मणिकर्णिका
कल उक्त मूवी देखी । इतिहास आधारित फिल्मों की कड़ी में एक और बढिया मूवी का निर्माण हुआ है। रानी लक्ष्मीबाई का किरदार हमेशा से बहुत रोमांचक लगता रहा है। हम सबने वो बात जरूर पढ़ी सुनी होगी कि अपने घोड़े पर सवार होकर रानी ने अपने बच्चे को पीठ पर बांध कर झाँसी के किले से छलाँग लगा थी ।
कई साल पहले पहले झाँसी के किले में जाने का मुझे अवसर मिला था। उस समय तमाम बातें जानने को मिली थी। गौस खान की कब्र किले में ही है। किले पर वो जगह भी देखी जहाँ से रानी ने छलाँग लगायी थी, इतनी ऊंचाई है कि यकीन करना मुश्किल है पर रानी वीरता , जाबांजी के समक्ष कुछ भी नहीं।
इतिहास का विद्यार्थी रहा हूँ और लंबे समय से यह पढ़ता आ रहा हूँ कि जनरल हुयरोज ने अपनी जीवनी में रानी के बारे में लिखा है कि 1857 के समय रानी सबसे खतरनाक विद्रोही थी और उस समय के विद्रोहियों में एकलौती मर्द थी।
सुभद्राकुमारी चौहान ने भी लिखा है -
"खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झाँसी वाली रानी थी।"
मूवी देखकर दिल खुश हो गया। बाजीराव, पद्मावत की कड़ी में ही इतिहास आधारित एक और शानदार मूवी ।
- आशीष
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