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बुधवार, 29 जुलाई 2020

HAA TUM


हाँ बस तुम 

तुम हाँ बस तुम
हर वक़्त तुम
तुम्हारी बातें
तुम्हारी ही यादें 

तुम समझो मुझे 
कि कितना गहरा प्रेम
बस तुम से, तुम ही हो
मेरी सोच का  क्रेंद्
मेरे अहसास का बिंदु

©आशीष कुमार, उन्नाव

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

Talk vs meeting

बात बनाम मुलाकात

प्रियतमा 
तुमने जो कहा
बात होते रहने 
जरूरी है बेहद

मैंने कहा बात के साथ
मुलाकात भी जरूरी है
समय समय पर

बात होने पर
भले ही तुम्हारे मधुर शब्द
मेरे अंतस में
घोलते है प्रेमरस

पर मुलाकात होने पर
तुम्हें नजरों से छुआ जा सकता है
आँखों से पिया जा सकता है
चंद पलों में 
असीम जिया जा सकता है

मादकता से भरपूर
नशे से चूर, 
तुम्हारे चन्दन बदन पर
अंगुलियों से बनाये जा सकते हैं
तमाम चमकते चाँद

पकड़ी जा सकती है पोरों से
तमाम जिंदा मछलियाँ
उगाये जा सकते है 
लाल दहकते गुलाब

© आशीष कुमार, उन्नाव।
14 अप्रैल, 2020 (लॉक डाउन दुबारा बढ़ने का दिन)



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