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शनिवार, 13 मई 2017

Few lines for essay in hindi

पिछले दिनों किसी ने मुझसे निबंध के लिए नई लाइन्स लिखने का आग्रह किया था ।
एक छोटा सा वीडियो बनाया था । आज शेयर कर रहा हु , कैसा है बताना जरूर ।

सोमवार, 20 मार्च 2017

जब सड़के अच्छी होती है !


किसी भी देश की विकास के लिए कई कारक महत्वपूर्ण होते है जैसे कि अच्छी सड़के ।
भारत में अधिकाश सड़क टूटी , पिट वाली है जिसके चलते यहां पर विकसित देशों की तुलना में परिवहन बहुत स्लो है । आप सोचिये जब सड़कों पर गड्ढे होते है तो बार बार ब्रेक लगानी पड़ती है । इससे प्रदूषण भी बढ़ता है साथ ही समय भी नष्ट होता है ।

रविवार, 29 जनवरी 2017

India's problems in hindi

भारत के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौती

गरीबी
बड़ी संख्या में बेरोजगारी
आतंकवाद
बाढ़
अकाल
हिमस्खलन
भू स्खलन
भूकम्प
आर्थिक विषमता
भुखमरी
किसानों द्वारा आत्महत्या
खेती का लागत प्रभावी न होना
वित्तीय साधन यथा ऋण उपलब्ध न होना
ऊर्जा संकट
भरस्टाचार
जाति, धर्म पर आधारित चुनाव
भारतीय उत्पादों का विश्व के स्तर का  न होना
शिक्षा की बदहाल स्थिति
शिक्षा का समावेशी न होना
पर्यावरण संकट
जलवायु संकट
नक्सलवाद
समय पर न्याय उपलब्ध न होना

भारत विश्व का नेतृत्व करने का आकांक्षी है , उसे उक्त वर्णित चुनातियों का शीघ्र निराकरण करना होगा ।

गुरुवार, 22 सितंबर 2016

Some lines


अहा जिंदगी का सितम्बर 16 का अंक पढ़ा । उसमें कुछ बहुत अच्छी लाइन्स मिली ।

1  तू अपनी आवाज में गुम है , मैं अपनी आवाज में चुप
दोनों बीच खड़ी है दुनिया आईना ए अल्फाज में चुप
- उबैदुलाह अलीम

2 समाज सामाजिक संबधो का जाल है - मैकाइवर और पेज

3 शब्द संसार में मौजूद सबसे प्रबल शक्ति है । हम इसका प्रयोग सृजन के लिए भी कर सकते है और ध्वंस के लिए भी - येहूदा बर्ग

4- कहती है प्रकति , बसंत की भाषा में
     चलो पार्टी की जाय - रोबिन विलियम

गुरुवार, 23 जून 2016

thought/ lines for essay writing


एक निबंध की रूप रेखा -

कभी कभी बहुत अच्छी चीजे पढ़ने को मिल जाती है जिनको पढ़कर मन ,बहुत  दूर तक सोचने लगता है.  मैंने हाल  में कुछ बहुत  ही अच्छी बात पढ़ी।   

" सारा विश्व पानी  की प्रॉब्लम से जूझ रहा है और हमे पता है कि  सिंचाई  में पानी  की जरूरत बहुत  ज्यादा होती है।  भारत में कुछ क्रॉप्स , बहुत  ज्यादा पानी  खपत करती है।  जैसे धान , गन्ना।  हम इनके जुड़े उत्पाद बाहर भी भेजते है।  चीन अपने यहां पर ऐसी फसलों को ज्यादा महत्व दे रहा है जो पानी की सिमित खपत करती है।  ज्यादा पानी वाली फसले , वह बाहर से आयात कर लेता है।  

ऐसे में भारत को भी दूर की सोचते हुये , अपने पानी के सिमित भंडार को सुरक्षित रखने के लिए विचार करना चाहिए. पिछले २ सालो से भारत में सूखा पड़ रहा है। जिसके चलते भारत के बड़ा हिस्सा , सूखे से जूझ रहा है।  अगर बात महाराष्ट्र की करें तो एक और लातूर में रेल से पानी भेजना पड़ता है तो दूसरी तरह वह गन्ने का बड़ा उत्पादक है।  इस राज्य में पानी की कमी नहीं है कमी है उचित प्रबंधन की।  

आने वाले समय में ऐसा कहा  जा रहा है की पानी के लिए विश्व युद्ध हो सकता है। भारत की अवस्थिति बहुत अच्छी है।  इसके चलते भारत में वर्षा काफी मात्रा में होती है।  वर्षा के जल को संरक्षित किया जाना चाहिए।  


गुरुवार, 25 सितंबर 2014

if you are Girl , this is specially for you /.टॉपिक 51 : दो शब्द आधी आबादी के नाम

टॉपिक 51 :   दो शब्द आधी आबादी के नाम 


कहा जाता है सिविल सेवा में , प्रश्न के अर्थ समझ ले यानि कि वो क्या पूछना चाह रहे है तो आप आधा प्रश्न हल चुके।  सिविल सेवा में आधी आबादी का मतलब महिला से है। एक निबंध भी अभी पूछा गया था " कामकाजी महिला की दोहरी जिम्मेदारी"  .  आज कुछ मै पेज की आधी आबादी के लिए कुछ लिखने जा रहा हूँ।  यदपि मुझे ज्यादा पता नही क्या लिखना है फिर  भी मै लिख रहा हूँ क्यकि आधी तो नही पर यहाँ पर इस पेज पर  पांचवा हिस्सा उनका है। लगभग २०० लोग (female) इस पेज से जुड़े है। कई दिनों से सोच रहा था कि उन पर केंद्रित कुछ लिखा जाय आखिरकार उनके भी कुछ सपने है , कुछ महत्वकांक्षा है , कुछ कर गुजरने की।  जब नारी केंद्रित कुछ निबंध या लेख लिखना होता है हम इन लाइन्स से शुरआत करते है 

"नारी तुम केवल  श्रद्धा हो , पियूष स्रोत सी बहा करो " 

( यहाँ ऐसा कुछ नही है लिखने जा रहा हूँ जो है साफ और स्पष्ट है )इस विषय पर विविध आयाम है पर मै पेज पर सिर्फ इस आयाम को ले रहा हूँ कि यदि आप फीमेल है तो तैयारी कैसे करे या फिर इससे जुडी समस्याऐ। हमारे समाज में आज कितनी प्रगति हो चुकी है फिर भी फीमेल की  जगह , उसके प्रति सोच , नजरिया अभी पुराना और संकीर्ण है। मै बड़े शहरों , महानगरो की बात नही कर रहा हूँ। महानगरो में  सोच में काफी बदलाव आ चूका है। यह नारी काफी हद तक स्वत्रंत है , आत्मनिर्भर है और इसके चलते डिसीजन लेने के लिए भी स्वत्रंत है।

मै छोटो शहरों , गांव की बात  रहा हूँ। हाशिये पर खड़ी युवा नारी की बात कर रहा हूँ क्यूकी ये असली भारत का प्रतिनिधित्व करती है। यहाँ भी उसके सपने है , वो अपने पैरो पर खड़ी होना चाहती है। वो भी आत्मनिर्भर होकर अपने जीवन का स्वत्रंत निर्णय लेना चाहती है। पर उसे दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है एक और उसे न ठीक से अवसर दिया जाता है पढ़ने का या कुछ करने दूसरी और जल्द से जल्द उसकी शादी कर के उसकी सीमित आजादी को और सीमित  कर दिया कर दिया जाता है। परेंट्स की ऐसा करने की अपनी वजह होती है। 
मेरी खुद की कोई बहन नही है पर मैंने अपने परिवेश , उन घरों में जहाँ टूशन पढ़ाता था वहाँ पर लड़का और लड़की के प्रति  भेदभाव को बहुत बारीकी से देखा है महसूस किया है।

 छोटी छोटी चीज में भेदभाव। क्या कोई ऐसा भी घर है जहां इसके विपरीत होता हो जहां लड़की को अच्छे स्कूल में पढ़ाया जाता हो लड़के को कमतर स्कूल में पढ़ाया जाता हो। या फिर लड़की को एक बार फेल होने पर उसे दुबारा पढ़ाया जाता हो  लड़के को फेल होने पर घर बैठा दिया जाता हो। है न अजीब बाते पर सोचो पढ़ कर ही अजीब लग है पर आज भी छोटे शहरों और कुछ हद तक बड़े शहरों में इससे मिलती जुलती समस्याओ को आज ' आधी आबादी ' को फेस करना पड़ रहा है। 

किरण बेदी , कल्पना चावला जैसे लोगो की कहानी सबके जुबान पर रहती है पर क्या हमें उपर वर्णित उन करोङो युवा नारियों की स्थिति , उनकी दशा से आँख बंद कर लेनी चाहिए। हर माँ जानती है उसकी बेटी ही उसके प्रति वास्तविक लगाव रखती है उसे ही उसकी सबसे ज्यादा परवाह है फिर भी वह ( माँ ) बेटी और बेटे में कही न कही भेदभाव कर ही बैठती है और शायद इससे बेटी को सबसे ज्यादा चोट पहुँचती है। कभी किसी पोस्ट में कुछ वास्तविक उदाहरणों से इस बात को साबित करुगा आज अपने मूल विषय पर वापस लौटते है। 

मान लीजिये  आप भी इन्हीं सब के बीच में है और कुछ करना चाहती है तो कैसे शुरुआत करेंगी ? जब कोई लड़का ऐसी स्थिति में होता है तो मै उसे आत्मनिर्भरता के कुछ टूशन पढ़ाने के लिए लिए सलाह देता पर आप शायद घर घर जाकर टूशन न पढ़ा सके। आप कोई स्कूल या कोचिंग में कुछ टाइम दे सकती है। अपने आस पास कोई दीदी को तलाशिये जो सफल हो वो आपके लिए सबसे अच्छी मागर्दर्शक होगी। शुरुआत छोटी परीक्षा से करे। सरकारी टीचर या बैंक में शायद आपको सबसे जल्दी सफलता मिल जाये। और एक बार आप कही छोटी जगह पर सफल हो जाये तो अपनी तैयारी बंद न करे आगे बढ़ने के लिए , बड़ी परीक्षा के लिए तैयारी करते रहे।

हर राज्य में सिविल सेवा के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग चलती है पर इस बारे में ज्यादातर लोग अनभिज्ञ रहते है।   लखनऊ में समाज कल्याण विभाग की कोचिंग है , यहाँ   अहमदाबाद में 'स्पीपा' है , गांधीनगर में 'ममता'। मेरे ख्याल से हर राज्य में ही ऐसी ही व्यवस्था होगी।( प्लीज अगर आप ऐसी किसी सुविधा के बारे में जानते है या वहाँ रहे है तो प्लीज कॉमेंट में शेयर करे ) और एक बार आप ऐसी जगह में एंट्री कर गयी तो आप के लिए सारी मुश्किले आसान हो जाएगी। 

(और क्या लिखु वैसे भी  स्त्री विमर्श में माना गया है कि एक नारी ही नारी की व्यथा को बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकती है। सोचे हुए यथार्थ से , भोगा  हुआ यथार्थ ज्यादा प्रामाणिक, जीवंत  होता है फिर जैसा मुझसे बन पड़ा लिखा।  अपने कुछ सुधी पाठक जनों से भी अपेक्षा है कि वह भी इस विषय पर अपने विचार दे कि कैसे एक युवा नारी  और किन किन समस्याओं का सामना कर रही है और वह इन परिवेश में रहते हुए , आगे बढ़  कैसे बढ़ सकती है। )

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