वो भूरी आखो वाला लड़का
HIGH SCHOOL में मेरे सबसे कम अंक ENGLISH में आये थे और इंटर में सबसे ज्यादा अंग्रेजी में तो इसकी वजह मेरे अंग्रेजी के सर थे जिनके पास मैंने अंग्रेजी की कोचिंग की थी। ये वो दौर था जब मुश्किल से लोग प्रथम पास होते थे। सारा साल मै कहता रहा कि अंग्रेजी में कोई ५० अंक से ज्यादा लाये तो वो RECORD तोड़ देगा।
लघु कथाः गिरगिट
जब रिजल्ट आया तो मै सेकंड डिवीज़न पास हुआ पर मेरे अंग्रेजी में ६८ मार्क्स थे और ये सारी क्लास में सबसे ज्यादा था। सच कहु जैसा कि सर ने बताया इतने अंक पिछले कई सालो में नही आये थे। मै इसे अपने सर का आशीर्वाद ,मानता हूँ। मेरे वो आइडियल थे मुझे साहित्य में रूचि उनसे ही पैदा हुई थी। मौरावां की LIBRARY में कितनी ही शाम नावेल गुजरी थी।
अगले साल सर ने अपनी कोचिंग में इसके लिए मुझे PRIZE दिया गया। यह के कांच के बॉक्स में क्रत्रिम फूल थे। उन दिनों यही GIFT चलते थे। जब मैने गिफ्ट ले कर वापस बेंच में आकर बैठा तभी किसी ने बोला “ बेटा , तुमने बस एक अंक से मुझे पिछाड़ दिया , वरना ये प्राइज मेरा था। “ ये वो लड़का था जो सारा साल TEST में TOP करता रहा पर असली एग्जाम में सिर्फ १ अंक से हार गया था। उसकी आँखे भूरी थी। गोरा था। उसकी WRITING बहुत अच्छी थी। हमेशा अपने आप को अच्छा दिखाने की कोसिश करता था। शायद जब वो ११ कक्षा में था तभी से टूशन पढ़कर खर्च निकला करता था। उन दिनों सब गरीब थे चाहे हम हो या वो।
इंटर करने के बाद मै दूसरी जगह चला आया और सारे दोस्त खो गए। बस कभी कभार किसी से कुछ पता चल जाता तो अच्छा लगता। मै उसे अक्सर मिस करता वजह शायद उसकी पतिद्वन्दिता थी। ये जानने का मन होता कि वो कहा होगा और क्या करता होगा।
FOR UNSUCCESSFUL PERSON
आप ने मेरी एक पुरानी पोस्ट पढ़ी होगी “आप एक्सेल के बारे में क्या जानते है” जिसमे मै डेल्ही में एक पुराने दोस्त में मिलता हूँ काफी सालो के बाद। वहीं मुझे कुछ पता चला उस भूरी आँखो वाले साथी के बारे में। जिस दोस्त के पास रुका था वो उस लड़के का बहुत करीबी था उसने मुझे यूँ पूछा कि तुम्हे वो याद है ? मै बहुत बेकरारी से बताया मै उसे बहुत याद करता हूँ। सच कहु मुझे उसकी बातें बहुत याद आती थी।पर उसके आगे की कहानी जानकर मुझे बहुत गहरा झटका लगा। दिमाग शून्य पड़ गया।
आगे की कहानी जैसा मेरे दोस्त में मुझे बताया
इंटर करने के बाद भूरी आँखो लड़का , KANPUR अपने भाई के पास चला गया। जहाँ वो दोनों भाई टूशन पढ़ा पढ़ा कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए जूझ रहे थे। मेरा सहपाठी पहले से ही बहुत खूबसूरत था पर कानपुर आकर वो और भी ज्यादा निखर गया। कसे मसल , भूरी आँखे , घुंघराले बाल और बहुत बहुत गोरा रंग। मतलब कि उस पर कोई भी लड़की फ़िदा हो सकती थी। जैसा कि दोस्त ने बताया वो अब बदल चूका था अब वो बहुत स्मार्ट लगता था और उन चीजो में पड़ गया जिनमे नही पड़ना चाहिए।
एक रोज DELHI वाले दोस्त , के पास ये भूरी आँखो वाला , एक विवाहित महिला ( उससे करीब १५ साल बड़ी ) को लेकर पहुंच जाता है , इस गुजारिश के साथ कि उससे कुछ रोज रुकने दे। ये क्या हुआ , कैसे हुआ और क्यों हुआ इसके जबाब कभी नही खोजे जा सकते है। बस प्रेम हो जाता है वरना जिस लड़के के पीछे खूबसूरत से खूबसूरत लड़कियां पीछे पड़ी हो वो अपने से उम्रदराज , शायद २ या ३ बच्चो के माँ के साथ प्रेम क्यों करेगा। उसने फसा लिया , फस गया , भगा लाया , भाग आया कुछ भी समझो बस दोस्त दरवाजे पर खड़ा था और मदद करनी ही थी। इस तरह के केस में पोलिस में केस भी दर्ज होता है। उधर उसका पति , उस महिला के बच्चे परेशान रहे होगे। मै बहुत हैरान था यह सब जानकर मुझे यकीन नही हो रहा था। हम दोनों ने कुछ अनुमान भी लगाये।
इलाहाबाद : पूर्व का आक्सफोर्ड वाला शहर
मसलन उस औरत का पति पत्नी को TIME नही देता रहा होगा। ये शायद उसके बच्चो को पढ़ाता था। जहाँ तक उनके घर पर ही किराये पर रहता था। दुःख दर्द बाटते बाटते करीब आ गयी होगी। LOVE IS BLIND मुझे उसकी कहानी सुनकर महसूस हो रहा था। कोई सामाजिक नियम की परवाह नही , समझ नही आता था कि उन दोनों ने अपने पीछे छोड़े गए संसार की CARE क्यों न की।
जैसा कि अंदेशा था एक रोज पोलिस आयी उन दोनों को वापस कानपुर ले गयी। वो भूरी आँखो लड़का बहुत जिद्दी और क्रोधी था। शायद किसी ने उसको कोई ताना मारा होगा। उसने फिनायल पी ली। जब उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे HOSPITAL में भर्ती कराया गया। वो डेल्ही वाला लड़का , ENGLISH वाले सर सब लोग उसको अस्पताल मिले और खूब समझाया। लड़का ठीक हो कर घर आ गया। पर कुछ रोज बाद फिर उसने फिनॉल पी और इस बार बच न सका।
घटनाओ में कुछ इधर उधर हो सकता है क्युंकि किसी तीसरे से सुनी है। यह SUICIDE की तीसरी घटना है जिसको मैंने शेयर किया और पहले भी लिखा था कि आत्महत्या करने वालों के साथ उनके राज चले जाते है बाकि सिर्फ अनुमान और कयास लगाये जाते है। मै स्तब्ध इसके बारे में सुनता रहा जब मैंने FEEL किया कि अब वो भूरी आँखो लड़का से कभी मुलाकात न हो पायेगी मुझे बहुत दुःख हुआ।
एक प्रेरणादायक विचार
© आशीष कुमार
HIGH SCHOOL में मेरे सबसे कम अंक ENGLISH में आये थे और इंटर में सबसे ज्यादा अंग्रेजी में तो इसकी वजह मेरे अंग्रेजी के सर थे जिनके पास मैंने अंग्रेजी की कोचिंग की थी। ये वो दौर था जब मुश्किल से लोग प्रथम पास होते थे। सारा साल मै कहता रहा कि अंग्रेजी में कोई ५० अंक से ज्यादा लाये तो वो RECORD तोड़ देगा।
लघु कथाः गिरगिट
जब रिजल्ट आया तो मै सेकंड डिवीज़न पास हुआ पर मेरे अंग्रेजी में ६८ मार्क्स थे और ये सारी क्लास में सबसे ज्यादा था। सच कहु जैसा कि सर ने बताया इतने अंक पिछले कई सालो में नही आये थे। मै इसे अपने सर का आशीर्वाद ,मानता हूँ। मेरे वो आइडियल थे मुझे साहित्य में रूचि उनसे ही पैदा हुई थी। मौरावां की LIBRARY में कितनी ही शाम नावेल गुजरी थी।
अगले साल सर ने अपनी कोचिंग में इसके लिए मुझे PRIZE दिया गया। यह के कांच के बॉक्स में क्रत्रिम फूल थे। उन दिनों यही GIFT चलते थे। जब मैने गिफ्ट ले कर वापस बेंच में आकर बैठा तभी किसी ने बोला “ बेटा , तुमने बस एक अंक से मुझे पिछाड़ दिया , वरना ये प्राइज मेरा था। “ ये वो लड़का था जो सारा साल TEST में TOP करता रहा पर असली एग्जाम में सिर्फ १ अंक से हार गया था। उसकी आँखे भूरी थी। गोरा था। उसकी WRITING बहुत अच्छी थी। हमेशा अपने आप को अच्छा दिखाने की कोसिश करता था। शायद जब वो ११ कक्षा में था तभी से टूशन पढ़कर खर्च निकला करता था। उन दिनों सब गरीब थे चाहे हम हो या वो।
इंटर करने के बाद मै दूसरी जगह चला आया और सारे दोस्त खो गए। बस कभी कभार किसी से कुछ पता चल जाता तो अच्छा लगता। मै उसे अक्सर मिस करता वजह शायद उसकी पतिद्वन्दिता थी। ये जानने का मन होता कि वो कहा होगा और क्या करता होगा।
FOR UNSUCCESSFUL PERSON
आप ने मेरी एक पुरानी पोस्ट पढ़ी होगी “आप एक्सेल के बारे में क्या जानते है” जिसमे मै डेल्ही में एक पुराने दोस्त में मिलता हूँ काफी सालो के बाद। वहीं मुझे कुछ पता चला उस भूरी आँखो वाले साथी के बारे में। जिस दोस्त के पास रुका था वो उस लड़के का बहुत करीबी था उसने मुझे यूँ पूछा कि तुम्हे वो याद है ? मै बहुत बेकरारी से बताया मै उसे बहुत याद करता हूँ। सच कहु मुझे उसकी बातें बहुत याद आती थी।पर उसके आगे की कहानी जानकर मुझे बहुत गहरा झटका लगा। दिमाग शून्य पड़ गया।
आगे की कहानी जैसा मेरे दोस्त में मुझे बताया
इंटर करने के बाद भूरी आँखो लड़का , KANPUR अपने भाई के पास चला गया। जहाँ वो दोनों भाई टूशन पढ़ा पढ़ा कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए जूझ रहे थे। मेरा सहपाठी पहले से ही बहुत खूबसूरत था पर कानपुर आकर वो और भी ज्यादा निखर गया। कसे मसल , भूरी आँखे , घुंघराले बाल और बहुत बहुत गोरा रंग। मतलब कि उस पर कोई भी लड़की फ़िदा हो सकती थी। जैसा कि दोस्त ने बताया वो अब बदल चूका था अब वो बहुत स्मार्ट लगता था और उन चीजो में पड़ गया जिनमे नही पड़ना चाहिए।
एक रोज DELHI वाले दोस्त , के पास ये भूरी आँखो वाला , एक विवाहित महिला ( उससे करीब १५ साल बड़ी ) को लेकर पहुंच जाता है , इस गुजारिश के साथ कि उससे कुछ रोज रुकने दे। ये क्या हुआ , कैसे हुआ और क्यों हुआ इसके जबाब कभी नही खोजे जा सकते है। बस प्रेम हो जाता है वरना जिस लड़के के पीछे खूबसूरत से खूबसूरत लड़कियां पीछे पड़ी हो वो अपने से उम्रदराज , शायद २ या ३ बच्चो के माँ के साथ प्रेम क्यों करेगा। उसने फसा लिया , फस गया , भगा लाया , भाग आया कुछ भी समझो बस दोस्त दरवाजे पर खड़ा था और मदद करनी ही थी। इस तरह के केस में पोलिस में केस भी दर्ज होता है। उधर उसका पति , उस महिला के बच्चे परेशान रहे होगे। मै बहुत हैरान था यह सब जानकर मुझे यकीन नही हो रहा था। हम दोनों ने कुछ अनुमान भी लगाये।
इलाहाबाद : पूर्व का आक्सफोर्ड वाला शहर
मसलन उस औरत का पति पत्नी को TIME नही देता रहा होगा। ये शायद उसके बच्चो को पढ़ाता था। जहाँ तक उनके घर पर ही किराये पर रहता था। दुःख दर्द बाटते बाटते करीब आ गयी होगी। LOVE IS BLIND मुझे उसकी कहानी सुनकर महसूस हो रहा था। कोई सामाजिक नियम की परवाह नही , समझ नही आता था कि उन दोनों ने अपने पीछे छोड़े गए संसार की CARE क्यों न की।
जैसा कि अंदेशा था एक रोज पोलिस आयी उन दोनों को वापस कानपुर ले गयी। वो भूरी आँखो लड़का बहुत जिद्दी और क्रोधी था। शायद किसी ने उसको कोई ताना मारा होगा। उसने फिनायल पी ली। जब उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे HOSPITAL में भर्ती कराया गया। वो डेल्ही वाला लड़का , ENGLISH वाले सर सब लोग उसको अस्पताल मिले और खूब समझाया। लड़का ठीक हो कर घर आ गया। पर कुछ रोज बाद फिर उसने फिनॉल पी और इस बार बच न सका।
घटनाओ में कुछ इधर उधर हो सकता है क्युंकि किसी तीसरे से सुनी है। यह SUICIDE की तीसरी घटना है जिसको मैंने शेयर किया और पहले भी लिखा था कि आत्महत्या करने वालों के साथ उनके राज चले जाते है बाकि सिर्फ अनुमान और कयास लगाये जाते है। मै स्तब्ध इसके बारे में सुनता रहा जब मैंने FEEL किया कि अब वो भूरी आँखो लड़का से कभी मुलाकात न हो पायेगी मुझे बहुत दुःख हुआ।
एक प्रेरणादायक विचार
© आशीष कुमार