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गुरुवार, 14 जून 2018

Gajiyabad : Raj Nagar


मुझे जाना पड़ेगा 

आशीष कुमार 


कहते है शब्द जुबान से और तीर कमान से निकल जाने के बाद वापस नहीं लिए जा सकते है। उस रोज मुझे अपने शब्दों पर बड़ा खेद हुआ , झेप हुयी।  

इसी अप्रैल की बात है। एक मित्र रामकृष्ण है जो इंटरव्यू की तैयारी के दौरान सम्पर्क में आये थे। राजनगर , गाजियाबाद में रहते है। मै दिल्ली में था। मित्र से मुलाकात करने के लिए दिल्ली से गाजियाबाद निकला। पहली बार जा रहा था , खोजते पूछते उनके पते पर पहुंच ही गया। वो बीएसएनएल में काम करते थे और बोला था कि राजनगर में बीएसएनएल का टावर देखते हुए आ जाना। उस टावर के पास मुझे बीकानेरी स्वीट की एक दुकान दिखी। मन हुआ चलो देखे कुछ खाने का कोई बढ़िया आइटम मिल जाये। उत्तर भारत में खास कर अगर दिल्ली में होता हूँ तो तमाम चीजे खाने की कोशिस करता हूँ जो अहमदाबाद , गुजरात में नहीं मिलती। मिलती भी तो उनका टेस्ट अलग होता है।  

बीकानेरी स्वीट की दुकान , कार्नर पर ही है। अंदर जाकर देखा तो दिल खुश हो गया। एक तो बाहर की उमस , गर्मी से मुक्ति मिली और सैकड़ो आइटम थे। मिठाई के साथ नमकीन के भी व्यंजन। लगा कि मित्र  घर बाद में जायेगा कुछ वक़्त यही गुजारा जाये। इधर उधर काउंटर में तमाम चीजे देखी। दही बड़े खाने का प्लान बनाया। पता चला कि पहले बिल काउंटर पर पेमेंट करने के बाद ही खाने को मिलेगा। बिल काउंटर पर सेल्सबॉय  और सेल्स गर्ल थी। मैंने बिल कटाया और उससे पूछा कि वाशरूम कहाँ है ? मुझे बहुत जोर से आयी थी। उसने कहा - दूसरे फ्लोर पर। मेरे मुँह से निकला - वहाँ ही जाना पड़ेगा क्या ? एक पल को वो भी हैरान हो गया कि मैं क्या बोल रहा हूँ। तब तक मैं समझ गया कि ये बड़ी फनी स्थति हो गयी है।

 मन में तुरंत बात बनाने की कोशिस  कि नासा  वालो ने कुछ गोलियाँ बना ली है जिसे खाकर न भूख प्यास लगती है और न वाशरूम जाने की जहमत उठानी पड़ती है पर लगा कि शब्द जुबान से निकल गए है उनको सुधारा नहीं का सकता है। सेल्सबॉय मुस्कराते हुए कह रहा था कि सर अभी कोई ऐसा अविष्कार नहीं हुआ है कि आप इस काम के लिए किसी दूसरे को नियुक्त कर दे। मैंने एक नजर उठा कर देखा सेल्स गर्ल भी मुस्करा रही थी। मैंने जल्दी से बिल लेकर दही बड़े खाये और दूसरे फ्लोर जाने की जहमत न उठायी। दोस्त का  बताया टावर पास में ही दिख रहा था। अगले 10 मिनट में , दोस्त के गेट पर खड़ा था। दोस्त ने गेट खोला और पूछा कैसे हो ? मैंने कहा - भाई वाशरूम किधर है ? 


© आशीष कुमार 
( १४ जून २०१८  अहमदाबाद)

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