मेरे सामने दो स्थितियाॅ है एक मैं उनके लिये लिखुॅ जो अभी नये है अभी सिविल सेवा में प्रतिभाग करने को सोच रहे है और दूसरे वो मित्र जो काफी अनुभवी है उनके पास सीमित अवसर बचे है। मेरी वरीयता दूसरे वर्ग को अधिक है। हिन्दी माध्यम के मित्रों के साथ एक विशेष समस्या होती है वह है अफवाहों की समस्या। इस समय हम उलझन में कि मुख्य परीक्षा का प्रारूप क्या होगा ? क्या विषय हटा दिये जायेगंे या फिर पूर्व जैसा ही प्रारूप रहेगा । यहाॅ पर मेरा यही कहना है कि किसी प्रकार का भ्रम न रखते हुये आप प्रारभिक परीक्षा पर अपना फोकस करे। 2 फरवरी 2013 को संघ लोक सेवा आयोग की विज्ञप्ति में सब स्पष्ट हो जायेगा।
प्रारभ्भिक परीक्षा का विश्लेषण से स्पष्ट है कि हिन्दी माध्यम के प्रतियोगियों को पेपर 2 में अधिक चुनौती का सामना करना पड रहा है। अंग्रेजी के पैरा की बात छोडिये, हिन्दी के पैरा का भाव स्पष्ट ठीक तरीके से नही हो पा रहा है। वजह है हिन्दी पैरा का अनुवाद अंगे्रजी अनुच्छेद से ही कर प्रस्तुत किया जा रहा है। ऐसे में अनुवाद का भाव बहुत ही कठिन तथा उलझन भरा होता है। मैंने इस समस्या से निपटने से कुछ बिन्दु पर विचार किया। आशा है ये आप के लिये कुछ सहायक होगंे।
1. सर्वप्रथम दोनो वर्ष के सीसैट के पेपर से अपनी हिन्दी की शब्दावली तैयार करें। एक ओर हिन्दी के शब्द , दूसरी ओर उनका अंग्रेजी शब्द।
2. सच तो यह है कि हम हिन्दी और अंगेजी को पढते पढते दोनो ही भाषाओं के कुछ शब्दों के भाव को उचित तरीके से समझे बगैर ही पढनें के आदी हो गये है। इसके चलते अनुच्छेद का भाव टूट जाता है नतीजा होता है प्रश्न हल करते समय परेशानी। इस लिये आवश्यक है कि अपनी पठन गति को उस स्तर पर ही रखें जहाॅं आप सहजता से भाव को पकडते हुये चल सके।
3. पढने में अजीब लगे पर समय की माॅग है कि आप अपनी हिन्दी की एक पाकेट डायरी बनाये जिसमें आप हिन्दी के शब्दों को नोट करना शुरू कर दीजिये।
4. मेरी कोशिश रहेगी कि आप को इस ब्लाग में सरसता, सहजता के साथ परीक्षा अनुरूप शब्दावली का प्रयोग कर आप को उस माहौल के अनुरूप वातावरण प्रदान करूॅ।
5. प्रायः आप को यह सलाह दी जाती है कि आप विविध विषयों का अध्ययन करें। पर सीसेट के अनुरूप विषय कहाॅ से मिले? विभिन्न पत्रिकाओं यथा योजना, कुरूक्षेत्र के लेख तथा जनसत्ता जैसे समाचार पत्र के सम्पादकीय काफी सहायक हो सकते है।
6. एन.सी.आर.टी. की पुस्तकों को पढना और उनके परिभाषिक शब्दों को नोट करना काफी सहायक होगा।
7. आम बातचीत में धीरे धीरे परिभाषिक शब्दों का प्रयोग करना प्रारंभ करें।
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