रविवार, 16 मार्च 2014

Essay on success in Hindi (2)

विषयः- सफलता योग्यता निर्भीकता और साहस से मिलती है। (दूसरा भाग )
                                      आशीष कुमार

विषय पर आगे बढ़ने से पूर्व सफलता के लिये आवश्यक तीनों गुणों का विश्लेषण कर लिया जाय।सफलता के सबसे पहला गुण है-योग्यता। व्यक्ति को अपनी योग्यता के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करने चाहिये। यदि आपके लक्ष्य बहुत बडे़ हैं तो निश्चित तौर पर आपको उसी अनुरूप अपनी योग्यता का दायरा बढ़ाना होगा। इस बात ख्याल हमेशा रखना होगा कि योग्यता के अभाव में लक्ष्य भले ही कितना आकर्षक,सुंदर क्यों न हो असफलता से दो चार होना तय है।
सफलता के लिये दूसरा अपेक्षित गुण है निर्भीकता। निर्भीकता का तात्पर्य भय रहित होने से है किसी विद्वान ने क्या खूब कहा है कि यदि आपको लगता है कि आप हार जायेगें तो निश्चित तौर आप हार जायेगें। सच तो यह है कि सफलता व्यक्ति की सोच पर निर्भर करती है। एक निर्भीक व्यक्ति की सोच कभी नकारात्मक नही होती है। भय से रहित मन में संशय नहीे होता है। वह सिर्फ सफलता के बारे में सोचता है उसे असफलता का भय नहीें सताता है इसी से वह सफलता के आवश्यक कर्म पूरे मन से कर पाता है।
सफलता के लिये तीसरी अपेक्षा व्यक्ति के साहसी होने की है। साहस के अभाव में तो पवनपुत्र हनुमान भी संशयग्रस्त थे। जामवंत ने जब उन्हें उनकी शक्ति की याद दिलाई यह कहते हुये कि का चुप साधि रहा बलवाना  तभी वह समुद्र को पार कर सके। सच्चा साहसी व्यक्ति कभी निराश नहीं होता है। साहस के चलते व्यक्ति अप्रत्याशित सफलतायें पा सकता है। वास्तव में साहसी व्यक्ति ही महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण करता है। वह सफल हो पायेगा कि नहीं ऐसे विचार उसके मन में कभी नहीं आतें हैं। सिविल सेवा में सफल टापर्स के साक्षात्कार में इसकी पुष्टि होती है। बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि के टापर्स ने स्वीकारा कि उनकी सफलता में साहस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है।

Essay on success in Hindi (1)

विषयः- सफलता योग्यता निर्भीकता और साहस से मिलती है।
                                      आशीष कुमार

स्वामी रामतीर्थ ने सफलता का सूत्र बताते हुये बड़ी अच्छी बात कही है वे कहते हैं कि अपने आपको योग्य बना लो सफलता स्वयंमेव तुम्हारे पास आ जायेगी। विडम्बना है कि आज का मनुष्य सफलता की घोर आकांक्षा रखता है पर योग्यता को जरा भी महत्व नहीं देता है।
इतिहास के किसी भी काल पर नजर डाले तो कोई भी सफल विजेता/शासक में तीन गुण निश्चित तौर पर मिलेंगे । वह योग्य होगा निर्भीक होगा और उसमें साहस कूट कूटकर भरा होगा। वास्तव में सफलता इन्हीें तीन गुणों पर निर्भर करती है। इतिहास में कितनी ही घटनाओं में मिलता है कि मुठ्ठी भर सेना नें हजारों लाखों की सेना पर विजय पायी। वास्तव में भले ही ऐसी सेना भले ही संख्या में कम थी पर उनमें साहस की कमी न थी। उनके सेनानायक निर्भीक थे।
वास्तव में सफलता का मूलमंत्र इन्हीं तीन गुणों पर आधारित है। यह देश काल से परे हैं। अतीत में भी इनका महत्व था। वर्तमान में भी है और भविष्य में भी सफलता इन्हीं गुणों पर निर्भर करेगी।
आज के प्रतिस्पर्धा भरे युग मे सफलता चंद लोगों को ही मिल पाती ज्यादातर व्यक्ति असफल हो जाते हैं। ऐसे असफल अपनी कमियों पर घ्यान न देकर अपनी असफलता का दोष दूसरे पर मढ़ देते हैं। (यह निबंध कुछ दिनों पहले एक पत्रिका के लिए लिखा था कुछ बड़ा है इसलिए तीन भागो में पोस्ट करुगा। सभी मित्रो को होली की हार्दिक शुभकामनाये )

शनिवार, 15 मार्च 2014

WE ARE ON FACEBOOK NOW

दोस्तों , मुझे खुशी हो रही है कि मैंने कुछ सार्थक कार्य शुरू किया है। बहुत तेजी से नये मित्र हम तक पहुँच रहे है। आज से मै आप से नियमित संवाद  करता रहूगा।  अब समय है आप के बारे में जानने का और हमारे बारे में भी।  इस पेज पर आपको आईएएस के लिए सामग्री से ज्यादा , उससे जुड़े अनुभव के बारे में पढ़ने को मिलेगा। कहा भी गया है कि अनुभव कि कोई किताब नही होती है यह आप को खुद जानना होता है।
इस पेज पर कुल चार तरह के लोग आ सकते है।  पहले वो जो अभी शुरुआत करने जा रहे है (सबसे ज्यादा ) दूसरे वो जो तैयारी कर रहे है (सबसे महत्वपूर्ण क्योकि अनुभवी है ) तीसरे वो जो मैदान से बाहर हो चुके है  चौथे वो जो सफलता पा चुके है (दुर्लभतम )
जो मेरे लिए नये है कृपया  आप मुझे मेसेज कर बता दे कि आप किस वर्ग में है चाहे तो आप सार्वजानिक तौर पर पोस्ट कर सकते है।   ताकि मुझे पता चले कि कैसी पोस्ट करना ज्यादा जरूरी है।
कुछ अपने पेज के बारे में। मै इस पेज में अभी मोटिवेशनल पोस्ट ज्यादा करुँगा। 24 अगस्त 2014 को प्रारम्भिक परीक्षा होगी। 20 दिसंबर २०१४ से मुख्य परीक्षा होनी है।  मई माह से आपको मै मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन से जुडी पोस्ट प्रस्तुत करने कि कोशिश  करुगा। जून से अगस्त तक   प्रारम्भिक परीक्षा पर जोर रहेगा।
आप से निवेदन है कि यहाँ पर सामग्री से ज्यादा आप आईएएस से जुड़े अनुभव प्रस्तुत करे।  ज्यादा नही तो कम से कम इस दिनों आप क्या पढ़ रहे है इतना ही पोस्ट कर दे। हिन्दी में पोस्ट करना  जटिल है पर अगर कर सकते है तो जरुर करे। हिंदी में पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
(इस पेज पर आप और मुझ में कोई अंतर नही है बस साथ साथ चलना है। उन दोस्तों का विशेष तौर पर धन्यवाद जो इस पेज के साथ अपना जुड़ाव समझ कर यहा पर  ज्यादा से ज्यादा सक्रियता दिखा रहे है। मै आपसे कल तक के लिए विदा लेता हुँ धन्यवाद )
IAS KI PREPARATION HINDI ME


शुक्रवार, 14 मार्च 2014

FOR UNSUCCESSFUL PERSON

कई बार ऐसा होता है कि बहुत मेहनत करने पर भी असफलता का सामना करना पड़ता है। मन बहुत दुखी होता है क्योंकि आप ही जानते है आपने इसके लिए क्या क्या नही किया। आईएएस का नशा है कि उतरता ही नही। अकेले रहना जॉब करना सब कुछ अपने आप ही मैनेज करना। ऑफिस में सभी बोलेंगे कि मेहनत करो यहा से निकल जाओ पर छुट्टी के नाम पर चुप। बाते व्यकितगत है पर वास्तविकता यही है शादी को आप टाल जा रहे है कि एक बार आईएएस में हो जाये तभी करेगे। दोस्तों इसी का नाम जिंदगी है हमेशा आप के सोचने के अनुसार नही होता है।  इस बार भी हिंदी माध्यम का रिजल्ट बहुत हताशाजनक रहा। मेरे ज्यादातर दोस्तों या कहु सभी को मैंस परीक्षा से बाहर होना पड़ा है। गड़बड़ी कहा हुई ये तो नंबर आने के बाद ही पता चलेगा। इस साल के प्रारंभिक परीक्षा को पास करने वाले को ये भी नही कह सकते है कि वो होनहार नही है।  नये पैटर्न पर पहला एग्जाम था इसलिए कुछ पता नही था कि पेपर कैसे आयेगे। एक बार अपने मैंस के पेपर निकाल कर देखिये क्या आपने वाकई उत्तर गुणवत्तापूर्ण लिखे थे। उत्तर होगा लिखा तो बहुत था पर उनमे गुणवत्ता नही थी। दूसरा एक प्रमुख कारण बहुत ज्यादा सामग्री पढ़ना भी हो सकता है। चौथे पेपर के लिए क्या क्या पढ़ा पर मतलब क्या निकला। उसमे कुछ भी न पढ़ा होता तो भी कोई फर्क न पड़ता। 
अब अफ़सोस करने से क्या फायदा। नये सिरे से जुटा जाये। किताबो और नोट्स से धूल मिट्टी साफ कर पुनः पढ़ाई शुरू। अबकी बार अभी से सामान्य अधययन के चारो पेपर के लिए उत्तर लेखन के लिए अभ्यास किया जाय। शुरुआत पिछले साल के पेपर के प्रश्नो को हल करने से की जा सकती है। इसके साथ ही प्रारंभिक परीक्षा के लिए विशेष तैयारी जारी रखनी होगी क्योंकि उसे हलके में लेने की भूल नही की जा सकती है। 


सिविल सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा में इस समय बहुत ही जटिल प्रष्न पूछे जा रहे है। पहला पेपर जो कि सामान्य अध्ययन का है, उसके लिये हिन्दी माध्यम में सटीक सहायक साम्रगी का आभाव है। बाजार में कितनी ही किताबें उपलब्ध है पर उन को पढना अपने समय को जाया करना है। यहाॅ पर एक ऐसी वेबसाइट का पता दे रहा हूॅ जो कि हिन्दी में सामान्य अध्ययन के पेपर हेतु आपको बहुत ही सटीक जानकारी देगी। मैं इस बात का यकीन दिलाता हूॅ कि यदि आप इस को नियमित तौर पर देखते रहे तो आपको यह सिविल से में बहुत उपयोगी साबित होगी। इसका नाम है पत्र सूचना कार्यालय। यह भारत सरकार की वेबसाइट है। यहाॅ पर आप नियमित तौर पर आकर अपने लिये महत्वपर्ण नोट्स तैयार कर सकते है।
PRESS INFORMATION BUREAU

बुधवार, 12 मार्च 2014

पंचशील सिद्धांत

 29 अप्रैल 1954  को भारत और चीन के बीच तिबबत को लेकर एक संधि हुई थी जिसमे पहली बार पंचशील सिद्धांत को मान्यता दी गयी।

  1. एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना 
  2. एक दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कार्यवाही न करना 
  3. एक दूसरे के आंतरिक मसलो में हस्तक्षेप न करना 
  4. समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना 
  5. शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व बनाये रखना 

Millennium Development Goals in Hindi

  1. अत्यधिक गरीबी और  भूख का उन्मूलन 
  2.  सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना 
  3. लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना 
  4.  शिशु मृत्यु को कम करना 
  5. मातृ स्वास्थ में सुधार लाना 
  6.  एचआईवी /एडस मलेरिया और अन्य बीमारी की रोकथाम करना 
  7.  पयावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करना 
  8.  विकास के लिए एक वैसविक भागीदारी विकसित करना  

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

Topics for upsc interview 2014 in hindi

           दिसंबर में जब मुख्य़ परीक्षा दे रहे थे तो सोचा था कि एग्जाम खत्म होते ही इंटरव्यू  की तैयारी में जुट जायेगे। पर ऐसा न हुआ कुछ दिन सोचा कि छुट्टी मना ली जाये। और तब से छुट्टी ही मनायी जा रही है। 
समझ में न आता कि पढ़ा क्या जाय ? कई ब्लॉग पर भी जाकर देखा सब जगह इंतजार हो  रहा है कि mains का रिजल्ट आ जाये फिर शुरुआत की जाये।  

        काफी दिनों से सोच रहा कि कुछ इंटरव्यू पर लिखा जाये। प्रारम्भ कुछ ज्वलंत मुद्दो से। IAS INTERVIEW ये महत्वपूर्ण नही होता है कि आप कितने प्रश्नो के जबाब दे पाते है वरन आप जो जबाब दिए है वो कितने आयामो को समेटे हुए थे यह ज्यादा मायने रखता है । आप कठिन प्रश्नो पर घबराये नही बस आप शांति से सही मौके का वेट करे। और जैसे ही आप से सरल , परिचित प्रश्न पूछा जाये आप उससे जुड़े सभी आयामो पर प्रकाश डालते हुए जबाब दे। INTERVIEW BOARD को पता चलना चाहिए कि आप का ज्ञान बहुआयामी है। यहा पर कुछ टॉपिक है जिनसे प्रश्न पूछे जाने कि पूरी सम्भावना है। आप को इनसे जुड़े सभी पहलू पर नजर डाल लेनी चाहिए।  

१. लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक : आप को पता होना चाहिए कि इसका चयन कैसे होगा और क्या यह प्रभावी होगा। 

२. तेलेंगाना : किसी नए राज्य का गठन कैसे होता है और आप का क्या नजरिया है। 

३. बांग्लादेश में हुए चुनाव और भारत : विपक्ष  ने चुनाव का क्यों  बहिस्कार किया ? 

४. नेपाल की राजनैतिक दशा : काफी दिनों से NEPAL मे गतिरोध क्या बना है और सुशील कोइराला के प्रधानमंत्री चुने जाने से क्या स्थिति में सुधार आयेगा या नही 
५. लोकसभा चुनाव और भष्टाचार : यद्धपि आयोग राजनैतिक प्रश्न नही पूछता है पर आम आदमी पार्टी के उदय , भ्रस्टाचार के उन्मूलन , और लोकसभा चुनाव पर कुछ पूछे जा सकते है।

६   देवयानी खोबगडे और वियना समझौता


७  श्रीलंका में तमिल और भारत

 ८  लेखानुदान (इस वर्ष क्यों )

९   निर्वाचन आयोग और चुनाव प्रकिया

१०. राज्य में राष्टपति शासन  कैसे और क्यों (दिल्ली में उचित या अनुचित )

११ फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलना : आपका का क्या नजरिया है ?

१२ यूक्रेन संकट : COLD WAR का नया दौर 

१३ SEBI  और सहारा विवाद 





आशा है आप के पढ़ाई से जुड़े ठहराव को कुछ गति देने में यह लेख कुछ मदद करेगा।  

सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

Beggary in india



भीख : कुछ विचार 
मै और मनोज सुबह नास्ता करने के लिए निकले। गुरकुल रोड (अहमदाबाद) में एक हनुमान जी का मंदिर है। उसी के पास  रोड पर ही भिखारिन बैठी थी। सामने मंदिर से एक  युवती निकली। मैंने उत्सुकतावश वहा नज़र टिका दी कि देखे कितने रूपये देती है। युवती ने 500 रूपये का नोट उस भिखारिन को थमा दिया। मुझे ये बात हजम न हो पाई कि जो 500 भीख दे सकती है वो कैसी जॉब करती होगी। मैंने मनोज इस बारे में बात की उसने काफी संतोषजनक जबाब दिया। कई बार हम पॉकेट जब हाथ डालते है तो खुले रूपये न होने पर ऐसे ही करना पड़ता है। मैंने भिखारिन पर फिर नजर डाली मुझे लगा कि आज के लिए उसके पास रुपए हो गये है शायद अब वो वहा से चली जाये। मै गलत था उसने तेजी से नोट अंदर रख लिया और दूसरे लोगो से भीख मागने लगी।

आश्रम एक्सप्रेस से अहमदाबाद से दिल्ली  जा रहा था। कैंट स्टेशन से एक छोटी लड़की चढ़ी। वो करतब दिखा रही थी। एक छोटे लोहे के छल्ले से निकल रही थी (ऐसे करतब आपको हर ट्रैन में देखने को मिल सकते है ) . खेल दिखाने के बाद उसने भीख मांगना शुरू किया। मै दुविधा में था मुझे भीख देना पसंद नही क्योंकि जरूरतमंद लोगो की मदद करना उचित होता है। लड़की को चंद सिक्के देने से कुछ भला न होने वाला था। मेरे पास बैग में काफी पेन पड़े थे। मैंने उसे एक पेन दे दिया। लड़की भी थोडा हिचकी और मुझे भी अजीब लग रहा था कि मैंने क्या किया। खैर काफी दिनों तक मै उसके बारे में सोचता रहा कि उसने पेन का क्या किया होगा। पता नही उसे पढ़ना लिखना आता भी होगा या नही। मुझे लगता है कि मैंने उसको कुछ हद तक सोचने पर मजबूर कर दिया  था ।
इसी ट्रैन में मेरे साथी कुंदन भी थे पुरानी दिल्ली में उतरने पर इसी बात होने लगी। वो बहुत नाराज थे कि लड़की को ऐसे करतब दिखने कि क्या जरूरत है।  उनका कहना था कि जब हर जगह  जगह सरकारी स्कूल है फीस भी नही लगती है। तो उसे ये सब करने कि क्या जरूरत है। मै उसे पेन देकर बहुत अच्छा किया। कुंदन ने बताया कि उन्होंने एक बुढ़िया को भीख दी क्योंकि वो बहुत लाचार थी। मै इस बारे सहमत न हूँ कई बार पेपर में ऐसी न्यूज़ पढ़ने को मिलती है कि कुछ भिखारियो के पास मरने के बाद लाखों रूपये मिले।
ऐसे बहुत सी घटनाये है पर यक्ष प्रश्न है कि भीख देनी चाहिए या नही। अगर देनी चाहिए तो किसको ? अगर हम  भीख देते है तो कुछ लोगो को आश्रित बना रहे होते है। वास्तव में जिन्हे सच में हेल्प कि जरूरत होती है वो कभी मांग ही नही पाते है। अगर आप ऐसे लोगो कि हेल्प कर पाते है तो निश्चित ही आप को अच्छा लगेगा। अगर समय हो तो आप भी अपने विचार प्रस्तुत करे। 





















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SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...