जमकर पढ़े और खूब लिखे
अभी एक मित्र से बात हो रही थी । उनमे काफी समभावनए भी मुझे दिखती है । संभव है किसी दिन वो सिविल सेवा मे सफल भी हो । वो बता रहे थे कि अभी हाल मे ही the argumentative indian पढ़ी । यह किताब , अमर्त्य सेन की सबसे बेहतरीन किताबों मे एक है । मैंने उनसे कहा जो भी अच्छा पढ़ो , उस पर अपने विचार जरूर व्यक्त करो ।
हम मे बहुत से लोग बहुत सी अच्छी २ किताबे पढ़ते रहते है और भी बहुत सी चीज सीखते है पर उनको अपने तक ही बनाकर रखते है। मेरी समझ से यह आपके ज्ञान के लिए उचित नही है। आप ज्ञान का परिवर्धन तभी कर सकते है जब अपनी समझ को अभिव्यक्त करते रहे।
आजकल तो सोशल साइट आपको बढ़िया प्लेटफॉर्म उपलब्ध करती है। हर किसी को अपने विचार जरूर व्यक्त करने चाहिए। हो सकता है आपको कोई न पढ़े या ध्यान न दे पर उससे फर्क क्या पड़ता है। आपकी बातो में निखार धीरे धीरे ही आएगा और एक दिन आप पाएंगे कि आप तो बहुत अच्छे व्यक्तित्व के मालिक बन चुके है।
अतीत में तो महान लोगो को अपनी बात रखने के लिए किसी चौराहे , मैदान में भीड़ को जुटाना पड़ता था। आपको शायद पता ही होगा कि सुकरात , अपने विचार रखने के लिए सड़क पर लोगो को पकड़ लेते थे। मेरी बात आप समझ रहे होंगे। आज के समय अगर आप समाज , देश , विषमता के लिए कुछ अपने विचार नही रखते तो आप जीवित होते होये भी मृत है।
आज से अपनी timeline पर लिखना शुरू करिये। बस यह ध्यान रखना कि आप जो भी लिखे वो मौलिक हो। किसी के विचार , कविता या कॉपी पेस्ट कर अपनी timeline को गन्दा मत करना। आपकी पहचान तभी बनेगी जब आप खूब पढ़े और मौलिक लिखे
Copyright. asheesh kumar .
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