पर सच तो यह है
कि यहाँ या कहीं भी फर्क नही पड़ता ।
तुमने जहां लिखा है ' प्यार '
वहाँ लिख दो ' सड़क '
फर्क नही पड़ता ।
मेरे युग का मुहावरा है :
' फर्क नही पड़ता '।
केदारनाथ सिंह ( नई कविता)
पर सच तो यह है
कि यहाँ या कहीं भी फर्क नही पड़ता ।
तुमने जहां लिखा है ' प्यार '
वहाँ लिख दो ' सड़क '
फर्क नही पड़ता ।
मेरे युग का मुहावरा है :
' फर्क नही पड़ता '।
केदारनाथ सिंह ( नई कविता)
मुझे किसी भी सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...