैन्स की तैयारी कर के बैठे है पर दुर्भाग्य से प्री नही निकल पाता है। ) 
९.  सीसैट में मैथ को लेकर बहुत से लोग परेसान रहते है। आप उससे डरे नही। मुश्किल से ५० टाइप के प्रश्न मैथ के पूछे गए होंगे। आप पिछले सालो के प्रश्न हल कर डाले। उनमे स्पीड पा  ले। आप का काफी काम हो जायेगा।  
१०. अंतिम और सबसे जरूरी सलाह :- अति आत्मविश्वास से बहुत बचे।  न जाने कितने ही स्मार्ट लोग जो पहली ही बार में सिलेक्शन लेने का दावा कर रहे थे प्री में बाहर हो गए। इसलिए कभी भी अपनी तैयारी  पूरी न माने। ज्यादा दावे करने से बचे। शांत रहे। चुपचाप लगे रहे और दुनिया को दिखा दे। 


हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा





















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