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सोमवार, 24 अगस्त 2015

upsc general study paper-2 2015 : some observation

सर्वाधिक तार्किक और युक्तिसंगत
सबसे तर्कसंगत उपनिगमन
सर्वाधिक तार्किक तर्कसंगत  और महत्वपूर्ण सन्देश
सर्वाधिक तार्किक अनुमान
न्यूनतम आवश्यक
सर्वाधिक वैध पूर्वधारणा
निर्णायक अनुमान
सबसे विश्वासप्रद स्पष्टीकरण
सर्वाधिक तार्किक धारणा


आशा है ऊपर के वाक्य पढ़कर आपको याद आ गया होगा। कौन कहता है पेपर २ अब आसान हो गया है। जैसा लग ही रहा था पेपर २ अब भी बहुत से लोगो के लिए चुनौती ही है। सीधी और सरल शब्दों में अगर आपका दिमाग तेज नही है आप सिर्फ मेहनती है तो आपके लिए अब भी pre  बहुत कठिन पड़ेगा। कल के पेपर को देख कर मुझे लगता है अभी भी पेपर २ , बहुत से लोगो के लिए काफी मुश्किल है।










बुधवार, 5 अगस्त 2015

civil service (P) 2015 : what to DO in last 15 days


मित्रो अब जब परीक्षा की घड़ी बहुत ही करीब आ गयी है और आप को लग रहा है कि आप को कुछ भी तैयार नही है।  ऐसा लग रहा होगा कि जो कुछ अपने पढ़ा भूलते जा रहे है। यहाँ पर कुछ आपके लिए टिप्स है जो बहुत ही उपयोगी होंगे।

  1. अब नया कुछ भी न पढ़े। जो कुछ अपने ने अब तक पढ़ा वही Revise  करे।  
  2. पिछले सालो को देखते हुए , आपको करंट ( समसामयिक ) पर ही जोर नही देना चाहिए। 
  3. अब आपको ज्यादातर  पारम्परिक चीजो पर जोर देना चाहिए जैसे  NCERT
  4. अगर आप बहुत देर तक जग कर पढ़ने की आदत डाल  ली है तो उसे बंद करिये वरना अंतिम दिन आपको चाह  कर समय से नींद नही आएगी। 
  5. असफलता के बारे में मत सोचे 
  6. दोहराने के लिए तथा परीक्षा हाल में भरम से बचने के लिए लिख कर याद करना शुरु करिये विशेष कर भूगोल और पॉलिटी में 
  7. अपने खान पान का विशेष ध्यान रखिये वरना बीमार पड़ सकते है।  
  8. अधिक तनाव न ले। Exam में शांत रह कर आप ज्यादा प्रश्न हल कर सकते है। हड़बड़ी से बचे।  
  9. रटने वाली चीजे खासकर Polity  को बार बार पढ़े। 
  10. परीक्षा हाल  में प्रश्न को बहुत ही ध्यान से पढ़े , एक शब्द से प्रश्न के मायने बदल जाते है इसलिए बहुत एकाग्र रहे।  
  11. पेपर २ को भी पढ़े वरना उसमे अटक सकते है।  



रविवार, 5 जुलाई 2015

Most Important topic for ias ( Economy )

Indian Economy 

1. राष्ट्रिय आय
2. सकल घरेलू उत्पाद
3 निवल घरेलू उत्पाद
4  भारत में आर्थिक नियोजन
5  पंचवर्षीय योजनाएं
6  कौशल विकास कार्यक्रम
7  रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया
8  राजस्व नीति
9 बजटरी नीति
10 सतत् पोषणीय विकास
11 मौद्रिक नीति
12 मुद्रा तथा पूंजी बाजार
13 विदेशी व्यापार
14 मुद्रा स्फीति
15 भारत के अंतराष्ट्रीय व्यापारिक सम्बंध
16 आर्थिक रूप से सम्बद्ध अंतर्राष्ट्रीय संस्थायें
17 विदेशी व्यापार नीति
18 विदेशी विनिमय
19 SARFAESI एक्ट
20 बैसेल ll
21 बैसल lll
22 गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थायें
23 अखिल भारतीय वित्तीय संस्थायें
24 औधोगिक क्षेत्र का विकास
25 CSR
26 लीड बैंकिंग
27 न्यूनतम समर्थन मूल्य
28 विभिन्न सब्सिडी योजना
29 सहकारी समितियां
30 कृषि क्षेत्र के विकास कार्यक्रम
31 गरीबी निवारण सम्बंधित योजनाएँ
32 स्वास्थ्य सम्बंधित योजनाएँ
33 महिला सशक्तिकरण से संबंधित योजनाएँ
35 समावेशी विकास
36 बेरोजगारी की अवधारणा
37 भारतीय स्टॉक एक्सचेंज
38 SEBI
39 GST
40 प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कर
41 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
42 नचिकेत मोर कमेटी
43 बैंक लाइसेंस के लिए बिमल जलान कमेटी
44 पी.जे नायक कमेटी
45 अल्पसंख्यको के लिये- उस्ताद, नई मंजिल,हमारी धरोहर आदि योजनाएँ
46  विभिन्न देशो के स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांकों के नाम
47 आधारभूत संरचना का विकास
48  मानव संसाधन से जुड़े मुद्दे
49 आर्थिक समीक्षा 2014
50 Budget 2015

अगर आपको सिविल सेवा के लिए किताबो की लिस्ट देखना हो तो नीचे दिए लिंक पर जा कर देख सकते है . एक सफल स्टूडेंट ने इसे तैयार किया था  

BOOK LIST BY A TOPPER

रविवार, 28 जून 2015

आधुनिक भारतीय इतिहास के ५० महत्वपूर्ण टॉपिक

50 Important Topics of Modern History of India


1.1857 का विद्रोह
2. संथाल विद्रोह
3. नील विद्रोह 
4 मोपला विद्रोह
5.खेड़ा विद्रोह
6.चंपारण विद्रोह
7. मुंडा विद्रोह
8. कुकी विद्रोह
9. तेगभागा विद्रोह
10. अवध किसान सभा
11. मजदूर संघ आंदोलन
12 ब्रह्म समाज-राजा राम मोहन राय
13 आर्य समाज-दयानन्द सरस्वती
14 रामकृष्ण मिशन- स्वामी विवेकानंद
15 प्रार्थना सभा
16 यंग बंगाल आंदोलन
17 थियोसोफिकल सोसाइटी
18 तरुण स्त्री सभा
19 अलीगढ़ आंदोलन
20 देवबंद आंदोलन
21 वहाबी आंदोलन
22 चार्ल्स वुड डिस्पैच 1854
23 हंटर शिक्षा आयोग
24 हार्टोग समिति
25 सार्जेंट योजना
26 इजारेदारी भूराजस्व योजना
27 स्थाई बंदोबस्त
28 रैयतवारी बंदोबस्त
29 महालवाड़ी प्रथा
30  विभिन्न गवर्नर जनरल का कार्य काल
31 वामपंथी तथा ट्रेड यूनियन आंदोलन
32 स्वराज्य पार्टी
33 नेहरू रिपोर्ट
34 जिन्ना के 14 सूत्र
35 गांधी इरविन समझोता
36 अगस्त प्रस्ताव
37 आजाद हिन्द फौज
38 देसाई लियाकत समझोता
39 शाही नौसेना विद्रोह
40  प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस
41 कराची अधिवेशन
42 कम्युनल अवार्ड
43 सी गोपालाचारी फार्मूला 1944
45 कांग्रेस से पहले राजनितिक संस्थाएं
46  अखिल भारतीय अस्पृश्यता निवारण संघ
47 चार्ल्स मेटकॉफ और भारतीय प्रेस
48 गोलमेज सम्मेलन
49 वेवल योजना
50 सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन


इतिहास के नोट्स का एक नमूना

सोमवार, 15 जून 2015

ग्राफीन

ग्राफीन

ग्राफीन (Graphene) sp2-बंधित कार्बन परमाणुओं की एक-परमाणु के बराबर पतली झिल्ली (शीट) होती है। इसमें कार्बन परमाणु हनीकंब क्रिस्टल लैटिस में अत्यन्त सघन रूप में पैक होते हैं।

इसका नाम 'ग्रेफाइट' के 'ग्रेफ' में 'ईन' जोड़कर बना है ।

# ये द्वि आयामी है।

# ग्राफीन को 2004 में खोजा गया ।

# कार्बन के एक परमाणु में 6 इलेक्ट्रान होते है , 2 आंतरिक शैल में तथा 4 बाहरी शैल में होते है।

#बाहरी शैल का हर एक इलेक्ट्रान किसी भी रासायनिक  अनुबंध (bond)के लिए उपलब्ध होते है ,
परंतु ग्राफीन के 3 परमाणु  अन्य कार्बन परमाणु से जुड़ जाते है और द्वि स्तरीय आयाम बनाते है तथा एक परमाणु को त्रि स्तरीय आयाम बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ देते है।

# इसका प्रयोग मशीन के निर्माण , गाड़ी, हवाई जहाज के निर्माण,अंतरिक्ष यानो के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।

# ये ग्रेफाइट ,सिलिकॉन तथा जर्मेनियम का स्थान ले सकता है ।

# सोलर शैल बनाने में सहायक।

#इसकी कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओ के कारण ये भविष्य में  
चिकित्सा क्षेत्र
नैनो तकनीक क्षेत्र
मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र 
में काफी कारगर सिद्ध होगा ।

#इसमे आने वाली लागत को कम करना 
. इसके प्रयोग को आसान बनाना 
. इसको उपयोग योग्य बनाना 
.  सरल तकनीक विकसित करना आदि मुख्य चुनौतियाँ है।

सी बैकथोर्न

सी बैकथोर्न

सैंडथोर्न या सल्लोथोर्न या सीबैरी के नाम से जाने नाम से भी जाना जाता है

# ये एक तरह की पर्णपाती समुद्री झाडी है जो एलएअग्नसए(elaeagnaceae) परिवार के पौधे है

# हिप्पोफए रहमनोइडेस( hippophae rhamnoides) सी बैकथोर्न की प्रमुख प्रजाति है

# सी बैकथोर्न का प्राकृतिक निवास स्थान चीन,रूस ,मंगोलिया, उतरी यूरोप, कनाडा में है ,परंतु ये एशिया के कुछ भागो में भी पाया जाता है।

# ये नदी के किनारे ,पर्वत क्षेत्रो में भी पाये जाते है इनके लिए तेज धूप बहुत आवश्यक है इसलिए ये ऐसे स्थानो पर विरले ही मिलते है जहाँ पर बड़े छायादार पेड़ हो ।

# इसका प्रयोग किसान अपने खेतो की बाढ़ बनाने के लिए भी करती है ।
इसका उपयोग नदी के किनारो पर भी होता है ताकि नदी के बहाव को नियंत्रित किया जा सके।

# इसका प्रयोग खाने में तथा दवाइयो में भी होता है ।
ये विटामिन ए,बी1,बी2,बी6 तथा विटामिन सी के स्त्रोत होते है

#प्रत्येक क्षेत्र के अपने संगठन है इसपर रिसर्च करने के लिए।
2005 में EAN seabuck. नामक संगठन बनाया गया इसमे शामिल देश है चीन, रूस तथा यूरोप। इनका उदेश्य उपभोक्ता उत्पाद तथा  संपोषणीय फसल का विकास करना है।
चीन तथा मोंगोलिया में भी अपने क्षेत्रीय संगठन है।

शुक्रवार, 12 जून 2015

इको टोन

इको टोन

# इको टोन दो पारिस्थितिक तंत्रो का संक्रमण क्षेत्र है । जैसे मैंग्रोव ये सागरीय पारितंत्र तथा भूमि पारितंत्र के बीच के इको टोन  को प्रदर्शित करता है।

#इको टोन के  उदहारण- घास का मैदान,  एश्चुरि , नदी के किनारे इको टोन

# इको टोन संकरा भी हो सकता है और चौड़ा भी हो सकता है।

# इको टोन क्षेत्रीय भी हो सकता है ( घास के मैदान तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र) तथा ये स्थानीय भी हो सकता है ( किसी खेत तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र)

# इको टोन कोई जलीय पट्टी हो सकती है , कोई पर्वत हो सकती है या कोई भू भाग भी हो सकता है ।

# एक सुविकसित इको टोन में ऐसे प्रजातीयाँ होती है जो निकटवर्ती अन्य समुदायो से पूर्ण रूप से भिन्न होती है ।

#  ये रेखीय होता है इसमें  निकटवर्ती समुदाय से आने वाले समुदाय के प्रजाति संगठन  में   क्रमिक बढ़ोतरि तथा निकटवर्ती समुदाय में जाने  वाले समुदाय की  प्रजाति में समकालिक ह्रास को  दर्शाता है।

#कभी कभी इसमे किसी प्रजाति की संख्या तथा जनसंख्या घनत्व  अन्य समुदायो से अधिक हो जाता है इससे कोर प्रभाव (edge effect) तथा जिस प्रजाति की संख्या बढ़ती है उससे कोर प्रजाति कहते है।

# आस पास के समुदायो से पौधो की प्रजाति में भिन्नता
पौधो के रंग या आकर में भिन्नता 
पौधो के भौतिक स्वरूप में भिन्नता
जीवो की प्रजाति में भिन्नता किसी इको टोन को प्रदर्शित करती है।

बुधवार, 10 जून 2015

स्टेम सेल या मूल कोशिका

स्टेम सेल या मूल कोशिका 

# स्टेम कोशिका या मूल कोशिका  ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।               

# वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता ।

# कनाडा केवैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला ।

# भ्रूण विकास के दौरान डिम्ब वह एक कोशिका है, जो पूरे जीव को बनाने की पूर्ण क्षमता रखती है। ये कोशिकाएं कई बार विभाजित होकर ऐसी कोशिकाएं बनातीं हैं, जो पूर्ण सक्षम होतीं हैं ।

# कुछ और विभाजनों के पश्चात ये कोशिकाएं, एक विशेष गोलाकार रचना बनातीं हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं, परंतु इस अवस्था में पृथक की गईं कोशिकाएं, पूर्ण जीव विकसित करने में सक्षम नहीं होती हैं। अतः इन्हें अंशतः सक्षम कोशिका कहा जाता है

# भीतरी कोशिकाएं कई बार विभाजित और विभेदित होकर विशेष कोशिकाएं बनातीं हैं, जो प्रत्येक ऊतक को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखतीं हैं। इन्हें बहु-सक्षम कोशिकाएं कहते हैं ।

# पार्किसन रोग न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट,मधुमेह, डायस्ट्रोफी,एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमरजैरोग कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है।

# अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। 

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