उत्तरपूर्वी भारत में बढ़ता स्थायित्व या
भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी
पूर्वी क्षेत्र में बॉर्डर समस्याओं का हल करने में पिछले कुछ दिनों में भारतीय सरकार काफी हद तक सफल हुई है ,ये भारत की ACT EAST POLICY के तहद भी देखा जा सकता है की पूर्वी क्षेत्र अब स्थायित्व की और बढ़ रहा है।
सरकार द्वारा किये गए अहम प्रयास
1. बांग्लादेश-
वास्तव में सदियों पहले कूचबिहारके राजा और रंगपुर के महाराजा जब शतरंज की बिसातें चलते थे तो दांव पर लगते थे - गांव। दोनों रियासतों के सैकड़ों गांव एक दूसरे की रियासत में मौजूद थे। फिर मुगलकाल में इन गांवों की सीमा को लेकर विवाद बना रहा। ऐसे 1713 विवादित क्षेत्र बने रहे। भारत (और पाकिस्तान) की स्वतंत्रता के बाद बंटवारा तो हुआ पर पूर्वी पाकिस्तान के कई इलाके भारत में और भारत के कई इलाके पूर्वी पाकिस्तान में बने रहे। यहीं से 'छिटमहल' या ENCLAVE की समस्या शुरू हुई
बांग्लादेश के साथ हुए LAND BOUNDARY AGREEMENT के प्रभाव-
1. अवैध आवाजाही तथा अवैध व्यापार पर रोक लगेगी
2. इससे शरणार्थियों का मुद्दा हल होगा तथा दोनों देशों के लोगो में आत्मविश्वास बढेगा।
साथ ही भारत का भी अन्य देशो के साथ सीमा संबधित मुद्दों को हल करने में CONFIDENCE बढेगा तथा ये उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होगा।
3. ये परिवहन की समस्या का भी हल करने में HELPFUL होगा। इससे उत्तर पूर्वी भारत में RAIL ,समुद्री तथा सड़क यात्रा कम खर्चीली तथा कम समय की होगी
उदाहरण के लिए हल्दिया से चिटगॉन्ग पोर्ट तक की यात्रा चिकन नैक से सड़क यात्रा के बजाए काफी किफायती होगी।
WILL POWER
2. भूटान-बांग्लादेश-भारत-नेपाल कनेक्टिविटी एग्रीमेंट
जून में हुए बैठक के अनुसार इस क्षेत्र में यात्रियों तथा माल की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क मार्ग को दुरुस्त किया जायेगा जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी तथा सद् भावना का विकास होगा।
3. नागालैंड शांति समझौता
नागालैंड का शांति समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ भारत अपने रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। उधर का रास्ता पूर्वोत्तर से होकर गुजरता है, जो देश का सबसे संवेदनशील इलाका है।
नेशनल सोशल काऊंसिल ऑफ नागालैंड(NSCN- IM) और सरकार के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. माना जाता है कि इस अहम शांति समझौते के बाद नार्थ ईस्ट में हालात को काबू करने में सरकार को काफी हद तक सफलता मिलेगी. एनएससीएन (आईएम) नेता टी. मुइवा ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हम एक दूसरे को समझने, नये संबंध बनाने के लिए नजदीक आये हैं।
4. त्रिपुरा से AFSPA का हटाना
काफी लंबे समय से चले सिविल सोसाइटी तथा सरकार के मध्य इस संघर्ष में सिविल सोसाइटी की विजय हुई तथा इस ACT को हटाने में सफल रहे।
5 भारत से थाईलैंड तक सड़क मार्ग-
ये भी भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पालिसी का ही एक हिस्सा है जिसमे सड़क मार्ग द्वारा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ा जायेगा। जो तीनो ही देशों की ECONOMY के लिए महत्वपूर्ण होगा तथा आपसे सौहार्द भी बढेगा ।
SAVE MONEY EARLIER, ENJOY LIFE IN FUTURE
भारत की एक्ट ईस्ट पालिसी
पूर्वी क्षेत्र में बॉर्डर समस्याओं का हल करने में पिछले कुछ दिनों में भारतीय सरकार काफी हद तक सफल हुई है ,ये भारत की ACT EAST POLICY के तहद भी देखा जा सकता है की पूर्वी क्षेत्र अब स्थायित्व की और बढ़ रहा है।
सरकार द्वारा किये गए अहम प्रयास
1. बांग्लादेश-
वास्तव में सदियों पहले कूचबिहारके राजा और रंगपुर के महाराजा जब शतरंज की बिसातें चलते थे तो दांव पर लगते थे - गांव। दोनों रियासतों के सैकड़ों गांव एक दूसरे की रियासत में मौजूद थे। फिर मुगलकाल में इन गांवों की सीमा को लेकर विवाद बना रहा। ऐसे 1713 विवादित क्षेत्र बने रहे। भारत (और पाकिस्तान) की स्वतंत्रता के बाद बंटवारा तो हुआ पर पूर्वी पाकिस्तान के कई इलाके भारत में और भारत के कई इलाके पूर्वी पाकिस्तान में बने रहे। यहीं से 'छिटमहल' या ENCLAVE की समस्या शुरू हुई
बांग्लादेश के साथ हुए LAND BOUNDARY AGREEMENT के प्रभाव-
1. अवैध आवाजाही तथा अवैध व्यापार पर रोक लगेगी
2. इससे शरणार्थियों का मुद्दा हल होगा तथा दोनों देशों के लोगो में आत्मविश्वास बढेगा।
साथ ही भारत का भी अन्य देशो के साथ सीमा संबधित मुद्दों को हल करने में CONFIDENCE बढेगा तथा ये उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होगा।
3. ये परिवहन की समस्या का भी हल करने में HELPFUL होगा। इससे उत्तर पूर्वी भारत में RAIL ,समुद्री तथा सड़क यात्रा कम खर्चीली तथा कम समय की होगी
उदाहरण के लिए हल्दिया से चिटगॉन्ग पोर्ट तक की यात्रा चिकन नैक से सड़क यात्रा के बजाए काफी किफायती होगी।
WILL POWER
2. भूटान-बांग्लादेश-भारत-नेपाल कनेक्टिविटी एग्रीमेंट
जून में हुए बैठक के अनुसार इस क्षेत्र में यात्रियों तथा माल की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क मार्ग को दुरुस्त किया जायेगा जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी तथा सद् भावना का विकास होगा।
3. नागालैंड शांति समझौता
नागालैंड का शांति समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ भारत अपने रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। उधर का रास्ता पूर्वोत्तर से होकर गुजरता है, जो देश का सबसे संवेदनशील इलाका है।
नेशनल सोशल काऊंसिल ऑफ नागालैंड(NSCN- IM) और सरकार के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. माना जाता है कि इस अहम शांति समझौते के बाद नार्थ ईस्ट में हालात को काबू करने में सरकार को काफी हद तक सफलता मिलेगी. एनएससीएन (आईएम) नेता टी. मुइवा ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हम एक दूसरे को समझने, नये संबंध बनाने के लिए नजदीक आये हैं।
4. त्रिपुरा से AFSPA का हटाना
काफी लंबे समय से चले सिविल सोसाइटी तथा सरकार के मध्य इस संघर्ष में सिविल सोसाइटी की विजय हुई तथा इस ACT को हटाने में सफल रहे।
5 भारत से थाईलैंड तक सड़क मार्ग-
ये भी भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पालिसी का ही एक हिस्सा है जिसमे सड़क मार्ग द्वारा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ा जायेगा। जो तीनो ही देशों की ECONOMY के लिए महत्वपूर्ण होगा तथा आपसे सौहार्द भी बढेगा ।
SAVE MONEY EARLIER, ENJOY LIFE IN FUTURE
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