- हर साल मुझे बहुत लोग मेल करते है कि आईएएस का एग्जाम कब होगा , उसकी नोटिस कब आएगी।
- इस साल के लिए नोटिस आ गई है। इस लिंक पर जाकर आप देख सकते है।
- http://www.upsc.gov.in/
- 27 मई 2016 तक आप फॉर्म भर सकते है।
- 7 अगस्त 2016 को pre एग्जाम होगा।
- पिछले साल जैसा ही सब कुछ है कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- बाकि चीजे आप upsc की साइट पर जाकर देख सकते है।
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BOOKS
गुरुवार, 28 अप्रैल 2016
upsc 2016 notice
मंगलवार, 26 अप्रैल 2016
quotes in hindi for essay writings
निबंध में अच्छे अंक लाने के लिए जरूरी है कि उसमे रोचकता और सरसता का मिश्रण हो.........आज से कुछ लाइन्स या दोहे देने की कोशिश करता हूँ.......उनकी यथासंभव व्याख्या भी कुरूगा ....अपने नोट्स में इन्हें कॉपी करते चले.....
आज शुरुआत अदम गोंडवी जी के सुपरिचित दोहे/ शेर से........
" तुम्हारी फाइलो में गाँव का मौसम गुलाबी है .
मगर ये दावा झूठा और ये आकंडे किताबी है....." अदम गोंडवी
इसका मतलब बहुत साफ है.....इसमें नौकरशाही , सरकार की निष्क्रियता पर व्यंग्य किया है...
जब भी निबंध में ऐसा कुछ लगे आप अपनी भावनायो को इन लाइन्स से व्यक्त करिये.........
#निबंध के लिए -२
" क्या क्या बनाने आये थे क्या क्या बना बैठे
कही मंदिर तो कही मस्जिद बना बैठे
अरे हमसे अच्छे तो ये परिंदे है
जो कभी मंदिर पर जा बैठे .. कभी मस्जिद पर जा बैठे "
( अज्ञात )
बहुत अच्छी लाइन्स है जिनका मैंने बहुत बार प्रयोग किया है पर यह निश्चित नही है कि इसके किसने लिखा . अगर कोई जानता हो तो कृपया बताने का कष्ट करे.....
साम्प्रदायिकता पर जुड़े निबंध में इसे सही जगह फिट करिये..और अच्छे अंक पाईये........
" झील पर पानी बरसता है हमारे देश में
खेत पानी को तरसता है हमारे देश में " बल्ली सिंह चीमा
उक्त पंक्तियां बहुत ही उपयोगी है और इनका लगभग हर तरह के निबंध में प्रयोग किया जा सकता है। इन लाइन्स में यह कहने की कोसिश की जा रही है कि जहां जरूरत नहीं है वहां पर सेवा उपलब्ध है पर जहां सबसे ज्यादा जरूरत है वहां पर कोई सेवा उपलब्ध नहीं है। जैसे आईपीएल मैच के लिए ६० लाख लीटर पानी खर्च किया जा सकता है पर प्यास से मर रहे लोगो के लिए किसी को कोई सहानुभूति नहीं।
" गिरिजन , हरिजन भूखो मरते , हम डोले वन वन में
तुम रेशम की साड़ी पहने उड़ती फिरो गगन में "
( जनकवि नागार्जुन )
यह लाइन्स इंदिरा गांधी पर व्यंग्य की गई थी। जब बाढ़ पीड़ित लोगो को देखने नेता लोग हवाई दौरे करते है उस समय यह लाइन्स बहुत याद आती है। जैसे अभी हॉल में महाराष्ट में एक महिला नेत्री ने सूखा पीड़ित दौरे पर अपने सेल्फी खींचते पाई गई थी। कुछ इस तरह की भूमिका में उक्त लाइन्स आपके व्यंग्य को धार देंगी
काजू भुने प्लेट पर , व्हिस्की गिलास में
देखो उतरा राम राज विधायक निवास में
अदम गोंडवी इन लाइन्स का मतलब भी बहुत साफ है। जन प्रतिनिधो की समाज के प्रति असंवेदनशीलता , दोहरे चरित्र को दिखलाती इन लाइन्स में बहुत गहरा वयंग्य किया गया है।
एक बात और जब आपको इस तरह लाइन डालनी हो आप लिखये " प्रसंगवश यह पंक्तियाँ याद आती है.........."
( मेरे पास इस तरह की 200 से अधिक लाइन्स का कलेक्शन है जिसे मै समय मिलने पर पोस्ट करता रहूंगा। पाठक भी कमेंट में इस तरह की लाइन्स लिख कर सहयोग करे.......आप लाइन्स दीजिये ...व्यख्या मै कर दूंगा........thanks )
गुरुवार, 21 अप्रैल 2016
HOW TO SCORE GOOD IN YOUR OPTINAL SUBJECT
दोस्तों , आज एक मित्र ने सुबह मुझे message किया कि कुछ वैकल्पिक विषय के लिए टिप्स दू . वो uppcs का मैन्स लिखा था . मुझे जहाँ तक सुनने में आया है कि uppcs में इस बार बहुत कम नंबर मिले है . इस पोस्ट को लिखने से पहले ही बता दू uppcs या और कोई स्टेट का एग्जाम हो उसकी मार्किंग पैटर्न का कोई भरोसा नही है .
- optional subject में अच्छा स्कोर आये इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप उस विषय में पूरी दक्षता रखते हो .
- आपके पास कुछ न कुछ नया होना चाहिए . आप यह भी कह सकते है कि कुछ सब्जेक्ट का कोर्स तो हमेशा एक रहता है तो नया क्या लिखा जाय. मेरा कहने का मतलब है आपकी प्रस्तुति , अन्य लोगो से अलग होनी चाहिए .
- इसके लिए आपको BASIC BOOKS पर ध्यान देना चाहिए . अक्सर लोग इस जगह मात खा जाते है .
- COACHING के NOTES भले कितने ही अच्छे और शार्ट क्यू न हो उनको पढ़ कर आप ज्यादा उम्मीद न करे क्यू कि सभी वही पढ़ते है और एक जैसा ही लिखते है .
- विषय में मास्टर बनने की कोशिस करे . हर पहलू पर विचार करे .
- हर रोज उस पर लिखने का अभ्यास करे .
- सभी टॉपिक कवर करे . सिलेक्टेड पढने से भी आप कमजोर रह जाते है .
- मेरे विचार में विषय कोई भी आपको उसको टॉपिक वाइज कम से कम ५ दफे पढना ही चाहिए .
- मैंने यह भी सुना है uppcs में कुछ सब्जेक्ट काफी अच्छा स्कोर देते है . यह एक फालतू की बकवास सी है . आप देखा देखी अगर अपने सब्जेक्ट बदल देते है तो समझ लीजिये आप गर्त में गये .
- जो भी चुने उसको हमेशा के लिए चुने . तभी आप मास्टर बन पायेगे . कुछ वक्त भले लगे पर जब आपकी सब्जेक्ट पर कमांड होगी आपका स्कोर भी लाजबाब होगा .
- Try to write answer everyday based on old year papers.
- Be a master in language . No matter you are from Hindi medium or English medium , just become expert.
- If you have opportunity , try to check you answer by your seniors , mentor , teacher. ( you can send me on my email- ashunao@gmail.com or your can post your answer in comment. )
- Try to get IGNOU material on your subject. In my view , those are best notes.
- When you write your answer in exam hall , be specific , to the point.
- Do not write waste things , due to this sometimes examiner become irritated.
सोमवार, 18 अप्रैल 2016
THAT OLD LADY'S BLESSINGS
हर किसी के जीवन में वो दौर जरूर आता है जब वो बहुत ज्यादा परेशान होता है। हर तरफ निराशा ही निराशा ही नजर आती है। मेरा भी वही दौर चल रहा था परीक्षा पर परीक्षा दिए जा रहा था पर सफलता दूर दूर तक नही नजर आ रही थी।
ऐसे ही मै किसी परीक्षा को देकर लखनऊ से वापस उन्नाव आ LKM से वापस आ रहा था। सामने की सीट पर एक छोटा सा बच्चा अपनी दादी के साथ बैठा था। बहुत चंचल था वो। थोड़ी देर में मुझसे हिल मिल गया। उसकी दादी से बात होने लगी और बातो बातो में पता चला कि वो एक मुश्किल से गुजर रही है। दरअसल वो जल्दबाजी में लखनऊ से चलते वक्त अपनी पर्स , बाथरूम ( जिस घर वो गयी थी ) में छोड़ आई थी और इस समय उनके पास १ रुपया भी नही था। उन्होंने ने बताया कि ट्रेन की टिकट भी नहीं ली है। उनकी मुश्किल यह थी कि वह कानपुर सेंट्रल में उतरने के बाद आगे कैसे जाएगी। हालांकि वह कह रही थी कि कोई ऑटो कर लेंगी जो उन्हें उनके घर तक छोड़ आएंगे और घर पहुंच कर पैसे दे देगी।
महिला सभ्रांत घर की लग रही थी। मुझसे बात करते वक़्त कुछ परेशान सी लग रही थी। मेरा स्टेशन उन्नाव आने वाला था। मेरे पास उस वक़्त २० या ३० रूपये से अधिक नहीं रहे होंगे पर मेरे दिल ने कहा इनकी कुछ हेल्प करनी चाहिए। मैंने उनसे पूछा कानपुर से आपके घर तक टेम्पो से जाने में कितने रूपये लगेंगे उन्होंने कहा १० रूपये। मैंने उन्हें १० रूपये देते हुए कहा यह रख लीजिए। उन्होंने बहुत मना किया पर मैंने उनके पोते को यह कहते हुए पकड़ा दिए कि आप इसको बिस्कुट दिला देना।
यह कोई बड़ी बात नहीं थी पर असल बात उसके बाद शुरू होती है। ठीक उसी रात , एक साथी ने अलाहाबाद से फ़ोन किया कि मेरा DATA ENTRY OPERATOR ( SSC ) में AIR 108 के साथ सिलेक्शन हो गया है . यह सफलता में पहली सुचना थी उसके बाद एक के बाद एक बहुत सारी सफलताये मिली . अब आप भी समझ रहे होंगे कि उपर की घटना क्यू महत्वपूर्ण थी .
मै कभी भी किसी भिखारी को भीख नही देता . कितना भी दयनीय क्यू न हो अगर वो रूपये मांग रहा है तो मुझसे एक रुपया भी नही पा सकता है ( यह अलग बात है कि मेरा दिल जब करता है तो किसी को भी स्वेच्छा से हेल्प कर देता हूँ . )
जैसा कि आप जानते है कि मै गावं से हूँ . मै 9 और १० अपने घर से 8 KM दूर स्कूल से किया है . मेरी उम्र थी 13 - 14 साल . रोज साइकिल चला कर आता जाता था . एक रोज मुझे रास्ते में एक उम्रदराज आदमी मिला था . गर्मी में पैदल चला जा रहा था . मैंने उसको अपनी साइकिल में बैठाकर अपने गाव की बैंक तक छोड़ा था . मन को बहुत खुशी मिली थी .
आज भी मैंने कुछ ऐसा ही काम किया है जिससे मन को बहुत संतोष मिला है और दिल कहता है कि उसका आशीर्वाद कुछ नया लेकर आएगा . उसकी कहानी फिर कभी जब उसका फल मिलेगा तब . पर सभी पाठकों से यह जुरूर कहना चाहूँगा कि भले मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा मत जाईये पर आपके जीवन में अगर कभी कुछ अच्छा काम करने का मौका मिले तो उसे छोड़ना मत. अगर आपके जीवन में कुछ ऐसा हुआ है तो जरुर शेयर करिये . याद रखिये यह ऐसे काम है जिनसे दुनिया खुबसूरत बनी हुयी है बाकि तो मोह माया है .
रविवार, 17 अप्रैल 2016
how to write a good essay ?
FRIENDS , WRITING ESSAY IS ESSENTIAL PART OF EVERY EXAM. HE WHO SCORE GOOD IN ESSAY , HAVE GREAT CHANCE FOR NOT ONLY SELECTION BUT ALSO TO BE IN TOPPER LIST.
HERE SOME BASIC TIPS FOR YOU . YOU CAN READ MANY OTHER TIPS BY CLICKING LINK IN LAST.
- निबंध लेखन एक कला है जो आप में लम्बे अभ्यास से विकसित होती है।
- इसके लिए आपके पास व्यापक विचार , अच्छी शब्दावली और शानदार शैली होनी चाहिए।
- अच्छे विचार आपके पास दो तरीके से आ सकते है - आप अच्छी - अच्छी किताबें पढ़े और आपको जो कुछ भी अच्छा लगे उसे अपने पास नोट करते चले।
- अगर आपके पास अच्छे शब्दों का आभाव होगा तो भी आप चाह कर अपने विचारों को अभिव्यक्त नहीं पर पाएंगे।
- शैली आपके व्यक्त्वि पर निर्भर करती है अगर आप की समझ अच्छी है और अपनी बातों तो सही और सुलझे तरीके से कहना जानते है तो आपकी लेखन शैली भी सहज होगी।
- अक्सर निबंध लिखते समय हम क्रमबद्धता खो बैठते है - इसलिए सबसे पहले अपने सभी विचारों को लिखे। आउटलाइन बना ले कि पहले क्या लिखना है और बाद में क्या लिखना है।
- शुरुआत किसी रोचक वाकये से करिये।
- अगर आप किताबी निबंध लिखते है या यह कहु कि आप निबध की तैयारी किसी बुक से पढ़ कर करते है तो बहुत संभव है आप बहुत अच्छा स्कोर न कर पाए।
- निबंध में प्रवाह होना चाहिए।
- रोचकता बनी रहे इसलिए बीच बीच में दोहे , सूक्ति, बोध वाक्य आदि डालते रहे।
सोमवार, 11 अप्रैल 2016
Frontline , ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY , INDIAN EXPRESS
FRONTLINE
frontline को पहली बार इलहाबाद में एक दोस्त के पास देखा था . उस समय मुझे इंग्लिश पढने काफी मुश्किल होती थी . पर दोस्त प्रतिभाशाली था इसलिए मैंने भी बगैर कुछ ज्यादा सोचे विचारे FRONTLINE खरीदने लगा .
जब मै लखनऊ में आर्मी में जॉब करता था तब इसका चस्का बहुत ज्यादा लग गया . हर १५ में इसको खत्म करके , अगले अंक का इंतजार करता था . धीरे धीरे इसको पढ़ते पढ़ते मै इंग्लिश में सहज होने लगा . मैंने इसे तब लेना शुरु किया था जब इसका दाम २० रूपये हुआ करता है . अब तो इसकी कीमत ६० रूपये हो गयी है . अब भी कभी कभार इसे ले लेता हूँ पर नियमित नही . इसके लेखो से मुझे इतना लगाव है कि मेरे पास ३५ से ४० पुराने अंक होंगे . बहुत बार रूम पार्टनर ने कहा बेच दो अब कभी इनको पढ़ पाने का वक्त नही मिलेगा मुझे भी पता है कि उन्हें शायद ही कभी पढ़ सकू .
FRONTLINE की खास बात यह है कि बहुत बार आईएएस की मुख्य परीक्षा में इससे सीधे सीधे सवाल आ चुके है . इंग्लिश मध्यम के बहुतायत छात्र इसको पढना पसंद करते है .
THE INDIAN EXPRESS
जब मेरी नौकरी अहमदाबाद में शुरु हुई तब मुझे हिंदी पेपर की बहुत दिक्कत हुई . कुछ दिन राजस्थान पत्रिका से काम चलाया पर उसमे विज्ञापन बहुत ही ज्यादा आते है और मतलब की खबर बहुत ही कम . इसी दौरान THE INDIAN EXPRESS से परिचय हुआ . पहले तो पेपर पढ़ पाना , उसे खत्म कर पाना बहुत कठिन लगता था पर अब हालत यह है कि इसके बगैर सुबह कुछ अच्छा नही लगता है . एक बार इंग्लिश पेपर पढना शुरु कर देते है तो आपको पता चलता है कि हिंदी के न्यूज़ पेपर का स्तर कितना न्यून है ..जनसत्ता को छोड़ दे तो किसी पेपर में सम्पादकीय भी काम चलाऊ होता है . आप यह तो पता ही होगा कि जनसत्ता और THE INIDAN EXPRESS एक ही ग्रुप से पेपर है .
ECONOMIC & POLITICAL WEEKLY
अब बात इस magzine की जाय . इसके बारे में सुना तो बहुत पहले से रखा था पर कभी खरीदा या पढ़ा नही . पिछले २ या ३ माह से इसे पढना शुरु किया और अब जा कर पता चला यह magzine सबकी बाप जैसी है . क्या जबरदस्त लेख आते है .. बहुत सरल इग्लिश जो आसानी से सबके समझ में आ जाये . मै तो इसके एक लेख को पढने में बहुत समय लगता हूँ वजह हर लेख इतना सटीक विश्लेष्ण करता है , शोधपरक , गुणवत्तापूर्ण आलेखों में इसका कोई जबाब नही . वैसे यह पत्रिका वैश्विक स्तर पर पढ़ी जाती है और एशिया में टॉप लेवल की रैंकिंग में है . इसमें सब कुछ अच्छा है बस एक ही चीज नकरात्मक है .इसका दाम , हर सप्ताह आती है और एक अंक की कीमत है ८० रूपये . अब एक स्टूडेंट के लिए हर महीने ३२० रूपये खत्म कर पाना बहुत कठिन है . यह अलग बात है कि अपने दिमाग को बेहतरीन बनाने के लिए आपको magzine और न्यूज़ पेपर में बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहिए .
आप अपने अनुभव शेयर करना मत भूलना और कोई अच्छी , स्तरीय magzine आपकी नजर में हो तो मेरे ध्यान में लायिएगा .
STRANGE BUT IT IS TRUE
है न यह विचित्र बात
जैसा कि आपको पता है कि मै अपने मूल जिले से काफी दिनों से दूर रहता आ रहा हूँ . अक्सर जब कही परिचय देना होता है तो मै बताता हूँ कि मेरा जिला कलम व तलवार दोनों का धनी है . उन्नाव से सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी , प्रसिद्ध आलोचक राम विलास शर्मा जी , चित्रलेखा जैसे कालजयी नावेल के लेखक भगवती चरण वर्मा जी जैसे लोग जुड़े रहे है . यह चन्द्रशेखर आजाद की भी धरती है . ऐसा बहुत कुछ गर्व से बतलाता हु पर बहुत कम लोग इससे मेरे जिले को पहचान पाते है . मेरे पाठक भी शायद इस unnao नाम से अनजान हो पर आज आपको ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो निश्चित ही आप ने सुना होगा .
आपको याद है २०१३ में एक जगह पर एक साधू ने सपने में देखा था कि जमीन में १००० टन सोना दबा है . इस खबर की चर्चा सारे भारत के साथ वैश्विक स्तर पर हुई थी . सोना तो नही मिला पर मुझे बड़ी आराम हो गयी है . अब लोगो से इतना ही कहना होता है कि उसी जिले से हूँ जहाँ पर सोना खोदा जा रहा था .
है न यह विचित्र बात जानना किस चीज से चाहिए पर जानते किस चीज से है .
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016
ATTITUDE IS VERY IMPORTANT THING
बात उन दिनों की है जब मै इंटरर पास करके , B.SC. करने के लिए शहर आया। नया नया था , जानने की इच्छा बहुत थी। मेरे छोटे से शहर में काफी सांस्कृतिक गतिविधियाँ बहुत होती रहती थी. कवि सम्मेलन , पुस्तक मेला , राजू श्रीवास्तव के प्रोग्राम , अनूप जलोटा , गोपाल दास नीरज , साबरी बंधू जैसे सैकड़ो लोगो को रूबरू सुना या देखा था।
ऐसे ही किसी प्रोग्राम में गया था। मेरे पास ही वो बैठी थी अब ठीक से याद नही कैसे हुआ पर यह हो गया। उसने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा ' फ्रेंड्स ' . मैंने बहुत संकोच करते हुए उससे हाथ मिला लिया। शायद वो ११ या १२ में पढती थी उसकी संगीत और डांस में रूचि थी। उस दिन भी उसका डांस कर प्रोग्राम था। ज्यादा विस्तार में न जाते हुए पॉइंट पर आते है। उसके ही मुह से पहली बार सुना था " आप में attitude बहुत ज्यादा है " . सच कहू उस समय मुझे attitude का ठीक से मतलब भी नही पता था। मुझे उससे पूछना भी पड़ा क्या मतलब है आपका। आज वो काफी उपर जा चुकी है टीवी में भी कभी प्रोगाम आ जाते है।
तो भई उस दिन से आज तक मुझे यह बात दर्जनों लोगो (बहुतायत फीमेल ) से अलग अलग तरीके से सुननी पड़ी है " आप में attitude बहुत ज्यादा है। " आप मुझे attitude का ठीक से मतलब भी पता चला गया है और इस बारे में लिखने के बारे में बहुत दिनों से सोच भी रहा था। चलो आज बात करते है।
सबसे पहले मै यह बात भी बता दू अगर दर्जनों के विचार में मुझ में attitude बहुत है तो सैकड़ो या कहू हजारो दोस्तों , पाठकों की नजर में जमीन से जुड़ा , सिंपल , हेल्पफुल हूँ।
अब बात करते है यह विरोधाभास क्यों। दरअसल दोनों ही चीजों सत्य है। मै खुद स्वीकार करता हूँ कि मुझमे में बहुत attitude है और मेरा यह मानना है कि अगर आप में attitude ही नही है तो आप कुछ नही है।
पहले attitude का मतलब समझने की कोशिस करते है। attitude का मतलब सीधा सीधा यह है कि आप को अपनी किसी चीज को लेकर बहुत यकीन है। attitude का मतलब है कि आप अपने आप को बहुत गहराई से समझते है , अपनी क्षमताओ को लेकर बहुत संजीदा है। आपको पता है कि आप अपनी किस्मत खुद लिख सकते है। वैसे attitude के मायने सबके लिए अलग अलग हो सकते है मेरे लिए तो attitude यही है।
कैसे तलाशे अपने में attitude
सबसे पहले आप अपने बारे में सोचे कि आप में कोई ऐसी बात है जो बहुत हटकर है जो यूनिक है। यह कुछ भी हो सकता है जैसे आप गाते अच्छा है , नाचते अच्छा है , चेस में एक्सपर्ट है , खाना बनाने में एक्सपर्ट है , आप अच्छे रनर है , लिखते अच्छा है , पेंटिंग अच्छी बनाते है आदि । रूचि होना अलग बात है और एक्सपर्ट होना अलग बात है जब आप एक्सपर्ट होंगे तभी attitude आएगा। मेरे विचार में अपनी अच्छी चीजो के बारे में attitude होना अच्छा होता है। बस चीजे अच्छी होनी चाहिए।
इससे इतर अगर में आप नकारात्मक चीजो में attitude दिखाते है तो वो आपको गर्त में ले जायेगा। जिन्दगी में अच्छी चीजे सीखते रहिये। गलत चीजो , गलत इंसानों को कभी भी अपने पर हावी न होने दीजिये। अपने पर्सनालिटी को खुद के अनुसार बनाईये। भले लोग आपको ज्यादा attitude वाला कहे पर क्या फर्क पड़ता है अगर आप सही है।
क्यों होता है attitude का टकराव
attitude का टकराव आज के दौर में बहुत बढ़ गया है। दरअसल हर किसी का अपना attitude है पर टकराव क्यों करे। क्यों अपनी बाते , अपने विचार किसी पर थोपे या स्वीकारे । क्यों किसी से ज्यादा उलझे या उसे उलझाये । उसको उसके विचारो , उसकी मान्यताओ के साथ छोड़ दे, आगे बढ़े। इंसान के कर्म तो महत्पूर्ण होते ही है उसमे attitude कितना और किस तरीके का है यह भी बहुत मायने रखता है।
कभी कभार मुझे नकारात्मक टिप्पड़ी भी मिलती है मै उन पर कोई भी राय देने के बजाय उसे हटा देता हूँ ज्यादा हुआ तो ब्लाक। इसलिए नही कि मुझे आलोचना पसंद नही या वो पाठक गलत है बस इसलिए कि मै बहस करने को प्रमुख नही मानता मेरा वो काम ही नही है। मेरा काम है लिखना तो फिर बहस में क्यों उलझु। जो बहस करते है उनका काम ही है बहस करना न कि लिखना।
सीधा और सुलझा हुआ जीवन , मेरी मान्यताये मेरे विचार
प्रिय दोस्तों आशा है आप मेरी बात समझ रहे होंगे। IN CIVIL SERVICE MAINS PAPER 4TH THERE IS A TOPIC ABOUT ATTITUDE . HERE ,IN THIS ARTICLE THERE IS NOTHING DIRECTLY FOR MAINS BUT U CAN LEARN A LOT ABOUT WHAT ATTITUDE NEED CIVIL SERVANT.
फुटनोट :- हनी सिंह के गाने के हिट क्यों होते है क्यूकि उनके सारे गानों में बहुत attitude रहता है . उदाहरन के लिए
- मेरा १६ का डोला , ४६ की छाती ..........
- मुझको तू पहचाने न तेरे घर अख़बार न आता ---
- पास करा दू , फ़ोन घुमा दू , तेरी प्रिंसिपल भी बेबी यो यो कि फैन है --
- तुझे बिठा कर रखा था मैंने रानी पलको पे ,
तूने मारी ठोकर समझी आ जाऊंगा सडको पर ..( पूरी लाइन सुनकर किसी का भी दिमाग असमान पर जा सकता है . )
गुरुवार, 7 अप्रैल 2016
success mantra
अच्छा आप लोगो ने कौन कौन कोर्स की किताबो के
अलावा किताबे पढने का शौक रखता है . मेरा मतलब नावेल , कहानिया , मैगजीन पढने से
है ..
मुझे कभी इन सबका का बहुत शौक हुआ करता था सच
कहूँ वो भी क्या life थी .
आज बस अचानक यूँ फील हुआ कि अब तो सिर्फ कोर्स की किताबे पढने का ही टाइम मिल पाता
है .. न जाने कितना टाइम हो गया होगा कोई मन का नावेल नही पढ़ा ..
पिछले साल अप्रैल में डेल्ही जाना हुआ था ..
मेट्रो के एक स्टेशन पर मुझे नेशनल बुक ट्रस्ट का बुक स्टाल दिख गया .फिर क्या था
उसमे तुरत घुस गया .. ५ किताबे खरीद डाला .सारी सारी कहानियों बुक थी .. बहुत मन
से खरीदा पर तब से अब तक उन्हें पढने की जरा भी इच्छा नही हुई .. कई बार उन्हें
उठा कर भी देखा पर न जाने क्यों मन ही तैयार नही हुआ ..
अब शायद वो पहली सी आजादी नही महसूस होती है .यह
सच है सरकारी जॉब मिलना , इस दौर में भगवान मिलने सरीखा होता है .. इतनी मारा –मारी
है जॉब के लिए .. पर एक बार जॉब में आने के बाद ही पता चलता है कि यह तो वो चीज ही
नही थी जो सोची थी .. जॉब में रोज का वही ढर्रा रहता है ..
जब कभी भी मेरी चिंतक जी से मेरी बात होती है वो
कहते है कि कितना अच्छा है तुम्हे तो २१ साल में ही नौकरी मिल गयी थी पर मेरा उनसे
यह कहना होता है कि तुम भले बेरोजगार हो पर पढने के लिए आजाद हो .. तुमको सारा दिन
पढना ही है उससे अच्छी क्या बात हो सकती है .. सच तो यह है एक जॉब कर रहे व्यक्ति
जो साथ में तैयारी कर रहा होता है के लिए पढाई के लिए टाइम निकाल पाना कठिन होता
है .
इसलिए मै उन सभी पाठको को यह कहना चाहता हूँ कि
अगर आप को सिर्फ पढना है तो खूब जम कर पढ़े और सोचे कि आप भाग्यशाली है कि आपको
सिर्फ पढना है जरा उनको सोचे जो जिन्दगी में चुनौती उठाते हुए भी पढाई कर रहे है
मेरा मतलब उनसे है जिन्हें मजबूरी में जॉब करनी पड़ी जिन्हें अपने मन मुताबिक तैयारी करने के लिए के लिए
विरासत का सहयोग नही मिला .
पिछले दिनों मेरी गूगल हैंगआउट पर अपने एक रीडर से बात हुई .. उनके पापा की कैंसर में डेथ
हो चुकी है ..वो और उनकी माँ .. अकेली लडकी अपनी माँ को भी सम्भाल रही है ..
पैत्रक साइबर कैफे को चलाते हुए तैयारी भी कर रही है ..ज्यादा बात तो नही हुई पर
यह कल्पना की जा सकती है कि उसके लिए तैयारी करना कितना जटिल होगा .. इसलिए मै
हमेशा इस बात पर जोर देता हु कि अगर आप लगन है और कुछ कर दिखाने का जस्बा है तो
सफलता कुछ देर से ही सही पर आपके कदम जरुर चूमेगी . ईमानदारी से प्रयास करते रहिये
.
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