" चांदनी चन्दन सदृश हम क्यों कहे,
हाथ हमें कमल सरीखे क्यों दिखे ,
हम तो कहेंगे कि चांदनी उस सिक्के सी है
जिसमें चमक है पर खनक गायब है ।"
जगदीश कुमार
नई कविता में नए उपमानों पर जोर देते हुए ।
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" चांदनी चन्दन सदृश हम क्यों कहे,
हाथ हमें कमल सरीखे क्यों दिखे ,
हम तो कहेंगे कि चांदनी उस सिक्के सी है
जिसमें चमक है पर खनक गायब है ।"
जगदीश कुमार
नई कविता में नए उपमानों पर जोर देते हुए ।
मैं नया कवि हूँ
इसी से जानता हूँ
सत्य की चोट बहुत गहरी होती है ;
मैं नया कवि हूँ
इसी से मानता हूँ
चश्में के तले ही दृष्टि बहरी होती है,
इसी से सच्ची चोटे बाँटता हूँ
झूठी मुस्काने नहीं बेचता
सर्वेसवर
पर सच तो यह है
कि यहाँ या कहीं भी फर्क नही पड़ता ।
तुमने जहां लिखा है ' प्यार '
वहाँ लिख दो ' सड़क '
फर्क नही पड़ता ।
मेरे युग का मुहावरा है :
' फर्क नही पड़ता '।
केदारनाथ सिंह ( नई कविता)
किसी भी देश की विकास के लिए कई कारक महत्वपूर्ण होते है जैसे कि अच्छी सड़के ।
भारत में अधिकाश सड़क टूटी , पिट वाली है जिसके चलते यहां पर विकसित देशों की तुलना में परिवहन बहुत स्लो है । आप सोचिये जब सड़कों पर गड्ढे होते है तो बार बार ब्रेक लगानी पड़ती है । इससे प्रदूषण भी बढ़ता है साथ ही समय भी नष्ट होता है ।
लिखने के लिए जरूरी है आपके पास बहुत अनुभव हो, बारीक़ नजर हो जिससे आप परिवेश को अपना विषय बना सके।
मेरे पास संचित अनुभव बहुत हो गया है जो कभी कभी शब्दों के रूप में उमड़ने लगता है पर हर बार रोक लेता हु मन को समझा लेता हूँ कि पहले प्राथमिकताओ पर ध्यान क्रेंद्रित करो ।
हर बार जब भी सफर करता हूँ दर्जनों चीजें नजर के सामने पड़ जाती है , कानों को सुनाई पड़ जाती है । लगता है कि अब बस करो दुनियादारी । लिखो क्योंकि लिखना असंतुष्ट मन को अपार संतुष्टि देता है । अहमदाबाद से इलहाबाद तक सफर हो गया और फिर उन्नाव लौट रहा हूँ ।
ट्रेन में सफर करते वक़्त जब करने को कुछ न बचे तब एक ही सगल याद आता है लिखना ☺
इलाहाबाद में प्रयाग स्टेशन पर एक रोचक आदमी मिला । मिला क्या बस उसे सुना वो कोई स्कीम समझा रहा था वही पोंजी स्कीम जिसमे कुछ रूपये जमा करो , सामान लो , लोगो की chain बनाओ और लाखों कमाओ । कुछ पल को मुझे अजीब लगा आज भी ये चीजे चल रही है । वो आदमी काफी ऊँची आवाज में समझा रहा था मजे की बात यह कि उसके श्रोता कौन थे ओडिशा से आये मजदूर और उनका ठेकेदार जो किसी ईट के भट्ठे में काम करने जा रहे थे । अब एक प्रश्न उभरता है कि कैसा होगा वो आदमी । मैंने चुपके से उसकी तस्वीर निकाल ली है पूरा वाकया फिर कभी ।
दोस्तों , अगर आप इस साल आईएएस का एग्जाम देने की सोच रहे है तो अपनी तैयारी जानने का एक अच्छा मौका है ।
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आज ही टेस्ट दे और अपनी all india rank जाने । इसके बाद यह अवसर नही मिलेगा।
थैंक्स
असली पढ़ाई तब ही होती है जब आप अपने लिए पढ़ते है । अभिवावक के लिए तो बस खाना पूर्ति होती है ।
भारत के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौती
गरीबी
बड़ी संख्या में बेरोजगारी
आतंकवाद
बाढ़
अकाल
हिमस्खलन
भू स्खलन
भूकम्प
आर्थिक विषमता
भुखमरी
किसानों द्वारा आत्महत्या
खेती का लागत प्रभावी न होना
वित्तीय साधन यथा ऋण उपलब्ध न होना
ऊर्जा संकट
भरस्टाचार
जाति, धर्म पर आधारित चुनाव
भारतीय उत्पादों का विश्व के स्तर का न होना
शिक्षा की बदहाल स्थिति
शिक्षा का समावेशी न होना
पर्यावरण संकट
जलवायु संकट
नक्सलवाद
समय पर न्याय उपलब्ध न होना
भारत विश्व का नेतृत्व करने का आकांक्षी है , उसे उक्त वर्णित चुनातियों का शीघ्र निराकरण करना होगा ।
राग दरबारी पढ़ते ही मैं श्री लाल शुक्ल का दीवाना हो गया था । तब से निरंतर उनकी अन्य रचनाये खोजता रहा है । राग दरबारी हर जगह उपलब्ध है पर अन्य दुर्लभ । ऑनलाइन भी नही ।
पिछले वर्ष मुझे लखनऊ में एक जगह पर एक साथ उनकी कई रचनाये मिल गयी । आँख मुद कर खरीद लिया ।
पहले भी यह रोना बहुत बार रो चूका हूँ कि जब से मैं सरकारी चाकर हुआ तब से पैसे तो रहे पर समय न रहा । किताबें पड़ी रही । एक रचना कुछ समय पहले पढ़ी थी
* विश्रामपुर का संत * जिसकी समीक्षा अपने ब्लॉग ( for my blog, Google pr search kre ias ki preparation hindi me ) पर लिखी थी ।
कल से मैंने सुनी घाटी का सूरज पढ़ना शुरू किया । पूरा आनंद मिल रहा है एक जबरदस्त चीज मिली तो यह मन हुआ अपने पाठको से भी शेयर करू ।
शुक्ल जी सबसे खास बात उनका भदेसपन , देशज संस्कृति , ग्रामीण मुहावरे, अनूठी उक्तियाँ होती है । एक प्रसंग आया
* तो जाओ भईया जहाँ सींघ समाये वहां जाने का इंतजाम करो *
सींघ समाना अद्भुत प्रयोग है । खैर अपने सभी सुधि पाठको से एक विशेष आग्रह है अगर आपके गांव , कसबे में कोई अनोखी कहावत , उक्ति चलती हो तो कमेंट में शेयर करें । कुछ उदाहरण मैं दे रहा हूँ ---
1 बकैती पेलना ।
2 जो चोच देता है वही चुग्गा देता है ।
3 सब कुकुर बनारस न जाहियें ।
मुझे किसी भी सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...