BOOKS

पेन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पेन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 1 जनवरी 2020

2 पेन व डायरी

                                                           2 पेन व डायरी

कुछ दिन से वो चौकीदार अंकल बहुत याद आ रहे है। काफी साल पहले की बात है , वो हमारे पड़ोसी थे। उस घर में तमाम किरायेदार रहा करते थे। मेरा रूम , उनके सामने ही था। मस्त मौला आदमी थे। हमेशा कुछ न कुछ मजाकिया बातें किया करते थे। उनके कुछ छोटे २ किस्से याद आते हैं।

१.  पहला किस्सा वो था जिसमें वो एक ऐसे आदमी का जिक्र करते जो बिलकुल भी पढ़ा लिखा नहीं था। ऐसे लोग काफी गुनी होते हैं। उसने लोगों को देख देख कर कुछ बातें सीख ली। उन्हीं बातों में एक बात उस अनपढ़ आदमी ने यह भी सीखी। उसकी जेब में हमेशा दो पेन व एक छोटी पॉकेट डायरी जरूर होती। एक बारात में वो इस रूप में गया। अच्छे से बाल सवारे , साफ स्तरी किये हुए कपड़े, शर्ट की जेब में दो पेन , एक छोटी पॉकेट डायरी। उसी बारात में किसी लड़की ने इन सज्जन को देखा और उसके मन में बड़े मधुर विचार पनपे। लड़की पढ़ी लिखी व काफी समझदार थी। उसने हमेशा से सोचा था कि किसी पढ़े लिखे इंसान से प्रेम विवाह ही करेगी। अंकल खूब हसँते -हसँते  बताया करते थे कि इस तरह से एक अनपढ़ इंसान ने दो पेन व एक पॉकेट डायरी के सहारे सुंदर -पढ़ी लिखी समझदार बीवी पा ली।

२.  अंकल ने मुझको लेकर एक भविष्यवाणी की थी कि देखना आशीष तुम एक दिन बहुत बड़ी नौकरी पाओगे। जब मैं उनसे पूछता कि ऐसा क्यों लगता है तो कहते कि तुम इतनी मोटी -२ किताबें जो पढ़ते हो। मैं बहुत मुस्कुराता और कहता कि ये तो फालतू के नावेल हैं , जो बेरोजगार खाली इंसान समय गुजारने के पढ़ा करते हैं। उन दिनों गोर्की का मां, शरत बाबु का देवदास, टालस्टाय का वॉर एंड पीस, कामु का प्लेग जैसी किताबें मेरे बिस्तर पर पड़ी रहती। रूसी भाषा के कुछ अनुदित नावेल 700-800 पेज के हुआ करते थे। बाद के तमाम सालों में मुझे अंकल वो तर्क याद आता रहा कि जो मोटी 2 किताबें पढ़ सकता है वो बड़ी नौकरी करेगा।

तो अब कहानी खत्म करू, नहीं कहानी तब तक खत्म न होगी जब तक आपको यह न बता दूँ कि अंकल चौकीदार जरूर थे पर रात में भी वो अपनी शर्ट में दो पेन व एक छोटी डायरी लेकर जाया करते थे।

(1 जनवरी 2020, दिल्ली)
© आशीष कुमार, उन्नाव

Featured Post

SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...