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सर ,कितने घंटे पढ़े ?
यह ऐसा प्रश्न है जो हर कोई जानना चाहता है ? खास कर टॉपर से। और टॉपर के जबाब भी बहुत रोचक होते है। हाल में तो टॉपर ४ या ५ घंटे पढ़ने को बोलते है वरना एक ज़माने में कुछ ऐसे जबाब भी सुने है हमने। मुझे के इलहाबाद की मैडम याद आती है। अंडर ५ उनकी रैंक थी। उनके इंटरव्यू में पढ़ा था कि वो ८ महीने या साल भर अपने स्टडी रूम से निकली ही नही। उनके मम्मी पापा ही उनके रूम तक खाना , जूस आदि पहुंचा दिया करते थे। वो १८ घंटे पढ़ा करती थी। खैर वो जमाना अलग था। समय लगता था। वैकल्पिक विषय तैयार करने में।
आज काफी कुछ बदल गया है। कम समय में लोग पढ़ कर रिजल्ट दे रहे है। जब से पेज बना है इस प्रश्न से मुझे कई बार रूबरू होना पड़ा है। आज भी किसी ने पूछा था कि सर कम समय में रिजल्ट दे सकते है। मेरा जबाब था कि पढ़ाई के घंटे बढ़ा कर। फिर अगला प्रश्न था कि कितने घंटे पढ़ना चाहिए ? इस जबाब जरा टेढ़ा था पर सच से भरा हुआ। मेरा जबाब था कि २४ घंटे में जितना कम समय अन्य गतिविधियों पर दे सके बाकि सारा टाइम अपनी स्टडी को दे। आप भी इस बात से सहमत होंगे कि जितने ज्यादा घंटे समय देंगे उतना ही अच्छा होगा।
समय सबके पास २४ घंटे है। अब आप पर निर्भर करता है कि आप कितने घंटे फेसबुक को देना चाहते है और कितने घंटे अपनी स्टडी को। अगर आप जॉब में है ( इस पेज पर अधिकांश दोस्त जॉब करते हुए तैयारी कर रहे है। ) तो फिर आपको ज्यादा चुनौती का सामना करना पड़ेगा। क्युकि ८ घंटे तो आप जॉब में ही दे रहे है तो आप तो वैसे ही पीछे चल रहे है उनसे जो जॉब नही कर रहे है। बाकि १६ घंटे में आपको सब कुछ देखना है अपनी दैनिक गतिविधियाँ , सामाजिक सम्पर्क आदि आदि।
ऐसे लोगो अपना मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ जोशीली कहानियाँ पढ़ते रहना चाहिए। मैंने कुछ दिनों पहले नारायण मूर्ति के बारे में पढ़ा था कि वो अपने शुरुवाती दिनों में जब वो अहमदाबाद में रहा करते थे रात के ३ बजे तक अपने ऑफिस के लैब में कंप्यूटर पर काम सीखा करते थे और सुबह ६ या ७ बजे फिर से दूसरे दिन की सारी दिनचर्या शुरू कर देते थे
जब भी आप हताश होने लगे अपने से ज्यादा संसाधन हीन की ओर सोच ले कि वो कैसे मेहनत कर रहा है। यकीनन आप में नया जोश आ जायेगा। इस बार की प्रतियोगिता दर्पण में एक टॉपर ने बहुत अच्छी बात बताई है। उसने किसी टॉपर से पेरणा ली थी कि वह सारी रात बालकनी में बैठ कर पड़ेगी जब तक सफल नही हो जाती।
इसलिए अब आज से ये प्रश्न पूछना बंद कि कितने घंटे पढ़ना चाहिए बस ये सोचे २४ घंटे में मै कितना कम समय अन्य जगह पर दू ताकि बाकि सारा समय पढ़ाई पर लगा सकू।
(पेज अनुभव शेयर करने के लिए बनाया था पर मुझे आज तक किसी ने भी अपने अनुभव शेयर नही किये। आज हिम्मत दिखाते हुए इन प्रश्नो के जबाब शेयर करे।
१. आप फेसबुक दिन में कितनी बार खोलते है ?
२. आप सारा दिन में कितनी देर मोबाइल और इंटरनेट में समय देते है ?
३. आप कितनी देर पढ़ाई कर रहे है ?
४. आप कितने घंटे अधिकतम पढ़े है ?
मुझे आशा कम ही है फिर भी ईमानदारी से इनके जबाब दे। आज आपको भले अपनी सच बताने में भले शर्म लगे पर जल्द ही आप खुद ही समय की कीमत समझने लगेंगे। इसलिए सार्वजानिक रूप से से सच स्वीकारिये )
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