PART: 1 वो कौन था ?
बहुत मुश्किल से office से छुट्टी मिल पायी थी . Diwali का festival था . इसलिए ट्रेन में बहुत ज्यादा भीड़ थी . AC में टिकट कन्फर्म होने से रहा यही सोच कर sleeper में टिकट थी . अतिंम समय तक RAC ही बना रहा . समझ न आ रहा था कि सहयात्री कौन होगा और कैसा होगा .
समय से पहले ही स्टेशन पहुच गया था . बहुत साफ सुथरा station था . इन दिनों वाकई काफी साफ सफाई पर जोर दिया जाने लगा है . डिब्बे में जाकर अपनी सीट देखी . साइड सीट थी . ऐसा ही होता है जब आप की टिकट RAC में होती है . सामान के नाम पर एक bag था . कुछ दिनों के लिए ही घर जाना हो रहा था .
धीरे धीरे लोग आना शुरु हो गये . साथ ही वेंडर , भिखारी भी . ट्रेन चलने को हुई तब भी मै अपनी सीट पर अकेला था . अगले स्टेशन पर मेरी सहयात्री आयी . यह मेरी सोच से परे था . सोचा था कोई बन्दा होगा . सफर बातचीत में कट जायेगा . पर यह कोई MBA की स्टुडेंट थी और थोड़ी देर जता भी दिया . जब हो आयी तब उसके कान के फोन लगा था . मुझे सिल्वर एप्पल दिख था . कुछ देर बाद फ़ोन कान से हाथ में आ गया . अब शायद what app या फेसबुक पर वो बिजी थी . यह एक अवसर था मै उसे अच्छे देख सकूँ।
किसी किसी के कपड़ो की पसंद कितनी अच्छी होती है। white color का एक लांग सूट पहन रखा था। मेकउप भी था पर बहुत सादा। एक छोटी सी बिंदी भी। बाल बहुत सिल्की , काले, और लंबे। सच कहूँ को तो किसी के काले , सिल्की और अच्छे से सवाँरे बाल मुझे जल्द ही मुग्ध कर देते है। मेरी नजर से वो लड़की बहुत खूबसूरत लग रही थी। मन हुआ कि बातचीत शुरू की जाय पर ऐसा कुछ वजहों से रुक गया। एक तो वह बिजी थी दूसरा कोई भी मुझे तक ही अच्छा लगता है जब तक वो बोलता नही है। बोलने के बाद असाधारण लगने वाले बहुत कम ही है , यह धारणा न जाने कब बन गयी। खैर वो अपने में बिजी रही और मै उसे अपनी किसी कहानी की नायिका समझ कर , उसके कपड़ो, हाव भाव को देखने , समझने में व्यस्त।
रात के दस बज चुके थे। मौसम गुलाबी ठण्ड का था। बगल की सीट में कुछ सत्संगी लोग भजन जैसा कुछ गा रहे थे। दिक्क़त तो सभी को हो रही थी पर कौन जा कर उनसे उलझे। हम दोनों यात्री सीट पर , अपने पैर समेटे बैठे थे। समझ नही आ रहा था कि रात कैसे कटेगी ?
ठीक इस समय वो आया। मेरी ही कद काठी और उम्र का था। सीट के पास आते ही बोला " यह मेरी सीट है। " मैंने लड़की की ओर हैरानी से देखा। वो जरा सा विचलित नजर आई। उसने request कि उसे अगले स्टेशन पर उतरना है इसलिए कुछ देर उसे बैठे रहने दे पर हमारा नया यात्री बहुत सख्त मिजाज का लगा। उसने तुरंत उस लड़की को सीट से उठा दिया। मै हैरानी से ये सोच रहा था कि यह लड़की कितनी तेज है उसने बाहर लगी लिस्ट से देख लिया होगा कि मेरी सीट कहाँ तक खाली है ?
मेरा नया सहयात्री बेहद चुस्त और smart लग रहा था। उसने एक overcoat पहन रखा था। उसके पास एक ब्रीफ़केस था। उसने बैठकर मेरी और देखा। ऐसा लगा वो आँखों से तोल रहा था। पर यह तो मेरी आदत थी। मै भी उसकी आँखो में आँखे डाल कर उसको जानने की कोशिस की।लगभग २ मिनट तक यही चला। मुझे लगा आज मुझे कोई मिला है जो असाधारण है। उसने चेहरे पर बगैर कोई भाव लाये पूछा " पियोगे ".
मैंने भी उतनी ही उदासीनता से जबाब दिया " मै पीता नही। " यह बगैर जाने कि वह किस चीज के पीने की बात कर रहा है। शायद सिगरेट , या शराब की बात कर रहा होगा मैंने सोचा। पर हो सकता है वो tea या पानी पीने के लिए पूछा हो। जाने दो वैसे भी ट्रैन में अजनबियों का कुछ खाना - पीना नही चाहिए खासकर ऐसे stranger से जो मुँह से ज्यादा आँखो से बोलता हो।
कुछ देर उसने अपने कोट से एक cigarette निकाली। अब हद हो गयी थी। ट्रैन में सिगरेट-------. अब तो टोकना ही पड़ेगा। उसने सिगरेट मुँह लगाई और यह क्या यह अपने आप कैसे जल गयी ? कोई धुँआ नही क्या यह इलेक्ट्रिक सिगरेट थी पता नही पर अब मुझे अपने सहयात्री से सतर्क रहना था। क्यूकि उसकी हरकते बहुत अजीब लग रही थी।