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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

Topics for upsc interview 2014 in hindi

           दिसंबर में जब मुख्य़ परीक्षा दे रहे थे तो सोचा था कि एग्जाम खत्म होते ही इंटरव्यू  की तैयारी में जुट जायेगे। पर ऐसा न हुआ कुछ दिन सोचा कि छुट्टी मना ली जाये। और तब से छुट्टी ही मनायी जा रही है। 
समझ में न आता कि पढ़ा क्या जाय ? कई ब्लॉग पर भी जाकर देखा सब जगह इंतजार हो  रहा है कि mains का रिजल्ट आ जाये फिर शुरुआत की जाये।  

        काफी दिनों से सोच रहा कि कुछ इंटरव्यू पर लिखा जाये। प्रारम्भ कुछ ज्वलंत मुद्दो से। IAS INTERVIEW ये महत्वपूर्ण नही होता है कि आप कितने प्रश्नो के जबाब दे पाते है वरन आप जो जबाब दिए है वो कितने आयामो को समेटे हुए थे यह ज्यादा मायने रखता है । आप कठिन प्रश्नो पर घबराये नही बस आप शांति से सही मौके का वेट करे। और जैसे ही आप से सरल , परिचित प्रश्न पूछा जाये आप उससे जुड़े सभी आयामो पर प्रकाश डालते हुए जबाब दे। INTERVIEW BOARD को पता चलना चाहिए कि आप का ज्ञान बहुआयामी है। यहा पर कुछ टॉपिक है जिनसे प्रश्न पूछे जाने कि पूरी सम्भावना है। आप को इनसे जुड़े सभी पहलू पर नजर डाल लेनी चाहिए।  

१. लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक : आप को पता होना चाहिए कि इसका चयन कैसे होगा और क्या यह प्रभावी होगा। 

२. तेलेंगाना : किसी नए राज्य का गठन कैसे होता है और आप का क्या नजरिया है। 

३. बांग्लादेश में हुए चुनाव और भारत : विपक्ष  ने चुनाव का क्यों  बहिस्कार किया ? 

४. नेपाल की राजनैतिक दशा : काफी दिनों से NEPAL मे गतिरोध क्या बना है और सुशील कोइराला के प्रधानमंत्री चुने जाने से क्या स्थिति में सुधार आयेगा या नही 
५. लोकसभा चुनाव और भष्टाचार : यद्धपि आयोग राजनैतिक प्रश्न नही पूछता है पर आम आदमी पार्टी के उदय , भ्रस्टाचार के उन्मूलन , और लोकसभा चुनाव पर कुछ पूछे जा सकते है।

६   देवयानी खोबगडे और वियना समझौता


७  श्रीलंका में तमिल और भारत

 ८  लेखानुदान (इस वर्ष क्यों )

९   निर्वाचन आयोग और चुनाव प्रकिया

१०. राज्य में राष्टपति शासन  कैसे और क्यों (दिल्ली में उचित या अनुचित )

११ फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलना : आपका का क्या नजरिया है ?

१२ यूक्रेन संकट : COLD WAR का नया दौर 

१३ SEBI  और सहारा विवाद 





आशा है आप के पढ़ाई से जुड़े ठहराव को कुछ गति देने में यह लेख कुछ मदद करेगा।  

सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

Beggary in india



भीख : कुछ विचार 
मै और मनोज सुबह नास्ता करने के लिए निकले। गुरकुल रोड (अहमदाबाद) में एक हनुमान जी का मंदिर है। उसी के पास  रोड पर ही भिखारिन बैठी थी। सामने मंदिर से एक  युवती निकली। मैंने उत्सुकतावश वहा नज़र टिका दी कि देखे कितने रूपये देती है। युवती ने 500 रूपये का नोट उस भिखारिन को थमा दिया। मुझे ये बात हजम न हो पाई कि जो 500 भीख दे सकती है वो कैसी जॉब करती होगी। मैंने मनोज इस बारे में बात की उसने काफी संतोषजनक जबाब दिया। कई बार हम पॉकेट जब हाथ डालते है तो खुले रूपये न होने पर ऐसे ही करना पड़ता है। मैंने भिखारिन पर फिर नजर डाली मुझे लगा कि आज के लिए उसके पास रुपए हो गये है शायद अब वो वहा से चली जाये। मै गलत था उसने तेजी से नोट अंदर रख लिया और दूसरे लोगो से भीख मागने लगी।

आश्रम एक्सप्रेस से अहमदाबाद से दिल्ली  जा रहा था। कैंट स्टेशन से एक छोटी लड़की चढ़ी। वो करतब दिखा रही थी। एक छोटे लोहे के छल्ले से निकल रही थी (ऐसे करतब आपको हर ट्रैन में देखने को मिल सकते है ) . खेल दिखाने के बाद उसने भीख मांगना शुरू किया। मै दुविधा में था मुझे भीख देना पसंद नही क्योंकि जरूरतमंद लोगो की मदद करना उचित होता है। लड़की को चंद सिक्के देने से कुछ भला न होने वाला था। मेरे पास बैग में काफी पेन पड़े थे। मैंने उसे एक पेन दे दिया। लड़की भी थोडा हिचकी और मुझे भी अजीब लग रहा था कि मैंने क्या किया। खैर काफी दिनों तक मै उसके बारे में सोचता रहा कि उसने पेन का क्या किया होगा। पता नही उसे पढ़ना लिखना आता भी होगा या नही। मुझे लगता है कि मैंने उसको कुछ हद तक सोचने पर मजबूर कर दिया  था ।
इसी ट्रैन में मेरे साथी कुंदन भी थे पुरानी दिल्ली में उतरने पर इसी बात होने लगी। वो बहुत नाराज थे कि लड़की को ऐसे करतब दिखने कि क्या जरूरत है।  उनका कहना था कि जब हर जगह  जगह सरकारी स्कूल है फीस भी नही लगती है। तो उसे ये सब करने कि क्या जरूरत है। मै उसे पेन देकर बहुत अच्छा किया। कुंदन ने बताया कि उन्होंने एक बुढ़िया को भीख दी क्योंकि वो बहुत लाचार थी। मै इस बारे सहमत न हूँ कई बार पेपर में ऐसी न्यूज़ पढ़ने को मिलती है कि कुछ भिखारियो के पास मरने के बाद लाखों रूपये मिले।
ऐसे बहुत सी घटनाये है पर यक्ष प्रश्न है कि भीख देनी चाहिए या नही। अगर देनी चाहिए तो किसको ? अगर हम  भीख देते है तो कुछ लोगो को आश्रित बना रहे होते है। वास्तव में जिन्हे सच में हेल्प कि जरूरत होती है वो कभी मांग ही नही पाते है। अगर आप ऐसे लोगो कि हेल्प कर पाते है तो निश्चित ही आप को अच्छा लगेगा। अगर समय हो तो आप भी अपने विचार प्रस्तुत करे। 





















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