उपभोक्ता की सजगता सबसे अहम
भारत में उपभोक्ता के संरक्षण के अनुरूप विविध प्रावधान किये गए है। इस भावना के अनुरूप ही वस्तु एवं सेवा कर के तहत मुनाफखोरी रोकने के लिए , नेशनल एंटी प्रोफिटिरिंग अथॉरिटी का गठन भी किया है। जो कर दरों में कमी का लाभ , निर्माता की जगह , उपभोक्ता तक पहुंच को सुनिश्चित करता है। रियल स्टेट सेक्टर में रेरा लाया गया है। इसके बावजूद आम जनता को लूटने व ठगने का दौर जारी है। आम जनता द्वारा चिकित्सा पर अपनी गाढ़ी कमाई, उपभोक्ता जागरूकता के अभाव के चलते बर्बाद हो रही है। दवा के नाम पर तरह तरह से ठगी की जा रही है। नियम से किसी भी दवा को पूरी स्ट्रिप के साथ बेचा जाना चाहिए ताकि हमें पता चल सके कि दवा के दाम , एक्सपायरी व कंटेंट आदि क्या है। विदेशों में ऐसा ही होता है। भारत में प्रायः 1 गोली , दो गोली खरीदने व बेचने का चलन है। एक आम उपभोक्ता को इससे बचना चाहिए। डॉक्टरों को कैपिटल लेटर में दवा लिखने के निर्देश है पर इसका अनुपालन शायद ही कोई डॉक्टर करता हो। जैसा कि कहा गया है ज्ञान ही शक्ति है , बाजारवाद के दौर में उपभोक्ता की सजगता , सतर्कता ही उसकी शक्ति है। उसे अपने अधिकारों के प्रति हमेशा जागरूक व सजग रहना चाहिए।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।
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