गुरुवार, 19 सितंबर 2019
Story of a disciplined man
रविवार, 1 सितंबर 2019
Motivational story of amit chaudhry
शुक्रवार, 16 अगस्त 2019
My birthday : A thank you note
सामूहिक धन्यवाद ज्ञापन
आप सभी मित्रों, शुभचिंतकों को मेरे जन्मदिन पर , समय निकालकर अपने जो शुभकामनाएं दी, उनके लिए ह्रदय से धन्यवाद। आज कुछ बड़ी अनोखी बातें शेयर कर रहा हूँ, एक आध साल अपवाद को छोड़ दे तो कभी मैंने न तो बर्थडे केक काटा और न इसको कभी स्पेशल तरीके से ट्रीट किया। दरअसल मुझे बड़ी अजीब सी शर्म सी आती है, खासकर जब वो केक काटते समय गाने गाते है। दरअसल मुझे वो पूरा तामझाम ही बड़ा अजीब लगता है।
मैं अपने आसपास देखता हूँ तो बड़े अच्छे अच्छे लोग दिखते है , बहुत बढ़िया से अपना बर्थडे सलेब्रिट करते है। एक मित्र बर्बे कयु नेशन में जाकर पार्टी देते है, कुछ ऐसे भी लोग है जो पहले से बताएंगे कि अमुक दिन मेरा बर्थडे है और मुझे गिफ्ट क्या दोगे, इससे बढ़कर वो जो बोलकर मांगते है कि मुझे बर्थडे में अमुक चीज दे दो .उदाहरण के लिए वो I PHONE के कटे वाले हैडफोन ।
जब भी मैं अपने स्वभाव के विश्लेषण करता हूँ तो इन चीजों के उत्तर मिलते है। मैं समूह, भीड़ से अक्सर असहज रहता हूँ। मेरे एक एक कर या व्यक्तिगत संबंध हमेशा बहुत प्रगाढ़, मजबूत व आत्मीय बनजाते है पर समूह शायद ही कभी मेरे व्यवहार को स्वीकार करे ।
हर साल मुझे दो लोगों से एक विशेष तरह की शिकायत मिलती है, कि मैंने उन्हें बर्थडे विश क्यों न किया जबकि वो हर बार ध्यान से मुझे करते है। दोनों ही लोगों का बर्थडे ठीक एक दिन पहले यानी 15 अगस्त को होता है। इसबार एक लोगों का याद करके बैठा और उन्हें विश कर भी दिया पर कल शाम मुझे दूसरी शिकायत मिली। अब मुझसे कुछ कहते न बना। ये ऐसे लोग है जो पूरे साल गायब से रहते है प्रायः नाराज कि मैं बहुत बिजी रहता हूं पर बर्थडे पर विश जरूर करेंगे। उम्मीद करता हूँ कि पोस्ट लिखने से शायद मुझे अगले साल 15 अगस्त को याद रहे, कोई शिकायत न रहें।
तो दिन भले मेरा सामान्य सा गुजरे पर फेसबुक पर जब तक आप जैसे लोगों है तबतक हमारे जीवन में 16 अगस्त विशिष्ट या कहे जलवा कायम रहेगा। पुनश्च आपको बहुत बहुत शुक्रिया, आभार, अभिनंदन।
आपका - आशीष कुमार, उन्नाव ( उत्तर प्रदेश)
शनिवार, 22 जून 2019
kabir singh : a story
शुक्रवार, 7 जून 2019
Brida
काफी दिनों बाद , पाउलो कोएल्हो को पढ़ने जा रहा हूँ। उनके उपन्यास अलकेमिस्ट ने मेरे व्यक्तिगत जीवन में बड़ा गहरा प्रभाव डाला था, जोकि मैंने पहली बार लखनऊ के भागीदारी भवन के पुस्तकालय में पाया था।
वैसे पिछले मैंने विनोद कुमार शुक्ल का प्रसिद्ध उपन्यास ' दीवार में एक खिड़की रहती थी ' पढ़ा। उसकी समीक्षा, मेरी उस नावेल के प्रति समझ लिखना बाकि है।
प्रसंगवश यह दोनों नावेल और शुक्ल जी का नॉवेल और भी हिंदी की प्रसिद्ध किताबें, मैंने अपनी अकादमी के पुस्तकालय में आग्रह करके मंगवाया है, धीरे धीरे उनको पढ़ना जारी रखूँगा।
शनिवार, 11 मई 2019
Happy mother's day
मां तुम्हें नमन
बच्चों की उपलब्धि उनके संस्कारों पर निर्भर करती है। संस्कार, परिवार से मिलते हैं। परिवार की नींव मां होती है। मुझे बचपन से याद है कि मेरी माँ की सबसे बड़ी चिंता, हमारी पढ़ाई थी। बेहद संघर्ष भरे दिनों में हमारे परिवार की आखिरी उम्मीद, हम बच्चें ही थे। कैसे भी करके कोई भी छोटी मोटी सरकारी नौकरी का सपना, बचपन से डाल दिया गया था।
शुरू के कुछ सालों तक यानी कक्षा 8 तक हम पढ़ने में काफी ठीक माने जाते थे, फिर धीरे धीरे उम्मीदें टूटने लगी। हम खुद तो कभी अपने को कमजोर न समझे पर समाज मे बुद्धिमत्ता के प्रतिमान जैसे कि 10वी, 12 में प्रथम दर्जे से पास होना, पर खरे न उतर सके।
10 में जब सेकंड डिवीज़न आयी तो एक रिश्तेदार ने बोला कि तुमको जो बनना था बन गए। आगे भी सेकंड ही आता रहा। लोग ऐसे ही बोलते रहे। मां ने कभी उम्मीद न छोड़ी।
कभी निजी भावनायें, ऐसे सार्वजनिक करने की आदत न रही पर आज मदर डे पर उनको ऐसे नमन करना बनता ही है। मेरी तमाम सफलताओं की नींव मेरी माँ ही रही हैं। मुझे गर्व है कि वो काफी पढ़ी है और अपने बच्चों को बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं। देश की सबसे कठिन समझी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का सपना और उसे हकीकत में बदलने का जज़्बा मेरा जैसा सामान्य स्टूडेंट अगर कर सका है तो उसके पीछे मां के असीम आशीर्वाद,प्रेरणा ही रही है।
-आशीष
शनिवार, 13 अप्रैल 2019
PRATEEK BAYAL : IAS TOPPER 2018 WHO HAS DEEP INTEREST IN FITNESS
रविवार, 7 अप्रैल 2019
Apana time ayega..
जिनको अभी भी और संघर्ष करना है
तमाम सफल लोगों के बीच उन लोगों भी याद करना लाजमी है जो लगातार संघर्ष करने के लिए बाध्य हैं या कहे कि अभिशप्त से हो गए हैं ।
इस बार जब से सिविल सेवा का रिजल्ट आना था , तब से मन मे बार 2 आ रहा था कि यार इस बार उन दोनों का जरूर हो जाय। दो लोग है, हिंदी माध्यम से। नाम नहीं लिख रहा हूँ पर लगभग उनको बहुतायत लोग जान ही जायेंगे । दोनों लोग राजस्थान से है।
पहले मित्र jnu से है, इतिहास विषय से देते है। शायद उनका 5 या 6 लगातार इंटरव्यू था पर न हुआ। पिछले साल 1 या 2 अंको से चयन रह गया था।
दूसरे साथी काफी अच्छे लेखक है, दैनिक जागरण, दैनिक भाष्कर आदि तमाम पेपर में उनके लेख आते रहते हैं।शायद भूगोल विषय है उनका। पहले दिल्ली में थे अब जयपुर में शिफ्ट हो गए हैं। उनका लगातार तीसरा इंटरव्यू था।
जिस दिन रिजल्ट आया , उनका दोनों के नाम एक मित्र से सर्च करवाया पर दोनों का ही न हुआ। सबसे खलने वाली बात यह है कि दोनों अभी किसी वैकल्पिक करियर को न बना सके है, इसलिए उन पर तमाम तरह के दबाव भी। अभी बात करने की हिम्मत न हुई उनसे। मुझसे बहुत ज्यादा गहरे , अंतरंग संबंध भी न है। बाद वाले साथी से कभी मिलना भी न हुआ, jnu वाले मित्र भी एक आध बार इंटरव्यू के दौरान upsc परिसर में भेट हुई है पर दोनों संर्घष के चलते अपने से लगते है।
मित्रों हो सकता है कि आप इस पोस्ट को पढ़े या कोई आप तक इसे पहुँचा दे। अब आप लोग उस स्तर पर है कि ज्यादा कुछ कहने या समझाने का अर्थ नही बचता। बस समय का फेर है, यह बस हिंदी माध्यम का बुरा दौर है। अभी आप दोंनो के प्रयास बचे है , अंतिम प्रयास में भी सफ़लता मिलती है, इसलिए एक और प्रयास सही। गुनगुनाते हुए लगिये- अपना टाइम आएगा ।
- आशीष कुमार
उन्नाव, उत्तर प्रदेश।
शनिवार, 26 जनवरी 2019
Manikarnika
मणिकर्णिका
कल उक्त मूवी देखी । इतिहास आधारित फिल्मों की कड़ी में एक और बढिया मूवी का निर्माण हुआ है। रानी लक्ष्मीबाई का किरदार हमेशा से बहुत रोमांचक लगता रहा है। हम सबने वो बात जरूर पढ़ी सुनी होगी कि अपने घोड़े पर सवार होकर रानी ने अपने बच्चे को पीठ पर बांध कर झाँसी के किले से छलाँग लगा थी ।
कई साल पहले पहले झाँसी के किले में जाने का मुझे अवसर मिला था। उस समय तमाम बातें जानने को मिली थी। गौस खान की कब्र किले में ही है। किले पर वो जगह भी देखी जहाँ से रानी ने छलाँग लगायी थी, इतनी ऊंचाई है कि यकीन करना मुश्किल है पर रानी वीरता , जाबांजी के समक्ष कुछ भी नहीं।
इतिहास का विद्यार्थी रहा हूँ और लंबे समय से यह पढ़ता आ रहा हूँ कि जनरल हुयरोज ने अपनी जीवनी में रानी के बारे में लिखा है कि 1857 के समय रानी सबसे खतरनाक विद्रोही थी और उस समय के विद्रोहियों में एकलौती मर्द थी।
सुभद्राकुमारी चौहान ने भी लिखा है -
"खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झाँसी वाली रानी थी।"
मूवी देखकर दिल खुश हो गया। बाजीराव, पद्मावत की कड़ी में ही इतिहास आधारित एक और शानदार मूवी ।
- आशीष
शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018
Be helpful to everyone
कृतज्ञता का भाव
मेरे विचार से यह ऐसा भाव है जिसकी शक्ति बहुत प्रबल होती है, मैंने तमाम मौकों ओर इसे महसूस किया है। हर जाने अनजाने सहयोगी ,शुभचिंतक के प्रति मन बेहद आभार का भाव स्वतः पैदा हो जाता है और न जाने कब से आदत पड़ गयी है कि किसी के छोटे से सहयोग को भी बरसों बीत जाने के बाद भी न भूलना।
आज की दुनिया मे अक्सर सबको शिकायत होती है कि उनकी कोई हेल्प नही करता , जरा रुक कर विचार करे कि क्या आपके भीतर दूसरों की हेल्प करने की आदत है या नहीं। मुझे जीवन के हर मोड़ पर अक्सर अनजान अपरिचित लोगों से तमाम तरह की हेल्प मिलती रही । कई बार मुझे खुद आश्चर्य होता है कि आखिर ये कैसे ?
महर सिंह वाली पोस्ट पढ़ी है, पुणे जाना हुआ तो नवनाथ गिरे जैसे होस्ट मिले जो पहली बार मिल रहे थे पर इतने प्रगाढ़ व मित्रवत की पूछो मत। बाइक से महाबलेश्वर घूमना व अन्य तमाम प्रकारन आप पढ़ ही चुके है। कुछ और बड़े और महत्वपूर्ण घटनाएं आने वाले दिनों में पढ़ने को मिल सकती है ।
मुझे अब तक यही समझ आया है कि अहसान मानने की आदत बहुत प्रभावी चीज है, जितना आप इसको मानेंगे ,उसके सुखद और गहरे परिणाम दिखेंगे ।
( यूँ ही विचार आया, विस्तृत पोस्ट फिर कभी । अपने अनुभव साझा कर सकते हैं )
Featured Post
SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )
मुझे किसी भी सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...
-
एक दुनिया समानांतर संपादक - राजेंद्र यादव एक दुनिया समानांतर , राजेद्र यादव द्वारा सम्पादित नयी कहनियों का ...
-
निबंध में अच्छे अंक लाने के लिए जरूरी है कि उसमे रोचकता और सरसता का मिश्रण हो.........आज से कुछ लाइन्स या दोहे देने की कोशिश करता हूँ......
-
नीला चाँद कल रात में अंततः इस उपन्यास का पठन पूरा हो गया। शिव प्रसाद सिंह द्वारा लिखे गए इस बहुचर्चित उपन्यास की विषय वस्तु 11 वी सदी के स...