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रविवार, 24 मई 2015

आईएएस २०१५ की नोटिस

आईएएस से जुड़े सभी सवालों के जबाब के लिए उसकी नोटिस से अच्छा कुछ नही।  इस बार की नोटिस नीचे दिए लिंक से पा सकते है। बहुत बार लोग पूछते है कि कब फॉर्म आता है , क्या कोर्स है , एग्जाम कब है, सब्जेक्ट क्या क्या होते है , ये सारे जबाब नीचे दिए गये लिंक पर मिल जायेगे



आईएएस २०१५ की नोटिस

गुरुवार, 21 मई 2015

जयपुर में एक दोपहर

गर्मी के  सीजन में अगर आप का टिकट कन्फर्म है तो बहुत सकून की बात है पर आपकी यात्रा के एक सप्ताह पहले आपका प्लान बदल कर कुछ दिन पहले जाना पड़ जाय तो .....
जाना २९ अप्रैल को था . ट्रेन में वातानुकूलित टिकट कन्फर्म थी पर कुछ वजह ऐसी बनी कि २५ अप्रैल को ही निकलना पडा . लम्बे समय बाद घर जाना हो तो समान भी काफी होता है . प्लेन के टिकट वैसे तो काफी सस्ते हो गये पर उसमे में अंतिम समय में टिकट लेने का मतलब अच्छा खासा खर्च .
इधर गुजरात , राजस्थान , देल्ही में स्लीपर  बसो  का खूब चलन है . रेड बस से टिकट बुक करायी और रात में १० बजे जयपुर जाने वाली एक बस में बैठ गया . सुबह ११ बजे जयपुर में था . यहाँ से शाम 7 बजे बस थी  कानपुर के लिए . इसलिए जयपुर में मेरे पास काफी समय था घूमने के लिए . फेसबुक से काफी मित्र जुड़े है जयपुर के , बहुत लोगो ने जयपुर आने के लिए  बोला भी था पर जब वक्त आया तो मेरे पास किसी का नंबर मौजूद नही . कुछ दिनों से जयपुर के एक  मित्र से बात भी हो रही थी पर मेरी लापरवाही , उनका नंबर सेव नही किया . काफी खोजा पर .......
गर्मी बहुत थी सामान भी काफी था . मै वहां उतरा था जहाँ पोलो विक्ट्री है . पास में एक शाकाहारी भोजनालय था . उस दोपहर मै बहुत स्वादिस्ट खाना खाया . १५० रूपये में अच्छा खासा खाना था . काफी दिनों बाद दाल मखानी  खायी बहुत लजीज थी .
अब कहाँ जाऊ , हवामहल के लिए बस जा रही थी पर गर्मी में हिम्मत न हुई . पास में पता किया कोई सिनेमाघर हो तो फिल्म ही देख लू . किसी ने राज मंदिर का नाम लिया तो मुझे कुछ याद आ गया , मैंने बचपन में इसके बारे में कुछ पढ़ा था शायद यह भारत का सबसे खुबसुरत सिनेमाघर है .
वहां भी नही गया क्युकि पता चला कि पोलो विक्ट्री , जहाँ मै था वो खुद एक सिनेमाघर था . सिंगल स्क्रीन में बहुत दिन बाद पिक्चर देखने जा रहा था . इस सप्ताह  बहुत बकवास फिल्म रिलीज हुई  थी . फिल्म लगी थी इश्क के परिंदे   . उसका पोस्टर देख लगा राजस्थानी फिल्म है  .
फिल्म की टिकट २. ३० बजे मिलनी  थी पर अभी १ ही बजा था . उपर कोई भी नही था . इतना सन्नाटा ..... एक चेयर खाली पड़ी थी . थिएटर शायद उपर था . मै नीचे ही हाल में अकेला बैठा था . रोमिंग में होने की वजह से किसी से फ़ोन पर बात करके भी  टाइम  नही काटा जा सकता था . व्हाट एप तो चल रहा था पर वहा भी कोई नही था ..जब मै किसी को वक्त नही देता तो भला मेरी बोरियत को कौन मिटाए . पर मुझे चरित्र मिल ही जाते है . कुछ लोग धीरे धीरे आने लगे थे . तभी मैंने कुछ सुना साला आज १५ , २० साल बाद फिल्म देखने आया हूँ .”  मै समझ गया आ गया कोई आस पास है जो अपने मतलब का है . पास में ही दो लोग खड़े थे . एक कसे बदन का ३५ – ३६ साल का इन्सान था . मैंने भी बात करने की गरज से पूछा “ऐसा क्या हुआ जो अपने  इतने सालो से पिक्चर नही देखी . बस उस बातूनी आदमी को छेड़ने ने की जरूरत थी वो शुरू हो गया और तब तक शुरू रहा जब तक हम सिनेमाघर के अंदर नही गये .
वो पहले CISF में जॉब करता था . फिर जॉब छोड़ थी . अब कोई कोचिंग चला रहा था और ठेकेदारी शुरु करने वाला था .  आज मुझे माफ़ करना वजह उस इन्सान के व्यक्तित्व को दिखाने के लिए मुझे कुछ सीमाये तोडनी पड़ेगी .
सिनेमाघर में शा  4 -5   जोड़े भी फिल्म देखने आये थे . उसमे हैरानी की बात बस इतनी थी कि महिलाये शादीशुदा थी और उनके साथ जो लड़के थे वो बहुत कम उमर के  थे . यह दूर से ही समझा जा सकता था कि वो सब पति पत्नी नही थे .  बातूनी आदमी इस बात को बहुत नोटिस कर रहा था . वो सारा ज्ञान दिखाने लगा . उसने बताया कि अमुक शहर में इससे ज्यादा ऐसा चलन है ... फिर उसने कुछ और ज्ञान बताया जैसे केरल की महिलाये का चेहरा अच्छा होता है पर रंग काला और जम्मू – कश्मीर की तरफ  रंग साफ होता है पर चेहरा लोटे की तरह होता है पूर्व में तो परी जैसी लड़कियाँ  रहती है ..बस कयामत ..मुझे उसके सारे शब्द नही याद आ रहे थे पर उसका ये ज्ञान मुझे बहुत मजेदार लग रहा था . वो इस जगहों पर जॉब कर चूका था . उसने बोला उधर असम में जहाँ परी जैसी लडकियाँ रहती है वहां कोई चक्कर नही शुरु कर सकते वरना तुमको उनसे जबरदस्ती शादी करनी पड़ेगी और यह मत सोचना कि शादी के बाद उनको  तुम अपने घर ले आओगे . मैंने पूछा की अपने यहाँ का भी कुछ बता दीजिये तो बातूनी आदमी में तुरंत बोला अपने यहाँ सब मिक्स है . बातूनी आदमी अपने पुरे रंग में था . इतना रोचक बाते कि मेरे आस पास करीब ५ -६ लोग घेरा बना कर खड़े बात सुनने लगे .  अब सारी  बाते बताने लायक नही है .
जब टाइम हो गया तो हम सभी सीढियों पर चढ़ कर उपर गये . उपर जो गैलरी थे वो बहुत ही भव्य थी . अपने जवानी के  दिनों में यह सिनेमाघर भी क्या लगता रहा होगा . न जाने कितनी ही प्रेम कथाये इसमें पनपी होंगी . चोरी चोरी कितने ही इश्क के परिंदे इस खुबसूरत सिनेमाघर में प्रेम के दाने चुगे होंगे .
 उपर भी बातूनी आदमी शुरु था . जहाँ वो कपल थे उनके पास जाता और जोर जोर से कुछ सुनाता . ऐसा लग रहा था कि वो जो चोरी से फिल्म देखने आये थे उनको और नर्वस करना उसको बड़ा आनंद दे रहा था। मुझे अक्षय कुमार पर फिल्माया वो गाना  याद आ गया “ लड़की देखी मुँह से सिटी बजी हाथ से ताली
Ladki dekhi munh se seeti baje haath se taali - 2

Saala aila usma aiga pori aali aali.......

Chaahe Ghadwaal ki ho, ya Nainitaal ki ho

Chaahe Punjab ki ho ya phir Bangaal ki ho

Lovely haseen koi bheed se dhoondenge - 2
Not permanent, temporary dhoondenge re “


. अन्दर जा कर मुझे कुछ और भी पता चला . अंदर जो बातूनी टाइप, सिटी बजाने वाले आदमी थे उनको हाल के एक तरह बैठाया गया और जो कपल थे उनको दूसरी तरफ  सबसे पीछे . शायद हाल वाले कपल की भावनाए समझते थे .
पोस्ट काफी लम्बी हो चुकी है इसलिए इसे यही से खत्म समझ सकते है बाकि मेरी स्टाइल तो पता ही है ....मेरी कहानियाँ कभी पूरी नही होती .....

© आशीष कुमार ( पिछले दिनों मेरी पोस्ट चुरा कर किसी ने अपनी बता कर पोस्ट की है ...कृपया ऐसा न करे . आप जैसे कुछ लोगो की वजह से लिखने का मन नही होता है ....काफी दिनों बाद कुछ लिखा है .....आशा है पसंद आयेगा  )


1935


बुधवार, 13 मई 2015

आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक

टॉपिक ७० :  आईएएस प्री  के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक



अब जब यह निश्चित किया जा चूका है कि द्वितीय पेपर में सिर्फ पासिंग मार्क लाने है तब पहले पेपर पर सारा जोर देना होगा।  कल जो pib पर खबर थी उसके अनुसार , अब दूसरे पेपर में चाहे १९० अंक लाओ या सिर्फ ६७ कोई फर्क नही पड़ेगा। पहले पेपर के आधार पर ही मैन्स देने के लिए मौका दिया जायेगा।  
यह निश्चित है एक महत्वपूर्ण फैसला है। आप सभी ने एक कोचिंग का खूब प्रचार देखा होगा जिसमे वो दावा करते है कि आप दूसरे पेपर में १९० + अंक ला सकते है। पिछले कुछ वर्षो में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की दुर्गति में यही सबसे बड़ा कारक माना जा सकता है।  अब चीजे संतुलित हो गयी है। मुझे कुछ लोगो ने कल ही पहले पेपर के लिए कुछ टिप्स मागे थे। आज मैंने सुबह कुछ होमवर्क किया है शायद आप के कुछ काम आये। 
मैंने पिछले कुछ सालो  पेपर से वो टॉपिक / विषय /बिंदु लिए है जिनसे प्रश्न पूछे गए है। इनके बारे में डिटेल में जानकारी जुटाना आप पर है। एक मित्र मुझसे टॉपिक लेने के रिक्वेस्ट करते रहते है , अगर वो इन पर कुछ नोट्स बना कर भेजते है तो आपको शेयर कर दूंगा। आप में भी अगर कोई उत्साही है जो इन पर नोट्स बना सकता है या कुछ पॉइंट वाइज लिख सकता है तो प्लीज शेयर करिये। आप का काम बहुत से लोगो के काफी फायदे का होगा।  
  1. यूरोपीय आर्थिक समुदाय 
  2. न्यूनतम मजदूरी एक्ट १९४८ 
  3. इ अवशेष 
  4. मुद्रास्फीति 
  5. मिड डे मील योजना १९९५ 
  6. CASA १००० 
  7. क्योटो प्रोटोकाल 
  8. लीड बैंक योजना 
  9. मार्ले -मिंटो सुधार १९०९ 
  10. मांटेंगु चेम्सफोर्ड एक्ट १९१९ 
  11. भारत सरकार एक्ट १९३५ 
  12. भारतीय स्वतंत्रता एक्ट १९४७ 
  13. जैव मंडलीय आरक्षित क्षेत्र 
  14. राष्टीय उद्यान 
  15. आद्र्र भूमि 
  16. वन्य जीव आभरणय 
  17. मिलेनियम इकोसिस्टम अस्सेस्मेंट 
  18. pesa १९९६ 
  19. स्थगन प्रस्ताव 
  20. राष्टीय जैव विविधिता प्राधिकरण 
  21. राष्टीय हरित न्याधिराकरण  
  22. राष्टीय जल मिशन 
  23.  ग्राफीन
  24. स्टेम कोशिका 
  25. क्लोरो फ्लोरो कार्बन 
  26. नागर , बेसर , द्रविण शैली 
  27.  आशा
  28. नेशनल सोशल कांफ्रेंस 
  29. मल्टी डिमेंसिअल पावर्टी इंडेक्स  
  30.  सी बकथॉर्न
  31. जननी सुरक्षा योजना 
  32. परसीमन आयोग 
  33. जिला ग्रामीण विकाश अधिकरण 
  34. रोलेट एक्ट 
  35. क्रिप्स मिशन 
  36. यूरोपीय कोंसिल और यूरोपीय कमीशन 
  37. वायदा बाजार आयोग 
  38. राष्टीय निवेश निधि 
  39. सिमित देयता साझेदारी फर्म 
  40. बैंकिंग लोकपाल 
  41. स्वाधार और स्वंयसिद्धा 
शेष टॉपिक जल्द ही। आईएएस प्री २०१५ के लिए  सभी को शुभकामनाये 

एक रोचक वाकया


शुक्रवार, 8 मई 2015

IF YOU ARE GOING TO APPEAR IN CIVIL SERVICE EXAM (PRE) 2015

टॉपिक : ६९

यदि आप इस बार  आईएएस के प्रीएग्जाम में बैठने जा रहे है तो आपके लिए कुछ जरूरी सलाह 

१. सबसे पहले पुराने /पिछले सालो के पेपर देखे।  उनसे समझे किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है।  
२.  बहुत से लोगो को लगता है कि  किसी एक पेपर में अच्छा स्कोर करके वह एग्जाम क्लियर कर लेंगे। वास्तव में यह एक भ्रम है।  आपको दोनों ही पेपर में अच्छा स्कोर करना होगा 
३. दूसरे पेपर में कम प्रश्न है और अंक ज्यादा। इसमें आप को बहुत सतर्कता से बढ़ना होगा। कोई भी प्रश्न अगर गलत हुआ तो आपका नुकसान भी ज्यादा होगा। 
४. दूसरे पेपर के लिए अपने स्तर पर , अपनी कमजोरियों को ध्यान में रख कर रणनीति बनाये 
५. पहले पेपर में हर साल विविधता होती है।  पिछले साल बहुत ही रटने वाले प्रश्न आ गए थे। इस पेपर के लिए बहुत ठोस तैयारी करे। बहुत सारी  किताबो के साथ लुसेंट भी रटने के प्रयास  करे ( नेशनल हाईवे वाला प्रश्न याद है न पिछले साल जो पूछा गया था ? ) 
६. परीक्षा हाल  में बहुत सारी  समस्याओं में एक है भरम होना। लोग अक्सर जल्दबाजी में गलत विकल्प चुन लेते है और कुछ लोग जल्दी में गलत गोला भी रंग देते है। इनसे बचने के लिए जरूरी है बहुत सारा अभ्यास और ढेर सारी मेहनत। 
७. जितनी ज्यादा तैयारी , उतना ज्यादा आत्मविश्वास। 
८. भले अभी काफी समय लग रहा हो पर अगस्त के लिए ज्यादा समय नही बचा नही है।  इसलिए अब एक एक पल प्री  के लिए समर्पित हो। ( खास तौर पर वो लोग जो मैन्स की तैयारी कर के बैठे है पर दुर्भाग्य से प्री नही निकल पाता है। ) 
९.  सीसैट में मैथ को लेकर बहुत से लोग परेसान रहते है। आप उससे डरे नही। मुश्किल से ५० टाइप के प्रश्न मैथ के पूछे गए होंगे। आप पिछले सालो के प्रश्न हल कर डाले। उनमे स्पीड पा  ले। आप का काफी काम हो जायेगा।  
१०. अंतिम और सबसे जरूरी सलाह :- अति आत्मविश्वास से बहुत बचे।  न जाने कितने ही स्मार्ट लोग जो पहली ही बार में सिलेक्शन लेने का दावा कर रहे थे प्री में बाहर हो गए। इसलिए कभी भी अपनी तैयारी  पूरी न माने। ज्यादा दावे करने से बचे। शांत रहे। चुपचाप लगे रहे और दुनिया को दिखा दे। 


हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा





















गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

स्टडी रूम के लिए जरूरी टिप्स

Topic:68   स्टडी रूम के लिए जरूरी टिप्स
 

         किसी भी स्टूडेंट के लिए उसका study room उसके लिए किसी पूजा स्थल जैसा होता है।  यही वह जगह होती है जहाँ आप पढ़ कर अपना भविष्य निर्धारित करते है।


  1.  पढ़ाई जब भी करे पूरा ध्यान उस पर ही focus रखे। 
  2. अपने रूम में कुछ मोटिवेशनल बाते नोट कर रखे। 
  3. कोशिस करे रूम में आपको ज्यादा अवरोध न हो 
  4. रूम में किताबे , नोट्स आदि करीने से लगे हो। 
  5. Newspaper पढ़ कर उसे भी अच्छे से रखे। 
  6. गैर जरूरी किताबे , नोट्स , पेपर समय समय पर निकलते रहे। 
  7. कभी भी लेट कर पढ़ाई न करे। 
  8. एक समय में एक किताब या विषय पढ़े। 
  9. यदि आप का ध्यान भटक रहा हो तो अच्छा होगा आप उस time पढ़ाई न ही करे। 
  10.   अपने लक्ष्य के लिए स्पष्ट टाइम टेबल सामने जरूर चिपका हो।

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

Some more answers

भारत में भूमिहीनता बढने के कारक : 
१. बढती आबादी
२. विविध कारणों के चलते भूमि अधिग्रहण
रोजगार अवसरों की उपलब्धता : 
१. भारत के अधिकांश आबादी कार्य कुशल नही है , ऐसे भूमिहीन लोग के लिए मजदूरी ही रोजगार के रूप में उपलब्ध है . 
२. सरकार ऐसे लोगो के लिए विविध कार्यक्रम चला रही है , हाल में ऐसे लोगो के लिए आसानी से वित्त उपलब्ध कराने के लिए 'मुद्रा ' योजना चलाई गयी है . 
३. अच्छी अच्छी योजना होने के बावजूद , उनका ठीक से क्रियान्वयन न होने से , हाशिये पर खड़े लोगो को इसका लाभ नही मिल पाता है . 
४. नियमो की सही जानकारी का आभाव , दलालों तथा लालफीताशाही के चलते , भूमिहीन लोगो के रोजगार के अवसर बहुत सिमित है .

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कनाडा और भारत के बीच यूरेनियम समजौता 
संदर्भ एवम अभिप्राय
१. ३५० मिलियन डालर का सौदा , ५ सालो तक भारतीय रिएक्टर के लिए यूरेनियम की पूर्ति 
२. २०१३ में हुए सिविल नुक्लेअर डील के अनुपालन के तहत समजौता हुआ है 
३. कनाडा , संसार के सबसे प्रमुख यूरेनियम उत्पादक देशो में एक है , भारत की उर्जा जरुरते काफी हद तक इस समजौते पर निर्भर करती है . 
४. २०३२ में भारत नुक्लेअर उर्जा क्षमता ४५००० मेगावाट होगी . इसके लिए यूरेनियम के अबाध पूर्ति होना जरूरी है . 
५. भारत ने अन्य देशो से भी इस दिशा में समजौता कर चूका है पर भारत के लिए जितने अधिक विकल्प होंगे उतना ही अच्छा होगा .
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मिडिल वे , तिब्बत की सम्पूर्ण आजादी के बजाय आंशिक रूप से ऑटोनोमी की बात को बढ़ावा देता है . यह एक प्रकार से राज्य के भीतर राज्य की व्यवस्था लागु करने सरीखा है . 
भारत का नजरिया : चीन ने इसे यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह सम्पूर्ण आजादी के के लिए कदम है . अगर तिब्बत का मुद्दा आसानी से सुलझ जाता है तो यह भारत और चीन के बीच अच्छे संबंधो को बढायेगा .

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यातायात संकुलन को कम /खत्म करने के उपाय 
१. सार्वजानिक परिवहन को बढ़ावा देना 
२. जिन्हें वास्तव में जरूरत हो उन्हें ही व्यक्तिगत वाहन लेने का परमिट देना ( चीन में ऐसा लागु कर बहुत हद तक लगाम लगाई जा चुकी है ) 
३. कार जैसे व्यक्तिगत साधन पर बड़ी मात्रा में कर लगा कर उसे खरीदने से ह्तोसाहित करना .
४. भारत में चौराहे पर अक्सर जाम लगता है वजह केवल लोगो द्वारा जल्दबाजी में गलत तरीके से ओवरटेक करने से होता है ....यहाँ पर ट्रैफिक पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिए 
५. सही नियमो की जानकारी का आभाव , कम जुर्माना , ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत के चलते , नागरिक उदासीन है . जरूरी होगा कि इन खामियों को दूर किया जाय

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संस्थागत सब्सिडी का प्रचलन पिछले दो दशक में बहुत ज्यादा बढ़ गया है . पूर्व की तुलना में यह कई गुना बढ़ा दी गयी है . इसके बावजूद न क्रषि और नही किसान के दशा में कोई इसका प्रभाव नही दिखलाई पड़ता है . इसकी वजह कुछ निम्न है .
१. भारत में कुछ वास्तविक किसान है और कुछ दिखावे के लिए ( यथा अमिताभ बच्चन ) . वास्तव में क्रषि के लिए सब्सिडी में बड़ा हिस्सा शहर में रहने वाले किसान और खेती के लिए दे दिया जाता है 
२. उक्त के लिए बैंको ने २००० में लाये गये एक प्रावधान ( डायरेक्ट तथा इन डायरेक्ट क्रषि सब्सिडी ) में लूपहोल खोज लिया और भारी मात्रा में क्रषि के नाम पर सब्सिडी जारी करते रहे . 
३. सरकार ने कहा है सक्षम लोग सब्सिडी न ले पर क्रषि के नाम पर कम्पनी और पूजीपति द्वारा इस लूट के लिए किसी भी तरह की बेचैनी किसी को भी नही दिखती है .
क्रषि के लिए , किसान के लिए तथा भारत की समस्त आबादी की खाद्य जरुरतो की लगातार पूर्ति होती रही इसके लिए जरूरी होगा कि क्रषि के नाम पर इस तरह सब्सिडी की लूट बंद हो . किसान वैसे भी कम बारिश और बे मौसम की बारिश के चलते बहुत ज्यादा परेशान और बदहाली में है . उन के लिए जारी धन उन तक पहुचना ही चाहिए .

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स्पोंसोरेड डाटा का आशय इन्टरनेट का शुल्क भुगतान उपभोक्ता द्वारा न करके सेवा प्रदाता द्वारा किये जाने से है . यह टोल फ्री नंबर के सरीखा है जिसमे नि शुल्क काल होती है .
अर्थव्यवस्था के नजरिये से कैसे लाभदायक 
१. भारत में महगा डाटा शुल्क लोगो को इन्टरनेट के उपयोग करने से रोकता है .
२. नि शुल्क होने से लोगो में इन्टरनेट प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा .
३. डिजिटल डिवाइड , कम होगा .
४. डिजिटल भारत के उद्देश्य की पूर्ति होगी .
५. सरकार की लोगो तक तथा लोगो की सरकार तक पहुच बढ़ेगी फलत विकास को गति मिलेगी .









बुधवार, 15 अप्रैल 2015

मनरेगा की सफलता का आलोचनात्मक मूल्याकन

मनरेगा की सफलता का आलोचनात्मक मूल्याकन
१.मनरेगा को ग्रामीण इलाके में रोजगार स्रजन , गरीबो को आर्थिक सहायता , ग्रामीण मजदूरों को शहरी क्षेत्रो में पलायन रोकने की टूल के तौर पर जाना जाता रहा है .
२. अपने पहले ही साल से यह योजना , गावो में अपने उद्देशो की पूर्ति में सफल रही
३. समय बीतने के साथ ही यह योजना कई खामियों यथा फर्जी जॉब कार्ड , गैर लाभदायक कार्य ( तालाब खुदवाने के नाम पर मिट्टी इधर उधर मात्र करना ) के चलते अलोकप्रिय होने लगी .
४. आशय यह कि भले ही इससे बहुत से लोगो को रोजगार मिल रहा था पर इस योजना में खर्च किया जा रहा धन , किसी भी तरह से देश को आर्थिक लाभ न दे रहा था .
५. सरकार ने इसमें धन आवंटन कम किया , प्रशासन ने भी रूचि कम कर दी . लोगो को कम रोजगार , धन भुगतान होने लगा . इस तरह से योजना अपने उद्देश से भटक गयी .
मनरेगा योजना के लिए कई तरह के सुझाव दिए गये है जिससे इस योजना में खर्च किया जा रहा धन , ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकता है . इस लिए जरूरी होगा कि इस खत्म करने के बजाय इसको संसोधन कर जारी रखा जाय .

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

एक अच्छा टाइम टेबल कैसे बनाये

 टॉपिक :67   एक अच्छा टाइम टेबल कैसे बनाये ?



   किसी भी चीज में सफलता मिले इसके लिए सबसे जरूरी होता है आप चीजो को प्लान बना कर करे। पढ़ाई अच्छे से हो इसके लिए जरूरी है आप सही से टाइम टेबल बना ले।

  1. सबसे पहले ईमानदारी से अपने पास उपलब्ध समय को नोट करे। 
  2. जरूरी नही है कि आप १६ घंटे का टाइम टेबल बनाये। 
  3. ४ घंटे का बनाये पर उसे किसी भी हालत में पूरा करने की कोशिस करें। 
  4. मनोरंजन भी बहुत जरूरी चीज है , इसलिए उसके लिए भी टाइम निकले। 
  5. पहले छोटा टाइम टेबल , फिर ज्यादा बड़ा। 
  6. अक्सर लोग एक दिन के लिए टाइम टेबल बनाते है पर विजेता अपने वाले वीक , महीने और साल का भी प्लान बना लेते है। 
  7. इसलिए आप भी इस तरह के स्टेप अपनाये , सोचे कि ५ साल बाद अपने आप को कहाँ पाना चाहते है। 
  8. अगर आप अपने टाइम टेबल को अपना नही पा रहे है तो उसका रिव्यु करे और देखे किन वजहों से आप उससे दूर भाग रहे है। 
  9. अक्सर लोग जोश में बहुत कठिन टाइम टेबल बना लेते है फिर दूसरे दिन ही उसको भूल जाते है।  
  10. अगर आप को लीक से हटकर , अपने आप को दुनिया के सामने साबित करना है तो इसकी शुरुआत आप के टाइम टेबल से होती है।  



















शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

भाई कुछ लगा लो ?


           New car लेकर kanpur जाना हुआ।  एक शॉप पर रुक कर कुछ खरीद रहा था।  एक आदमी पास आया और बोला " आपकी कार बहुत चमक रही है। " मै मुस्कराया और बोला "अभी जल्दी ही निकली है तो चमकेगी ही"।  वो कुछ बेचैन लग रहा था।  वो बोला "भाई साहब , कार में कुछ लगा लीजिये , बहुत चमक रही है कही नजर न लग जाये।  कुछ कालिख पोत लीजिये। मै हँसने लगा और बोला कालिख तो मिल नही रही है आप कहो तो एक black पालीथीन पीछे एंटीना में लटका लूँ । हँसी मजाक करने की मेरी भी बहुत आदत है।  

           खैर वहां  से मै निकल कर बेनाझाबर रोड तरफ आ गया।  कार में कुछ सजवाना चाहता था।  नयी कार थी। Road पर डर लग रहा था कही कोई खरोच न मार दे। अचानक मेरी नजर अपने कार में अगले दरवाजे पर गयी मेरा दिल धक से रह गया।  वाइट कलर पर निशान तुरंत पता चल जाते है।  मैंने दुखी मन से दरवाजे पर हाथ फिरा कर देखा तो मुस्कुरा उठा।  निशान न थे।  वो काली ग्रीस थी जो किसी  न जाने कब पोत थी। 

रविवार, 5 अप्रैल 2015

BE FOCUSED AND GET SUCCESS

TOPIC: 66     बेहतर और प्रभावी पढ़ाई कैसे करे ?


पढ़ना एक कला है , जो इसे समझ गया उसे सफलता मिलते देर नही लगती। आपके लिए कुछ बहुत ही खास टिप्स 

  1.  प्लान बना कर ही स्टडी करे। 
  2. अपने टाइम टेबल में सभी विषयों को महत्व दे। 
  3. किताबो का भंडार न लगाये। 
  4. जब तक एक बुक अच्छे से पढ़ न ले तब तक दूसरी को हाथ न लगाये। 
  5. अच्छे से पढ़ने का मतलब कम से कम ३ बार पढ़ी गयी हो। 
  6. जो भी पढ़े उसे नियमित तौर पर रिवाइज करते रहे। 
  7. जब भी पढ़ने बैठे , अपने आप को बुक में डुबो दे। 
  8. मेरा मतलब है कि अगर आपको कोई आवाज भी दे तो भी आपको वो सुनाई न पड़े। 
  9. अगर मन न लग रहा हो तो बेवजह किताब ले कर बैठने का कोई मतलब नही। 
  10. कहना न होगा कि आप अपने फ़ोन को ऑफ ही रख दे।  



गुरुवार, 26 मार्च 2015

ANSWER WRITING PRACTICE

प्रश्न : क्या भारत में VIP कल्चर को नैतिक माना जा सकता है ?

उत्तर : नैतिक नही माना जा सकता है .
भारत में अति महत्वपूर्ण व्यक्ति के लिए 
१. प्रोटोकाल के नाम में कई गाडी , गार्ड , के सेवा उपलब्ध करायी जाती है 
२. सर्किट हाउस होने के बावजूद ५ सितारा होटल में रहने के लिए प्रबंध किया जाता है 
३. प्लेन में मुफ्त सफर करने में ( आम जन पर हिकारत भरी टिप्पड़ी " कैटल क्लास " भी करना उनके स्वभाव में होता है . )
समाज पर प्रभाव 
१. आम जन की नजर में लोक सेवक का महत्व कम होता है .
२. समाज पर आर्थिक बोझ 
३. लोक सेवा के कर्तव्य और उत्तरदायित्व से विमुख होने से , सामाजिक समरसता पर प्रभाव 
४. आम जन में भी अनैतिक धन , पॉवर , vip बनने की आकाक्षा का जन्म
vip को ख्याल रखना होगा कि उन्हें जो अधिकार और शक्ति दी गयी , वह उनके समाज के प्रति जबाबदेही के लिए है न कि उसका व्यक्तिगत लाभ लेने हेतु
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प्रश्न २ कृषि-पारिस्थितिकी से आप क्या समझते है ? 
उत्तर 
कृषि-पारिस्थितिकी का आशय , क्रषि के प्रबंधन में पर्यावरण का हित सर्व प्रमुख रखने से है .
वकालत क्यू : 
१. मिट्टी का उपजाऊपन दिनों दिन कम होना 
२. फ़ूड प्रोडक्ट्स में रासायनिक उर्वरको , कीटनाशको का बढ़ता दुष्प्रभाव 
३. ग्रीन इकोनोमी हेतु 
४. सतत विकास के मद्देनजर 
५. आने वाली पीढ़ी को भी शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके .
६. " खाद उपजाऊ मिट्टी की जगह नही ले सकते " डोनाल्ड वोस्टर
सार रूप में - इंडस्ट्री के हित को , आम जन के हित के उपर महत्व देना उचित नही है .
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------प्रश्न : भ्रष्ट अधिकारी को कठोर सजा देने के गुण तथा अवगुणों पर प्रकाश डाले ? 

गुण : 
१. भ्रष्टाचार पर रोक 
२. नीतियों का प्रभावी तरीके से लागू होना 
३. जनता में विश्वास 
५. लोकत्रंत की मजबूती 
६. समाजिक उन्नयन
अवगुण : 
१. अच्छे ईमानदार अधिकारी , किसी भी तरह की पहल से उदासीन हो सकते है .
२. कठोर और तेज सजा में कई बार झूठे आरोप के आधार पर किसी ईमानदार अधिकारी दण्डित किया जा सकता है .
३. जनता के लिए भले अच्छा हो पर उचित जाँच के बगैर सजा देने से शासन में , अधिकारी वर्ग में असंतोष जन्म सकता है , जिसके चलते नीतिगत ठहराव आ सकता है .

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