BOOKS

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

Free Vision ias open test for ias pre 2017

दोस्तों , अगर आप इस साल आईएएस का एग्जाम देने की सोच रहे है तो अपनी तैयारी जानने का एक अच्छा मौका है ।
Vision ias की साईट पर जाये और open test पर click कर अपने को रजिस्टर्ड कर ले । आप हिंदी में भी टेस्ट दे सकते है ।
आज ही टेस्ट दे और अपनी all india rank जाने । इसके बाद यह अवसर नही मिलेगा।
थैंक्स

मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017

A thank u mail from my dear reader.......




कहते है नेकी कर और नदी में डाल . मैंने अपने  facebook page pr जो profile pic लगा रखी है वो आप जरुर पढना बहुत जोश दिलाने वाली है . अपने काफी व्यस्त दिनचर्या से समय निकल कर आने की एक खास वजह है . कुछ रोज मुझे एक विशेष मेल मिला मेरे ही शहर से था , मुझे काफी हैरानी हुयी कि वहां का भी कोई मुझे पढ़ता है . उन्होंने एक उत्तर लिख कर भेजा था यह वाकई बहुत खास बात थी , मुझे १००० से अधिक मेल तो मिले ही होंगे पिछले ४ सालो में पर सब आलतू फालतू ही मसलन किताब बता दो , कोचिंग बता दो आदि आदि ईमानदारी से कहूँ तो मै इस तरह के मेल के जबाब देता हूँ पर पुरे मन से नही  . मैंने कई बार चाहा है कि लोग आंसर लिखे उन्हें मै देखू और रिव्यु दू . वास्तव में यह मेरे से कुछ सीखने का सबसे अच्छा तरीका है . मुझे इसमें खुशी होगी पर यह काम काफी कठिन है . 

उक्त वर्णित मेल में एक बहुत ही खुबसुरत लिखावट में पीडीऍफ़ में एक उत्तर लिखा था और अपेक्षा की गयी थी कि मै देख लू . प्रिय पाठको , इस तरह की स्थिति मेरे लिए वाकई बहुत ही सुखद होती है . ऐसा लगता है कि मेरा लिखना सफल हो रहा है सच कहूँ तो लगता है कि लोक सेवा करने के लिए जरूरी नही कि आईएएस ही बना जाये . अपनी असफलता में भी सार्थकता महसूस होती है . खैर लम्बी बात करने का वक्त नही है . पढ़ते रहिये , साथ जुड़े रहिये . आपके लिए उनके उतर पिक में उपलब्ध करा रहा हूँ . अगर लिखावट पसंद आये तो आप भी दो शब्द लिख कर आनंद कुमार जी का मनोबल जरुर बढ़ाना .  साथ में नीचे उनका मेरा नाम मेल भी है . साभार 







सर आपने मेरे मेल का उत्तर दिया , इसके लिए कोटिशः धन्यवाद॥
सर मैं आपके फेसबुक पेज "IAS की प्रिपरेशन हिंदी में" के माध्यम से आपसे जुड़ा रहा हूँ। सर आपको उन्नाव में , बीघापुर क्षेत्र में कौन नहीं जानता । अगर थोड़ा भी सीरियस एस्पिरेन्ट है तो वो आपके ब्लॉग और फेसबुक पेज दोनों को फॉलो करता है।

सर , आपके लेखों में एक विशिष्ट प्रकार की ऊर्जा निहित होती है । उनको पढ़ने से मन को बड़ा सुकून मिलता है । आपके लेख सदैव ही एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर जाते हैं। 

सर बस कुछ करना चाहता हूँ , इसी उद्देश्य से तैयारी शुरू की , तो पहला उत्तर लिखने की कोशिश की और आपसे चेक करवाने और प्रतिपुष्टि प्राप्ति का इच्छु था।

सर सिविल के लिए विगत एक वर्ष से कुछ सीमित संसाधनों के साथ अध्ययनरत हूँ , अब मैन्स की तैयारी के साथ ही बाकी तैयारी करना चाहता हूँ । 

बस आशीष सर आपका मार्गदर्शन और आशीष प्राप्त होता रहेगा तो निश्चित ही मैं अपने लक्ष्य को स्पर्श कर सकूँगा।

धन्यवाद सर 
आपका 
आनन्द कुमार


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इस ब्लॉग को काफी लोग पसंद करते है , मुझे गूगल प्लस में फालो भी करते है और प्राय मेरे पोस्ट शेयर भी करते रहते है . आप सभी लोगों का हार्दिक आभार . हिंदी में ब्लॉग लिखना बहुत समय जन्य कार्य है . सभी जगह को मिलाकर ५०० से अधिक पोस्ट हो गयी है . अगर संभव हो तो आप पोस्ट को पढ़े , टिपण्णी करे , शेयर भी करे , प्लीज . शेयर करने के लिए पोस्ट के लास्ट में काफी आप्शन है फेसबुक पर भी शेयर कर सकते है . thank u very much . I welcome more answer writing & ur mail. my mail is ashunao@gmail.com. 

शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

10 most popular motivational hindi books.

1. you can win
2. al chemist
3. pdho to aise pdho
4. jogider singh ki book
5. rhshy ronda burn
6. 7 habbit of effective people
7. jahir
8. 11 miniutes
9. secret
10. time management 

DO NOT WASTE YOUR TIME



मैंने समय को  नष्ट किया था अब समय मुझे नष्ट कर रहा है . - नेपोलियन 


                   प्रिय दोस्तों , कैसे है आप . आप ने शायद उपर लिखी पंक्ति पहले भी पढ़ चुके है . उक्त बात है बहुत अच्छी पर उसे अमल में ला पाना काफी कठिन है . मैंने भी इसे काफी पहले पढ़ा था पर अब जा कर मुझे इसका अहसास हो रहा है . बहुत बहुत ज्यादा व्यस्त जिन्दगी हो गयी है . 

                  पिछले दिनों अपना फेसबुक अकाउंट फिर से डीएक्टिवेट कर दिया क्युकि लोगों के पास बहुत सी क्वेरी रहती है उनको अवॉयड करना अच्छा नही लगता . पहले भी ऐसा कर चूका हूँ बगैर बताये चले जाना अच्छा नही होता पर यही एक तरीका है जिससे मै दूर हो पाता हूँ . व्हाट एप भी बंद करने का मन होता है पर कुछ ऑफिस के काम उसके बगैर नही हो पाएंगे इसलिए रुका हूँ  यहाँ पर भी लोगों के मेसेज उनदेखा करना पड़ता है . कुछ लोग हर रोज गुड मोर्निंग के मेसेज सेंड करते है . एक रोज तो चिंतक जी ने मुझे टोक ही दिया " क्या यार , गुड मोर्निंग का जबाब भी नही देते " . अब इसका कोई जबाब नही था . 

                 अब जाकर लगता है कि मैंने कितना समय नष्ट किया है . २ साल तक ऑफिस में मेरे पास कोई काम नही था . ३ सेक्शन का काम दिया गया पर मै उनसे निपटता गया . पर अब तो हालत यह है कि ऑफिस कि कुछ फाइल घर पर लाने लगा हूँ . सबसे अजीब बात यह है कि मै अक्सर ३ से ४ घंटे कार में  गुजारता हूँ . इसमें मै कुछ पढने की कोशिश करता हूँ तब वो दिन बहुत याद आते है जब मै फालतू में कई घंटे लैपटॉप में फिल्म देखने में गुजार देता था . 

                      अपने गीतकार नीरज का नाम जरुर सुना होगा . उनका कई साल पहले एकल काव्य पाठ सुना था उन्नाव में . उसमे उनकी कही एक बात याद रह गयी . उन्होंने बताया कि अपनी जवानी में यानी ३० की उम्र में वो किसी के प्यार में बुरी तरह से पागल थे ( वैसे उनकी प्रेमिका कौन है यह बात किसी से छुपी नही , मै भी उनको जानता हूँ आगरा वाली ) . खूब चाहा पर उससे शादी न हो सकी . बाद में नीरज जी अपनी कविताओ से खूब प्रसिद्ध हो गये . उस दिन अपने काव्य पाठ में उनकी सीख थी कि जवानी में अगर वक्त न बर्बाद न किया होता तो साहित्य को और भी बहुत कुछ दे दिया होता . 


                     कहने को बहुत कुछ है पर उस पर फिर कभी , प्रसंगवश यह समय वैलेंटाइन डे का है . एक राज की बात बताता हूँ मैंने काफी पहले एक बहुत सुंदर प्रेम कथा लिखी थी . काफी सालो से सोचता हूँ कि इस बार VALENTINE DAY में उसे पोस्ट कर दूँ पर हर बार यह सोच कर रुक जाता हूँ कि  अभी उसका वक़्त नही आया है। अभी मैंने अपने लिए कुछ विषयो पर यथा प्रेम , राजनीती , धर्म पर लिखने से रोक रखा है पर आने वाले समय में इस पर जरूर लिखूंगा।  

कॉपीराइट - आशीष कुमार 

शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

how to motivate for ias exam




अपनी महत्वकांक्षाये पूरी करने के लिए अपने प्रदर्शन स्तर को ऊँचा उठाये - राल्फ मार्सटन 


  

         प्रिय  दोस्तों , आप सभी कैसे है आशा करता हूँ सभी की पढ़ाई अच्छी चल रही होगी।  पढ़ना भी कई तरीके से होता है।  आप अपना सबसे अच्छा तरीका विकसित करे यानी कम समय में ज्यादा समझे।  

  • हमेशा स्मार्ट तरीके से पढ़े।  
  • हमेशा अपने खुद के बनाये नोट्स पढ़े , टाइम भले लगे पर यह आपकी समझ को विकसित करेगा. 
  • आईएएस के लिए सबसे जरूरी है आप अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट जबरदस्त तरीके से तैयार करके रखे. 
  • कोशिश करे कि हर वीक एक एस्से जरुर लिखे।  
  • एथिक्स के पेपर के लिए भी नोट्स बनाते चले। 


कॉपी राईट - आशीष कुमार।  

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

मंगलवार, 31 जनवरी 2017

Motivational

असली पढ़ाई तब ही होती है जब आप अपने  लिए पढ़ते है । अभिवावक के लिए तो बस खाना पूर्ति होती है ।

रविवार, 29 जनवरी 2017

India's problems in hindi

भारत के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौती

गरीबी
बड़ी संख्या में बेरोजगारी
आतंकवाद
बाढ़
अकाल
हिमस्खलन
भू स्खलन
भूकम्प
आर्थिक विषमता
भुखमरी
किसानों द्वारा आत्महत्या
खेती का लागत प्रभावी न होना
वित्तीय साधन यथा ऋण उपलब्ध न होना
ऊर्जा संकट
भरस्टाचार
जाति, धर्म पर आधारित चुनाव
भारतीय उत्पादों का विश्व के स्तर का  न होना
शिक्षा की बदहाल स्थिति
शिक्षा का समावेशी न होना
पर्यावरण संकट
जलवायु संकट
नक्सलवाद
समय पर न्याय उपलब्ध न होना

भारत विश्व का नेतृत्व करने का आकांक्षी है , उसे उक्त वर्णित चुनातियों का शीघ्र निराकरण करना होगा ।

शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

सुनी घाटी का सूरज

राग दरबारी पढ़ते ही मैं श्री लाल शुक्ल का दीवाना हो गया था । तब से निरंतर उनकी अन्य रचनाये खोजता रहा है । राग दरबारी हर जगह उपलब्ध है पर अन्य दुर्लभ । ऑनलाइन भी नही ।
पिछले वर्ष मुझे लखनऊ में एक जगह पर एक साथ उनकी कई रचनाये मिल गयी । आँख मुद कर खरीद लिया ।
पहले भी यह रोना बहुत बार रो चूका हूँ कि जब से मैं सरकारी चाकर हुआ तब से पैसे तो रहे पर समय न रहा । किताबें पड़ी रही । एक रचना कुछ समय पहले पढ़ी थी
* विश्रामपुर का संत * जिसकी समीक्षा अपने ब्लॉग ( for my blog, Google pr search kre ias ki preparation hindi me ) पर लिखी थी ।

कल से मैंने सुनी घाटी का सूरज पढ़ना शुरू किया । पूरा आनंद मिल रहा है एक जबरदस्त चीज मिली तो यह मन हुआ अपने पाठको से भी शेयर करू ।

शुक्ल जी सबसे खास बात उनका भदेसपन , देशज संस्कृति , ग्रामीण मुहावरे, अनूठी उक्तियाँ होती है । एक प्रसंग आया
* तो जाओ भईया जहाँ सींघ समाये वहां जाने का इंतजाम करो *
सींघ समाना अद्भुत प्रयोग है । खैर अपने सभी सुधि पाठको से एक विशेष आग्रह है अगर आपके गांव , कसबे में कोई अनोखी कहावत , उक्ति चलती हो तो कमेंट में शेयर करें । कुछ उदाहरण मैं दे रहा हूँ ---

1 बकैती पेलना ।
2 जो चोच देता है वही चुग्गा देता है ।
3 सब कुकुर बनारस न जाहियें ।

बुधवार, 25 जनवरी 2017

A very important announcement

एक बेहद जरूरी सूचना

काफी समय से मुझसे इस चीज का अनुरोध हो रहा था कि what app group बनाउ तैयारी के लिए । अस्तु , एक योजना है केवल उनके लिए जो ias mains , हिंदी साहित्य से लिख चुके है या भविष्य में लिखने की योजना रखते है ।
कुछ चीजे ध्यान दे

1 यह सिर्फ हिंदी साहित्य के लिए है । शामिल होने के लिए प्रमाण देना जरूरी है , आप अपना mains का admit कार्ड मुझे यहाँ पर मेसेज कर सकते है ।

2 mains न लिखने वाले लोग भी शामिल हो सकते है उन्हें कुछ हिंदी साहित्य के स्तरीय answer लिख कर message करना है । इसके इतर अन्य कोई रास्ता नही । कोई सिफारिश नही । आंसर लिखे और शामिल हो ।

3 इस ग्रुप में अनिवार्य रूप से आपको हर वीक , अपने उत्तर लिखकर शामिल करना होगा । अगर आप नही लिखते है तो आप अनिवार्य रूप से बाहर कर दिए जायेंगे ।

4 आत्म अनुशासन और नियमबद्धता सबसे जरूरी नियम है । केवल कर्मठ लोग ही जुड़े । किसी तरह की लापरवाही झम्य् न होगी ।

5 यह telegram पर शुरू होगा न कि व्हाट app पर । इसलिए telegram download कर ले ।

6 सबसे जरूरी बात यह ग्रुप सहयोग आधार पर विकसित होगा । आप में ही कोई योग्य व्यक्ति इसके संचालन में प्रमुख भूमिका निभाएगा ।

फायदा क्या होगा

आपके आंसर इम्प्रूव होंगे । मेरे लिखे आंसर भी आपको देखने को मिल सकेंगे । हिंदी साहित्य के लिए कोई कोचिंग या टेस्ट सिरीज की जरूरत न पड़ेगी । साथ में मेहनत करें 250 से अधिक अंक लाना सम्भव ।

कृपया इस मेसेज को जरूरी व्यक्तियों तक पहुचाने का कष्ट करें । जुड़ने के लिए मेसेज या कमेंट करे ।

3 drama for ias mains Hindi sahitya

सिविल सेवा में हिंदी साहित्य में कुल 3 नाटक पढ़ने है ।
भारत दुर्दशा  -भारतेन्दु हरिश्चन्द
स्कन्दगुप्त   -जयशंकर प्रसाद
आषाढ़ का एक दिन - मोहन राकेश

तीनों इसी क्रम में रचे गए और उन पर तत्कालीन समय की मांग के अनुरूप विषय वस्तु रखी गयी । पहले 2 में गीतो की बहुलता है तो तीसरे में कोई गीत नही होते हुए भी आंतरिक लय उपलब्ध है ।

भारतेंदु का नाटक आत्मबोधक, लोगों को गुलामी के शासन के प्रति उद्देलित करने वाला है । यह मंचन की दृष्टि से सरल है ।

प्रसाद के नाटक की भाषा तत्सम बहुल , गुप्तकालीन संस्कृति को दिखलाती है । यह नाटक अपने विविध काल विस्तार, लंबे स्वगत कथन के चलते अभिनय की दृष्टि से जटिल रहा है ।

मोहन राकेश का नाटक की विषय वस्तु अतीत की है पर उसमें वर्णित प्रश्न समकालीन संदर्भ में महत्वपूर्ण रहे है । मंचन की दृष्टि से यह सबसे सफल रहा है ।

मंगलवार, 24 जनवरी 2017

Hindi sahitya for ias mains : Novels

आईएएस के लिए हिंदी साहित्य में कुल 4 novel पढ़ने है ।
गोदान - प्रेमचंद्र
दिव्या  -यशपाल
मैला आँचल  -रेणु
महाभोज - मन्नू भण्डारी

चारों नावेल अपनी विषयवस्तु , भाषा शैली , उद्देश्य की दृष्टि से सरस, रोचक , प्रभावी व अनूठे है । इनका रचनाकाल भी उक्त क्रम में ही है । गोदान में भारतीय किसान की महागाथा , दिव्या में नारी स्वत्रंत्रता , मैला आँचल में भारतीय गावँ तथा महाभोज में राजनीति , खोखले लोकत्रंत की विद्रूपता का मार्मिक , सजीव , जीवंत सरस व मन पर अमिट प्रभाव छोड़ने वाला वर्णन है ।

शनिवार, 21 जनवरी 2017

He is really different




उससे मुलाकात मेरी स्पीपा में हुयी थी।  हुआ यह कि  उसको किसी ने बताया कि मेरा भी हिंदी साहित्य वैकल्पिक सब्जेक्ट है। वही मुझे खोजता हुआ आगे वाली लाइब्रेरी में आया था वो पीछे वाली लाइब्रेरी में बैठता था।  
पहली बार में मुझे लगा यह इंसान जमाने से बहुत पीछे चल रहा है।  मुझे ऐसे लोग बहुत आकर्षक लगते है।  उनमे बहुत सी चीजे खास होती है , सरलता से हद से ज्यादा होती है चिंतक जी की तरह । धीरे धीरे हम काफी अच्छे मित्र बन गए।  इसमें एक बड़ा योगदान हम दोनों का ऑफिस पास पास होने का भी था। एक दो बार उसके ऑफिस भी गया। उसके जीवन में बहुत सी बाते थी जो मेरे बड़े काम की थी।  मैंने उससे कहा  कि  तुम पर एक कहानी लिखूंगा , यह बात मैं लगभग हर किसी के कहता हूँ क्योंकि हर किसी में मुझको कुछ न कुछ खास बात दिख ही जाती है यह अलग बात है कि वयस्ततो के चलते बहुत कम लोगो पर लिख पाया हूँ।  

अब आज अचानक उस पर लिखने की वजह कल उसका फ़ोन आना है।  पता चला कि  वो अब शहर छोड़ कर जा रहा है , उसका प्रमोशन हो गया है और वो रायपुर जा रहा है।  सुनकर मुझे अच्छा न लगा वजह उसके साथ मुझे बहुत सी चीजे सीखने  को मिली थी। उसके होने से मुझे सम्बल मिलता था भले मुलाकात न हो या बात न हो।  खैर अब कुछ चीजे आपके साथ भी शेयर कर  रहा हूँ जो आपको भी लगेगी वो खास क्यों है.

 १.  किस्मत से मजदूर बनने से बच गया -  उसके गाँव  से कुछ लड़के पढ़ाई छोड़ कर गुजरात में कमाने निकल रहे थे।  यह उत्तर प्रदेश , बिहार , झारखण्ड में आम बात है , लड़के बम्बई , गुजरात , पंजाब कमाने के लिए निकलते रहते है ( यह देश की बड़ी विडम्बना है विषम विकास ) . वो भी निकलना चाहता था पर ऐन वक्त पर उसके पास पर्याप्त पैसे न इकठे हो पाए और वो वही रह गया।  समझ सकते है कि  वो किस स्तर पर था।  

२. उसकी ईमानदारी - जब उससे मुलाकात हुयी वो सेंट्रल गवर्नमेंट में अच्छी जॉब में था। इससे पहले वो इनकम टैक्स में टैक्स असिस्टेंट की तरह जॉब कर चूका था। उसकी वर्तमान पोस्ट में भी काफी पैसा है।( मैं  बहुत सी चीजे अभी लिख नही रहा हूँ पर कभी भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा। मैंने बहुत तरह के लोग देखे जो लंबी , चौड़ी , आदर्शवादी बातें  करते थे पर जब वो कमाई वाली सीट पर पहुँचे  तो सारी  हदे  पार कर  दी आपको जानकर बहुत हैरानी होगी चिंतक जी , जिनको हमारे बहुत से पाठक आदर्श मानते है जैसे लोग************   खैर जाने दीजिये . ) इस मित्र ने बहुत सी इस विषय में बताई जो वाकई आज समय में दुर्लभ है . बहुत विरले ही हाथ में आये पैसे को वापस लौटा पाते है . फेसबुक पर एक चर्चित युवा ias जिसके लेख आप भी पढ़ते होंगे आपको शायद यह बात सुनाई पड़ी हो उसने 300 करोड़ में शादी की है। 300  करोड़ की बात ठीक से पता नही है पर उनकी एथिक्स वाली बाते बहुत ही प्रभावी है।  यही है जिंदगी का दोहरापन ( एक पाठिका ने यह सवाल बहुत बार पूछा था अब समझ गयी न जिंदगी का दोहरापन )  
३.  प्रॉब्लम आंतरिक होती है न कि बाहरी - पिछले साल हम दोनों ने सिविल की तैयारी के लिए एक लाइब्रेरी ज्वाइन की। मैंने तो कुछ खास पढ़ाई न की पर उसके साथ काफी बातो पर चर्चा होती थी।  उसका यह लास्ट एटेम्पट था। उसने पूरी दम लगा दी। उन्ही दिनों एक बात बहुत अच्छी  बात बताई कि हमारी प्रॉब्लम आंतरिक होती न कि बाहरी।  अगर हम अपने भीतरी भाग पर विजय पा ले तो सारी चीजो पर विजय पा सकते है। पिछले साल , मेरी तैयारी सबसे शिथिल थी वो खैर हमेशा रही है पर मेरा इंटरव्यू काल आ गया। यह मेरे साथ साथ अन्य मित्रो के लिए भी हैरानी भरा था।  सच कहूँ तो मैं भी अपने हाथ पैर ढीले कर रखे थे कि मैं  सिविल के लायक नही पर यह उसकी संगति का असर था कि मैं आसानी से ही कॉल पा  गया। उसकी चीजे , अनुभव मेरे काम आये थे।  अफ़सोस , आखरी प्रयास में भी वो सफल न हो सका  . वैसे  ज्यादा अफोसजनक नही है क्योंकि वो अपनी जॉब में ही काफी ऊपर तक जाने वाला है।  


एक सैकड़ा बाते है पर अब मुझे विराम लेना होगा। भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा मुझे चीजे याद रहती है।  आशा है आपको इसमें कुछ बाते आपने  मतलब की मिल जाएँगी।  आपको पढ़ कर  अधूरापन लग रहा है , मेरी सबसे बड़ी शिकायत यही है मैं चीजे अधूरी छोड़ देता हूँ , मैं भी जानता हूँ कि हर पोस्ट , बहुत ही जल्दबाजी में लिखता हूँ पर कभी न कभी सब चीजे पूरी करूँगा , तुम पर भी लिखूंगा हाँ हाँ तुम पर भी 

कॉपी राईट - आशीष कुमार 

बुधवार, 18 जनवरी 2017

Your aim and arrow

आपका लक्ष्य और आपके तीर

आप के पास 6 या 9 या असीमित तीर हो सकते है पर लक्ष्य केवल एक । अपने तीरों को waste मत करे , चुन कर प्रयोग करे । एक ही तीर का प्रयोग करे। समय ले उसे तीक्ष्ण करे ताकि एक ही प्रयास में लक्ष्य भेद सके ।

if you read, try to write also


जमकर पढ़े और खूब लिखे 


अभी एक मित्र से बात हो रही थी । उनमे काफी समभावनए भी मुझे दिखती है । संभव है किसी दिन वो सिविल सेवा मे सफल भी हो । वो बता रहे थे कि अभी हाल मे ही the argumentative indian  पढ़ी । यह किताब , अमर्त्य सेन की सबसे  बेहतरीन किताबों मे एक है । मैंने उनसे कहा जो भी अच्छा पढ़ो , उस पर अपने विचार जरूर व्यक्त करो । 

हम मे बहुत से लोग बहुत सी अच्छी २ किताबे पढ़ते रहते है और भी बहुत सी चीज सीखते है पर उनको अपने तक ही बनाकर रखते है।  मेरी समझ से यह आपके ज्ञान के लिए उचित नही है। आप ज्ञान का परिवर्धन तभी कर  सकते है जब अपनी समझ को अभिव्यक्त करते रहे।  

आजकल तो सोशल साइट आपको बढ़िया प्लेटफॉर्म उपलब्ध करती है।  हर किसी को अपने विचार जरूर व्यक्त करने चाहिए। हो सकता है आपको कोई न पढ़े या ध्यान न दे पर उससे फर्क क्या पड़ता है। आपकी बातो में निखार धीरे धीरे ही आएगा और एक दिन आप पाएंगे कि आप तो बहुत अच्छे व्यक्तित्व के मालिक बन चुके है।  

अतीत में तो महान लोगो को अपनी बात रखने के लिए किसी चौराहे , मैदान में भीड़ को जुटाना पड़ता था।  आपको शायद पता ही होगा कि सुकरात , अपने विचार रखने के लिए सड़क पर लोगो को पकड़ लेते थे। मेरी बात आप समझ रहे होंगे। आज के समय अगर आप समाज , देश , विषमता के लिए कुछ अपने विचार नही रखते तो आप जीवित होते होये भी  मृत  है।  

आज से अपनी timeline पर लिखना शुरू करिये। बस यह ध्यान रखना कि आप जो भी लिखे वो मौलिक हो। किसी के विचार , कविता या कॉपी पेस्ट कर अपनी timeline को गन्दा मत करना।  आपकी पहचान तभी बनेगी जब आप खूब पढ़े और  मौलिक लिखे 


Copyright. asheesh kumar . 

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

Nagmti ka virh

नागमती विरह वर्णन

हिंदी साहित्य में जायसी के पद्मावत में जैसा विरह वर्णन मिलता है वैसा अन्योक्त उपलब्ध नही । इन लाइन्स का आशय यह कि नागमती  कौवे और भवरें को संबोधित करते हुए कहती है कि आप मेरे प्रियतम से जाकर मेरी व्यथा कहो उनसे कहना कि  आपकी प्रियतमा , आपके वियोग में सुलग रही है और उसके धुएं से ही हम काले हो गए है ।

कितनी सरस,मार्मिक व रसमय व्याख्या है कि नागमती जल नही वरन सुलग रही है । अगर कोई चीज जलती है तो उससे धुँवा नही निकलता। नागमती तो तिल तिल मर रही है ।
एक और विशेष बात गौर करने वाली है , सूरदास ने भी गोपियों के विरह का वर्णन किया है जिसमे वह भी दिखलाते है कि गोपियं भी पेड़ो से बात करती है उनको धिकारती है ,
मधुवन तुम कत रहत हरे ,,,,,

पर यह उतना मार्मिक नही । इसीलिए नागमती का विरह वर्णन को रामचंद्र शुक्ल जी हिंदी की अमूल्य निधि माना है ।

सोमवार, 16 जनवरी 2017

Short essay

जागरूकता

जब तक आप सामान्य आदमी की तरह जीवन जीते है तब तक कोई फर्क नही पड़ता पर जैसे ही आप गहन अध्ययन, मनन व् चिंतन करने लगते है तो आप को बहुत चीजे विचलित करने लगती है। जब आप महसूस करते है कि राजनीति, व्यापारी, मीडिया व शासन के मध्य एक अदृश्य समझौता है तब आप को बड़ी कोफ्त होती है । आज 2017 में भी भारत की बड़ी आबादी निरक्षर है विशेषकर महिला । ऐसे में जब तक हम पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य नही पा लेते तब तक चीजों में विशेष बदलाव नही देखेगे । विडंबना ही है कि आज भी देश में चुनाव में जाति, धर्म , धन का बोल बाला है ।

रविवार, 15 जनवरी 2017

देवसेना और स्कन्दगुप्त का प्रेम

हिंदी साहित्य

देवसेना व् स्कन्दगुप्त का प्रेम , पाठकों के लिए अबूझ पहेली सा रहा । पहले देवसेना मोहित थी पर बाद में उदासीन हो गयी । यह कुछ कुछ गोदान की मालती और मेहता के बीच live in relationship जैसा भी न है ।
देवसेना प्रेम बहुत करती है पर सम्बन्ध में बंधने के लिए विमुख हो जाती है क्योंकि प्रेम में पड़कर स्कन्द देश के लिए समय न दे पाता । दिव्या में भी यही द्वन्द है पर उसमें दिव्या विवाह से पूर्व ही अपने प्रेमी को सौंप देती ताकि वह पूर्ण मन से युद्ध में भाग ले पर इस अनैतिक कृत्य के लिए उसे बिन ब्याही माँ बन ना पड़ता है और पुरे उपन्यास में उसे संघर्ष करते चित्रित किया गया है ।

सिविल सेवा में हिंदी साहित्य का पाठ्यक्रम बहुत रोचक व् जीवनदृष्टि विकसित करने वाला है । लंबे समय से इसे पढ़ते हुए , मेरी जीवन, समाज, प्रेम,  के प्रति विशेष समझ विकसित हुयी है जिसके फलस्वरूप इन जटिल विषयों पर सरलता व् सहजता से विचार अभिव्यक्त कर पाता हूँ । thanks

शनिवार, 14 जनवरी 2017

A story from Agra




पिछले दिनों मुझे किसी काम से Agra जाना हुआ . सुबह जब Ahmedbad से मेरी ट्रेन आगरा फोर्ट पर रुकी तो मैंने पाया इस शहर में बहुत ही ठंढ हो रही है . मै इसके लिए तैयारी से ही गया था . फोर्ट के बाहर जैसे ही आप निकलेंगे तो पाएंगे कि वहां पर बहुत ही ज्यादा भीड़ है . ऑटो वाले आपको प्लेटफोर्म से ही पकड़ने लगते है खैर यह तो हर जगह की कहानी है . बाहर निकल कर मैंने अपना उबेर एप ( डिजिटल इंडिया ) खोल कर देखा इस शहर की क्या पोजीशन है . पहले तो मुझे कुछ गाड़ी दिखी पर फिर बाद में न जाने क्या हुआ एप चला ही नही ( free jio service , न जाने कब धोखा दे जाये . ) 

फोर्ट स्टेशन से १०० मीटर की दुरी पर एक चौराहा है . वही से मुझे ऑटो पकड़ना था अपने एक रिश्तेदार के घर जाना था . बहुत भीड़ वाली जगह थी . चारो तरह लाइन से ऑटो खड़े थे . एक ऑटो में जा कर बैठ गया . 

(अब यहाँ से एक विचार मेरे मन में चलने लगा जो बड़ा ही रोचक है . आपको लगेगा यह गलत तरीका है पर फिर भी आप इसके लिए कोई सही तरीका नही सोच पायेगे . ) 

मै पीछे की सीट में बैठा था . मुझ को मिला कर ३ लोग बैठे थे . तभी एक लडकी आई पुरी तरह से पैक ( चेहरे को कपड़े से ढकना पता नही सही है गलत . यह तो कोई बुद्धिजीवी ही बता सकता है . आपको क्या लगता है ?) दूसरी साइड से आकर कुछ बोली . जब तक मै समझता ऑटो वाला लड़का आकर बोला कि आगे पीछे होकर बैठ जाओ  पीछे ४ लोग बैठते है . यह आगे पीछे वाला तरीका पहली बार नही सुन रहा था . पर शायद सालो बाद ऐसा करना पड़ रहा था . खैर आगे पीछे होकर सारे लोग सेट हो गये . आगे भी चालक को मिला कर ४ लोग थे . एक साइड २ सवारी , राईट साइड में १ सवारी . भगवान ही जाने वो कैसे बैठे थे . 

पिछली सीट में मेरे मन में बहुत सी चीजे चल रही थी . Smart City हम कितनी दूर खड़े है . मुझे एक चक्र महसूस हो रहा था . ऐसा तो नही है कि पुलिस , परिवहन विभाग के नजर में यह बात नही होगी . उनका हफ्ता बंधा होगा . एक चीज और भी सोचने वाली बात है कि लोग इस तरह की बदतर व्यवस्था को अस्वीकार क्यों नही करते . इसके पीछे भी वही बात है , हर कोई जल्दी में है . कोई बाद से ऑटो से नही आना चाहता है . अगर कोई चाहे भी तो कम से कम चौराहे से तो उसे ऑटो वाले नही मिलेंगे . उनका संगठन ऐसा न करने देगा . तो अपने देखा कि इस चक्र में हर कोई खुश लग रहा है . ऑटो वाले , यात्री , सरकार ( पुलिस, परिवहन विभाग ) . 

अब मान लो आप ऐसे किसी शहर में प्रशासक बन कर पहुचते हो तो आप एक चक्र को कैसे तोड़ोगे . क्युकी इसमें हर कोई खुश है . आपके नवाचारी परन्तु प्रक्टिकल सुझाव जरुर सुनना पसंद करूंगा . वैसे आपको भी आगे पीछे होकर बैठना  आता है कि नही . ( इसे ही desi bhasha me जुगाड़ कहा जाता है . ) 


Copyright _ Asheesh Kumar . 

आपके लिए एक जरूरी सुचना है , मैंने अपना फेसबुक पेज फिर से activate कर दिया है . आप फेसबुक पर इसी  ias ki preparation hindi me नाम से इसे खोज कर जुड़ सकते है . अपने पाठको से मै कभी नही कहता कि मेरी पोस्ट शेयर करो या लाइक करो पर मै हमेशा उनकी टिप्पणी की अपेक्षा करता हूँ . अगर आप टिप्पणी देना सीख जाते है तो एक दिन आप भी अच्छे लेखक बन सकते है . keep reading & be in touch. 

गुरुवार, 12 जनवरी 2017

BSF CONSTABLE VIDEO & SOCIAL NETWORK



BSF के कॉस्टेबल का वीडियो देखा या उसकी न्यूज़ जरूर  सुनी होगी । अभी पिछले साल ही सिविल सेवा में सोशल नेटवर्क से जुड़ा क्वेश्चन भी पूछा गया था।यह एक बढ़िया उदाहरण हो सकता है । उसने सही किया या गलत या वो गलत है यह चीजे जाने दीजिये । यह सोशल नेटवर्क का असर है कि इस तरह की चीजे सामने आ पाती है और साथ ही साथ उन पर क्विक एक्शन भी लिया जा रहा है । संगठन गलत नही हो सकता पर उसमे कुछ व्यक्ति जरूर गलत हो सकते है । इस तरह यह देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया में गति है और इसका असर भी होता है . 

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