'आजकल' का हिंदी की सुप्रसद्धि रचनाकार कृष्णा सोबती जी पर क्रेन्द्रित फरवरी अंक प्राप्त हुआ। कृष्णा सोबती के बारे में इतने अच्छे लेखों को एक साथ पाकर बहुत अच्छा लगा। कृष्णा सोबती , आजादी के समय से लेकर अब तक स्त्री स्वातंत्र्य की सबसे प्रबल रचनाकार रही है। उनके उपन्यासों , कहानी के पात्र अपनी जीवटता , जीवन के राग-रस के परिपूर्ण , पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ जाते है।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।
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