शंघाई सहयोग संगठन और भारत
शंघाई सहयोग संगठन की इस साल अस्ताना में होने वाली बैठक में भारत को मध्य एशिया के महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन में पूर्ण सदयस्ता मिल जाएगी। 2001 में स्थापित संगठन मुख्यतः आतंकवाद,सहयोग , सम्पर्क , आर्थिक संबध जैसे मुद्दों पर अपनी प्राथमिकता रखता है। भारत के साथ साथ पाकिस्तान को भी इस बैठक में पूर्ण सदस्य बनाया जाएगा।
मध्य एशिया के देश तेल व गैस से भरपूर समद्ध है। भारत इस संघ के माध्यम से इस देशो के साथ अपने सम्पर्क बढ़ा कर अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही वैश्विक आतंकवाद के लिए भारत को अपनी आवाज उठाने के लिए यह मंच बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. रूस व चीन इस संघ के बड़े सदस्य है। इसमें चीन पाकिस्तान का और रूस भारत का लम्बे समय से पक्ष लेते रहे है।
भारत को इस अवसर का सावधानी से लाभ उठाना होगा। उसे न केवल अपने लिए आर्थिक हितों को तलाशना होगा वरन सामरिक व कूटनीतिक पहलुओं पर विशेष महत्व देना होगा। इसके साथ ही सभी सदस्यो को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि वह आपसी टकराव को इस संघ पर हावी न होने दे वरना इसको अन्य प्रभावहीन क्षेत्रीय संघ बनते देर न लगेगी।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।