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गुरुवार, 24 अप्रैल 2014

जो परेशान है

जो परेशान है 
इस ब्लॉग  के जरिए बहुत से नये और अच्छे मित्रों से परिचित होने का अवसर मिला है. आज कुछ ऎसी बात करन जा रहा हूँ जो हर किसी से जुड़ी है . कुछ दिनों पहले यहाँ  पर मुझे एक मैसेज मिला. एक मित्र विदेश में जाब कर रहे हैं बहुत परेशान थे देश आने के लिए और सरकारी सेवक बनने के लिए... इस के पहले एक दोस्त का व्हाट एप पर मैसेज आया था कि सर कोई नावेल बताये बहुत परेशान हूँ कुछ प्रेरणादायक हो. 

आज भी इक मैसेज मिला सार था कि संघर्ष कर रहे हैं. 
मैंने सबसे वादा किया था कि एक पोस्ट इस पर जरूर करूगा आज मन हल्का करने का प्रयास करता हूँ. 
सच तो यह है मेरे दोस्त कि यहाँ हर कोई परेशान है जो बेरोजगार है नौकरी पाने के लिए परेशान है जो नौकरी में है वह सरकारी नौकरी पाने के लिए परेशान है जो सरकारी नौकरी में है वह बड़ी नौकरी पाने को परेशान है और जो बड़ी नौकरी में है वह कलेक्टर बनने के लिए परेशान है थोड़ा और बात करें तो जो मुख्यमंत्री है वह पधानमंत्री बनने के लिए परेशान है और जो पधानमंत्री है वह इतना परेशान है कि खामोशी इख्तियार कर लेता है. 
सच तो यह है कि परेशान मैं भी हूँ आप भी है हर कोई परेशान है. वजह पता क्या है ? जो होना चाहिए और जो है उसके बीच का अंतर । आप जो बनना चाहते थे और जो बन पाए उसके बीच का तनाव । जो बेरोजगारी झेल रहे हैं उन्हें यह जानकर बहुत हैरानी होगी पर सच यही है कि आप से कहीं ज्यादा तनावग्रस्त नौकरी कर रहे मित्र उठा रहे हैं । ( आशा करता हूँ मैं आप के मन की बात रख पाया हूँ पोस्ट अधूरी है बहुत सी बातें हैं अगला भाग आपके कमेंट पर निर्भर करेगा । मैं कभी अपनी पोस्ट के लिए लाइक या शेयर का आग्रह नहीं करता हूँ वजह मुझे लगता है कि पोस्ट में गुणवत्ता होगी तो लोग इक रोज खुद ही साथ आ जायेेगे । यह पोस्ट अपवाद सरीखी है सबको नही पर जिसको इस की जऱूरत उनके साथ इसे जरूर शेयर करे. पेज पर भीड़ बढ़ाने का उद्देश्य जरा भी नहीं है पर समान विचार धारा के लोगो को इससे जरूर जोडे. )

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