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शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

DO NOT WASTE YOUR TIME



मैंने समय को  नष्ट किया था अब समय मुझे नष्ट कर रहा है . - नेपोलियन 


                   प्रिय दोस्तों , कैसे है आप . आप ने शायद उपर लिखी पंक्ति पहले भी पढ़ चुके है . उक्त बात है बहुत अच्छी पर उसे अमल में ला पाना काफी कठिन है . मैंने भी इसे काफी पहले पढ़ा था पर अब जा कर मुझे इसका अहसास हो रहा है . बहुत बहुत ज्यादा व्यस्त जिन्दगी हो गयी है . 

                  पिछले दिनों अपना फेसबुक अकाउंट फिर से डीएक्टिवेट कर दिया क्युकि लोगों के पास बहुत सी क्वेरी रहती है उनको अवॉयड करना अच्छा नही लगता . पहले भी ऐसा कर चूका हूँ बगैर बताये चले जाना अच्छा नही होता पर यही एक तरीका है जिससे मै दूर हो पाता हूँ . व्हाट एप भी बंद करने का मन होता है पर कुछ ऑफिस के काम उसके बगैर नही हो पाएंगे इसलिए रुका हूँ  यहाँ पर भी लोगों के मेसेज उनदेखा करना पड़ता है . कुछ लोग हर रोज गुड मोर्निंग के मेसेज सेंड करते है . एक रोज तो चिंतक जी ने मुझे टोक ही दिया " क्या यार , गुड मोर्निंग का जबाब भी नही देते " . अब इसका कोई जबाब नही था . 

                 अब जाकर लगता है कि मैंने कितना समय नष्ट किया है . २ साल तक ऑफिस में मेरे पास कोई काम नही था . ३ सेक्शन का काम दिया गया पर मै उनसे निपटता गया . पर अब तो हालत यह है कि ऑफिस कि कुछ फाइल घर पर लाने लगा हूँ . सबसे अजीब बात यह है कि मै अक्सर ३ से ४ घंटे कार में  गुजारता हूँ . इसमें मै कुछ पढने की कोशिश करता हूँ तब वो दिन बहुत याद आते है जब मै फालतू में कई घंटे लैपटॉप में फिल्म देखने में गुजार देता था . 

                      अपने गीतकार नीरज का नाम जरुर सुना होगा . उनका कई साल पहले एकल काव्य पाठ सुना था उन्नाव में . उसमे उनकी कही एक बात याद रह गयी . उन्होंने बताया कि अपनी जवानी में यानी ३० की उम्र में वो किसी के प्यार में बुरी तरह से पागल थे ( वैसे उनकी प्रेमिका कौन है यह बात किसी से छुपी नही , मै भी उनको जानता हूँ आगरा वाली ) . खूब चाहा पर उससे शादी न हो सकी . बाद में नीरज जी अपनी कविताओ से खूब प्रसिद्ध हो गये . उस दिन अपने काव्य पाठ में उनकी सीख थी कि जवानी में अगर वक्त न बर्बाद न किया होता तो साहित्य को और भी बहुत कुछ दे दिया होता . 


                     कहने को बहुत कुछ है पर उस पर फिर कभी , प्रसंगवश यह समय वैलेंटाइन डे का है . एक राज की बात बताता हूँ मैंने काफी पहले एक बहुत सुंदर प्रेम कथा लिखी थी . काफी सालो से सोचता हूँ कि इस बार VALENTINE DAY में उसे पोस्ट कर दूँ पर हर बार यह सोच कर रुक जाता हूँ कि  अभी उसका वक़्त नही आया है। अभी मैंने अपने लिए कुछ विषयो पर यथा प्रेम , राजनीती , धर्म पर लिखने से रोक रखा है पर आने वाले समय में इस पर जरूर लिखूंगा।  

कॉपीराइट - आशीष कुमार 

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