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सोमवार, 4 मई 2020

बेला के फूल


बेला के फूल 

यूँ तो गुलाब के फूल ही बेजोड़ होते हैं पर बेला के फूल अपनी धवलता के साथ, अनूठी खुसबू के लिए जाने जाते हैं। 
इन दिनों शाम को टहलते वक़्त रोज उसके पेड़ो के पास से गुजरता हूँ। हाथों में कुछ फूल लेकर मुट्ठी बन्द कर लेता हूँ। बन्द मुठी को नाक के पास लाकर, उनकी खुसबू को भीतर तक महसूस करना, मेरा प्रिय सगल बन चुका है। यूँ तो पहले भी तमाम बार फूलों की खुसबू को भीतर महसूस किया है पर इन दिनों यह कृत्य बड़ा रुचिकर व सुखदायी प्रतीत होता है।


मुझे यह ध्यान, योग की तरह लगता है। मन भीतर से हल्का, प्रसन्न व शांत हो जाता है। कोरोना के इन दिनों की उदासी को, यह क्रिया बड़ी सुखदायक प्रतीत होती है।

© आशीष कुमार, उन्नाव
3 मई, 2020 

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