टॉपिक : 45 गुरु जो सिर्फ क्रॉनिकल पर भरोसा करते थे।
काफी दिनों बाद मित्र से मिलना हो रहा था। सप्ताहांत था। कुल तीन साथी इक्क्ठा थे। मेजबान ने बताया कि अभी बड़े गुरु जी आ रहे है कुछ tips ले लिया जायेगा। मै खुश था पर मेरे दूसरे साथी बहुत ज्यादा खुश हुए। अभी तक एक बार भी आईएएस की pre परीक्षा में वो बैठे नही थे। सो खुशी से फूले नही समा रहे थे।
गुरु जी के बारे में हमारे मेजबान ने बहुत तारीफे कर रखी थी। यथा कि वो भले सफल न हुए हो पर बहुत पहुंचे हुए है। उनके पास बहुत अनुभव है। दिल्ली के कोचिंग में हमेशा टॉप किया है आदि आदि। खैर काफी इंतज़ार के बाद गुरु जी पधारे। साथी दौड़ कर चाय बनाने लगे। गुरु जी tea पीने के बाद गंभीरता से बैठ गए।
चुप्पी को मैंने ही तोडा। सर कुछ बताइए। (टिप्स जानबूझ कर नही कहा था क्यकि गुरु से टिप्स मांगना सबसे परेशान करने वाला प्रश्न होता है ) . सर , शांति से मेरी ओर देख कर चुप हो गए। मुझे लगा कि इनकी चुप्पी ही सबसे बड़ा टिप्स है। काफी देर बाद जब गुरु शुरू हुए तो लगातार टिप्स देते चले गए। गुरु भी job करते थे। सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट time management पर ज्ञान दिया। जैसे कि वो एक हाथ से ब्रश करते थे तो दूसरे हाथ में क्रॉनिकल हुआ करती थी। Newspaper टॉयलेट में खत्म कर देते थे। ऑफिस से lunch में निकल आते थे तो एक दो घंटे पढ़कर ही ऑफिस जाते थे आदि आदि।
मुझे आज उनकी याद यूँ ही नही आयी। दरअसल उनसे मिलने के कुछ ही समय बाद ही आईएएस का pre एग्जाम था। नए साथी ने गुरु की tips गाठ बांध कर रात दिन एक कर पढ़ाई करने लगे। गुरु ने मूलमंत्र दिया था कि सिर्फ क्रॉनिकल पढ़ो। साथी क्रॉनिकल पढ़ते रहे। ८ महीने की सारी क्रॉनिकल रंग डाली।
जो एग्जाम दे रहे है उन्हें पता है कि आज कल pre में जरा भी करंट अफेयर्स नही आ रहा है। सो अंजाम वही हुआ जो होना था। साथी pre में न केवल धराशाई हुए बल्कि उनका मनोबल हमेशा के लिए टूट गया। मैंने पूछा क्या हुआ तो कहने लगे गुरु ने बर्बाद कर दिया। मैंने कहा चलो गुरु से इस बारे में बात की जाय। खैर एक दिन फिर गुरु के साथ जमघट लगा। जब गुरु से इस प्रसंग में बात की गयी तो गुरु ने आँखे तरेरते हुए बोले मैंने तो मैन्स के लिए बोला था कि सिर्फ क्रॉनिकल पढ़ो।
अब ये ठीक से याद नही आ रहा है कि गुरु ने बोला था कि नही पर साथी का पूरा एक साल गया। अंत कबीर के दोहे की पैरोडी से कर रहा हूँ।
गुरु गोविन्द दोउ खड़े , काके लागु पाय
बलिहारी गुरु आपकी क्रॉनिकल दियो बताय।
©आशीष कुमार ,उन्नाव
©आशीष कुमार ,उन्नाव